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एसबीआई ग्राहकों के लिये खुशखबरी, लोन प्रक्रिया में हुआ बदलाव

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक औफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को राहत भरी खबर दी है. SBI की तरफ से बेंचमार्क लीडिंग रेट्स (कर्ज देने की मानक दर) (MCLR) में 5 बेसिस प्वाइंट यानि 0.05 फीसदी की कटौती की गई है.

यह कटौती बैंक की तरफ से पिछले 10 महीने में पहली बार की गई है. नए बदलाव के बाद एसबीआई का बेंचमार्क लेंडिंग रेट घटकर 7.95 फीसदी हो गया है. एमसीएलआर में हुई कटौती 1 नवंबर (बुधवार) से लागू हो गई है.

इससे पहले एसबीआई ने एक जनवरी को दर में कटौती की थी. उम्मीद की जा रही है की एसबीआई की तरफ से ग्राहकों को राहत देने के लिए उठाए गए इस कदम का अनुसरण दूसरे बैंक भी करेंगे. इस कदम से लोन लेने वाले ग्राहकों को फायदा मिलेगा. एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार इस कटौती के बाद एक साल के कर्ज पर MCLR 7.95 फीसदी पर आ गई है जो पहले 8 प्रतिशत थी.

एक दिन के लिए कर्ज पर एमसीएलआर कम होकर 7.70 प्रतिशत हो गई है जो पहले 7.75 प्रतिशत थी. वहीं तीन साल की अवधि के कर्ज पर यह अब 8.10 प्रतिशत होगी जो पहले 8.15 प्रतिशत थी. इस बीच, इलाहबाद बैंक ने भी एमसीएएलआर में 0.15 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की है. इस कटौती के बाद एक साल की अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर 8.30 प्रतिशत होगी जो पहले 8.45 प्रतिशत थी.

आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद जनवरी 2017 में अधिकतर बैंकों ने MCLR में कटौती की थी. उस समय SBI ने भी अपनी दर में कटौती की थी. उसके बाद एसबीआई ने दोबारा यह कदम उठाया है. SBI के नए चेयरमैन रजनीश कुमार के पद संभालने के एक हप्ते बाद यह राहत भरी घोषणा की गई है.

SBI की इस घोषणा के बाद बैंक से कर्ज लेने वाले नए ग्राहकों को तुरंत फायदा मिलना शुरू हो जाएगा.

हालांकि जिन ग्राहकों ने पहले से कर्ज लिया हुआ है उनको थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे कस्टमर के लिए कर्ज की जो दर पहले तय की गई हैं वह निर्धारित की गई समय सीमा के लिए मान्य होगी. इस अवधि के पूरा होने के बाद उन ग्राहकों के लिए कर्ज की दर कम हो जाएगी.

जानकारों के अनुसार SBI की कटौती के बाद कामकाजी महिलाओं को 30 लाख रुपए तक का लोन 8.30 प्रतिशत की दर पर मिलेगा जबकि 30 लाख रुपए से 75 लाख रुपए तक के लोन पर 8.40 फीसदी का ब्याज लगेगा.

औलाद के फेर में अपना सब कुछ लुटा रही हैं महिलाएं

हर शादीशुदा औरत की यही ख्वाहिश होती है कि उस के भी एक औलाद हो. जिन औरतों को औलाद नहीं होती, तो उस के लिए वे हर तरह की कोशिश करने से बाज नहीं आती हैं. दवा, दुआ, तावीज से ले कर तरहतरह की मन्नतें, यहां तक कि औलाद पाने के चक्कर में वे अपना सबकुछ लुटा देती हैं. रुक्मिणी की शादी को 7 साल बीत चुके थे, पर उस के कोई औलाद नहीं थी. घर वाले भी औलाद न होने के चलते उस पर ध्यान देना कम कर चुके थे.

