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गावस्कर को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज रहे सुनील गावस्कर को मुंबई खेल पत्रकार संघ, एसजेएम के स्वर्ण जयंती पर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया. क्रिकेट क्लब आफ इंडिया में आयोजित इस समारोह में पूर्व भारतीय कप्तान अजित वाडेकर और पूर्व भारतीय क्रिकेटर माधव आप्टे ने गावस्कर को इस पुरस्कार से सम्मानित किया.

गावस्कर ने इस दौरान कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट में मेरी पहली पारी में गैरी सोबर्स ने मेरा आसान कैच छोड़ा जब मैं 12 रन बनाकर खेल रहा था. दूसरा टेस्ट जो मेरा भी दूसरा टेस्ट था उसमें उन्होंने फिर मेरा कैच छोड़ा और मैंने शतक बनाया.’’

सगाई के बाद लड़के ने मुझे बताया कि वह किसी लड़की से प्यार करता है. अब मैं क्या करूं.

सवाल

मैं 25 साल की युवती हूं. सगाई हो चुकी है. सगाई के बाद हुई दूसरी मुलाकात में लड़के ने मुझे बता कर चौंका दिया कि वह किसी लड़की से प्यार करता है और हमेशा करता रहेगा. शादी वह दबाव में आ कर रहा है, क्योंकि घर वाले उस की प्रेमिका से जो तलाकशुदा है, शादी नहीं करने देंगे. उस का कहना है कि शादी से पहले ही अपने प्रेम संबंध के बारे में इसलिए बता रहा है ताकि शादी के बाद मैं उस से शिकायत न करुं कि उस ने मुझे धोखा दिया है. मैं समझ नहीं पा रही कि क्या करूं? हमारी सगाई काफी धूमधाम से हुई थी. तमाम सगेसंबंधी शामिल हुए थे. दोनों परिवार बहुत खुश थे. अब यदि वह सगाई तोड़ते हैं तो बहुत बदनामी होगी.

जवाब

प्यार करना था तक तो बात ठीक थी पर करता रहेगा गलत. आप को अपने घर वालों को यह बात बता देनी चाहिए. लोग क्या कहेंगे इस बात की चिंता छोड़ दें. लोगों के डर से आप जबरदस्ती के रिश्ते को नहीं ढोना चाहेंगी.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

मैं 28 वर्षीय युवती हूं. मेरा मित्र मेरे साथ सैक्स करना चाहता है. बताएं मैं क्या करूं.

सवाल

मैं 28 वर्षीय युवती हूं. 6 सालों से एक युवक से मित्रता है. 2 सालों से हमारे संबंध काफी घनिष्ठ हो गए हैं. हमारी शादी के लिए हमारे परिवार वाले राजी नहीं होंगे और हम घरवालों के खिलाफ नहीं जा सकते. कुछ महीनों से मेरा मित्र मेरे साथ सैक्स करना चाहता है, पर मैं इसे गलत समझती हूं. इसलिए कोई न कोई बहाना कर के बचती रहती हूं. जब भी वह मिलता है बातोंबातों में अपनी इच्छा जाहिर कर देता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

इतने सालों तक जिस तरह आप लोग दोस्त रहे हैं उसी तरह इस रिश्ते को चलने दें. जब आप दोनों जानते हैं कि आप को अन्यत्र शादी करनी है तो एकतरफा यह शारीरिक संबंध बना कर अपने लिए मुश्किल क्यों पैदा करना चाहते हैं. लड़का इच्छा जाहिर करता है तो आप मना कर सकती हैं. हो सकता है उसे बुरा लगे. इस से आप की दोस्ती भी प्रभावित हो सकती है. ऐसे में अच्छा यही है कि आप माता पिता को मनाएं.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

अब मैसेंजर पर लें गेम्स का भी मजा

सोशल मीडिया फेसबुक के मैसेंजर ऐप में अब आप गेम भी खेल सकते हैं. कंपनी ने एक नए फीचर की शुरुआत की है जिसके तहत मैसेंजर में किसी से बातचीत के दौरान गेम भी खेल सकते हैं. यह रियल टाइम मल्टीप्लेयर गेम होगा जिसमें दो या दो से ज्यादा लोग एक साथ शामिल हो सकते हैं.

