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एकतरफा प्यार में पागल प्रेमी ने कर दी लड़की की हत्या

दिल्ली से लगा नोएडा भले ही हाईटेक सिटी के रूप में विकसित हो रहा है, लेकिन आए दिन होने वाले अपराध इस औद्योगिक नगरी के माथे पर कलंक की तरह हैं. 31 मई, 2017 की सुबह नोएडा के सेक्टर-62 स्थित पौश सोसाइटी शताब्दी रेल विहार को भी एक ऐसे आपराधिक कलंक से दोचार होना पड़ा, जो इस सोसायटी के रहवासियों की कल्पना से भी परे था.

उस दिन सुबहसुबह रेलविहार सोसाइटी के पार्किंग के पास एक युवती खून से लथपथ पड़ी मिली. उस के सिर से काफी खून बह चुका था. सोसाइटी में जिस ने भी सुना सन्न रह गया. जरा सी देर में वहां काफी लोग एकत्र हो गए. आननफानन में कुछ लोग उस युवती को नजदीकी अस्पताल ले गए. लेकिन डाक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया. वहीं पता चला कि मृतका के सिर में गोली मारी गई थी.

सोसायटी में लोगों की भीड़ लग चुकी थी. उन्हीं में से किसी ने इस वारदात की सूचना थाना सैक्टर-58 को दे दी थी. सूचना मिलते ही थानाप्रभारी दिलीप सिंह बिष्ट और सीओ अजय कुमार वहां आ पहुंचे. पुलिस ने मौका मुआयना किया तो वहां पिस्टल का एक खाली कारतूस पड़ा मिला, जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया. पुलिस ने डौग स्क्वायड को भी मौके पर बुलवाया, लेकिन उस से कोई खास मदद नहीं मिली.

अलबत्ता इस बीच मृतका की शिनाख्त जरूर हो गई. उस का नाम अंजली राठौर था. 22 वर्षीया अंजली उर्फ अन्नू मूलरूप से हरियाणा के यमुनानगर निवासी तेजपाल सिंह की बेटी थी और नोएडा के सैक्टर-64 स्थित लावा मोबाइल कंपनी में बतौर इंजीनियर नौकरी करती थी.

अंजली सोसाइटी के एक टावर में तीसरी मंजिल पर बने एक फ्लैट में रूममेट युवतियों के साथ रहती थी. पुलिस ने अंजली के मोबाइल से नंबर तलाश कर उस के घर वालों को इस घटना की सूचना दे दी.

हैरानी की बात यह थी कि इस दुस्साहसिक वारदात का किसी को पता तक नहीं चल सका था. घटना का पता तब चला, जब 7 बजे एक युवती बैंक की कोचिंग क्लास में जाने के लिए निकली. सब से पहले उसी ने अंजली को ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग के पास पड़ी देखा. उसे लगा कि अंजली सीढि़यों से गिरी होगी. इस के बाद ही वहां लोग एकत्र हुए और अंजली को अस्पताल ले गए.

पुलिस के सामने सब से बड़ा सवाल यह था कि इतनी बड़ी घटना आखिर क्यों और कैसे हुई? जाहिर था हत्यारा बाहर से ही आया होगा. सोसायटी के गेट पर सिक्योरिटी गार्ड रहते थे, वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे थे. पुलिस ने गार्डों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि सुबह 6 बजे के थोड़ा बाद कंधे पर बैग लटकाए एक युवक आया था और कुछ मिनट बाद ही वापस चला गया था.

उस की गतिविधियों पर कोई शक नहीं हुआ, इसलिए किसी ने भी उसे नहीं रोका. उस ने गेट के रजिसटर में एंट्री भी की थी. पुलिस ने रजिस्टर चैक किया तो उस में सन्नू के नाम से एंट्री थी. युवक का मोबाइल नंबर भी लिखा था. उस नंबर पर काल की गई तो वह स्विच्ड औफ मिला.

पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की रिकौर्डिंग देखनी चाही तो पता चला कि मुख्य गेट के कैमरे का फोकस बिगड़ा हुआ था, जिस की वजह से वह युवक आतेजाते उस की जद में नहीं आ पाया था. अच्छी बात यह थी कि पार्किंग साइड का कैमरा सही था.

उस की रिकौडिंग की जांच की गई तो दो पिलर के बीच की रिकौर्डिंग में दिखाई दिया कि युवती बचाव की मुद्रा में भाग रही थी, जबकि हाथ में हथियार लिए वह युवक उस के पीछे दौड़ रहा था.crime story

युवक के कंधे पर बैग था. इस से यह बात साफ हो गई कि यह वही युवक था, जिस का जिक्र गार्ड ने किया था. कैमरे की रिकौर्डिंग से युवक की पहचान साफ नहीं हो पा रही थी.

इस बीच मृतका के घर वाले और नाते रिश्तेदार भी आ गए थे. उन का रोरो कर बुरा हाल था. पुलिस ने अंजली के शव का पंचनामा कर के उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस यह नहीं समझ पा रही थी कि उस युवक की अंजली से आखिर क्या दुश्मनी रही होगी.

मामला प्रेमप्रसंग का भी लग रहा था, क्योंकि वह युवक अंजली की हत्या के इरादे से ही आया था. अंजली भी अपनी मर्जी से उस से मिलने फ्लैट से नीचे आई थी. पुलिस ने अंजली के घर वालों से पूछताछ की, लेकिन उन से कोई सुराग नहीं मिल सका.

अंजली के मोबाइल की जांच से पता चला कि सुबह उस के मोबाइल पर अश्वनी यादव नाम के किसी युवक की काल आई थी. अश्वनी के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चल सका. पुलिस ने गेट रजिस्टर में लिखे मोबाइल नंबर की जांच कराई तो वह अश्वनी के नाम पर ही निकला. पुलिस ने अंजली के पिता तेजपाल सिंह की तहरीर पर अश्वनी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. बड़ा सवाल यह भी था कि ऐसे कौन से हालात थे कि अश्वनी अंजली का हत्यारा बन गया?

मामला सनसनीखेज भी था और एक इंजीनियर की हत्या का भी. एसएसपी लव कुमार ने अपने अधीनस्थ अफसरों को इस मामले में शीघ्र काररवाई करने के निर्देश दिए. हत्या के खुलासे के लिए एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह के निर्देशन में एक पुलिस टीम का गठन कर दिया गया. अगले दिन पुलिस ने अश्वनी व अंजली के मोबाइल की काल डिटेल्स निकलवाई तो पता चला कि उन के बीच बातें होती रहती थीं.

मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से पुलिस को अश्वनी का पता मिल गया. पता दिल्ली का ही था. पुलिस टीम उस पते पर पहुंची तो जानकारी मिली कि वह पता उस के एक जानने वाले का था, जिस पर उस ने सिमकार्ड लिया था. गनीमत यह रही कि वहां से पुलिस को अश्वनी का पता मिल गया.

वह उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के गांव भावलपुर के रहने वाले शैलेंद्र का बेटा था. उस का मोबाइल भले ही बंद था, लेकिन वारदात के समय और उस के आधे घंटे बाद तक उस की लोकेशन घटनास्थल के आसपास ही थी. इस से यह बात पक्के तौर पर साफ हो गई कि अंजली की हत्या उसी ने की थी.

अगले दिन थानाप्रभारी दिलीप कुमार के नेतृत्व में एक टीम इटावा जा पहुंची. अश्वनी के घर वालों से पूछताछ में पता चला कि वह घटना के बाद घर तो आया था, लेकिन थोड़ी देर रुक कर चला गया था. आशंका थी कि अश्वनी अपने किसी नातेरिश्तेदारों के यहां शरण ले सकता है.

