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पूनम पांडे की अडल्ट फिल्म ‘द वीकेंड’ के ट्रेलर ने मचाई धूम

पूनम पांडे भारत की पहली मोबाइल अडल्ट फिल्म 'द वीकेंड' लेकर आई हैं. द वर्ल्ड नेटवर्क्स कंपनी के बैनर तले सुरेश नाकुम द्वारा निर्मित 'द वीकेंड' का ट्रेलर रिलीज किया गया. हालांकि फिल्म का ट्रेलर रिलीज से पहले ही लीक हो गया और रातों-रात इसे खासी लोकप्रियता भी हासिल हुई.

फिल्म 24 सितंबर को रिलीज होगी. 22 मिनट की फिल्म को www.poonampandey.in पर सब्सक्राइब कर और 50 रुपये का भुगतान करने पर देखा जा सकता है. पूनम ने कहा कि यह पॉर्न फिल्म नहीं, एक फीचर फिल्म है.

फिल्म को मोबाइल प्लैटफॉर्म पर लॉन्च करने की वजह के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह से उनके प्रशंसक फिल्म को बिना किसी कांट-छांट के पूरी देख पाएंगे. पूनम का तर्क यह है कि इस तरह फिल्म सेंसर बोर्ड की कैंची से बच जाएगी.

उन्होंने सेंसर बोर्ड के बारे में कहा, 'सेंसर बोर्ड से तो सभी डरते हैं. सेंसर से तो पूरी इंडस्ट्री भाग रही है.' उन्होंने चुटीले अंदाज में इशारों ही इशारों में यह भी जाहिर कर दिया कि इस इरोटिक फिल्म में उनका ग्लैम और बोल्डनेस कोशंट बेहद हाई है.

उन्होंने कहा, 'मेरी इस फिल्म में सेंसर बोर्ड दूर-दूर तक नहीं है. यह पहली व्यस्क फिल्म है, जिसे सेंसर नहीं किया है और पहली बार मोबाइल प्रेमियों के लिए इस तरह का प्रयास हुआ है. मेरे प्रशंसकों को फिल्म से निराशा नहीं होगी. मैं बहुत खुश हूं, इसमें मुझे भी कुछ ज्यादा करने को मिला है.'

पूनम ने कहा, 'द वीकेंड' एक हॉरर स्टोरी है, जो दिल्ली के एक बिंदास जोड़े के ईद-गिर्द बुनी गई है. इस जोड़े की भूमिका मैंने और अमित ने निभाई है, जो अपने बिंदास अंदाज के चलते सीरियस टाइप की परिस्थितियों में आ जाते हैं.

सेक्सी का टैग बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'हे भगवान, यह सुनने से पहले मैं मर क्यों नहीं गई. नहीं, कभी नहीं, मैं ऐसी ही हूं और मैं पचास साल की भी हो जाऊं, तो भी मैं सेक्सी ही कहलाना पसंद करूंगी.'

पूनम ने कहा कि उनकी फिल्म सही मायने में डरावनी है और उन्हें इसकी शूटिंग के दौरान भी काफी डर महसूस हुआ. उन्होंने कहा, 'फिल्म से काफी उम्मीदें हैं. इसकी कहानी, मंच, तकनीक सभी कुछ नया है. यह किसी और फिल्म जैसी नहीं है. इसमें दर्शकों को अभिनय, सेक्स, सस्पेंस, थ्रिल, ड्रामा सभी मसाले मिलेंगे.'

सनी लियोनी से खुद की तुलना किए जाने पर और इस सवाल पर कि उन्हें बॉलीवुड में काम क्यों नहीं मिल रहा बॉलीवुड में काम क्यों नहीं मिल रहा, पूनम ने कहा, 'अगर चार-पांच बोल्ड फिल्में करने के बाद मुझे घर पर बैठना पड़े तो मैं यह क्यों करूं?'

हिंदी फिल्म 'नशा' और तेलुगू फिल्म 'मालिनी ऐंड कंपनी' जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं पूनम ने इसी के साथ दावा किया कि उन्हें बॉलीवुड से कई प्रस्ताव मिले हैं, लेकिन उन्होंने वे प्रस्ताव इसलिए स्वीकार नहीं किए, क्योंकि उन्हें कोई मनपसंद किरदार नहीं मिला. इस दौरान पूनम ने कहा, 'मुझे राधिका आप्टे का काम पसंद है. उनका काम रियल लगता है.

