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अमाल मलिक ने छोड़ी फिल्म ‘‘बागी 2’’

2016 में प्रदर्शित सफलतम फिल्म ‘‘बागी’’ को मीत ब्रदर्स व अंकित तिवारी के साथ ही अमाल मलिक ने संगीत से संवारा था. मगर इसी फिल्म के सिक्वअल ‘‘बागी 2’’ को संगीत से संवारने से अमाल मलिक ने इंकार कर दिया है. इसकी वजह यह बतायी जा रही है कि अमाल मलिक का दावा है कि वह सिर्फ मौलिक काम करना चाहते हैं.

जी हां! फिल्म निर्माता साजिद नाड़ियादवाला अपनी इसी सफलतम फिल्म का सिक्वअल ‘‘बागी 2’’ बना रहे हैं. मगर इस बार इस फिल्म में टाइगर श्राफ के साथ उनकी निजी जिंदगी की तथाकथित प्रेमिका दिशा पाटनी नायिक हैं. और इस बार फिल्म का निर्देशन अहमद खान कर रहे हैं. फिल्म ‘‘बागी’’ के हिट गाने ‘‘सब तेरा..’’ के मद्दे नजर साजिद नाड़ियादवाला ने इस फिल्म के संगीतकार के रूप में अमाल मलिक को ही जोड़ा था. लेकिन अब सूत्र बता रहे हैं कि अमाल मलिक ने इस फिल्म से खुद को अलग कर लिया है.

सूत्रों की मानें तो अमाल मलिक ने ‘‘बागी 2’’ से खुद को इसलिए अलग किया, क्योंकि वह मौलिक काम करना चाहते हैं. जबकि फिल्म के निर्माता साजिद नाड़ियादवाला चाहते हैं अमाल कुछ क्लासिक गीतों का रीमेक बनाएं. मगर अमाल मलिक ने क्लासिक गीतों का रीमेक बनाने की बजाय मौलिक संगीत बनाने की बात की. इसी वजह से दोनों के बीच असहमति होने पर अमाल मलिक ने स्वेच्छा से खुद को इस फिल्म से अलग कर लिया. सूत्रों का दावा है कि निर्माता अब ऐसे युवा संगीतकार की तलाश कर रहे हैं जो कि अमाल मलिक की जगह ले सके.

सूत्र बताते हैं कि यूं तो अभी भी ‘‘बागी 2’’ से अंकित तिवारी, पलाश मुछाल, मंज मुजिक संगीतकार के तौर पर जुड़े हुए हैं. पर अभी भी अमाल मलिक की जगह एक संगीतकार को जोड़ा जाना है.

ईमानदार कर्जदारों के लिए बैंक से लोन लेना होगा आसान

अगर आप समय पर कर्ज चुकाते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद ही खास होने वाली है क्योंकि ईमानदारी से किस्त चुकाने वालों को बेहद ही आसानी से लोन सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है. जी हां, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए खजाना खोलने के साथ-साथ सरकार ईमानदारी से किस्त चुकाने वालों को सहूलियत देने की तैयारी भी कर रही है. इससे मौजूदा सुधारों के बाद ईमानदार कर्जदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कर्ज लेना आसान होगा.

इस सप्ताह बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किये जाने से सम्बंधित घोषणाएं की गई हैं. इसके मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 31 मार्च से पहले 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी. इससे उधारी को बल मिलेगा.

सुधारों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बड़े कर्ज देने के लिए सख्त नियम तय किए गए हैं. बड़े लोन डिफौल्टरों पर कड़ी निगरानी रहेगी. करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज के मामले में किसी भी नियम के उल्लंघन की रिपोर्ट देना भी अनिवार्य किया गया है.

वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा, ‘सरकार द्वारा घोषित इस सुधार प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य कर्जदारों की ईमानदारी को पुरस्कृत करना और सही कर्जदारों की जरूरत के लिए कर्ज की व्यवस्था को आसान व बाधारहित बनाना है.’ कुमार ने आगे कहा, विभिन्न तकनीकी उपायों के अलावा जीएसटी रिटर्न से भी बैंकों को नकदी प्रवाह की काफी जानकारी मिल सकेगी. इस आधार पर भी बैंक ऋण मंजूरी के बारे में फैसला कर सकते हैं. उक्त कदमों के तहत सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों (एमएसएमई), वित्तीय समावेशन और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

18 सरकारी बैंकों की सुधारी गई रेटिंग

अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सार्वजनिक क्षेत्र के 18 बैंकों की रेटिंग को सुधारा अर्थात नकारात्मक से स्थिर किया. सरकार की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा के बाद उनकी रेटिंग में सुधार आया है. एजेंसी का कहना है कि पुनर्पूंजीकरण से बैंकों में पूंजी प्रवाह तो बढ़ेगा ही, उनकी बैलेंस शीट में भी सुधार होगा.