पुलिस ने उस के मोबाइल नंबर हासिल कर के सर्विलांस पर लगा दिए. इस से पुलिस को मोबाइल की लोकेशन के आधार पर अश्वनी के मैनपुरी जिले के गांव अंधियारी में अपने एक रिश्तेदार के यहां छिपे होने की सूचना मिली. पुलिस टीम वहां गई तो 2 जून को वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया.

उसे पकड़ कर नोएडा लाया गया. प्राथमिक पूछताछ में ही उस ने अपने जुर्म का इकबाल कर लिया. पुलिस ने उस से विस्तृत पूछताछ की तो एकतरफा प्यार में पड़े एक ऐसे जुनूनी आशिक की कहानी निकल कर सामने आई, जो हर हाल में अंजली को अपना बनाना चाहता था.

दरअसल अंजली और अश्वनी ने पंजाब के जालंधर स्थित लवली यूनिवर्सिटी में एक साथ पढ़ाई की थी. दोनों के बीच गहरी दोस्ती थी. अश्वनी ने बीसीए किया था, जबकि अंजली ने बीटेक. सन 2016 में दोनों ने अपना कोर्स पूरा किया. बीटेक करते ही अंजली की नौकरी लावा कंपनी में लग गई.crime story

दूसरी ओर अश्वनी के परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी. उस के पिता साधारण किसान थे. उन्होंने मुश्किलों से बेटे को पढ़ाया था और उसे अच्छा इंसान बनाना चाहते थे. यह बात अलग थी कि काफी प्रयासों के बाद भी जब उसे कोई अच्छी नौकरी नहीं मिली तो उस ने दिल्ली के लाजपतनगर में कपड़े के एक शोरूम में काम करना शुरू कर दिया. वह और अंजली फोन पर बातें किया करते थे. अश्वनी उस का अच्छा दोस्त था, लिहाजा वह उसे अच्छी नौकरी के लिए प्रयास करते रहने की सलाह देती थी.

अंजली को उस की फिक्र है, यह बात अश्वनी को गुदगुदाती थी. वह अपने कैरियर से ज्यादा अंजली के बारे में सोचता रहता था. जबकि अंजली अपनी नई नौकरी से खुश थी और मन लगा कर काम कर रही थी. अंजली को इस की खबर भी नहीं थी कि अश्वनी उसे एकतरफा प्यार करता है. हालांकि कई बार बातों और इशारों में उस ने अंजली के सामने जाहिर करने का प्रयास तो किया था, लेकिन वह समझ नहीं सकी. अश्वनी मन की बात खुल कर इसलिए नहीं कह पाता था कि कहीं अंजली नाराज हो कर उस से दूर न हो जाए.

अंजली के कुछ शुभचिंतक छात्रछात्राओं को पता चला कि अश्वनी उसे एकतरफा प्यार करता है तो उन्होंने उसे उस से सावधान रहने को कहा. बहरहाल, समय अपनी गति से चलता रहा. काम की व्यस्तता में अब अंजली की अश्वनी से बातचीत कम होने लगी.

इसी साल जनवरी, 2017 में अश्वनी की नौकरी छूट गई, जिस के बाद वह अपने गांव चला गया. गांव जा कर उस का दिमाग और भी खाली हो गया. उस ने अपने दिल की बात अंजली को बता कर उसे हासिल करने की सोची. उस ने फोन पर अंजली से प्यारभरी बातें कीं तो उस ने उसे समझा दिया, ‘‘अश्विनी, मैं तुम्हें अपना अच्छा दोस्त मानती हूं, इस से ज्यादा कुछ नहीं.’’

इस से अश्वनी को झटका लगा. अंजली से उस की बातचीत पहले ही कम हो गई थी. जब किसी इंसान की अपेक्षाओं को चोट पहुंचती है तो कई बार गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं और इंसान बातों का मतलब अपने हिसाब से खोजने लगता है. अश्वनी के साथ भी ऐसा ही हुआ. उसे लगा कि अंजली का नोएडा में किसी युवक से प्रेमप्रसंग चल रहा है, इसलिए अब वह उस से बात नहीं करती. यह सोच कर उस के सिर पर अंजली को पाने का फितूर सवार हो गया. उस के दिल में अंजली के लिए इतना प्यार था कि उस के बिना वह जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता था. अंजली के व्यवहार से उसे लगा कि वह अपने नए प्रेमी के चक्कर में उस से दूर हो रही है, इसलिए वह उस प्रेमी को ही रास्ते से हटा देगा.

लेकिन परेशानी यह थी कि वह अंजली के किसी प्रेमी को नहीं जानता था. ऐसी स्थिति में यह जानकारी अंजली ही दे सकती थी. उस ने सोच लिया कि वह नोएडा जा कर अंजली के प्रेमी को तो रास्ते से हटाएगा ही, साथ ही अंजली के सामने भी अपने प्यार का खुल कर इजहार करेगा.

अश्वनी के ही गांव का उस का एक दोस्त था विपुल. उस ने विपुल को सारी बातें बताईं तो वह दोस्ती की खातिर उस का साथ देने को तैयार हो गया. विपुल ने आपराधिक किस्म के एक व्यक्ति कोरा से संपर्क कर के एक सप्ताह के लिए 3 हजार रुपए में किराए पर .32 बोर की पिस्टल ले ली. उस ने अंजली को भी फोन कर दिया कि वह उस से मिलने के लिए आएगा.

30 मई को वह अपने दोस्त के साथ नोएडा पहुंच गया. उस ने अंजली को फोन किया और उस से मिलने की जिद की तो औफिस टाइम के बाद उस ने उसे सोसाइटी में आ कर मिलने को कहा. करीब 8 बजे वह सोसाइटी में उस से मिलने आ गया. दोनों के बीच काफी देर तक बातें हुईं.

अश्वनी ने उस की आंखों में आंखें डाल कर कहा, ‘‘मैं तुम से प्यार करता हूं अंजली. यही बात तुम्हें समझाना चाहता हूं, लेकिन तुम समझने को तैयार नहीं हो.’’

बदले में अंजली ने हलके गुस्से का इजहार किया, ‘‘क्योंकि तुम ऐसी बात समझाना चाहते हो, जो मैं समझना नहीं चाहती. मेरे सामने कैरियर है अश्वनी. तुम्हें भी इन बातों को छोड़ कर अपना ध्यान अपने कैरियर पर लगाना चाहिए.’’crime story

‘‘दिल को समझाना इतना आसान होता तो मैं कब का संभल गया होता, लेकिन मेरे लिए यह मुमकिन नहीं है. मैं ने दिल से तुम्हें चाहा है.’’ गंभीरता से कही गई उस की बातें सुन कर अंजली हैरान रह गई.

‘‘मैं तुम्हें किस तरह समझाऊं अश्वनी? प्लीज, ऐसी बातों को भूल जाओ. तुम ऐसे ही रहे तो मैं तुम से दोस्ती भी नहीं रख पाऊंगी.’’

अश्वनी को अंजली की एकएक बात कांटे की तरह चुभ रही थी. मन ही मन उस ने जो ढेरों ख्वाब सजाए थे, वे कांच की तरह टूट रहे थे. उसे पक्का यकीन हो गया था कि अंजली जरूर किसी के प्यार में पड़ी है.

‘‘अच्छा, मैं तुम्हें एक रात और सोचने का मौका देता हूं. अच्छी तरह सोच कर सुबह जवाब दे देना, साथ ही अपने जवाब से पहले मुझे उस लड़के का नाम भी बता देना, जिस से तुम प्यार करती हो.’’