आप भी च्विंगम खाते हैं, अगर हां तो एक बार देख लें ये VIRAL VIDEO

च्विंगम खाने के फायदे और नुकसान दोनों होने का दावा कई तरह के शोध कर चुके हैं.

च्विंगम चबाने से होते हैं ये सभी नुकसान

बहुत से लोगों को च्विंगम चबाने की आदत होती है. यह कहा जा सकता है कि लोगों को च्विंगम चबाने की लत लग जाती है और फिर यह जल्दी से छूटती नहीं है. बहुत बार आपके टीचर ने आपको क्लास रूम में च्विंगम चबाने के कारण डांटा होगा. केवल इसके साइड इफैक्ट के लिए नहीं बल्कि कक्षा में असभ्य व्यवहार करने के कारण.

फिर भी हम आपको कुछ कारण बता रहे हैं कि च्विंगम क्यों नहीं खाना चाहिए. आइए देखते हैं च्विंगम के कुछ नुकसान. च्विंगम चबाने के ये बुरे प्रभाव हैं.

जंक फूड खाने पर ज़ोर

एक रिसर्च से पता चला है कि खास तौर पर मिंट वाली च्विंगम चबाने से आप फल और सब्जियों जैसी स्वास्थ्यप्रद चीजों से दूर रहते हैं. सिर्फ ये ही नहीं, यह आपको जंक फूड खाने के लिए मजबूर भी करती है.

जोड़ों के दर्द का कारण बनती है

मुह की मांसपेशियों का ज्यादा इस्तेमाल भी नुकसानकारी है. लगातार च्विंगम चबाने से एक डिसऑर्डर होता है जिसे मेडिकल की भाषा में टेम्पोरोमंडीबुलर डिस ऑर्डर कहते हैं. इसमें जबड़े और खोपड़ी को जोड़ने वाली मांसपेशियों में तेज दर्द होता है.

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या '

च्विंगम चबाने से बहुत सी हवा पैदा होती है जिससे पेट में सूजन और दर्द हो सकता है. यह अपच और सीने में जलन का कारण भी बन सकता है. यह च्विंगम चबाने का एक दुष्परिणाम है.

सिरदर्द और एलर्जी

सिरदर्द और एलर्जी भी च्विंगम के हानिकारक प्रभाव हैं. ज्यादा च्विंगम चबाने से सिरदर्द और एलर्जी होती है. इसका यह कारण है कि च्विंगम में बहुत से प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफ़िशियल फ्लेवर्स और आर्टिफ़िशियल शुगर मौजूद होती है जो कि विषाक्तता, एलर्जी और सिर दर्द पैदा करती हैं.

इससे दांत भी खराब होते हैं

यह सच है कि कभी-कभार च्विंगम चबाना मसूड़ों और दातों के लिए ठीक है. फिर भी इसका ज्यादा इस्तेमाल आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे आपके दाँत गिर भी सकते हैं. इसका कारण है कि च्विंगम में माजूद शुगर कोट से दांतों में बैक्टीरिया के प्रवेश के लिए जिम्मेदार है.

डायरिया

च्विंगम चबाने से डायरिया भी होता है. मैन्थोल और सोर्बिटोल जैसे आर्टिफ़िशियल स्वीटनर्स आंतों में जलन पैदा करते हैं. इससे डायरिया होता है और शरीर का तरल निकलने के कारण डिहाईड्रेशन भी होता है.

इससे जहरीला पारा स्त्रावित होता है

 कुछ लोगों के दांतों के बीच कुछ भरावट होती है जो कि पारे, सिल्वर और टिन की होती है. ज्यादा च्विंगम चबाने से यह पारा दांतों के बीच से निकलकर शरीर में चला जाता है. यह पारा मनुष्य के लिए जहर समान है.

यह विकास में बाधित होता है '

एक अध्ययन से पता चला है कि जो बच्चे और टीन एजर्स ज्यादा च्विंगम चबाते हैं युवावस्था में उनके चेहरे का सही विकास नहीं होता है. उनका चेहरा सामान्य से बड़ा होता है क्यों कि ज्यादा च्विंगम से जबड़े और चेहरे की मांसपेशियाँ उत्तेजित होती हैं. यह भी च्विंगम चबाने का एक बड़ा साइड इफैक्ट है.