रुक्मिणी के गांव के एक लड़के ने बताया कि वह एक ओझा को जानता है. उस के पास सैकड़ों औरतों ने झाड़फूंक कराई और वे मां बन गईं.

रुक्मिणी रिश्ते में उस लड़के की भाभी लगती थी. उस ने यकीन कर लिया और उस के साथ उस ओझा के पास चली गई. ओझा ने बताया कि मामला गंभीर है, इसलिए रुक्मिणी को एक हफ्ता उस के पास रह कर हवन करना पड़ेगा. उस के रहने का इंतजाम हो जाएगा. ओझा की बात सुन कर रुक्मिणी तैयार हो गई.

एक हफ्ते तक औलाद का लालच दे कर ओझा और उस के एक सहयोगी ने रुक्मिणी का यौन शोषण किया और उस से रुपए भी ऐंठे. हां, रुक्मिणी के बच्चा हो गया, तो वह मुंह बंद कर के पति के साथ रहती रही, पर ओझाओं के चक्कर भी लगाती रही.

इसी तरह फरजाना खातून का निकाह हुए महज 2 साल ही बीते थे कि उस की ससुराल वाले फरजाना खातून के पति पर दबाव बनाने लगे कि इस औरत से बच्चा नहीं होगा, तुम दूसरी शादी कर लो. फरजाना उचित इलाज के लिए कहती रही, पर उस की एक न सुनी गई.

ससुराल वालों ने अपने लड़के की दूसरी शादी कर दी. वह दोनों पत्नियों की झाड़फूंक, दुआतावीज कराता रहा, पर औलाद न हो सकी.

इसी तरह रीता औलाद पाने के चक्कर में एक ओझा के पास गई. ओझा ने कहा कि रात 12 बजे एक पूजा करनी पड़ेगी. उस पूजा से तमाम औरतों को औलादें हुई हैं.

रीता उस की बातों में आ गई. जब आधी रात हुई, तो उस ओझा ने उस के साथ दुष्कर्म किया और डर की वजह से उस की हत्या कर दी. घर वाले जब उसे खोजने लगे, तो कहीं पता नहीं चला.

पुलिस के पास मामला दर्ज कराया गया. पुलिस ने रीता की जमीन में गड़ी लाश बरामद कर उस ओझा को जेल भेज दिया.

एक गांव में बेटा पाने के लिए यज्ञ कराया गया. वहां हजारों औरतें आईं. रोजाना रात को रंगारंग कार्यक्रम होता. मौके का फायदा उठा कर बहुत सी औरतों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया गया.

चैत नवमी और दुर्गा पूजा के मौके पर उत्तर प्रदेश में कछौसा शरीफ, बिहार में अमझरशरीफ, मनोराशरीफ समेत कई जगहों पर ‘भूतना मेला’ लगता है. वहां ज्यादातर हिस्टीरिया बीमारी से पीडि़त और औलाद की चाह रखने वाली औरतें जाती हैं और अपना सबकुछ लुटा कर घर लौटती हैं.

डाक्टर विमलेंदु कुमार ने बताया कि  औरतों के बच्चा न होने की कई वजहें  हैं, जिन का सही इलाज होने से ही औलाद पैदा हो सकती है. लेकिन बहुत से लोग उचित इलाज नहीं करा कर ओझागुनी, झाड़फूंक के फेर में पड़ कर अपना समय और पैसे की बरबादी के साथसाथ इज्जत तक भी दांव पर लगा देते हैं.

समाज के ठेकेदार आखिर यह कैसी शिक्षा दे रहे हैं

इस माता की जय बोलो या उस माता की. नहीं बोलोगे तो सिर फोड़ देंगे, यह शिक्षा दी जा रही है आज  युवाओं और किशोरों को, उन के द्वारा जो संस्कृति, समाज, संस्कारों और सरकार के ठेकेदार हैं. आज का किशोर भ्रम में है. ये माताएं आई कहां से? उस किशोर के घर में जो मां है, वह ही तो उस का केंद्र है. वह उस के खाने का खयाल रखती है. पढ़ाई पर ध्यान देती है. उसे घुमाने ले जाती है. 2 घंटे न दिखे तो लगता है जीवन अधूरा रह गया. उस मां की जय न बोलो तो समाज के ठेकेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ता पर उस मां जो है ही नहीं, दिखती नहीं, कुछ करती नहीं, बचाती नहीं, खाना नहीं देती, सुख नहीं देती, के पीछे इतना हल्ला?

