अंतराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी राजकुमार तिवारी ने अर्जुन पुरस्कार के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पंजाब के पटियाला जिले के राजकुमार ने पुरस्कार की चयन समिति पर क्षेत्रवाद का आरोप लगाया है. इसकी सुनवाई 8 सितंबर को होगी.

दायर याचिका में राजकुमार ने कहा कि उन्होंने 2015 में हुई विश्व पैरालिंपिक बैडमिंटन चैंपियनशिप की युगल स्पर्धा में स्वर्ण और एकल में कांस्य जीता था. एशियन पैरालिंपिक में भी दो रजत जीते थे. नियम के हिसाब से मेरे 107 अंक बनते हैं.

ऐसे में समिति को अर्जुन पुरस्कार के लिए मेरे नाम की सिफारिश करनी थी, पर उन्होंने राजस्थान के खिलाड़ी संदीप मान की सिफारिश कर दी जिसके 52 अंक होने के बावजूद उसे पुरस्कार दे दिया गया.

समिति में एक सदस्य राजस्थान से होने के कारण ऐसा किया गया. इस मामले में राजकुमार ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के डीजी से भी शिकायत की है.

हाईकोर्ट ने दिलाया था मनोज को सम्मान

पिछले साल मुक्केबाज मनोज ने भी अर्जुन पुरस्कार के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप के बाद मनोज को पुरस्कार से नवाजा गया था.

भारतीय पैरालिंपिक समिति के सदस्य गिर्राज यादव ने कहा 'पैरा खिलाड़ियों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. वह काफी मेहनत के बाद पदक हासिल करते हैं. इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.'

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