च्विंगम खाने से फायदा

च्विंगम केवल एक माउथ फ्रेशनर नहीं है बल्कि इसको चबाने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं. यह केवल खाना खाने के बाद या फिर जब बोर हो रहे हों, तभी खाने की चीज़ नहीं है. रिसर्च के मुताबिक, च्विंगम खाने से हमारे स्वास्थ्य पर कई तरह के अच्छे असर प़डते हैं. इसको खाने से मोटापा कम होता है और दांतों की समस्प्तया भी हल होती है. चलिए जानते हैं च्विंगम चबाने के और भी लाभ क्या-क्या हैं.

मोटापा कम

इसको चबाने से वजन कम करने में मदद मिलती है. कम कैलोरी वाली फैट फ्री च्विंगम होती है जिसेस कैलोरिज बर्न होती है. इसको चबाने से आपके जब़डे की मासपेशियों पर असर प़डता है. यही नहीं इससे भूख पर भी कंट्रोल रहती है और मीठा खाने की तीव्र इच्प्त;छा भी कम होती है. साथ ही च्विंगम दिन भर में 11 कैलोरी प्रति घंटे कम करने की क्षमता रखती है

पाचन शक्ति में सुधार

च्विंगम आंत गतिशीलता में सुधार करती है. जब आप च्विंगम चबाते हैं तो उस दौरान मुंह से ज्यादा थूक आता है जो डायजेस्टिव एसिड को पेट से मुंह में आने से रोकता है. इसलिए भोजन आराम से पच जाता है और पाचन शक्ति में सुधार होता है.

मौखिक स्वास्थ्य

जब की आप च्विंगम खाते हैं तब मुंह में ज्प्यादा थूक आना प्रारम्प्तभ हो जाता है. थूक, मुंह की बीमारियों जैसे, दांत की स़डन, कैविटी आदि को होने से बचाती है. हां अगर आप सोंच रहे हैं कि आप जो मन करे वह च्विंगम खा सकते हैं तो ऎसा नहीं है. आपके दांत न स़डे इसलिए आपको शुगर फ्री ही च्विंगम खानी चाहिये. कृत्रिम मिठास वाली च्विंगम मोटापेको बढावा देने के अलावा दांत को भी खराब करती है.

सफेद दांत

च्विंगम खाने से आपके दांत सफेद होगें और जब़डे मजबूत होगें. डबल चिन, यानी की अगर आपके गले के पास मोटापा दिखाई देना शुरू हो गया है तो च्विंगम चबाने से अच्प्तछी एक्प्तसर्साइज तो और कोई हो ही नहीं सकती है. इसको चबाने से दांत पर लगे पीले दाग भी साफ हो जाते हैं और चमकने लगते हैं. अगर सांस में बदबू आती है तो च्प्त;विंग गम चबाने से ठीक हो जाएगी.

यूपी में डीजीपी पर चली ‘टेजर गन’

उत्तर प्रदेश के पुलिस मुख्यालय यानि डीजीपी कार्यालय में उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद खडे हुये थे.उनके बगल डीजीपी के सहायक भी थे. ऐसे में पीछे से ‘टेजर गन’ चलती है.डीजीपी सामने की ओर गिरते इसके पहले पास खड़े लोगों ने संभाल लिया.अचेत हो गये डीजीपी कुछ देर में होश में आ गये. अपने इस कदम से अपने मातहतों को एक शिक्षा दे गये कि दूसरो को वहीं कहो जो खुद कर सके. 

उत्तर प्रदेश सरकार ‘टेजर गन’ को पुलिस विभाग को देना चाहती है. जिससे उपद्रव के समय आसानी से उन पर काबू पाया जा सके. सुरक्षा उपकरणों का सप्लाई करने वाली कपंनी ने ‘टेजर गन’ का डेमो पुलिस विभाग को दिखाने का काम किया. डीजीपी आफिस में जब इस गन का ट्रायल होना था तो बहुत सारे अफसर और पुलिस के जवान वहां मौजूद थे. ट्रायल के लिये किसी जवान को आगे आने कहा गया तो लोग हिचकने लगे. ऐसे में उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद खुद ‘टेजर गन’ के ट्रायल के लिये सामने आये. डीजीपी के सहायक संजय सिंघल और एक अन्य ने डीजीपी को पकड़ लिया तब पीछे से ‘टेजर गन’ से गोली चलाई गई. तेज झटके गोली लगने से डीजीपी अचेत होने लगे तो उनको जमीन पर लिटा दिया गया. कुछ समय में वह फिर नार्मल हो गये.