क्या जय माता वाली ने कभी कुछ दिया है? लाखों लोग सर्दी में ठिठुरते हुए, गरमी में झुलसते हुए नारे लगाते इस मंदिर या उस जुलूस में गला बैठाते रहते हैं, पर मिलता क्या है? उन के चेहरे तो देखो? ज्यादा के मुरझाए हुए. कपड़े देखो, फटे हुए. खाना देखो, मैले रूमाल में बंधा हुआ या गंदगी के ढेर के बराबर लगे खोमचे से. गरीब घर की मां भी उस से कहीं ज्यादा प्यार से खिलाती है पर उस अपनी मां की जय न बोलने पर आप देशद्रोही नहीं बनते. घरद्रोही भी नहीं बनते. वह मां जो जिंदा है, घर चला रही है, कमा रही है, अगर परेशान है अपने बेटेबेटियों से या उन के पिता से तो उस की तरफदारी वाले कहां हैं?

मां ने जन्म दिया तो प्राकृतिक क्रिया है पर जिस तरह पाला वह प्यार है, वात्सल्य है, अपनापन बच्चों पर उड़ेलना है, उन की जरूरत अपनी जरूरत से पहले पूरी करना है. यह जो भारत माता निकली है अब भगवा पेट से यह तब कहां थी जब ग्रीस की सेनाओं ने हमला किया था? यह भारत माता तब कहां थी जब मुगल, अफगान, तुर्क आए? यह तब कहां सो रही थी जब पुर्तगाली आए, अंगरेज आए? वह किसे बचा रही थी कैसे बचा रही थी, जब ये विदेशी लोग आए थे और अपने किले, महल, मकान, बस्तियां बना कर यहां रहने लगे थे? यह आज भी कहां है जब किसान कर्ज, भूख और बीमारी से आत्महत्या कर रहे हैं? यह तब क्यों नहीं प्रकट होती जब एक लड़की को उठा कर गाड़ी में बैठा लिया जाता है और घंटों उस से बलात्कार किया जाता है? यह तब कहां चली जाती है जब 5 साल की मासूम को कोने में ले जा कर कोई वहशी रौंद देता है?

उस की आत्मा तब कहां चली जाती है जब दंगों में घर जला दिए जाते हैं, बस्तियां उजाड़ दी जाती हैं? भारत माता हो, झंडेवाली माता हो, काली माता हो, वैष्णो माता हो, सीता माता हो या दुर्गा माता हो, कभी बचाने नहीं आतीं. भारत माता को भी दूसरी माताओं की तरह चंदा जमा करने का जरिया बनाया जा रहा है. असली मां को भुला दिया जा रहा है जिस की गोद में दुबक कर हंसा जा सकता है, रोया जा सकता है और जहां सब से ज्यादा सुरक्षा मिलती है.

अब कोई भी नहीं देख पाएगा व्हाट्सऐप पर आपका औरिजनल नंबर

आज के समय में स्मार्टफोन चलाने वाले लगभग सभी यूजर्स व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं. आप जब भी किसी को व्हाट्सऐप के जरिए मैसेज करते हैं तो जिसे आप मैसेज कर रहें होते हैं उसे आपका औरिजनल नंबर दिखाई देता है. लेकिन अगर ऐसा हो कि आप किसी को मैसेज या काल करें और सामने वालें को आपका औरिजनल नंबर न दिखाई दें तो कैसा रहेगा. आपको लग रहा होगा कि ङम आपसे मजाक कर रहें हैं, लेकिन ऐसा नहीं जब आप इस खबर को पढ़ेंगे तो आप भी यह जान कर आश्चर्य हो जाएंगे. जी हां, आज हम आपको एक ऐसी ट्रिक बताने जा रहे हैं जिससे व्हाट्सऐप पर मैसेज भेजने पर आपका औरिजनल नंबर दिखाई नहीं देगा. आप इस नंबर से केवल चैटिंग ही नहीं बल्कि कालिंग और वीडियो कालिंग भी कर सकते हैं.