क्या आप भी फालतू के ईमेल से परेशान हैं, तो ये तरीका अपनाएं

क्या आप जीमेल का इस्तेमाल करते हैं अगर जीमेल का इस्तेमाल करते होंगे तो आपके पास फालतू के भी काफी ईमेल भी आते होंगे. अब आप चाहते होंगे कि यह मेल कैसे डिलीट करें. अगर आपके पास पहले से ही कई तरह के फालतू ईमेल आ गए हैं तो आप उन्हें बहुत कम समय में डिलीट कर सकते हैं.

सबसे पहले बात करते हैं कि आप अपने पास आने वाले फालतू के ईमेल को कैसे मैनेज कर सकते हैं, साथ ही उस ईमेल आईडी से आगे कभी मेल आए और अपने आप ट्रैस में चला जाए और फिर कुछ दिन बाद अपने आप डिलीट हो जाए.

इसके लिए सबसे पहले आपको जीमेल अकाउंट में लौगिन करना है. इसके बाद सबसे ऊपर सर्च के औप्शन के पास आ रहे तीर के निशान पर क्लिक करें.

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यहां एक फौर्म ओपन होगा. इसमें आपको उस व्यक्ति की मेल आईडी डालनी होगी, जिसके मेल डिलीट करना चाहते हैं. इसके बाद नीचे की तरफ दिए गए क्रिएट फिल्टर विद दिस सर्च (Create filter with this search) पर क्लिक करें. इसके बाद यहां डिलीट इट (डिलीट इट) को टिक कर दें. इसके बाद क्रिएट फिल्टर (Create filter) पर क्लिक कर दें. ऐसा करने से उस खास ईमेल आईडी से आने वाले मेल अपने आप ट्रैश फोल्डर में चले जाएंगे. आपको इन ईमेल के लिए कोई नोटिफिकेशन नहीं मिलेगा और ये 30 दिन बाद अपने आप डिलीट हो जाएंगे.

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आप अपने खास ईमेल के लिए जीमेल में लेबल भी बना सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहले अपने जीमेल में लौगिन करना है. अब जीमले में लेफ्ट साइड में आ रहे औप्शन्स पर आएं. यहां Categories में आ रहे औप्शन में जब सबसे नीचे देंखेंगे तो Manage Labels का औप्शन आएगा. ठीक इसके नीचे ही Create New Label का औप्शन आएगा. इस पर क्लिक करके आप नया लेबल बना सकते हैं. यह जीमले में एक तरह का फोल्डर ही होता है. इसमें आप अपनी सुविधा और जरूरत के मुताबिक मेल रख सकते हैं.

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संविधान के द्वारा मिली आजादी का दुरूपयोग कभी न करें- मनोज बाजपेयी

बचपन से अभिनय की इच्छा रखने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी ने ‘बेंडिट क्वीन’ फिल्म से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा, लेकिन उन्हें पौपुलैरिटी फिल्म ‘सत्या’ से मिली. इस फिल्म ने उन्हें उस समय की सभी बड़े अभिनेताओं की श्रेणी में रख दिया था. इस फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है. हिंदी के अलावा उन्होंने तमिल और तेलगू भाषाओँ में फिल्में की है.

बिहार के पश्चिमी चंपारण के एक छोटे से गांव से निकलकर यहां तक पहुंचना और कामयाबी हासिल करना मनोज बाजपेयी के लिए आसान नहीं था. साधारण और शांत व्यक्तित्व के मनोज ‘फिल्मों के लिए चूजी’ नहीं, उन्हें जो भी कहानी प्रेरित करती है वे उसे कर लेते हैं. यही वजह है कि उन्होंने हर तरह कि फिल्में की है. उनके इस सफर में उनकी पत्नी नेहा और बेटी का साथ है. जिनके साथ वे क्वालिटी टाइम बिताना पसंद करते हैं.

इतना ही नहीं मनोज को बचपन से कवितायें पढ़ने का शौक है. उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में हर तरह की कवितायें पढ़ी है. उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार भी जीता है, पर वे कविता लिखते नहीं. उनका मानना है कि जो कलाकार कविताओं में रूचि रखते है, वे अच्छा अभिनय भी कर सकते हैं. इस समय वे उनकी आने वाली फिल्म ‘अय्यारी’ के प्रमोशन पर है. उनसे हुई बातचीत के अंश इस प्रकार है.