नासा के रिसर्चर जैक कोवर ने 1969 में टेजर गन बनाने की योजना शुरू की थी. तब से अब तक इसमें तमाम तरह के सुधार किये गये. इसको बनाने का मकसद यह था कि बिना जान जाये दूसरे को अपने कब्जे में किया जा सके. टेजर को कनडक्टेड इलेक्ट्रिकल वेपन के रूप में जाना जाता है. यह इलेक्ट्रि शौक वेपन होता है.इसमें 2 इलेक्ट्रोड होते है.एक कंडक्टर के जरीये मेन यूनिट से जुडे रहते है.जब यह किसी के शरीर से टकराते है तो तेज कंरट पैदा होता है.इससे गोली लगने वाले का मांसपेशियों से नियंत्रण छूट जाता है.शरीर न्यूरों मसक्यूलर की दशा में पहुंच जाता है.गोली लगने वाले को कोई चोट नहीं लगती पर वह अचेत सा हो जाता है.ऐसे में उसको काबू में करना सरल हो जाता है.

डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि जब ‘टेजर गन’ शरीर से टकराती है तो तेज झटका लगता है.वह बेहोश हो गये.दिन में तारे से दिखने लगे.मुझे लगा कि किसी और से ट्रायल के लिये कहने से अच्छा है कि खुद पर ट्रायल हो. अभी इस पर रिसर्च चल रही है.रिसर्च में सफल होने के बाद ही पुलिस फोर्स में इसके शामिल किये जाने का कोई फैसला लिया जायेगा. 

                               

6 घंटे में 100 गाने का रिकार्ड

रिकार्ड बनाने की जिद कलाकार को ऊर्जा से भर देती है.जिसके चलते उसके सामने कठिन से कठिन लक्ष्य भी सरल दिखता है. गायिका अंजू पांडेय ने लगातार 6 घंटे तक पहाड़ी गीतों को गाने का लक्ष्य सामने रखा और गाना शुरू किया. एक के बाद एक 100 गाने गाते हुये अंजू पांडेय ने अपने लक्ष्य को हासिल किया. इस लक्ष्य को सफल बनाने मे संयोगिता महाजन मेमोरियल संस्थान और पावर विंग्स ने जीएसएम स्कूल में गाने का स्टेज सजाया था. अंजू पांडेय ने केवल गाना ही नहीं गाया बीचबीच में ढोलक पर थाप देकर संगीत को भी साथ रखा. 100 गानों में अंजू पाडेय ने पहाड़ की खूबसूरती और लोककला को सामने रखा और एक से एक सुरीले गाने सुनाये.

6 घंटे का लक्ष्य पूरा होने पर मार्वलस बुक औफ रिकार्ड के उत्तर प्रदेश हेड अमित सक्सेना ने रिकार्ड बनाने का प्रमाणपत्र दिया. इस मौके पर पावर विंग्स की सुनीता पौल, सुमन रावत और संयोगिता महाजन मेमोरियल की ओर से अनुराग महाजन मौजूद थे. अंजू पांडेय ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि लगातार इतने समय तक गाने का मौका मिलेगा. मैं लगातार रियाज करती रहती थी जिस वजह से यह संभव हुआ. आगे प्रयास होगा कि संगीत को नई ऊचाइयों पर ले जा सके. इससे कलाकार की एक पहचान बनती है.

अनुराग के लिए पैसा ही अहम

फिल्म ‘‘अकीरा’’ में खलनायक का किरदार निभाकर अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाले फिल्मकार अनुराग कश्यप का दावा है कि अभिनय के क्षेत्र में करियर बनाना उनका मकसद नही है. वह तो पैसे के लिए अभिनय कर रहे हैं.

जी हां! अनुराग कश्यप ने एक समाचार एजेंसी से कहा है-‘‘यदि मुझे अच्छे पैसे मिलेंगे, तो मैं अभिनय करूंगा, अन्यथा अभिनय में मेरी कोई दिलचस्पी नही है. यदि एक निर्माता मुझे इतने पैसे देगा कि उन पैसों से मेरी दूसरी समस्याएं हल हो रही होंगी, तो ही मैं अभिनय करना पसंद करुंगा.’’