अंजली को चूंकि इस मुद्दे पर कुछ सोचना ही नहीं था, इसलिए उस ने पीछा छुड़ाने के लिए कहा, ‘‘अच्छा ठीक है, अब जाओ.’’  इस के बाद वह चला गया.

रात उस ने एक गेस्टहाउस में करवटें बदल कर बिताईं. उस की जिंदगी का एक ही उद्देश्य था अंजली को प्यार के लिए तैयार करना और उस के साथ दुनिया बसाना. दिन निकलते ही 6 बज कर 5 मिनट पर उस ने अंजली को फोन मिला कर कहा, ‘‘मैं आ रहा हूं अंजली.’’

‘‘क्या करोगे आ कर. मैं निर्णय ले चुकी हूं.’’

‘‘क्या?’’ उस ने उत्सुकता से पूछा तो अंजली ने बेरुखी से जवाब दिया, ‘‘यही कि तुम्हें अपने कैरियर पर ध्यान देना चाहिए. एक और बात, मैं तुम से दोस्ती नहीं रखना चाहती.’’

कहने के साथ ही अंजली ने फोन काट दिया तो अश्वनी तड़प उठा. फिर भी उस ने सोसायटी जाने की ठान ली. वह खतरनाक इरादा बना चुका था कि अंजली से आखिरी बार बात जरूर करेगा और अगर उस ने अब भी इनकार किया तो वह उसे गोली मार कर खुद को भी खत्म कर लेगा.

इसी इरादे के साथ वह शताब्दी रेलविहार सोसायटी पहुंच गया. उस का दोस्त विपुल बाहर ही खड़ा रहा. सोसायटी के गेट पर एंट्री रजिस्टर में उस ने सन्नू नाम से एंट्री की और अंदर चला गया. यह उस के घर का नाम था. उस ने अंजली को फोन कर के आखिरी बार नीचे आ कर मिलने को कहा. वह नीचे आ गई. दोनों पार्किंग में सीढि़यों के पास खड़े हो गए.

‘‘तुम किसी और से प्यार करती हो अंजली? मुझे अपने उस प्रेमी का नाम बता दो. मैं उसे खत्म कर दूंगा, ताकि तुम मेरी हो सको.’’

‘‘ऐसी कोई बात नहीं है अश्वनी. प्लीज, तुम जाओ. और हां, आइंदा मुझे परेशान करने की कोशिश मत करना.’’

अंजली की बात सुन कर अश्वनी बुरी तरह हताश हो गया. उस की हालत हारे हुए जुआरी जैसी हो गई.

‘‘नहीं, मैं आखिरी बार पूछ रहा हूं. उस का नाम बता दो और मेरा दिल मत तोड़ो.’’ उस ने कठोर लहजे में जिद की तो अंजली ने भी वैसा ही रुख अपनाया, ‘‘क्या बकवास कर रहे हो तुम. मुझे कोई बात नहीं करनी.’’

यह सुनते ही अश्वनी गुस्से में बोला, ‘‘बात तो तुम्हें करनी होगी.’’ गुस्से से तिलमिलाते हुए उस ने बैग से पिस्टल निकाल कर अंजली पर तान दी, ‘‘आज मैं तुम्हारा किस्सा ही खत्म कर दूंगा. तुम मेरी नहीं तो किसी और की भी नहीं हो सकती.’’

उस के खतरनाक इरादे भांप कर अंजली के पैरों तले से जमीन खिसक गई. वह जल्दी में बोली, ‘‘तुम पागल हो गए हो अश्वनी?’’

‘‘हां, मैं पागल हो गया हूं.’’

स्थिति ऐसी बन गई थी कि एकाएक अंजली की समझ में कुछ नहीं आया. कुछ नहीं सूझा तो वह मुड़ कर तेजी से भागी और एक पिलर की आड़ में छिपने की कोशिश करने लगी. अश्वनी भी उस के पीछे दौड़ा और उस के सिर को टारगेट बना कर उस पर गोली चला दी. गोली लगते ही अंजली गिर पड़ी. कुछ ही देर में उस ने दम तोड़ दिया. इस के बाद अश्वनी ने खुद की कनपटी पर पिस्टल तान कर ट्रिगर दबाया, लेकिन गोली नहीं चली. इस पर पिस्टल बैग में रख कर वह वहां से निकल गया.

रास्ते में उस ने सैक्टर-62 स्थित बी ब्लाक की झाडि़यों में पिस्टल फेंक दी. अपना मोबाइल भी उस ने स्विच्ड औफ कर दिया. वह और उस का दोस्त वहां से औटो पकड़ कर सीधे आनंद विहार बसअड्डे पहुंचे और बस से गांव चले गए.

अश्वनी को पता था कि पुलिस उस की तलाश जरूर करेगी, इसलिए वह अपने रिश्तेदारों के यहां छिप कर घूमता रहा. घर वालों से वह दूसरे नंबरों से बात करता था. आखिर वह पुलिस की पकड़ में आ ही गया. पुलिस ने उस की निशानदेही पर 2 कारतूस सहित हत्या में प्रयुक्त .32 बोर की पिस्टल बरामद कर ली.

3 जून को पुलिस अधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर के पत्रकारों को उस की करतूत बताई और उसी दिन उसे माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

अश्वनी की जिद व जुनून ने दोस्ती के रिश्ते को भयानक अंजाम पर पहुंचा दिया. 2 लोगों के बीच दोस्ती हो जाना कोई बात नहीं, लेकिन अश्वनी की उग्र प्रवृत्ति ने अंजली को असमय मौत दे कर उस के परिवार को तो गम दिया ही, साथ ही उस ने उस के खून से हाथ रंग कर अपना भविष्य भी चौपट कर लिया. अश्वनी ने हसरतों को लगाम दे कर विवेक से काम लिया होता या अंजली उस के सनकी मिजाज को भांप गई होती तो शायद ऐसी नौबत कभी न आती.

कथा लिखे जाने तक अश्वनी की जमानत नहीं हो सकी थी. अश्वनी का दोस्त विपुल फरार है. पुलिस उस की तलाश कर रही है.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

कम खर्च में अच्छा मेकअप चाहती हैं, तो इन मेकअप प्रोडक्ट्स पर गौर करें

अगर आप मेकअप पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना चाहतीं और कम समय में जल्द से जल्द मेकअप करना चाहती हैं, तो मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स को अपनी पहली पसंद बना सकती हैं. ये मल्टी टास्किंग होने के साथसाथ काफी किफायती भी हैं.

क्यों खरीदें मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स

मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स का चुनाव हर तरह से फायदेमंद है. 1 के दाम में 2 प्रोडक्ट्स खरीदे जा सकते हैं जैसे अगर मौइश्चराइजर क्व120 और सनस्क्रीन क्व100 का है, तो सनस्क्रीन युक्त मौइश्चराइजर क्व150 में मिल सकता है, जिस में मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन दोनों के गुण होते हैं.

जितना समय एक मेकअप प्रोडक्ट लगाने में लगता है उतने समय में 2 लगाए जा सकते हैं जैसे अगर चेहरे पर पहले मौइश्चराइजर फिर फाउंडेशन लगाती हैं तो मौइश्चराइजर लगाने में 1 और फाउंडेशन लगाने में 2 मिनट लगते हैं, जबकि फाउंडेशन युक्त मौइश्चराइजर सिर्फ 1 मिनट में पूरे चेहरे पर लगा सकती हैं.

मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स को कैरी करना भी आसान है. अलग से लिपस्टिक और आईशैडो का पैलेट कैरी करने से बैग की काफी जगह भर जाती है. जबकि लिपस्टिक कम आईशैडो पैलेट कम जगह में आसानी से ऐडजस्ट होने के साथसाथ लिप और आई मेकअप दोनों के काम आता है.