किसी भी फिल्म की बार-बार रिलीज की तारीख बदलने से उस पर कितना प्रभाव पड़ता है?

असर पड़ता है, क्योंकि निर्धारित समय पर फिल्म के रिलीज होने पर उसका परिणाम अच्छा होता है, लेकिन कुछ कारणों से अगर नहीं हो पाया, तो दिन आगे करना ही पड़ता है, क्योंकि ये व्यवसाय है यहां हर कोई कमाना चाहता है.

ये एक आर्मी बेस्ड फिल्म है, क्या आपको रियल लाइफ में सेना से मिलने का अवसर मिला?

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इस फिल्म का बौर्डर से कोई लेना देना नहीं है. ये अलग तरीके की फिल्म है. इसमें सेना बौर्डर पर नहीं, बल्कि देश के अंदर की दुश्मनों से लड़ रही है. ऐसे दुश्मनों का सामना वे कैसे करते हैं, इसे दिखाने की कोशिश की गयी है. मेरे हिसाब से आर्मी वालों की जिंदगी बहुत कठिन होती है. वे इस क्षेत्र में एक जज्बे के साथ जाते हैं, केवल पैसा कमाने वे नहीं आते, उनमें देश की रक्षा करने की एक जुनून होती है और वे आखिरी सांस तक इसका पालन करते हैं. सेना में काम कर रहे 90 प्रतिशत लोगों का सपना होता है कि वे देश के लिए काम करें. उनके इस जज्बे को मैं हमेशा सलाम करता हूं. उनके इस काम को किसी भी  काम से ऊपर समझता हूं.

आप अपनी जर्नी को कैसे देखते हैं ?क्या कोई मलाल है?

नहीं, मुझे कोई मलाल नहीं. मैंने अपनी जिंदगी एक आम इंसान की तरह बितायी है. उतार-चढ़ाव तो बहुत आये, पर उसे एक आम जिंदगी की तरह लेता गया. किसी भी चढ़ाव को लेकर मैं न तो अधिक गर्वित हुआ और न ही किसी उतार को लेकर मायूस हुआ, क्योंकि मेरे पिता की जिंदगी मुझसे कही अधिक बदतर थी. वे एक मिडिल क्लास किसान थे, जिसने 6 बच्चों को पालने में अपने सारी इच्छाओं को परे रख दिया. मेरी जिंदगी उससे काफी बेहतर है. जब भी मैं अपनी जिंदगी के बारें में सोचता हूं, तो महसूस होता है कि ये मुझे मेरे पिता के त्याग और संघर्ष की वजह से ही मिला है. मेरे हिसाब से किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके फैल्योर से होती है, सक्सेस से नहीं.

आपके यहां तक पहुंचने में आपके परिवार का सहयोग कितना रहा?

जिंदगी में जब भी आप कुछ अच्छा काम करते हैं और सफल होते हैं, तो उसमें परिवार का सहयोग बहुत जरुरी होता है. खासकर पत्नी के सपोर्ट के बिना संभव ही नहीं. ये कठिन है कि आपका परिवार होने के बावजूद कोई काम, आप अकेले कर जाए. जब आप बाहर जाते हैं, तो कोई न कोई ऐसा है, जो आपके घर को सम्हाले हुए है और वह आपका विश्वास पात्र है. ऐसे में आप सुकून से आप जो करना चाहे कर पाते हैं.

क्या आप अपने क्षेत्र के लिए कुछ खास करना चाहते हैं?

अभी ऐसा नहीं है, डिजिटलाईजेशन की वजह से सबको सब मालूम होता है. इन्टरनेट ने हर चीज को आसान बना दिया है. मेरे समय में छोटे शहर से निकलकर दिल्ली और पटना पहुंचना ही मुश्किल था. गांव से कस्बे में जाने के लिए लोग एक महीने से तैयारी करते थे. अभी सब आपके पास मिलते है, इन्टरनेट पर फ्री एक्टिंग क्लास भी उपलब्ध है. आज कुछ भी करना कठिन नहीं है, लेकिन उसे करने की इच्छा प्रबल होने जरुरी है.

आप किस तरह की बायोपिक करना पसंद करते हैं?

मैं एक अच्छी बायोपिक बनाना चाहता हूं. मैं एक एक्टर हूं और किसी भी व्यक्ति की अच्छी कहानी को करना पसंद करता हूं. मैं कुछ सोचता नहीं, जो भी कहानियां मेरे पास आती हैं, उसमें से चुन लेता हूं, अगर नहीं मिलता है तो इंतज़ार करता हूं.