अनुराग कश्यप के इस बयान के आने के बाद बौलीवुड में अटकलों का बाजार गर्म है. चर्चाएं गर्म है कि बतौर निर्माता व निर्देशक अनुराग ने ‘उड़ता पंजाब’ व ‘रमन राघव 2’ जैसी फिल्मों में बाक्स आफिस पर जो नुकसान उठाया है, उस नुकसान की भरपायी करने के लिए ही उन्होंने फिल्म ‘‘अकीरा’’ में अभिनय किया है. तो वहीं यह चर्चा भी गर्म है कि अब अनुराग कश्यप दूसरे निर्माताओं का पैसा अभिनेता के तौर पर अपनी जेब में डालने के बाद उसे निर्माता व निर्देशक के तौर पर पानी की तरह बहाया करेंगे. वहीं कुछ लोग चर्चा कर रहे हैं कि अनुराग कश्यप भले ही खुले आम खुद को कला का सेवक बता रहे हैं और रचनात्मक स्वतंत्रता की दुहाई देते फिर रहे होंगे, मगर हकीकत में वह सब कुछ सिर्फ पैसे को अहमियत देते हुए ही करते हैं. और अब जाकर उन्होने इस सच को अपरोक्ष रूप से स्वीकार कर लिया है.

देखना यह है कि इन चर्चाओं के जवाब में अनुराग कश्यप क्या कहते हैं.

सेक्स एज्यूकेशन वाली फिल्म ‘बालक पालक’ हिंदी में बनेगी

4 जनवरी 2013 को प्रदर्शित  सेक्स एज्यूकेशन पर आधारित मराठी भाषा की फिल्म ‘‘बालक पालक’’ ने बाक्स आफिस पर धमाल मचाया था. अभिनेता से निर्माता बने रितेश देशमुख निर्मित और मराठी फिल्मों के शहंशाह माने जाने वाले रवि जाधव निर्देशित इस फिल्म ने इतनी सफलता बटोरी थी कि इस फिल्म का तमिल व तेलगू भाषा में रीमेक किया जा चुका है. अब रवि जाधव इस फिल्म को हिंदी में बनाने जा रहे हैं. इसके लिए वह नए सिरे से इसकी पटकथा लिख रहे हैं.

रवि जाधव ने अब तक मराठी भाषा में ‘‘नटरंग’’,‘‘बालक पालक’’,‘‘टाइम पास’, ‘‘बाल गंधर्व’’,’मित्रा’,‘रेगे’ व ‘टाइम पास 2’ जैसी फिल्में बनायी हैं. उनकी हर फिल्म ने उन्हे राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया. अब वह बतौर निर्देशक पहली हिंदी फिल्म ‘‘बेंजो’’ लेकर आ रहे हैं, जो कि 23 सितंबर को प्रदर्शित होगी.

फिल्म ‘‘बालक पालक’’ के हिंदी रीमेक की चर्चा करते हुए रवि जाधव ने बताया-‘‘हमारी मराठी भाषा की फिल्म ‘बालक पालक’ सेक्स एज्यूकेशन पर आधारित थी. इसमें बच्चों द्वारा लुके छिपे ब्लू फिल्में देखने के मुद्दे सहित कई मुद्दे उठाए गए हैं. फिल्म को जिस तरह से लोगों ने पसंद किया, उससे हमें लगा कि इसे बडे़ दर्शक वर्ग तक पहुंचाया जाना चाहिए. इसलिए मैं इसे हिंदी में भी बनाने जा रहा हूं. इसके लिए मैंने उत्तर भारत, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश व राजस्थान जाकर काफी शोध कार्य किया. अब नए सिरे से फिल्म की पटकथा लिख रहा हूं. पटकथा पूरी होने के बाद कलाकारों के चयन व निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी.’’

सोनाक्षी सिन्हा यानी ‘हम तो डूबेंगे, तुम्हे भी ले डूबेंगे’

बौलीवुड में हर शुक्रवार कलाकार  की तकदीर बदलती है. इस शुक्रवार ‘अकीरा’ के प्रदर्शन के बाद बौलीवुड में लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या वास्तव में सोनाक्षी सिन्हा में अभिनय के गुण नहीं है? ‘दबंग’से करियर की शुरूआत करने वाली सोनाक्षी सिन्हा की हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘‘अकीरा’’ के बाक्स आफिस पर बुरी तरह से मुंह के बल गिरने के बाद इस तरह की चर्चाएं काफी जोर पकड़ रही हैं. फिल्म ‘‘अकीरा’’ बाक्स आफिस पर शनिवार व रविवार की छुट्टी के दिन भी कमाई नहीं कर पायी, जबकि इस बार इस फिल्म के साथ एक भी ऐसी फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई है, जो कि ‘अकीरा’ को टक्कर दे सकती हो. यदि ‘अकीरा’ के सामने कोई अच्छी फिल्म प्रदर्शित हुई होती, तो शायद ‘अकीरा’ के लिए मुसीबतें बढ़ जाती. यही वजह है कि ‘अकीरा’ की असफलता के लिए लोग पूरी तरह से सोनाक्षी सिन्हा को ही दोषी मान रहे हैं.