कंपनी ने इसे ‘इंस्टैंट गेम्स’ का नाम दिया है. इसमें कई गेम्स होंगे जिनमें पैक मैन, स्पेस इनवेडर्स और वर्ड गेम जैसे सिंपल गेम्स शामिल हैं. यह काफी फास्ट हैं और क्लिक करते ही शुरू हो जाते हैं. फेसबुक इसके जरिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा मैसेंजर यूज टाइमिंग बढ़ाना चाहती है. जाहिर है जब इससे लोग गेम खेलेंगे तो यूजर इंगेज टाइम तो बढ़ेगा ही.

फिलहाल फेसबुक ने इंस्टैंट गेमिंग की शुरुआत 30 देशों में की है और यह एंड्रॉयड और आईफोन के दोनों के लिए उपबल्ध होगा. इसके लिए आपको नए वर्जन का मैसेंजर डाउनलोड करना होगा या पुराने वाले को प्ले स्टोर से अपडेट करना होगा.

ऐसे खेलें फेसबुक मैसेंजर में गेम्स

नए वर्जन के फेसबुक मैसेंजर में आपको चैट बॉक्स के नीचे एक गेम कंट्रोलर का आइकन दिखेगा. यहां क्लिक करते ही आपके सामने गेम्स की लिस्ट खुलेगी जहां से आप किसी एक गेम को सेलेक्ट कर सकते हैं.

इसके बाद आपको जिनके साथ गेम खेलना है उनका नाम सेलेक्ट करना होगा फिर आप उन्हें चैंलेंज कर सकते हैं. इसके लिए आपके पास इंटरनेट कनेक्शन होना जरूरी है, क्योंकि ये गेम ऑफलाइन नहीं हैं.

डिजिटल पेमेंट के लिए हेल्पलाइन नंबर

देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए एक टीवी चैनल और वेबसाइट शुरू करने के बाद देशव्यापी टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर ‘14444’ शुरू किया जाएगा. बहुत से लोगों को डिजिटल पैमेंट करने में दिक्कतें आती हैं. इस हेल्पलाइन नंबर पर  कॉल कर के आप डिजिटल पैमेंट से जुड़ी अपनी हर समस्या का समाधान पा सकते हैं. यह सेवा कुछ ही दिनों में शुरू कर दी जाएगी है.

सॉफ्टवेयर सेवा कंपनियों के संगठन नासकाम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया, ‘सरकार ने देशभर में जनता की मदद के लिए नासकॉम की मदद मांगी थी. हमने उनसे देश व्यापी हेल्पलाइन नंबर का आग्रह किया, दूरसंचार विभाग ने 14444 नंबर जारी किया है. हम मदद के लिए कालसेंटर स्थापित कर रहे हैं.’ चंद्रशेखर ने कहा कि इस पर काम चल रहा है.

लोगों को डिजिटल लेनदेन के प्रति जागरुक बनाने के लिए इलेक्ट्रोनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल ‘डिजिशाला’ शुरू की. यह दूरदर्शन के डीटीएच प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी. इसी तरह एक वेबसाइट ‘कैशलेसइंडिया’ भी शुरू की गई है. आईटी और विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद के अनुसार 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से डिजिटल लेन देन में 400 से 1000 प्रतिशत की तेजी आई है.

 

सरकारी आंकड़े और यूपी में विकास

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप पिछले साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है. बुनियादी सुविधाओं व कल्याणकारी योजनाओं से लोगों के जीवन स्तर में तेजी से बदलाव आया है. प्रदेश की आर्थिक विकास दर व प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है. ऐसा हम नहीं यूपी सरकार के आंकड़े कहते हैं.

शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि उपज, सिंचाई के साथ-साथ कृषि आधारित आर्थिक गतिविधियों से संबंधित आंकड़ों से स्पष्ट है कि वर्ष 2012-13 की तुलना में ग्रामीण व नगरीय अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है. प्रदेश की जीएसडीपी में वर्ष 2012-13 की तुलना में 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2012-13 में प्रदेश की विकास दर जहां 3.9 फीसदी थी, वहीं 2015-16 में बढ़कर 6.6 हो गई. एनएसडीपी में भी प्रभावकारी प्रगति दर्ज की गई है. वर्ष 2012-13 में प्रदेश की एनएसडीपी 3.7 फीसदी थी, जो 2015-16 में बढ़कर 6.5 हो गई है. इसी प्रकार प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय सफलता हासिल की गई है. इस समय प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 48,584 रुपए है, जबकि वर्ष 2012-13 में 35,358 रुपए ही थी.