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निर्माता के तौर पर क्या कर रहे हैं, आप को कैसी फिल्में देखने का शौक है?

एक ‘भोंसले’ फिल्म आ रही है. उसे सारे फेस्टिवल में दिखाना चाहते है. ‘मिसिंग’ फिल्म में भी मैं को- प्रोडूसर हूं. ‘गली गुनिया’ एक और फिल्म में मै एक्टर के तौर पर कर रहा हूं. मेरे हिसाब से मेरे जिंदगी की सबसे बेहतरीन काम इस फिल्म में है.

मैं हर तरह की फिल्में देखता हूं. मुझे थिएटर, शौर्ट फिल्म, बड़ी फिल्में, वेब सीरीज सब देखने का शौक है. यही मेरा काम है.

आजकल फिल्मों में मनोवैज्ञानिक विषय अधिक लिए जाते हैवजह क्या है?

ये उस निर्देशक की सोच पर निर्भर करता है, कि वह कौन सी कहानी कहना चाहता है. उसे अगर ऐसी कहानी पसंद है, तो उसे वह बनाता है और उसी के हिसाब से कास्ट को तैयार करता है. हम सब उसके विजन का हिस्सा होते है. ऐसे में अगर फिल्म कुछ मेसेज देती है तो अच्छी बात होती है.

एक्टिंग के अलावा क्या पसंद करते है?

मुझे अभिनय के अलावा परिवार के साथ कही भी घूमना पसंद है. पिता की जिम्मेदारी है और मुझे यह अच्छा लगता है.

आप जैसलमेर के बौर्डर पर सैनिकों के बीच में गए थे, अनुभव कैसा रहा?

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वे बहुत खुश हुए, उनके बीच में जाने से उनकी रूटीन से अलग माहौल उन्हें मिलता है. उनकी इज्जत आम नागरिकों के बीच में कितनी है, उन्हें पता लगता है. वहां हमने खाना बनाया, गाना गाया, साथ में घूमें, खाया, हंसी मजाक किया आदि. इससे उन्हें अच्छा महसूस हुआ. मैंने यह भी देखा कि कितने कठिन परिस्थिति में वे काम करते हैं, पर उसका असर उनके चेहरे पर नहीं होता. फिर जब हम चले आते है, तो उनकी वही रूटीन हो जाता है.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशवासियों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं?

26 जनवरी हमारे संविधान के बनने के एवज में एक सेलिब्रेशन है. ये संविधान इतने बड़े प्रजातंत्र को हर तरह की स्वतंत्रता देता है. आज इसे हम केवल अच्छी तरह मनाने में ही समय जाया न करें,  बल्कि  समझें कि हमें एक ऐसा संविधान मिला है, जो हमें बोलने, रहने, खाने, पीने की पूरी आजादी देता है, हम इसका सदुपयोग करे, दुरूपयोग न करें.

जानें किस फोन नंबर से कब, किसे हुई है कौल

अगर आप किसी नंबर की कौल डिटेल्स चाहते हैं यानी कि किस फोन नंबर से कब और किसे कौल किया गया है इसकी पूरी जानकारी चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. आपको बता दें कि किसी नंबर की कौल डिटेल्स का पता बहुत आसानी से लगाया जा सकता है. इसके लिए आपको कोई चार्ज भी नहीं देना होगा. आप जिस मोबाइल की कौल डिटेल्स निकालना चाहते हैं उसमें आपको एक ऐप इंस्टाल करने की जरूरत है. उस ऐप का नाम है Mubble App.

क्या है Mubble App

mubble app नाम का यह फ्री एंड्रायड ऐप है. इसका साइज 4.49MB है. इस ऐप को Recharge Plans & Prepaid Bill भी कहा जाता है. यह 4.2 या इसके ऊपर के एंड्रायड औपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है. ऐप बनाने वालों का दावा है कि इस ऐप से एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, जियो, बीएसएनएल, एयरसेल, रिलायंस के अलावा अन्य टेलिकौम औपरेटर्स के नंबर्स की डिटेल निकाली जा सकती हैं. इस ऐप से यूजर्स अपना बैलेंस और डाटा चेक कर सकते हैं. डेटा बैलेंस कम होने पर यह रिमाइंडर भी देता है. यहां से आप किसी भी मोबाइल नंबर पर रिचार्ज करा सकते हैं.