यूं भी सोनाक्षी सिन्हा के करियर पर यदि गौर किया जाए, तो एक बात साफ तौर पर नजर आती है कि सोनाक्षी सिन्हा के अभिनय से सजी ‘दबंग’, ‘दबंग 2’ या ‘राउडी राठौड’ जैसी जो फिल्में सफल हुई हैं, उन फिल्मों की सफलता का श्रेय भी सोनाक्षी सिन्हा की बजाय इन फिल्मों के हीरो सलमान खान या अक्षय कुमार को ही जाता है. सोनाक्षी सिन्हा के अभिनय से सजी फिल्म ‘लुटेरा’ में जरुर सोनाक्षी सिन्हा के अभिनय की तारीफ हुई थी, पर इस फिल्म ने भी बाक्स आफिस पर कुछ खास व्यापार नहीं किया था. मगर अब फिल्म आलोचकों के साथ साथ बौलीवुड के तमाम लोग मान रहे हैं कि ‘अकीरा’ में तो सोनाक्षी ने अपने करियर का सबसे ज्यादा स्तरहीन अभिनय किया है. 2010 से 2016 तक सोनाक्षी सिन्हा की लगभग 14 फिल्में प्रदर्शित हुई हैं, जिनमें से ‘जोकर’, ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा’, ‘बुलेट राजा’, ‘आर राजकुमार’, ‘एक्शन जैक्सन’, ‘लिंगा’, ‘तेवर’ के बाद अब ‘अकीरा’ असफल फिल्में रही है. 2012 के बाद यदि ‘हॉलीडेः ए सोल्जर नेवर आफ ड्यूटी’’ को नजरंदाज कर दें, तो अब तक सोनाक्षी सिन्हा की सभी फिल्में असफल हैं.

बौलीवुड में कुछ फिल्मकार कुछ कलाकारों को लक्की मानकर अपनी फिल्म में उस कलाकार से गेस्ट अपियरेंस करवाते हैं. मगर सोनाक्षी सिन्हा ने जिन चार फिल्मों मे गेस्ट अपियरेंस यानी कि मेहमान कलाकार की भूमिका निभायी या खुद नजर आयीं, उन सभी फिल्मों की बाक्स आफिस पर दुर्गति हुई. ऐसी फिल्मों में ‘‘ओह माई गॉड’, ‘हिम्मत वाला’, ‘‘बॉस’’ और ‘आल इज वेल’’ का समावेश है. सूत्रों की माने तो अब बौलीवुड में लोगों ने सोनाक्षी सिन्हा के लिए गाना गुनगुनाने लगे है -‘‘हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हे भी ले डूबेंगे…’’

‘‘अकीरा’’ की असफलता ने दक्षिण भारत के अति सफल और चर्चित फिल्मकार ए मुरूगादास के करियर पर भी असफलता का दाग लगा दिया है. इससे ए मुरूगादास भी चिंतित हैं. सूत्र बता रहे है कि अब ए मुरूगादास उस दिन को कोस रहे हैं, जब उन्होने सोनाक्षी सिन्हा के पिता शत्रुघ्न सिन्हा के दबाव में आकर फिल्म को हीरो प्रधान से हीरोईन प्रधान बनाया था. जबकि ए मुरूगादास के कई शुभ चिंतको ने उनसे कहा था कि वह बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं. वास्तव में ‘अकीरा’, ए मुरूगादास की सफलतम तमिल फिल्म ‘‘मौना गुरू’’ का हिंदी रीमेक है. तमिल फिल्म ‘‘मौना गुरू’’ में कहानी हीरो प्रधान है.

सोनाक्षी सिन्हा ने जितनी फिल्में अजय देवगन के साथ की,उन सभी फिल्मों ने बाक्स आफिस पर पानी नहीं मांगा. मगर सोनाक्षी सिन्हा ने सलमान खान के साथ ‘‘दबंग’’ और ‘‘दबंग 2’’ की, इन दोनों ही फिल्मों ने बाक्स आफिस पर जबरदस्त कमायी की. अब सोनाक्षी सिन्हा चाहती हैं कि वह ‘‘दबंग 3’’ का हिस्सा बन जाए, मगर ‘‘दबंग 3’’ के निर्माता सोहेल खान और सलमान खान, सोनाक्षी सिन्हा की असफल फिल्मों की सूची देखते हुए अब उन्हे ‘दबंग 3’ का हिस्सा बनाने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं.