इससे स्पष्ट है कि वर्तमान राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं का असर अब राज्य की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है.

राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों में प्रभावी काम किया है. वर्ष 2012 में सीनियर बेसिक विद्यालयों में छात्र नामांकन अनुपात जहां 57.17 फीसदी था, वहीं वर्ष 2015 में इसमें तेजी से सुधार आया और यह अनुपात बढ़कर 65.95 हो गया. इस प्रकार 15 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई. जबकि बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की दर में भी काफी सुधार आया है. वर्ष 2012 में जहां 49 फीसदी से अधिक छात्रों द्वारा बीच में पढ़ाई छोड़ दी जाती थी, वहीं अब यह संख्या घटकर करीब 39 फीसदी हो गई. प्रदेश मुख्य रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर है. इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पिछले व वर्तमान वित्तीय वर्ष को किसान वर्ष घोषित करके कृषि अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करने का काम किया है.

किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए जहां सिंचाई सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई, वहीं अधिकांश सिंचित क्षेत्रों का सदुपयोग करते हुए बुवाई क्षेत्रफल में वृद्धि करने का काम भी किया गया है. पिछले तीन वर्षों में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई. इसके साथ ही कृषि निवेशों की उपलब्धता सुनिश्चित करके प्रति हेक्टेयर अधिक पैदावार प्राप्त करने का प्रयास किया गया. वर्ष 2012 में जहां प्रति हेक्टेयर औसत 23.91 कुंतल उपज प्राप्त की गई थी, वहीं वर्ष 2015 में इसमें 5.02 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज करते हुए प्रति हेक्टेयर औसत 25.11 कुंतल पैदावार प्राप्त की गई. कुल बोए गए क्षेत्रफल में वाणिज्यिक फसलों का हिस्सा करीब 258 फीसदी बढ़ा है. इससे किसानों के रुझान व उनकी आमदनी में हो रही बढ़ोतरी का आकलन किया जा सकता है.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रयासों के फलस्वरूप पिछले चार साल में उत्तर प्रदेश की बुनियादी सुविधाओं व कल्याणकारी योजनाओं से लोगों के जीवन स्तर में तेजी से बदलाव आया है. आर्थिक विकास दर व प्रति व्यक्तिआय में बढ़ोतरी हुई है. इस समय प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 48,584 रुपए है, जबकि वर्ष 2012-13 में 35,358 रुपए ही थी. शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि उपज, सिंचाई के साथ-साथ कृषि आधारित आर्थिक गतिविधियों से संबंधित आंकड़ों से स्पष्ट है कि वर्ष 2012-13 की तुलना में ग्रामीण व नगरीय अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है. लेकिन फिर से, ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि सरकार आंकड़े कह रहे हैं.

नेपाल में भरोसे का संकट

नेपाल में सरकार द्वारा 29 नवंबर को संसद में पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक ने देश के गहरे राजनीतिक मतभेद को फिर उजागर कर दिया है. जब यह विधेयक संसद में पेश भी नहीं हुआ था, तभी मुख्य विपक्षी पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने इस संशोधन का खुलकर विरोध किया था, अब उसने संसद की कार्यवाही में रुकावटें डालनी शुरू कर दी हैं. लेकिन वास्तव में अन्य राजनीतिक ताकतों के विरोध ने इस संशोधन विधेयक के भविष्य और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल की उस कोशिश पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है, जिसके तहत वह संविधान की व्यापक स्वीकार्यता सुनिश्चित करना चाहते हैं.

यहां तक कि मधेसी पार्टियों ने भी, जिसके दबाव में यह विधेयक पेश किया गया, इसकी जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है. लेकिन चिंता का एक बड़ा कारण वे विरोध प्रदर्शन हैं, जो इस विधेयक के पेश होने के बाद से शुरू हो गए हैं.