कौन से मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट खरीदें

अपने वैनिटी बौक्स में इन मल्टीपल मेकअप प्रोडक्ट्स को दें खास जगह:

सनस्क्रीनयुक्त मौइश्चराइजर

मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन रोजाना लगाना जरूरी है. मौइश्चराइजर त्वचा को कोमलता प्रदान करता है, तो सनस्क्रीन सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा की हिफाजत करता है. ऐसे में अलग से मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन खरीदने और लगाने के बजाय सनस्क्रीन युक्त मौइश्चराइजर खरीदें, जो मौइश्चराइजर के साथसाथ सनस्क्रीन का भी काम करे. ओले कंप्लीट, लोरियल पैरिस, गार्नियर स्किन रिन्यू जैसे सनस्क्रीनयुक्त मौइश्चराइजर खरीद सकती हैं.

क्लींजर कम टोनर

स्वस्थ त्वचा के लिए जितनी जरूरत क्लींजर की होती है उतनी ही टोनर की भी होती है. ऐसे में क्लींजर और टोनर दोनों खरीदने के बजाय क्लींजर कम टोनर खरीदें यानी ऐसा क्लींजर खरीदें, जिस में टोनर के भी गुण हों ताकि उस में निहित क्लींजर चेहरे को क्लीन करे और टोनर त्वचा के खुले रोमछिद्रों को बंद कर त्वचा में कसाव लाए.

टिंटेड मौइश्चराइजर

पहले चेहरे पर मौइश्चराइजर उस के बाद फाउंडेशन अप्लाई करने से बचना चाहती हैं, तो मेकअप बैग में टिंटेड मौइश्चराइजर को जगह दे सकती हैं. इस में मौइश्चराइजर के साथसाथ फाउंडेशन के भी गुण होते हैं. यह रूखी त्वचा को मुलायम बनाता है और इस में पाया जाने वाला फाउंडेशन मेकअप के लिए परफैक्ट बेस भी रैडी करता है. कुछ टिंटेड मौइश्चराइजर में सनस्क्रीन भी होता है. अच्छे परिणाम के लिए क्लीनिक, मैरी के, नार्स जैसे टिंटेड मौइश्चराइजर खरीद सकती हैं.

बीबी/सीसी/डीडी क्रीम

मौइश्चराइजर, सीरम, सनस्क्रीन, प्राइमर, कंसीलर, फाउंडेशन आदि को बारीबारी से लगाने से बचना चाहती हैं, तो एक ही बार में सब कुछ एकसाथ बीबी या सीसी क्रीम से लगाएं. अगर इन दोनों में से किसी एक का इस्तेमाल करने के बाद भी ऐंटीऐजिंग क्रीम लगानी पड़ रही है, तो डीडी क्रीम खरीदें. इस से अलग से ऐंटीऐजिंग क्रीम नहीं लगानी होगी. बीबी और सीसी क्रीम के लिए पौंड्स, मेबलिन, लैक्मे आदि का चुनाव कर सकती हैं.

पैंसिल आईलाइनर

अपने मेकअप बौक्स में आईलाइनर और काजल दोनों रखने के बजाय एक पैंसिल आईलाइनर खरीदें. इस का इस्तेमाल काजल की तरह निचली आईलाइनर पर लगाने के लिए कर सकती हैं और आईलाइनर की तरह आंखों की निचली और ऊपरी दोनों आईलिड पर भी लगा सकती हैं. इस तरह एक कौस्मैटिक से 2 काम कर सकते हैं.

टु साइडेड पैंसिल

बाजार में ड्यूअल पैंसिल की भी काफी डिमांड है. यह पैंसिल 2 मेकअप प्रोडक्ट्स का काम करती है. इस के एक ओर लिपलाइनर तो दूसरी ओर आईब्रो पैंसिल होती है. इसी तरह कुछ पैंसिल्स के एक तरफ लिपलाइनर तो दूसरी ओर आईलाइनर होता है यानी 1 से 2 का काम निकाला जा सकता है.

ग्लौसी लिपस्टिक

चूंकि आप को मेकअप का ग्लौसी इफैक्ट पसंद है, इसलिए आप होंठों पर लिपस्टिक के बाद लिपग्लौस लगाती हैं, तो अपने होंठों पर

2 मेकअप प्रोडक्ट्स लगाने में लगने वाले समय को बरबाद करने के बजाय ग्लौसी लिपस्टिक खरीदें. इसे लगाने के बाद आप को लिपस्टिक के ऊपर फिर से ग्लौस लगाने की जरूरत नहीं होगी.

कलर टिंट

लिपस्टिक के साथ ही ब्लशर का काम करने वाले कलर टिंट की भी बाजार में ढेरों वैराइटी उपलब्ध हैं. यह आप को अलगअलग कलर के साथसाथ मैट और ग्लौसी 2 डिफरैंट टैक्स्चर में भी आसानी से मिल जाएगा. ऐसे में आप मौके के अनुसार शेड और टैक्स्चर का चुनाव कर सकती हैं.

मल्टीपर्पज पैलेट

अगर आप डिफरैंट शेड की लिपस्टिक या आईशैडो लगाने की शौकीन हैं और उस के लिए लिपस्टिक या आईशैडो पैलेट खरीदने का मन बना रही हैं, तो सिर्फ लिपस्टिक पैलेट या आईशैडो पैलेट खरीदने के बजाय मल्टीपर्पज पैलेट खरीदें, जिस का इस्तेमाल लिपस्टिक और आईशैडो दोनों के लिए कर सकती हैं.

कलर स्टिक

बाजार में ऐसा भी मल्टीपर्पज मेकअप प्रोडक्ट है, जिसे थ्री इन वन कह सकते हैं यानी होंठों पर बतौर स्टिक, चीक्स पर ब्लशऔन और आंखों पर आईशैडो की तरह इसे लगाया जा सकता है. इसे कलर स्टिक भी कहते हैं. ज्यादा न सही लेकिन एक कलर स्टिक आप भी खरीद सकती हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि कलर स्टिक लाइट शेड में हो, क्योंकि डार्क शेड आप लिपस्टिक के लिए यूज कर सकती हैं, लेकिन आईशैडो और ब्लशऔन के लिए डार्क शैड जरूरी नहीं कि आप पर सूट करे.

आपकी जिंदगी में घुला हर रंग कुछ कहता है

रंगों ने हमारी सोच, भावनाओं और बौद्धिकता को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है. अत्यधिक आकर्षक, आसानी से नजर आने वाले और विविधता भरे रंगों में कुछ खास प्रकार की ऊर्जा उत्सर्जित करने की ताकत होती है. ये रंग हमारे दिलोदिमाग को प्रभावित कर सकते हैं. यदि इन्हें सही अनुपात में शामिल किया जाए, तो कुछ खास तरह के रंग और उन के मिश्रित रूप काफी जीवंतता ला सकते हैं.

सजावट की अलगअलग चीजों जैसे पेंटिंग, लैंप, फूलदान, वालपेपर, फूल, पौधे, लाइट, कलाकृतियां, मूर्तियां, फर्नीचर आदि को शामिल कर के विभिन्न रंगों को शामिल किया जा सकता है. इस के साथ ही घर की खूबसूरती को बढ़ाने वाले सजावटी सामान, मोमबत्तियों से ले कर सौफ्ट फर्निशिंग जैसे परदे, ड्रैप, साजोसामान, कुशन, ट्यूब पिलो, बैड और बाथरूम लिनेन, डाइनिंग टेबल सैट, मैट और रनर से भी रंगों को जोड़ा जा सकता है. साथ ही किचन वेयर जैसे सर्व वेयर, क्रौकरी, बेक वेयर, मग, ट्रे आदि भी रंगों को शामिल करने का अच्छा तरीका हो सकते हैं. पूरी दुनिया कला के बेहतरीन नमूनों से भरी है, जिन्हें घर में सजा कर उसे बहुआयामी, सुंदर और आकर्षक बनाया जा सकता है.