उधर ‘अकीरा’ की असफलता के बाद एक्शन प्रधान फिल्म ‘‘फोर्स 2’’ के निर्माताओं की धड़कने भी तेज हो गयी हैं. सूत्र बता रहे हैं कि अब इस फिल्म के निर्माता फिल्म की पटकथा में कुछ बदलाव करने पर विचार करने लगे हैं. तो दूसरी तरफ  फिल्म ‘‘फोर्स 2’’ में अभिनय कर रहे अभिनेता जॉन अब्राहम ने सोनाक्षी सिन्हा के अभिनय की तारीफ में बयान जारी किया है, जिसका कुछ लोग मजाक भी उड़ा रहे हैं.

उधर बौलीवुड के कुछ बिचौलिए तो सोनाक्षी सिन्हा को बिजनेस मैनजर, निजी पीआर बदलने से लेकर फिल्मों के चयन का तरीका बदलने सहित कई तरह की सलाह देने लगे हैं. अब तो लोग खुलकर  कहने लगे हैं कि सोनाक्षी सिन्हा को बंटी सचदेव के साथ अपने रोमांस की खबरों को हवा देने की बजाय अपनी अभिनय क्षमता को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए. इतना ही नही अब तो लोग कह रहे हैं कि सोनाक्षी को हर हाल में ‘दबंग 3’ का हिस्सा बनने का प्रयास करना चाहिए. अब यह समय बताएगा कि सेनाक्षी सिन्हा अभी कुछ सबक लेती हैं या नहीं..

बदलना चाहते हैं अपना गूगल प्राइमरी एकाउंट?

अगर आप एंड्रायड फोन यूजर हैं और एक साथ जीमेल के कई एकाउंट को अपने फोन में एड किए हुए हैं तो कई बार आपको उन्‍हें अपनी प्राथ‍मिकताओं के हिसाब से एडजस्‍ट करना होता है.

बहुत बार लोग, अपनी ऑफिशियल आईडी को प्राइमरी आईडी बना लेते हैं और जब वो उस नौकरी को छोड़ देते हैं या वो काम करना बंद कर देते हैं तो दूसरी मेल आईडी को प्राइमरी आईडी बनाना चाहते हैं.

क्‍या होता है प्राइमरी एकाउंट

जिस एकाउंट को आप जीमेल खोलते ही सबसे पहले देखते हैं और अपने पूरे फोन को उसी एकाउंट से हैंडल करते हैं, वही प्राइमरी एकाउंट होता है.

क्‍या प्राइमरी एकाउंट हैंडल करना संभव है

कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्‍या प्राइमरी एकाउंट को हैंडल करना संभव होता है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा करना संभव होता है.

सेकेंडरी एकाउंट एड करना

आप जीमेल पर सेकेंडरी एकाउंट को एड कर सकते हैं जो कि प्राइमरी मेल के पासवर्ड भूल जाने की स्थिति में रिकवरी के लिए उपयोगी साबित होती है.

प्राइमरी गूगल एकाउंट को चेंज करना

आप आसानी से प्राइमरी गूगल एकाउंट को चेंज कर सकते हैं. लेकिन ऐसा तभी संभव है जब आपके पास दो या दो से अधिक एकाउंट हों. आपको उन्‍हें श्रेणीबद्ध करना होता है.

अलग एकाउंट से एप डाउनलोड करना

जब भी आप दूसरे एकाउंट को प्राइमरी एकाउंट बनाते हैं तो आपको उसी एकाउंट से फिर से सारी एप को इंस्‍टॉल करना होगा.

‘अर्जुन’ के लिए खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

अंतराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी राजकुमार तिवारी ने अर्जुन पुरस्कार के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पंजाब के पटियाला जिले के राजकुमार ने पुरस्कार की चयन समिति पर क्षेत्रवाद का आरोप लगाया है. इसकी सुनवाई 8 सितंबर को होगी.

दायर याचिका में राजकुमार ने कहा कि उन्होंने 2015 में हुई विश्व पैरालिंपिक बैडमिंटन चैंपियनशिप की युगल स्पर्धा में स्वर्ण और एकल में कांस्य जीता था. एशियन पैरालिंपिक में भी दो रजत जीते थे. नियम के हिसाब से मेरे 107 अंक बनते हैं.