ऐसे करता है काम

फोन में इस ऐप को इंस्टाल करने के बाद जिस नंबर की कौल डिटेल आप निकालना चाहते हैं, वो नंबर डालना पड़ता है. यह प्राइवेसी के लिए यूजर से कुछ परमिशन लेने के बाद काम करना शुरू कर देता है. यह कौल डिटेल्स उसी ईमेल आईडी पर भेजेगा जो लौगिन के दौरान दी गई होगी. इसमें डेट, टाइम, नंबर और कौल का टाइम जैसी सभी जानकारी होती है. इस ऐप से यूजर 7 दिन से लेकर 30 दिन तक की कौल डिटेल निकाल सकता है.

आप Mubble App को इंस्टाल कर उस फोन से होने वाली सभी आउटगोइंग कौल्स की डिटेल्स निकाल सकते हैं, लेकिन इससे इनकमिंग कौल का डेटा नहीं निकाली जा सकती. यह ऐप जिस फोन में इंस्टाल होगी उसकी कौल डिटेल्स आपके द्वारा डाली गई ईमेल आईडी पर आता रहेगा. इस ऐप की मदद से आप प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों की कौल डिटेल निकाल सकते हैं.

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने लौंच किया यह नया ऐप

जनरल इंश्योरेंस कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने बुधवार को एक नया ऐप लौंच किया है. यह ऐप स्वास्थ्य बीमा से जुड़ा है, जिसका नाम ‘आईएल टेककेयर’ है. बता दें कि यह ऐप अग्रणी हैल्थकेयर प्लेटफौर्म ‘प्रैक्टो’ के सहयोग से लौंच किया गया है.

ऐप व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकौर्ड (पीएचआर) को वास्तविक समय में देखने की सुविधा के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के लिए लाभ, बिलिंग और लेन-देन को भी सुविधाजनक बनाता है. ‘आईएल टेककेयर’ ऐप उपयोगकर्ताओं को चिकित्सा परीक्षणों के लिए एक नेटवर्क डायग्नोस्टिक्स केंद्र बुक करने और ऐप पर परिणाम प्राप्त करने की सुविधा देता है. इसकी सहायता से छूट की दरों पर दवाएं भी खरीदी जा सकती हैं. आप चाहें तो उन्हें दुकान से भी ले सकते हैं या अपने घर पर भी हासिल कर सकते हैं.

कंपनी ने अपने एक बयान में कहा, ‘आईएल टेककेयर’ ऐप प्रेक्टो की ‘ट्रिनिटी’ टेक्नोलौजी के साथ काम करता है और इससे ग्राहकों को उन डाक्टरों के यहां कैशलैस विजिट करने की सुविधा मिलती है, जो अकेले ही अपना क्लीनिक चलाते हैं. उन्होंने आगे कहा, अपनी तरह का यह अनूठा समाधान आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के सभी ग्राहकों का आउटपेशेंट (ओपीडी) संबंधी सारा खर्च कवर करेगा, जिसमें डाक्टर परामर्श, चिकित्सा परीक्षण, फार्मेसी खर्च शामिल हैं.

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के एमडी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भार्गव दासगुप्ता ने कहा, “हमारा ‘आईएल टेककेयर’ ऐप नए समाधान पेश करने की दिशा में उठाया गया एक और कदम है जो स्वास्थ्य देखभाल के एक बड़े और उपेक्षित पहलू को पूरा करता है.

प्रैक्टो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशांक एनडी ने कहा, “प्रैक्टो उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य सेवा के अनुभव को सरल बनाने के लिए काम कर रहा है. आज हम ट्रिनिटी तकनीक का शुभारंभ कर रहे हैं जो ग्राहकों को अपने नजदीकी क्लीनिक पर एक पेपरलेस और कैशलेस परामर्श अनुभव प्राप्त करने में मदद करती है.

जन्मदिन विशेष : संघर्ष से लिपटी ‘द वाल’ चेतेश्वर पुजारा के सफलता की कहानी

राहुल द्रविड़ के बाद अगर टेस्ट क्रिकेट में किसी और बल्लेबाज को ‘द वाल’ के नाम से याद किया जाएगा तो वह हैं चेतेश्वर पुजारा. 25 जनवरी, 1988 को गुजरात के राजकोट में जन्मे पुजारा आज अपना 30वां जन्मदिन मना रहे हैं. द्रविड़ के संन्यास के बाद पुजारा ने अपनी बेहतरीन तकनीक और संयम भरी बैटिंग से टीम इंडिया के मध्यक्रम को जबर्दस्त मजबूती दी है. उन्होंने सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रौफी खेली और 2010 में औस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के लिए अपना टेस्ट डेब्यू किया.