ट्रैंडी शेड्स, पैटर्न और प्रिंट में उपलब्ध ये इंटीरियर फैब्रिक वेयर घर की सजावट में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं और वह भी किफायती दाम में और बिना ज्यादा देखभाल के.

कला के रंग थोड़े पेचीदा होते हैं, इसलिए सही चीज का और सही मात्रा में चुनाव करें. ऐक्सपर्ट की राय भी ली जा सकती है. रंग को समझना कि उस के लिए क्या सही और क्या गलत है, उस की ऊर्जा और उस का प्रभाव क्या है, ये सारी चीजें एक नया बालगेम हैं. ये रंग आप के व्यक्तित्व को समझने में मदद करेंगे.

लाल: यह गतिशीलता, उत्साह और दृढ़संकल्प का रंग है. यह रंग बहुत ही तेज है और आधुनिक संदर्भों में इस का अर्थ शक्तिशाली और प्रभावी हो गया है. यह रंग तानाशाही, तुरंत क्रोधित हो जाने वाले और निडर होने का प्रतीक है. लाल रंग जितना सुंदर होता है इसे पसंद करने वाले भी उतने ही उत्साही, आत्मविश्वासी और मुखर होते हैं.

नीला: यह रंग विश्वास, ईमानदारी, निष्ठा, सुव्यवस्था, शांति और धैर्य का प्रतीक है. जिन लोगों को नीला रंग पसंद आता है, वे दयालु, आशावादी, अनुमानित, अकेले और माफ न करने वाले होते हैं.

हरा: जिन लोगों को हरा रंग पसंद आता है उन में दिल और दिमाग का सही संतुलन होता है. वे प्रकृति प्रेमी, संवेदनशील, अनुकरणीय, व्यवहारकुशल, परिवार के लिए समर्पित होते हैं.

पीला: पीला भी सकारात्मकता और नकारात्मकता का मिश्रित रंग होता है. यह रंग आशावादी, उत्साह, बुद्धिमत्ता और तार्किकता को दर्शाता है. साथ ही यह व्यक्ति को विश्लेषी, डरपोक और अहंकारी बनाता है.

सफेद: यह पूर्णता का रंग है, जो प्रेरणा और गहराई प्रदान करता है. स्वतंत्रता और पवित्रता का प्रतीक माना जाने वाला यह रंग एकता, सद्भाव, समानता और पूर्णता प्रदान करता है.

बैगनी: जो लोग बैगनी रंग पसंद करते हैं वे सौम्य, उत्साही और करिश्माई व्यक्तित्व वाले होते हैं. वे दूसरों पर निर्भर रहने वाले होते हैं, इसलिए रोजमर्रा की जिम्मेदारियों को लेने से बचते हैं. ये लोगों को आसानी से पहचान लेते हैं. इन्हें सत्ता पसंद आती है.

धूसर: यह सब से अधिक ग्लैमरस रंग है, जो निराशाजनक होने के बावजूद सुंदर है, बोरिंग हो कर भी परिपक्व है, उदासीन होने पर भी क्लासिक है. यह शेड स्थिरता एवं शालीन तरंगों के साथ गरिमामयी महिमा का वर्णन करता है. यह अनिश्चितता और अलगाव को भी दर्शाता है.

भूरा: इस रंग को पसंद करने वाले गंभीर, जमीन से जुड़े होने के बावजूद भव्यता की झलक देते हैं. ये लोग सहज, सरल, निर्भर होने के बावजूद कई बार कंजूस और भौतिकवादी होते हैं.

काला: दृढ़, सीमित, सुंदर, आकर्षक और ठंडक देने वाला काला रंग काफी गहरा होता है, जिसे कई लोग अशुभ करार दे सकते हैं. यह रंग रहस्य, नकारात्मकता, निराशा और रूढिवादिता को दर्शाता है.

नारंगी: अत्यंत चटकीला रंग नारंगी मुखर और रोमांच चाहने वालों का रंग है. आशावादी, खुशमिजाज, सहृदयी और स्वीकार्य होने के साथसाथ यह रंग सतही, असामाजिक और उन लोगों का प्रतीक है, जो अत्यधिक अहंकारी होते हैं.

फैस्टिव फैशन में अब आ गया है फ्यूजन का सीजन

त्योहारों के खास मौसम में पारंपरिक पहनावे की मांग हमेशा कायम रहती है. भारतीय महिलाओं के फैशन की बात करें, तो उन के स्टाइल स्टेटमैंट में पारंपरिक वेशभूषा का जादू हमेशा छाया रहता है. हालांकि 2017 में कुछ अलग अंदाज के पारंपरिक परिधानों का फैशन छाया रहेगा. अब युवतियां त्योहारों के लिए सूट या साडि़यों की अपेक्षा नए पारंपरिक पहनावे को प्राथमिकता दे रही हैं.

धीरेधीरे महिलाओं में पारंपरिक रंगों से हट कर हलके रंगों का क्रेज बढ़ रहा है. अब वे पेस्टल मिंट ग्रीन, शैंपेन गोल्ड और जेस्टी औरेंज जैसे हलके शेड्स के परिधानों को अपने वार्डरोब में शामिल कर रही हैं. इन रंगों से उन के संपूर्ण व्यक्तित्व में ताजगी और चमक देखी जा सकती है. यही नहीं अब उन का ध्यान ज्यादा कढ़ाई वाले भारी परिधानों से हट कर हलके परिधानों की ओर जा रहा है. इस सूची में हम ने शामिल किए हैं पारंपरिक परिधानों के वे ट्रैंड्स, जो 2017 के त्योहारी मौसम में हर ओर छाए रहेंगे.

हाईनैक और कौलर: बंद गले या कौलर वाली कुरतियां पारंपरिक परिधानों को फौर्मल यानी औपचारिक लुक प्रदान करती हैं. दोस्तों से मिलने जाना हो या किसी कौरपोरेट मीटिंग अथवा कौन्फ्रैंस का हिस्सा बनना हो, ये कुरतियां हर अवसर के लिए उपयुक्त रहती हैं. रैट्रो प्रिंट्स वाली बंद गले की कुरतियां इस वर्ष के अपरंपरागत फैशन की सूची में शामिल रहेंगी. खास जियोमैट्रिकल पैटर्न और रफ किनारों की डिजाइन वाली कुरतियां पहन कर आप लोगों को मुड़मुड़ कर देखने को मजबूर कर देंगी. ब्रोकेड या चंदेरी सिल्क से बनी बंद गले या कौलर वाली कुरतियां आप को खास शाही अंदाज देंगी. चंदेरी सिल्क के ट्राउजर या ऐक्सैसरी के प्रयोग के साथ इन्हें पेयर किया जा सकता है.

बोहो स्कर्ट: हर युवती की अलमारी में स्कर्ट का एक अहम स्थान होता है. इस वर्ष फूलों, कलियों और पत्तियों के रूपांकन वाली पारंपरिक प्रिंटेड स्कर्ट्स को स्टाइलिश और चिक शर्ट्स, टौप्स और ट्यूनिक्स के साथ पहना जाएगा. औफिस पार्टियों, त्योहारों और शादियों के इस मौसम में इस बोहो इंडोवैस्टर्न ट्रैंड को अपना कर युवतियां अपना जादू बिखेर सकती हैं. त्योहारों में खास व अलग दिखने के लिए आप इन बोहो स्कर्ट्स को क्रौप टौप या भारी दुपट्टे के साथ पेयर कर सकती हैं.