ऐसे में समिति को अर्जुन पुरस्कार के लिए मेरे नाम की सिफारिश करनी थी, पर उन्होंने राजस्थान के खिलाड़ी संदीप मान की सिफारिश कर दी जिसके 52 अंक होने के बावजूद उसे पुरस्कार दे दिया गया.

समिति में एक सदस्य राजस्थान से होने के कारण ऐसा किया गया. इस मामले में राजकुमार ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के डीजी से भी शिकायत की है.

हाईकोर्ट ने दिलाया था मनोज को सम्मान

पिछले साल मुक्केबाज मनोज ने भी अर्जुन पुरस्कार के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप के बाद मनोज को पुरस्कार से नवाजा गया था.

भारतीय पैरालिंपिक समिति के सदस्य गिर्राज यादव ने कहा 'पैरा खिलाड़ियों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. वह काफी मेहनत के बाद पदक हासिल करते हैं. इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.'

23 MP कैमरे वाला सोनी Xperia XZ हुआ लॉन्च

आजकल फोन में अच्छा कैमरा होना कई लोगों को बेहद जरूरी लगता है. यदि आप भी ऐसे लोगों में से हैं जो मानते हैं कि उनके स्मार्टफोन में एक बेहतरीन कैमरा भी होना चाहिए, तो यह खबर आपके काम की है. सोनी ने 23 मेगापिक्सल के कैमरे वाला अपना स्मार्टफोन एक्सपीरिया एक्सजेड लॉन्च कर दिया है. यह फोन आईएफए 2016 में लॉन्च किया गया है. इस फोन के कैमरे की एक खास बात यह भी है कि इसमें लेजर ऑटोफोकस जैसा फीचर भी मौजूद है.

सोनी के इस स्मार्टफोन में अडवांस्ड फोटोग्राफी टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है. इस कैमरे में दी गई ट्रिपल इमेज सेंसिंग टेक्नॉलजी यूजर को किसी भी कंडिशन में खूबसूरत तस्वीरें देने की क्षमता रखता है. सोनी एक्सपीरिया एक्सजेड में आरजीबीसी इंफ्रारेड सेंसर भी दिया गया है. यह फीचर भी आकर्षक तस्वीर देने के लिए काफी उपयोगी है. इस फोन का कैमरा इतना बढ़िया है कि आप इससे किसी चलती-फिरती वस्तु या व्यक्ति की भी बेहतरीन तस्वीर ले सकते हैं.

वीडियो की बात की जाए तो इस फोन से अच्छे वीडियो भी शूट किए जा सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें 4K वीडियो शूटिंग तो दी ही गई है साथ ही f/2.0 लेंस भी मौजूद है.  इस फोन का फ्रंट कैमरा भी कुछ कम नहीं है. फोन के फ्रंट में आपको 13 मेगापिक्सल का दमदार कैमरा मिलेगा. यह फोन सेल्फी के दीवानों के लिए भी एक पर्फेक्ट ऑप्शन है.

सोनी एक्सपीरिया एक्सजेड में 5.2 इंच का LCD डिस्प्ले दिया गया है और वह भी फुल एचडी रिजॉल्यूशन के साथ. इस फोन में सोनी की ट्रिलूमिनस टेक्नॉलजी इस्तेमाल की गई है जिसकी वजह से लाल, नीला और हरा रंग ज्यादा चमकीले दिखाई देते हैं. इस डिस्प्ले की खासियत है कि आप किसी भी रंग के हजारों शेड्स बिल्कुल साफ-साफ देख सकते हैं.

Xperia XZ में स्नैपड्रैगन 820 प्रोसेसर दिया गया है. इस फोन में 3जीबी रैम और 32जीबी की इंटरनल मेमोरी मौजूद है. इसकी इंटरनल मेमोरी को माइक्रोएसडी स्लॉट की मदद से 256जीबी तक बढ़ा सकते हैं.

यदि आप बरसात में भीग भी जाते हैं तो सोनी एक्सपीरिया एक्सजेड पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जी हां, यह फोन पूरी तरह वॉटर रेसिस्टेंट है. फोन में 2,900एमएएच की बैटरी लगाई गई है. फोन की बॉडी की बात की जाए तो इसके बैक में मेटल लगाया गया है. इस फोन के बगल में फिंगरप्रिंट रीडर भी दिया गया है. यदि आप यह फोन खरीदना चाहते हैं तो आपको थोड़ा इंतजार करना होगा, क्योंकि भारत में यह फोन कब लॉन्च किया जाएगा, इसके बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.

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