चेतेश्वर की प्रतिभा पहचानते हुए पिता अरविंद और मां रीमा ने उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया. क्रिकेट के शुरुआती गुण चेतेश्वर को पिता से ही सीखने को मिले. दरअसल उनके पिता अरविंद पुजारा सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रौफी खेल चुके हैं. चेतेश्वर के चाचा बिपिन पुजारा भी सौराष्ट्र के लिए रणजी खेल चुके हैं. अब आपको बताते हैं चेतेश्वर पुजारा के जीवन से जुड़ी कुछ और बातें.

चेतेश्वर की कामयाबी में मां का अहम योगदान है लेकिन उनकी मां पुजारा की कामयाबी नहीं देख पाईं. पुजारा जब 17 साल के थे तभी उनकी मां की निधन हो गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुजारा जब क्रिकेट मैच खेलने के लिए स्टेडियम पहुंचे तो उन्हें मां की मौत की खबर मिली. कैंसर की वजह से उनकी मां की मौत हुई थी.

मां की मौत के बाद चेतेश्वर गहरे सदमे में थे. किसी तरह सदमे से उबरने के बाद उन्होंने क्रिकेट को मां के सपने के तौर पर जिया. चेतेश्वर को उनकी कड़ी मेहनत का फल भी मिला. कुछ साल बाद उन्होंने अपने परफौर्मेंस के दम पर टीम इंडिया में जगह बनाई और टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया.चेतेश्वर की कामयाबी में उनकी मां रीमा पुजारा का अहम योगदान है. वह कभी अपनी दिवंगत मां को अपनी सफलता का श्रेय देना नहीं भूलते.

पुजारा ने 17 साल की उम्र में अपना टेस्ट डेब्यू सौराष्ट्र के लिए विदर्भ के खिलाफ 17 दिसंबर 2005 को किया था. 2010 को उन्होंने बेंगलुरु में औस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया. अगस्त 2012 में पुजारा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद में खेले गए टेस्ट मैच में 159 रन बनाकर अपना पहला टेस्ट शतक बनाया था. पुजारा ने 2013 को जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू भी कर लिया. लेकिन उन्हें वनडे में ज्यादा सफलता नहीं मिली और वह टेस्ट क्रिकेट के विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर चर्चित हुए.

13 फरवरी, 2013 को चेतेश्वर ने गुजरात की रहने वाली अपनी दोस्त पूजा पाबरी से शादी की. पूजा और चेतेश्वर जल्द ही मम्मी-डैडी बनने वाले हैं.

पुजारा आज भारतीय क्रिकेट टीम के टौप प्लेयर्स में से एक हैं. कमाल की टेक्निक और शांत स्वभाव उन्हें अलग पहचान दिलाती है. चेतेश्वर पुजारा, उनके पिता अरविंद पुजारा और चाचा बिपिन पुजारा ने राजकोट में चेतेश्वर पुजारा के नाम से एक क्रिकेट अकादमी भी खोली है. राजकोट से लगभग 16 किलोमीटर दूर इस अकादमी में युवा खिलाड़ियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है.

चेतेश्वर कहते हैं कि उनका मकसद उन युवा खिलाड़ियों को मौका देना है, जिन्हें आर्थिक या फिर किसी अन्य वजह से अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिल पाता.

‘स्टूडेंट औफ द इयर-2’ का पोस्टर हुआ रिलीज, गजब ढ़ा रहे हैं टाइगर श्रौफ

बौलीवुड अभिनेता टाइगर श्रौफ अपनी अपकमिंग फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द ईयर-2’ को लेकर चर्चा में हैं. फिल्म स्टूडेंट औफ द ईयर की सफलता के बाद फिल्म के निर्माताओं ने फिल्म का सीक्वल बनाने की घोषणा की थी. करण जौहर निर्देशित फिल्म में टाइगर श्रौफ लीड अभिनेता के रोल में नजर आएंगे.

फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द ईयर-2’ का एक नया पोस्टर रिलीज कर दिया गया है. फिल्म के नए पोस्टर रिलीज होने की जानकारी खुद निर्देशक करण जौहर ने अपने औफिशियल ट्विटर अकाउंट पर दी. नए पोस्टर को रिलीज होते ही फिल्म जगत में टाइगर श्रौफ चर्चा में आ गए हैं. टाइगर श्रौफ फिलहाल धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनने वाली फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द ईयर-2’ की शूटिंग में व्यस्त हैं.