स्लिट्स: हालिया लौंच हुई ये ऐक्सटैंडेड स्लिट्स देंगी परिधानों को नया और आधुनिक बदलाव. चिक डिजाइनों को दिया गया है बोल्ड स्लिट्स का साथ, जो पारंपरिक फैशन को एक नया रूप प्रदान करेगा. युवतियों में स्लिट वाली कुरतियां बहुत मशहूर हो रही हैं. यह ट्रैंड उन्हें शाही और आधुनिक लुक प्रदान करेगा. खासतौर पर पैटर्न वाली स्लिट कुरतियों की भारी मांग है. ट्राउजर, जींस और प्लाजो के साथ इन कुरतियों को पेयर कर युवतियां अपने लुक को बदल सकती हैं. यह प्रयोग इस सीजन बहुत हीट रहेगा.

त्योहारों के इस सीजन में पारंपरिक कुरतियों के साथ प्लाजो की ज्यादा मांग रहेगी. जक्सटापोज प्रिंट वाले प्लाजो न सिर्फ खूबसूरत व अनोखे दिखते हैं, बल्कि आप के पहनावे को भी खास लुक प्रदान करते हैं. इस फैस्टिव सीजन स्लिट कुरतियों में मिंट ग्रीन, कोरल, इंडिगो ब्लू और औरेंज जैसे रंग बेहद लोकप्रिय रहेंगे.

केप्स: एक मशहूर पश्चिमी स्टाइल अब भारतीय फैशन ट्रैंड में भी घुलमिल चुका है. केप किसी भी बौडी टाइप की युवती आसानी से पहन सकती है. अगर पारंपरिक परिधान को बिलकुल नए अंदाज में परोसना चाहती हैं, तो अपनी साधारण सी कुरती, फैंसी लहंगे या सैंसुअल साड़ी के ऊपर केप पहन कर देखें. यह आप के व्यक्तित्व को नया लुक देगा.

फैस्टिव सीजन के लिए बेहद सुंदर पैटर्न, स्टाइल और टैक्सचर में ये केप्स उपलब्ध हैं.

नैट मैटीरियल में भारी ऐंब्रौयडरी वाले काम के साथ केप्स मौजूद हैं और अगर शाही लुक चाहती हों तो केप में लेस का प्रयोग भी किया जा सकता है.

ऐसिमैट्रिक हेम: विशेष कट्स वाले ऐसिमैट्रिक हेम्स को डिजाइनर्स और युवतियों में बहुत पसंद किया जा रहा है. इस स्टाइल को लगभग हर डिजाइनर अपने लेटैस्ट कलैक्शन में शामिल कर रहा है. अपना ट्रैंडी स्टाइल स्टेटमैंट बनाने के लिए इन ऐसिमैट्रिक कुरतियों को पटियाला सलवार, लैगिंग और प्लाजो के साथ पहना जा सकता है. ऐसिमैट्रिक हेम तिरछी डिजाइन का भी हो सकता है तो टु वेज या हाई लो भी. इस पैटर्न में अभी और रचनात्मक डिजाइनों पर काम चल रहा है. त्योहारों के इस मौसम के लिए यह सब से उपयुक्त फ्यूजन लुक माना जा सकता है.

वैस्टर्न साड़ी: भारतीय परंपरागत पहनावे में बड़ी तेजी से बदलाव देखे जा रहे हैं. आजकल आधुनिक ट्विस्ट के साथ साडि़यों को बिलकुल नया लुक दिया जा रहा है. गाउन की तरह पहनी जाने वाली ये साडि़यां अंतर्राष्ट्रीय फैशन को कड़ी चुनौती दे रही हैं. पुराने स्टाइल वाले ब्लाउज के बजाय युवतियां इन फिटिंग वाली साडि़यों को ब्लेजर, क्रौप टौप और ट्यूब के साथ पहन कर अपनी कर्वी बौडी में इठला रही हैं. ऐक्सैसरी के तौर पर साड़ी के साथ बैल्ट पहन कर साड़ी के इस पश्चिमी रूपांतरण को नया लुक मिलेगा.

साड़ी को सर्वश्रेष्ठ पारंपरिक पहनावा माना जाता है, इसे कई तरीकों से ड्रैप किया जा सकता है. त्योहारों के इस मौसम में अपनी साड़ी को जरा अलग अंदाज में पहन कर अपने लुक को बदल लें. आप चाहें तो ब्लाउज में भी अलगअलग कट्स व स्टिचेस का प्रयोग कर सकती हैं. अगर आप की साड़ी सिंपल हो तो उस का ब्लाउज भारी रखें, ब्लाउज के गले व बैक के साथ कई तरह के प्रयोग कर आप त्योहार की शान बन सकती हैं.

लाइट फैब्रिक्स: पारंपरिक फैशन ट्रैड को परिभाषित करने में फैब्रिक्स की अहम भूमिका होती है. परंपरागत हैंडलूम और आधुनिक डिजाइन के मिश्रण से पारंपरिक परिधानों को हलके फैब्रिक में बनाया जा रहा है. कौटन, शिफौन और सिल्क जैसे फैब्रिक्स के साथ ध्यान खींचने वाले पैटर्न्स का इस्तेमाल परिधानों में चार चांद लगा रहा है.

– मोनिका ओसवाल , ऐग्जीक्यूटिव डाइरैक्टर, मौंटे कार्लो

प्रेम विवाह के लिए धर्म परिवर्तन जरूरी क्यों

हिंदू लड़कियों को मुसलिम युवकों से प्रेम करने का अधिकार है या नहीं, आजाद भारत में यह सवाल अब महत्त्व का होता जा रहा है. केरल उच्च न्यायालय ने एक हिंदू लड़की हादिया के विवाह को खारिज कर दिया, क्योंकि उस ने धर्म परिवर्तन कर के एक मुसलिम युवक से विवाह किया था. कट्टर हिंदूवादी संगठन इस तरह के विवाहों को लव जिहाद कह रहे हैं.

उन का मानना है कि यह सुनियोजित ढंग से फिल्म ‘कुर्बान’ की तरह है जिस में सैफ अली खान पहले न्यूयौर्क की एक हिंदू प्रोफैसर करीना कपूर, जो अपने बीमार पिता को देखने भारत आती है, से विवाह करता है और फिर उसे लंदन ले जाता है, जहां उसे आतंकवादी षड्यंत्र में फ्रंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

धर्म परिवर्तन कर के प्रेम विवाह करना अपनेआप में सही नहीं है. यदि धर्म प्रेम में आडे़ नहीं आ रहा है, तो विवाह में भी नहीं आना चाहिए और बिना धर्म परिवर्तन किए ही विवाह करना चाहिए. भारतीय कानूनों में इस तरह के विवाह की स्पैशल मैरिज ऐक्ट के अंतर्गत सुविधा है और आम बोलचाल की भाषा में इसे कोर्ट मैरिज कहते हैं.

वैसे तो सभी विवाह बिना धार्मिक रीतियों के इस कानून के अंतर्गत होने चाहिए और जिस यूनिफौर्म सिविल कोड की बात हिंदूवादी कट्टर सोतेजागते करते हैं वह कांग्रेसी जमाने से मौजूद है. इस कानून के अंतर्गत विरासत का कानून भी धार्मिक बंधनों से मुक्त हो जाता है और संपत्ति बिना लागलपेट मृत्यु बाद बंटती है. तलाक भी सरल है और गोद लेनादेना भी.