ऐसा करने के लिए आपको सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से प्राइमो (Primo) मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा. इसके लिए कोई चार्ज नहीं देना है.

डाउनलोड करने के बाद जब आप ऐप को खोलेंगे तो इसमें साइनअप करने का विकल्प आएगा. फिर साइनअप करने के लिए उसपर टैप करके अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी डाल दें. इसके बाद 6 डिजिट का कोड डाल दें. ईमेल आईडी पर वेरिफिकेशन के लिए एक मेल जाएगा. इसे वेरिफाई कर लें. वेरिफाई करने पर आपको एक नया नंबर दिखाई देगा, उसे कापी कर लें.

इसके बाद अपने फोन में व्हाट्सऐप को इंस्टाल करें. इंस्टाल करने के दौरान जब मोबाइल नंबर मांगा जाए तो उसी नंबर को डालें जो कापी किया था. इसके बाद व्हाट्सऐप वेरिफाई करने के लिए काल का विकल्प चुनें और बताया गया वेरिफिकेशन कोड डालकर इसे वेरिफाई करें.

अब आप अपने व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं. अब आपकी प्रोफाइल पर और जब आप किसी से व्हाट्सऐप चैट या कालिंग करेंगे तो भी वही नंबर दिखाई देगा जो आपने कापी करके डाला था. आपका औरिजनल नंबर किसी को भी दिखाई नहीं देगा.

मारुति सुजुकी दे रही है आपको लाखों कमाने का मौका

देश की अग्रणी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया भारत में अपना कारोबार बढ़ाने का प्लान कर रही है. इसके लिए कंपनी ने वित्त वर्ष 2017-18 में 1000 करोड़ रुपए का बजट तय किया है. कंपनी 2020 तक देश में 1500 नई डीलरशिप खोलने का विचार कर रही है.

कारोबार को विस्तार देने के लिए मारुति सुजुकी ने जमीन खरीदने का काम शुरू कर दिया है. यदि आप किसी स्थायी रोजगार की तलाश में हैं और आपका बजट है तो आप भी कार निर्माता कंपनी के इस प्लान से जुड़कर हर महीने एक लाख रुपए या फिर इससे भी ज्यादा की आमदनी कर सकते हैं.

देश के अलग-अलग राज्यों में नेटवर्क बढ़ाने के लिए कंपनी जमीन खरीदकर बनाएगी और उसे लीज पर देगी. इस पूरे प्रोजेक्ट पर मारुति 1000 करोड़ रुपए खर्च करेगी. चालू वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी ने डीलरशिप्स के लिए जमीन खरीदने का काम शुरू कर दिया है.

मारुति सुजुकी इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) अजय सेठ ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2017-18 बिजनेस एक्सपेंशन के तहत 120 लैंड डील की जा चुकी हैं.

अगले तीन साल में हम करीब 1500 नई डीलरशिप खोलेंगे. एक हजार करोड़ रुपए को डीलरशिप के लिए जमीन खरीदने और नए शोरूम बनाने के लिए खर्च किया जाएगा. मारुति की योजना जमीन खरीदने, डीलरशिप बनाने और फिर उसे चुनिंदा विक्रेता को पट्टे पर देने की है.