 

करण ने फिल्म का नया पोस्टर रिलीज करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा,  ”फिल्म स्टूडेंट औफ द ईयर-2 पूरे विश्वभर में 23 नवंबर 2018 को रिलीज होगी. फिल्म की दो लीड अभिनेत्रियों के नामों की घोषणा अगले महीने की जाएगी. फिल्म के डायरेक्टर पुलकित मल्होत्रा हैं.” टाइगर श्रौफ इन दिनों फिल्म बागी-2 की शूटिंग में भी कर रहे हैं.

फिल्म ‘स्टूडेंट औफ द ईयर-2’ के नए पोस्टर में अभिनेता टाइगर श्रौफ ब्लू कलर की शर्ट और ब्लू कलर की जींस में नजर आ रहे हैं. टाइगर श्रौफ की शर्ट का बटन खुला हुआ है. पोस्टर में टाइगर अपने सिक्स पैक दिखाते भी नजर आ रहे हैं. टाइगर एक हाथ में बैग पकड़े हुए हैं. टाइगर अपने इस नए पोस्टर में एकदम बागी नजर आ रहे हैं. फिल्म की रिलीज डेट की भी पोस्टर के साथ ही घोषणा कर दी गई है. फिल्म 23 नवंबर 2018 को रिलीज होगी. बता दें कि फिल्म की स्टूडेंट औफ द ईयर में वरुण धवन, सिद्धार्थ मल्होत्रा, आलिया भट्ट और राम कपूर, ऋषि कपूर लीड रोल में थे.

‘पद्मावत’ के बाद अब BookmyShow निशाने पर

संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ आज यानी 25 जनवरी को रिलीज हो रही है. इस फिल्म को लेकर करणी सेना लगातार विरोध कर रही है. वो किसी भी हालत में इस फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं होने देना चाहते. उनका यह विरोध इतना बढ़ गया है कि वो किसी भी हद से गुजर जाने पर उतारू हो गये हैं.

फिल्म रिलीज के पहले कई राज्यों के थिएटरों और माल्स में तोड़फोड़ की गई. अहमदाबाद के एक माल में आगजनी कर उसे तबाह कर दिया गया. इसके बाद ‘पद्मावत’ रिलीज के ठीक एक दिन पहले स्कूल बस पर पथराव किया गया. उस बस में कई मासूमों को चोट भी आई. लेकिन जब इससे भी काम नहीं चला तो अब करणी सेना ने फिल्मों के औनलाइन टिकट बुक करने की वेबसाइट BookmyShow को निशाने पर ले लिया है.

बता दें कि करणी सेना के दो नेता लोकेंद्र सिंह कलवी और महिपाल सिंह मकराना हैं. कलवी कई राज्यों में जाकर वहां के सीएम से मिलकर फिल्म पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं तो मकराना जमीनी स्तर पर फिल्म के विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं. मकराना ने पद्मावत के औनलाइन टिकट बुक करने पर BookmyShow को भी नतीजे भुगतने की धमकी दी है. मकराना ने कहा है, ‘हमने अपने दो लोगों को उनके आफिस भेजा था, लेकिन वहां कोई नहीं मिला, क्योंकि उनका सारा काम औनलाइन ही होता है.

मकराना ने इस वेबसाइट को धमकाया है कि फिल्म के टिकटों की बुकिंग बंद की जाए, वरना वे कभी कुछ बुक करने लायक नहीं रहेंगे.

उनका कहना है कि फिल्म के विरोध के दौरान मैकडौनल्ड्स और डोमिनोज में तोड़फोड़ की गई है, जो जायज है. इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ ऐसा ही होना चाहिए. ये कंपनियां राजस्थान के लोगों को अपने खाने से बीमार बना रही हैं. मकराना यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि बुक माय शो पर बुकिंग करने वालों को भी धमकाया और कहा इन सब के लिए भंसाली ही दोषी हैं, जो हमारी भावनाओं से खिलवाड़ कर फिल्म दिखा रहे हैं.

अगर कोई राजस्थानी यह सोचता हो कि फिल्म में कुछ भी गलत नहीं दिखाया गया है और वह इस फिल्म को देखना चाहे तो, इस सवाल के जवाब में मकराना ने कहा कि ऐसे लोगों को राजस्थान में रहने का बिल्कुल हक नहीं है. इसके साथ ही मकराना ने कहा है कि अगर कभी यह फिल्म टीवी पर आई तो सब लोगों को अपने टीवी सेट भी बंद कर देने चाहिए.