जिन्हें जाति, गोत्र, ऊंचनीच की दीवारें तोड़ कर प्रेम विवाह करना है, उन्हें धर्म के बंधन को भी तोड़ना ही होगा. दो धार्मियों के बीच न हिंदू विवाह हो सकते हैं न मुसलिम अथवा फिर ईसाई.

इसलिए प्रेम

के बाद विवाह की सोच रहे हैं, तो रस्मोरिवाजों का चक्कर तो छोड़ना ही होगा. धर्म परिवर्तन चाहे हिंदू से मुसलिम हो या मुसलिम से हिंदू गलत ही है. सामाजिक सुरक्षा चाहिए तो दोनों को अपनाअपना धर्म छोड़ना होगा. वैसे भी इन विवाहों में घर वालों के छूटने का रिस्क तो रहता ही है.

केरल उच्च न्यायालय ने एक प्रेम विवाह को सामाजिक समस्या के आईने से न देख कर राजनीतिक मैग्नीफाइंग ग्लास से देखा है और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तथ्य पता करने के लिए नैशनल इनवैस्टीगेशन एजेंसी बैठा कर आदमीऔरत के संबंध को समाज भर में नंगा कर दिया है. यह वही सुप्रीम कोर्ट है जिस ने हाल ही में निजता पर लंबाचौड़ा सुखद निर्णय दिया है. क्या विवाह करने का निजी अधिकार भी जांच एजेंसियों की मुहर के बाद लागू होगा?

आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स पर पत्थर से हमला करने के बाद भारतीय क्रिकेट फैन्स ने मांगी माफी

आस्ट्रेलियन टीम पर पत्थर से हमला किये जाने के बाद हर जगह इसकी चर्चा हो रही है. आस्ट्रेलियन मीडिया ने भी इस मुद्दे को खूब उछाला. भारत में भी इसकी कड़ी आलोचना हो रही है.

अब इस घटना के बाद कुछ भारतीय क्रिकेट फैंस ने आस्ट्रेलियाई टीम के होटल के पास जाकर उनसे माफी मांगी है. जिसका ट्वीट खुद टीम के ओपनर बल्लेबाज एरान फिंच ने किया.

बता दें कि गुवाहाटी टी-20 में आस्ट्रेलिया ने भारत को 8 विकेट से हराकर शानदार जीत हासिल की थी. मैच जीतने के बाद जब आस्ट्रेलियन टीम बस से वापस होटल लौट रही थी तभी कुछ इंडियन फैन्स ने उनकी बस पर पत्थर से हमला कर बस के शीशे फोड़ दिये थे. बता दें कि इस निराशाजनक घटना के बाद गुवाहाटी के कुछ लोग माफी लिखी हुई तख्ती के साथ आस्ट्रेलियाई टीम के होटल के बाहर खड़े होकर उनसे इस घटना के लिए माफी मांगी है.

मालूम हो कि बुसारापा स्टेडियम से होटल लौटते समय रास्ते में किसी ने क्रिकेट बौल के साइज का पत्थर बस के ऊपर फेंका. जिससे बस की खिड़की का कांच बुरी तरह से टूट गया था. हालांकि उस खिड़की के सीट पर कोई भी खिलाड़ी या स्टाफ नहीं बैठा था. जिससे उन्हें किसी भी तरह का नुकसाननहीं पहुंचा. ’इस घटना के तुरंत बाद आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एरान फिंच ने ट्वीट किया, ”होटल जाते समय रास्ते में टीम बस की खिड़की पर पत्थर फेंका गया. ये बहुत डरावना था.”

वहीं आस्ट्रेलियाई स्टार स्पिनर एडम जम्पा ने इस पूरी घटना को विस्तार से बताते हुए कहा कि ‘मैं अपने कानों में हेडफोन लगाकर गाना सुनते हुए दूसरी तरफ बस को देख रहे थे, तभी अचानक जोर से एक आवाज आई. कुछ सेकेंड के लिए हम सब घबरा गए, ये बेहद ही डरावना था. हमारे सिक्योरिटी गार्ड ने तुरंत हमें बताया कि किसी ने पत्थर फेका है. उनका कहना है कि, कोई भी नहीं चाहता कि इस तरह की घटनाएं हों, ये बेहद निराशाजनक है. भारत में क्रिकेट को लेकर एक अलग ही जुनून है, इसलिए यहां पर ट्रेवल कर पाना बेहद मुश्किल है.

हालांकि इन सब के बाद आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मोएसिज आनरिकेज ने भी एक ट्वीट किया और कहा, ‘खैर बस के साथ जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था, लेकिन इस घटना के बाद आज असम में फैंस और बच्चों से जो प्यार मिला वो बेहद ही शानदार है.

अब टाटा डोकोमो का भारती एयरटेल में विलय का ऐलान

लगता है कि भारतीय दूरसंचार उद्योग विलय व अधिग्रहण के जरिए एकीकरण की राह पर है. इसीलिए तो वोडाफोन इंडिया और आइडिया के विलय के बाद अब टाटा टेलीसर्विसेज का विलय भारती एयरटेल में होने जा रहा है. डोकोमो का एयरटेल में विलय के इस सौदे को दुनिया के सबसे बड़े दूरसंचार बाजारों में से एक भारत में एकीकरण का एक और मजबूत संकेत माना जा रहा है.

भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने इस सौदे को भारतीय मोबाइल उद्योग के सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण घटनाक्रम करार दिया है. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त स्पेक्ट्रम अधिग्रहण से आकर्षक कारोबारी प्रस्थापना बनेगी. वहीं टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा है कि यह समझौता टाटा समूह व इसके भागीदारों के लिए श्रेष्ठ व सबसे बेहतर समाधान है. उन्होंने कहा है कि अनेक विकल्पों पर विचार के बाद एयरटेल के साथ यह समझौता किया गया है. सौदे के बारे में नियामकीय मंजूरी ली जानी है.

प्रस्तावित सौदे के तहत टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) व टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र (टीटीएमएल) के चार करोड़ से अधिक ग्राहक भारती एयरटेल में चले जाएंगे. उल्लेखनीय है कि तथा विश्लेषकों का मानना है कि इस सौदे से इस प्रक्रिया को और बल मिलेगा. इस सौदे के तहत 19 दूरसंचार सर्किलों में टाटा सीबीएम के परिचालन का खुद में विलय करेगी. इस विलय से 1800, 2100 व 850 मेगाहटर्ज बैंड में भारती एयरटेल का स्पेक्ट्रम पूल 178.5 मेगाहटर्ज बढ़ेगा.

उल्लेखनीय है कि टाटा समूह की कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज टेलीफोन कारोबार में अपनी वित्तीय दिक्कतों पर पार पाने की कोशिश कर रही है. दोनों कंपनियों ने एक साझा बयान में कहा है कि यह सौदा कोई ऋण नहीं-कोई नकदी नहीं के आधार पर किया गया है. यानी एयरटेल टाटा टेलीसर्विसेज के 40,000 करोड़ रुपये के कर्ज में अपनी कोई हिस्सेदारी नहीं देगी और न ही उनके किसी नकदी का भुगतान करेगी. यहां तक कि टीटीएसएल द्वारा खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए 9,000-10,000 करोड़ रुपये के विलंबित भुगतान में से 70-80 प्रतिशत हिस्से का भुगतान भी टाटा ही करेगी.

भारती एयरटेल, टाटा संस, टीटीएसएल व टीटीएमएल के बोर्डों ने इस सौदे को मंजूरी दे दी है. इसके अनुसार टाटा व भारती एयरटेल सहयोग के अन्य साझे क्षेत्रों पर भी विचार करेंगी.