फिलहाल मारुति के 1,700 शहरों में 2,069 डीलरशिप हैं. इन डीलरशिप के साथ मारुति का देशभर में सबसे बड़ा डीलर नेटवर्क है. वहीं, कंपनी देशभर में करीब 3,293 सर्विस सेंटर का संचालन करती है. मारुति सुजुकी ने 2020 तक 20 लाख गाड़ियां प्रतिवर्ष बेचने का लक्ष्य रखा है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने 15 लाख से ज्यादा गाड़ियों की बिक्री की थी.

कंपनी के पास अभी करीब 31 हजार करोड़ का कैश रिजर्व है. कंपनी 280 प्रीमियम रिटेल चैन नेक्‍सा के जरिए अपने प्रीमियम मौडल्‍स की बिक्री करती है. आपको बता दें कि मारुति स्विफ्ट डिजायर, वेगन आर और औल्टो 800 सबसे ज्यादा बिकने वाले मौडल हैं.

विराट कोहली फिर से बने नंबर वन, आईसीसी ने जारी की लिस्ट

ताजा आईसीसी रैंकिंग में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली 10 दिनों बाद दोबारा पहले पायदान पर काबिज हो गए हैं. भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की एक दिवसीय सीरीज में विराट कोहली ने दो शतकों के साथ 263 रन बनाकर आईसीसी रैंकिंग में दोबारा अपनी जगह हासिल कर ली है.

इसके अलावा कोहली ने अपने करियर की सर्वोच्च रेटिंग भी प्राप्त कर ली है. कोहली के कुल 889 रेटिंग अंक हो गए हैं जो किसी भी भारतीय बल्लेबाज के द्वारा प्राप्त किए गए सर्वोच्च पौइंट हैं. इसके पहले साल 1998 में सचिन तेंदुलकर ने 887 अंक अर्जित किए थे.

 

कानपुर वनडे में 147 रन बनाने के साथ सीरीज में 174 रन बनाने वाले रोहित शर्मा को भी फायदा हुआ है और उनके रेटिंग अंक 799 हो गए हैं जो उनके करियर की सर्वोच्च रेटिंग हैं वह सातवें नंबर पर बरकरार हैं.

पाकिस्तान के बाबर आजम (चौथे नंबर) और द. अफ्रीका के क्विंटन डि कौक ने अपने करियर की सर्वोच्च रेटिंग हासिल की. द. अफ्रीका के फाफ डु प्लेसी को दो पायदानों का फायदा हुआ है वह आठवें नंबर पर हैं. वहीं एमएस धोनी को एक पायदान का फायदा हुआ है और वह 11वें नंबर पर हैं.

गेंदबाजों की लिस्ट में पाकिस्तान के हसन अली नंबर 1 पर हैं. इसके अलावा जसप्रीत बुमराह ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में 6 विकेट झटकते हुए करियर की बेस्ट तीसरी पोजिशन हासिल की है, अन्य गेंदबाजों में न्यूजीलैंड के मिचेन सैंटनर को दो स्थानों का फायदा हुआ है और वह 14वें नंबर पर हैं. पाकिस्तान के इमाद वसीम को 14 पायदानों का फायदा हुआ है और वह 27वं नंबर पर पहुंच गए हैं.

‘इत्तेफाक’ से एक बार फिर ‘नेपोटिज्म’ को लेकर बोले करण जौहर

बौलीवुड में नेपोटिज्‍म यानी परिवारवाद को लेकर काफी लंबे समय से बहस चली आ रही है. इस बहस पर कंगना रनोट और करण जौहर समेत वरुण धवन, सैफ अली खान जैसे कई सितारे अपनी बात रख चुके हैं.

ऐसे में अपने चैट शो ‘काफी विद करण’ में कंगना रनोट द्वारा खुद के लिए नेपोटिज्‍म जैसा टैग पाने वाले करण जौहर ने एक बार फिर खुद के साथ-साथ कई और सितारों को भी इस बहस से जोड़ लिया है, और ऐसा उन्होंने मुंबई में अपनी फिल्‍म ‘इत्तेफाक’ के प्रमोशन इवेंट के दौरान किया है.