करणी सेना के मुखिया कलवी ने अपनी पिछली मीडिया कौन्फ्रेंस में आशंका जताई थी कि या तो वह गिरफ्तार हो जाएंगे या उन्हें कत्ल कर दिया जाएगा. वैसे कुछ लोगों का कहना है कि कलवी और मकराना ने फिल्म के विरोध को अपने ईगो पर ले लिया है और अब वे गिरफ्तार होने के लिए उतावले हैं, ताकि कम से कम यह तो कह सकें कि जब तक वे बाहर थे, विरोध करते रहे.

फिल्म का सबसे ज्यादा विरोध राजस्थान में हो रहा है. यहीं, जयपुर का शानदार राज मंदिर सिनेमा हौल अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है. 53 साल पुराना यह सिनेमा हौल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी तारीफें लूट चुका है.

इस हौल का ज्यादातर हिस्सा और झूमर शीशे का बना है. इसके मैनेजर किशोर काला ने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि उनका यह ऐतिहासिक सिनेमा हौल करणी सेना के गुस्से का शिकार बने, इसलिए यहां पद्मावत फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं की जा रही है. इस सिनेमा हौल के दफ्तर के पास ही राजपूत सभा का भी दफ्तर है.

कई माल और सिनेमा हौल तो करणी सेना के धमकियों और उनकी हरकतों से डरे हुए हैं. कई लोग ऐसे हैं जो इस फिल्म को देखना चाहते हैं पर एक फिल्म के लिए कोई भला अपने जान का जोखिम क्यों लेगा, ऐसे में ‘पद्मावत’ को सफलता मिलना काफी मुश्किल है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतें 3 साल के उच्च स्तर पर

पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और अन्य महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. इंडियन औयल कौर्प के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल 72.43 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है, जो पिछले तीन साल की सर्वाधिक ऊंची कीमत है. पिछली बार साल 2014 के अगस्त में इसकी कीमत 72.51 रुपए प्रति लीटर थी. कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल क्रमश: 75.13 रुपए, 80.30 रुपए और 75.12 रुपएप्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है.

दिल्ली में डीजल 63.38 रुपए प्रति लीटर

इससे पहले कोलकाता में पेट्रोल की कीमतें 2014 के अक्टूबर में सर्वोच्च स्तर पर थीं और 75.46 रुपए प्रति लीटर थी. मुंबई में साल 2014 के अगस्त में 80.60 रुपए प्रति लीटर थी और चेन्नई में साल 2014 के अगस्त में ही सबसे ऊंची दर 75.78 रुपए प्रति लीटर थी. दिल्ली में बुधवार को डीजल की कीमत 63.38 रुपए प्रति लीटर रही. वहीं, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 66.04 रुपए, 67.50 रुपए और 66.84 रुपए प्रति लीटर रही.

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मुद्रास्फीति पर पड़ेगा असर

डीजल का व्यापक उपयोग माल ढुलाई में होता है, जिसमें खाद्य उत्पादों की ढुलाई भी शामिल है. इसकी कीमतें बढ़ने से विभिन्न उत्पादों की कीमतें बढ़ जाती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि डीजल की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ेगी. आपको बता दें कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड औयल महंगा होने और भारतीय रुपए में आई कमजोरी के चलते पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं.

85 रुपए हो सकता है पेट्रोल

मौर्गन स्टेनली और बैंक औफ अमेरिका मेरिल लिंच ने 2018 के लिए कच्चे तेल के औसत भाव के अनुमान में बढ़ोतरी की है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव पहले ही 3 साल के ऊपरी स्तर पर है. बैंक औफ अमेरिका मेरिल लिंच ने अपने अनुमान में 8 डौलर की बढ़ोतरी की है. 2018 में ब्रेंट क्रूड का औसत भाव 64 डौलर और WTI क्रूड का औसत भाव 60 डौलर रहने का अनुमान लगाया है. ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पेट्रोल के दाम 85 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकते हैं.

रुपए में कमजोरी से बढ़ी चिंता

डौलर के मुकाबले रुपए में अचानक तेज गिरावट आई है, इसकी वजह से तेल कंपनियों की लागत बढ़ने लगी है और उनको इस लागत का बोझ ग्राहकों पर डालने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा. अगर रुपए में कमजोरी और बढ़ती है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होना लगभग तय हो जाएगा.

ऐसे तय होते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

एनर्जी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, औयल मार्केटिंग कंपनियां तीन आधार पर पेट्रोल और डीजल के दाम तय करती हैं. पहला इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड (कच्चे तेल का भाव). दूसरा देश में इंपोर्ट (आयात) करते वक्त भारतीय रुपए की डौलर के मुकाबले कीमत. इसके अलावा तीसरा आधार इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल-डीजल के क्या भाव हैं.

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