पिछले शुक्रवार को बुटवाल में हजारों लोग राज्य संख्या- पांच के बंटवारे के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. देश के दूसरे इलाकों में भी विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. आखिर क्यों जिस कदम को राजनीतिक समाधान बताया जा रहा था, वह विपरीत असर डालने वाला बन गया? क्या दाहाल ने सत्ता में आने की हड़बड़ी में संघीय ढांचे से जुड़ी योजना की गंभीरता को कम करके आंका? प्रधानमंत्री चुने जाने के कुछ ही दिनों पहले हमसे बातचीत करते हुए उन्होंने दावा किया था कि उनके पास ‘जादुई फॉर्मूला’ है.

क्या उनके पास वाकई ऐसा कोई फॉर्मूला है, इस संकट को दूर करने के लिए? तीन अगस्त को प्रदर्शनकारी पार्टियों के साथ हुए समझौते ने उनके प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ किया था. तब उस समझौते में दाहाल से अपेक्षा की गई थी कि वह जल्द संविधान संशोधन विधेयक पेश करेंगे. पर उन्होंने इसे प्रस्तुत करने में महीनों का वक्त लगा दिया. मधेसी पार्टियों को अब यह देर से व अधूरा सुधार लग रहा है. दाहाल को तमाम विवादों को पूरी तरह सुलझाए बिना अब चुनाव कराने से बचना चाहिए. मधेसी पार्टियों को भी मतभेद दूर करने के लिए बड़ी पार्टियों के पास आना चाहिए.

अब फेसबुक देगा बिजनेस फंड

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक आजकल हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है. हर किसी का फेसबुक पर आईडी होना बेहद आम बात है. पर अब आप फेसबुक पर स्टेटस अपडेट करने, फोटो लाइक, शेयर करने के अलावा भी ढेर सारे काम कर सकते हैं. पर अब फेसबुक आपको बिजनैस सेटअप करने में भी मदद करेगा.

फेसबुक ने एफबी-स्‍टार्ट प्रोग्राम 2 साल पहले शुरू किया था. इस प्रोग्राम के तहत फेसबुक दुनियाभर के स्टार्टअप्स को फंड करती है. अगर आप अपना मोबाइल या वेब स्‍टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो अपना आयडिया और प्लैन की पूरी जानकारी fbstartpartners@fb.com पर भेज दें.

अगर फेसबुक को आपका आइडिया पसंद आया तो वो आपको टूल्‍स और सर्विसेज का फ्री पैकेज देगा. इन सर्विसेज के अंतर्गत आपको प्रोडेक्‍ट मैनेजर्स, इंजीनियर्स, ऑनलाइन ऑपरेशन्‍स और पार्टनरशिप, वेबिनार्स, ईमेल और स्‍टार्ट-अप्‍स कॉम्‍युनिटी से मुलाकात कराई जा सकती है.

खतरे में है आपका फेसबुक-ट्विटर अकाउंट

सोशल मीडिया पर अक्सर ही मालवेयर का खतरा मंडराता रहता है लेकिन इस बार आपके फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर एक रैंजमवेयर का खतरा मंडरा रहा है. रैंजमवेयर को आम भाषा में ऐसे समझ सकते हैं कि ये एक फिरौती मांगने वाला वायरस है. कई लोगों ने शिकायत की है कि ये एक इमेज की जेपीईजी फाइल के रूप में सर्कुलेट हो रहा है. ये आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन को लॉक कर देता है फिर आपसे पैसों की मांग करता है.

कैसे काम करता है रैंजमवेयर

रैंजमवेयर एक जेपाईजी फाइल के रूप में सर्कुलेट हो रहा है. इस फाइल को ओपन करने के ली जैसे ही आप इस पर क्लिक करते हैं तो ये आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन की फाइल्स को एन्क्रिप्ट करके लॉक कर देता है. इसके बाद ये आपसे 365 डॉलर यानी लगभग 25 हजार रुपये की मांग करता है जो आपको बिट्क्वाइन के रूप में देने होते हैं.