इस दिन रिलीज होगी केजरीवाल पर बनी फिल्म

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जिंदगी पर एक डाक्यूमेंट्री-ड्रामा फिल्म ‘एन इन्सिगनिफिकेंट मैन’ 17 नवंबर को रिलीज होगी. फिल्म को अमेरिका की मीडिया कंपनी वाइस लान्च करेगी.

खुशबू रांका और विनय शुक्ला द्वारा निर्देशित यह एक अकाल्पनिक राजनीतिक फिल्म है, जो सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर राजनेता बने अरविंद केजरीवाल के भारतीय राजनीतिक क्षितिज पर उदय को दर्शाती है.

इस फिल्म को ‘मास्टरपीस’ बताते हुए, वाइस ने घोषणा की है कि अब वह फिल्म को पूरे भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज करने के लिए निर्माता आनंद गांधी की मेमिसिस लैब के साथ साझेदारी करेंगे.

वाइस डाक्यूमेंट्री फिल्म्स के कार्यकारी निर्माता, जेसन मोजिका ने कहा, ‘मैंने एन इन्सिगनिफिकेंट मैन टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल 2016 में देखी और मुझे लगा कि यह फिल्म मार्शल करी की ‘स्ट्रीट फाइट’ के बाद जमीनी राजनीति पर बनी सबसे बेहतरीन डाक्यूमेंट्री फिल्म है.’

इस फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी को ऐतराज था. उन्होंने फिल्म रिलीज करने के लिए फिल्म निर्माताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लाने को कहा था. अंत में, फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण ने फिल्म को मंजूरी दे दी.

मोजिका ने कहा, ‘हम पिछले कुछ महीनों में इस फिल्म पर फिल्म निर्माताओं और सेंसर बोर्ड के बीच की लड़ाई पर करीब से नजर रखे हुए थे. वाइस हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे स्वतंत्र फिल्म निमार्ताओं को सहयोग करता रहेगा.’

मोजिका ने आगे कहा, ‘हम फिल्म को विश्वभर में अपने दर्शकों के सामने इसलिए ला रहे हैं, क्योंकि हम मानते हैं कि यह किसी भी व्यक्ति के लिए एक अत्यधिक प्रासंगिक फिल्म है जो अपने राजनीतिक प्रणालियों में समस्याओं को देखता है और जिसमें व्यक्तिगत रूप से चीजों को बदलने की कोशिश करने का जज्बा दिखता है.’

हालांकि सौदे की शर्तो का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि यह फिल्म 22 से ज्यादा देशों में दिखाई जाएगी.

मेमिसिस लैब के आनंद गांधी ने कहा, ‘भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार एक ऐसी फिल्म दिखाई जाएगी, जिसे देखकर लोग समझ पाएंगे कि राजनीतिक दलों में बंद दरवाजों के पीछे क्या होता है.’

इस दीवाली एक रुपए में भी आप खरीद सकते हैं सोना

बढ़ती मंहगाई के बीच सोना खरीदना मुश्किल होता जा रहा है. आप हर दीवाली कुछ ना कुछ सोना जरूर खरीदते हैं लेकिन इस बार बढ़ती मंहगाई को देखते हुए आप अपने पांव पीछे खींच रहे हैं तो परेशान ना हों. आज हम आपको ऐसे उपाय बता रहे हैं, जिनके जरिए आप आसानी से दिवाली पर सोना खरीद सकते हैं.

अगर आप इस दीवाली सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो पेटीएम गोल्ड आपके लिए विशेष औफर लेकर आया है. कंपनी ने ‘दीवाली गोल्ड सेल’ शुरू किया है. इस औफर के तहत आप 10 हजार रुपये या उससे ज्यादा का सोना खरीदते हैं, तो आप इसके साथ 3 फीसदी सोना बिल्कुल मुफ्त पा सकते हैं. यह सेल 10 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और यह 19 अक्टूबर तक जारी रहेगी.

पेटीएम गोल्ड लाया औफर

ई-वालेट पेटीएम के स्वामित्व वाली पेटीएम गोल्ड ने यह औफर पेश किया है. त्योहारी सीजन को ध्यान में रखकर यह औफर लाया गया है. अगर आप इस औफर का फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपको गोल्डफेस्ट प्रोमो कोड का इस्तेमाल करना होगा. इसकी बदौलत आप कम से कम 10 हजार रुपये की खरीद पर 3 फीसदी अतिरिक्त सोना पा सकते हैं.

क्या है पेटीएम गोल्ड 

अगर आप पेटीएम ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो उसमें ही आपको पेटीएम गोल्ड का विकल्प भी मिलता है. पेटीएम का ये उपक्रम आपको 1 रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक का सोना खरीदने की आजादी देता है. यहां आप सोना खरीदने के साथ ही बेच भी सकते हैं. कंपनी का दावा है कि यहां से खरीदा गया सोना इंश्योर्ड होता है.

एक रुपए में खरीदें सोना

आप पेटीएम के प्‍लेटफार्म का उपयोग करते हुए एक रुपये का भी सोना खरीद सकते हैं. पेटीएम के जरिए यह सोना एमएमटीसी-पीएएमपी से कभी भी कहीं से भी एक रुपए से लेकर जितने रुपए का आप चाहें, खरीद सकते हैं. अच्‍छी बात यह है कि छोटे मूल्‍य और मात्रा में आपका यह सोना मुफ्त में एमएमटीसी-पीएएमपी स्‍टोर-लौकर में जमा होता जाएगा, जिसका बिना किसी चार्ज के 100 फीसदी इंश्‍योरेंस हो जाता है.

कंपनी को भरोसा है कि महज 1 रुपए में भी सोना खरीदने की सुविधा का फायदा दिवाली में कंपनी को मिल सकता है. क्योंकि किसी भी कीमत पर भी सोना खरीदने की आजादी होने से हर स्तर के लोग पेटीएम गोल्ड के प्लैटफार्म से सोना खरीदेंगे. इससे सोने की बिक्री बढ़ेगी.

जब चाहें, हो जाएगी डिलिवरी

पेटीएम गोल्‍ड की शुद्धता की 100 फीसदी गारंटी होती है और एक ग्राम होते ही आपके गोल्‍ड की डिलिवरी आपके आदेश पर हो जाएगी. डिलिवरी 1, 2, 5, 10, 20 ग्राम के सिक्‍कों में होती है. इसके साथ ही पेटीएम अपने प्‍लेटफार्म से डिजिटल ट्रांजैक्‍शन करने पर कैशबैक के रूप में डिजिटल गोल्‍ड लेने का विकल्‍प भी आपको देता है.

मैं 17 वर्षीय कालेजगोइंग छात्रा हूं. मेंरे हाथों व चेहरे का रंग सांवला है. रंगत निखारने का कोई घरेलू उपाय बताएं.

सवाल
मैं 17 वर्षीय कालेजगोइंग छात्रा हूं. मेंरे हाथों व चेहरे का रंग सांवला है. अत: रंगत निखारने का कोई घरेलू उपाय बताएं?

जवाब
चेहरे व हाथों की रंगत निखारने के लिए कच्चा दूध चेहरे व हाथों पर लगाएं. यह टोनर का काम करता है. कच्चे दूध को हाथों व चेहरे पर लगा कर मसाज करें और फिर सूखने पर धो लें. इस से रंगत में निखार आ जाएगा.

इस के अलावा पपीते के पल्प को मैश कर के चेहरे व हाथों पर लगाएं. इस से भी रंगत में सुधार आएगा. घर से निकलते समय चेहरे व बांहों पर एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

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