इस फिल्‍म के प्रमोशनल इवेंट के दौरान करण जौहर ने कहा, मैं आज आप सबसे यह कहना चाहता हूं कि इस मंच पर परिवारवाद के ब्रांड एम्‍बेस्‍डर यानी दिग्‍गज एक्‍टर शत्रुघ्‍न सिन्‍हा की बेटी सोनाक्षी सिन्हा, विनोद खन्ना के बेटे अक्षय खन्ना, दिवंगत फिल्‍ममेकर रवि चोपड़ा के बेटे अभय और कपिल चोपड़ा मौजूद हैं. हमारे साथ परिवारवाद से दूर सितारें यानी शाहरुख खान और सिद्धार्थ मल्‍होत्रा भी मौजूद हैं. यहां इस मंच पर हम सबका एक साथ खड़े होना आप सभी के समक्ष यह साफ करता है कि यहां पर हमसब कि किस हद तक बराबरी है.

आपको बताते चलें कि ‘इत्तेफाक’ यश चोपड़ा की साल 1969 में आयी कल्ट क्लासिक ‘इत्तेफाक’ की रीमेक है.जो कि शाहरुख के रेड चिलीज एंटरटेंमेंट और करण की धर्मा प्रोडक्शन द्वारा सह-निर्मित फिल्म है. इसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनाक्षी सिन्हा और अक्षय खन्ना जैसे सितारे प्रमुख भूमिकाओं में हैं.

फिल्म ‘इत्तेफाक’ से पहले शाहरुख खान और करण जौहर एक साथ काम कर चुके हैं. इससे पहले वह फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘कल हो ना हो’, ‘कभी अलविदा ना कहना’, ‘माई नेम इज खान’, ‘स्टूडेंट आफ द ईयर’ और ‘डियर जिंदगी’ जैसी कई फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं. बता दें कि इनमें से कुछ फिल्मों में शाहरुख ने अभिनय किया है जबकि कुछ फिल्मों के प्रोडक्शन की जिम्मेदारी संभाली है.

मैं चाहती हूं बारबार गर्भधारण करने से अच्छा है आईवीएफ के द्वारा जुड़वां बच्चे कर लूं. क्या ऐसा मुमकिन है.

सवाल
मेरी उम्र 32 साल है. मैं अब फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रही हूं. चाहती हूं बारबार गर्भधारण करने से अच्छा है आईवीएफ के द्वारा जुड़वां बच्चे कर लूं. क्या ऐसा मुमकिन है?

जवाब
आईवीएफ प्राकृतिक रूप से मां बनने का शौर्टकट नहीं है. प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने का प्रयास करें. आईवीएफ में कोई आप को गर्भधारण और जुड़वां बच्चों की गारंटी नहीं देगा. फिर आईवीएफ एक लंबी और महंगी प्रक्रिया भी है और इस में कई तरह की जटिलताएं भी होती हैं.

मैं जब भी मैं किसी लड़की से नाता जोड़ना चाहता हूं, तो वह मुझे भाई बोल देती है. मुझे क्या करना चाहिए.

सवाल
मैं 21 साल का हूं. जब भी मैं किसी लड़की से नाता जोड़ना चाहता हूं, तो वह मुझे भाई बोल देती है. अब तक मैं ने 4 लड़कियों को आजमाया है और सभी ने मुझे भाई कह दिया. आखिर ऐसा क्यों है और मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब
लड़कियों का चक्कर छोड़ कर आप अपने कैरियर पर ध्यान लगाएं और सब से पहले कोई अच्छी सी नौकरी हासिल करें. बीवी खोजने की जिम्मेदारी मांबाप पर छोड़ दें. वे जिस लड़की से बात करेंगे, वह आप की बहन नहीं, बल्कि बीवी ही बनेगी.

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