विशेषज्ञों की राय

रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक मैसेंजर पर यह रैंजमवेयर .SVG एक्सटेंशन वाली इमेज फाइल के तौर पर भेजे जा रहे थे. हालांकि फेसबुक ने फिलहाल इससे इससे इनकार किया है. हालांकि कई दूसरी वेब सिक्योरिटी फर्म ने माना है कि फेसबुक की कमी का फायदा उठा कर ऐसा किया जा रहा है. रिसर्चर्स ने पाया है कि यह रैंजमवेयर फेसबुक, लिंक्ड इन और दूसरे सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म के जरिए लोगों तक भेजा जा रहा है.

इजराइल की सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट ने इस बात का भी खुलासा किया है कि कैसे साइबर क्रिमिनल्स इमेज फाइल में मैलवेयर को छुपा कर इसे सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इसका शिकार बना रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक मैलवेयर बनाने वाले फेसबुक और लिंक्ड इन की सिक्योरिटी लूप होल का फायदा उठा कर लोगों तक इस खतरनाक मैलवेयर भेज रहे हैं. जैसे ही यूजर इसे क्लिक करेंगे उनका सिस्टम लॉक हो जाएग जिसो वापस लेने के लिए बिट क्वाइन के जरिए पैसे देने होंगे.

कैसे बचें रैंजमवेयर अटैक से

सबसे बेहतर तो यही होगा कि आप किसी भी अनजान यूजर द्वारा भेजी गई इमेज फाइल ओपन न करें. इसके आलावा जरूरी डेटा का बैकअप रखें. इससे बचने के लिए प्रीमियम एंटी वायरस इस्तेमाल करें.

अगर आप फिर भी रैंजमवेयर फाइल पर क्लिक कर देते हैं तो तुरंत अपना वाईफाई ऑफ कर दें. हालांकि अगर फाइल पर क्लिक करने के बाद रैंजमवेयर का मैसेज आपकी डिवाइस पर रिसीव हो गया है तो इससे बचना मुश्किल है. किसी भी ईमेल का अटैचमेंट्स तब तक न खोलें जब तक श्योर न हों कि वो आपके लिए ही है और जरूरी है.

विराट में काफी तकनीकी खामियां हैः एंडरसन

टीम इंडिया टेस्ट कप्तान विराट कोहली भले ही इन दिनों अपनी करियर की बेस्ट फॉर्म में हों और कई दिग्गज क्रिकेटर की तारीफ करते ना थक रहे हों, लेकिन इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की सोच उनके लिए बिल्कुल अलग है.

जिमी के नाम से मशहूर इस गेंदबाज ने विराट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर विराट की तकनीकी खामियां उजागर नहीं हो रही हैं तो उसका कारण मददगार भारतीय विकेट हैं, जिसमें स्पीड और मूवमेंट की कमी है.

एंडरसन ने इंग्लैंड में 2014 में हुई सीरीज के दौरान विराट को काफी परेशान किया था जहां वो ऑफ साइड से बाहर जाती गेंदों पर लगातार आउट हो रहे थे. मौजूदा सीरीज में हालांकि लगभग 700 रन बनाकर कोहली ने इंग्लैंड की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं.

यह पूछने पर कि विराट की तकनीक में क्या बदलाव आया है, एंडरसन ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि उसमें (विराट में) बदलाव आया है. मुझे सिर्फ इतना लगता है कि उसके अंदर जो तकनीकी खामियां हैं, वो यहां नजर नहीं आ रही हैं. विकेटों ने इसे समीकरण से बाहर कर दिया है. विकेट में इतनी स्पीड नहीं है कि गेंद बल्ले का किनारा ले जैसा कि हमनें इंग्लैंड में कुछ अधिक मूवमेंट के साथ उनके खिलाफ किया था.'

टेस्ट मैचों में इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज एंडरसन ने चौथे क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन के खेल के बाद कहा, 'जब यह (स्पीड और मूवमेंट) नहीं होते, तो वह इस तरह के हालात में खेलने का आदी है. वह स्पिन का काफी अच्छा खिलाड़ी है और अगर आप सटीक नहीं हो और मौकों का फायदा नहीं उठाते तो वह आपको परेशान करेगा.'

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