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अजब गजब वैलेंटाइंस : हर देश में अलग है रिवाज

भारत सहित विश्व के कई देशों में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. हर देश में इस दिन को अलगअलग तरीके से मनाने का रिवाज है. कुछ तरीके ऐसे भी हैं जिन्हें जान कर आप मुसकराए बिना नहीं रह सकेंगे.

जापान : मैंस औनली

जापान में वैलेंटाइन डे सिर्फ पुरुष मनाते हैं. इस दिन महिलाएं अपने पिता, भाई, दोस्त, प्रेमी आदि का आभार प्रकट करने के लिए उन्हें चौकलेट्स देती हैं.

दक्षिण कोरिया : प्रेम है तो गिफ्ट दो

इस देश में वैलेंटाइन डे मनाने का तरीका बड़ा ही दिलचस्प है. इस दिन महिलाएं पुरुषों को चौकलेट्स और तोहफे देती हैं, पुरुष इस दिन कुछ नहीं देते. हां, अगर उन्हें प्रेम है तो वह अगले 14 मार्च को ‘व्हाइट डे’ के मौके पर महिलाओं को रिटर्न गिफ्ट दे कर प्यार का इजहार करते हैं.

रोम : परची में नाम

वैलेंटाइन डे को रोम में रोमन ल्युपर केलिया नाम से भी जाना जाता है. इस दिन युवा एक दिलचस्प खेल खेलते हैं. लड़का मनपसंद लड़की का नाम एक परची पर लिखता है, फिर उसे मोड़ कर चुपचाप एक डब्बे में रख देता है. ऐसा सभी करते हैं. अंत में डब्बे से परचियां निकाली जाती हैं. अब जिस परची पर जिस लड़की का नाम निकलता है, लड़का उसी के साथ वैलेंटाइन डे मनाता है.

दक्षिण अफ्रीका : तुम मेरे हो

इस देश में वैलेंटाइन डे मनाने का तरीका कुछ अलग है. महिलाएं जहां प्रेमी का नाम आस्तीन पर टांक लेती हैं, वहीं प्रेमी दिलनुमा आकृति को बाजुओं में बांध कर प्रेम का इजहार करते हैं.

इंगलैंड : अंधविश्वास हावी

इस दिन महिलाएं अपने तकिए पर 5 तेजपत्ते रखती हैं. वे ऐसा इसलिए करती हैं ताकि उन के होने वाले पति उन के सपने में आएं.

वेल्स : तोहफे में चम्मच

यहां प्रेमी जोड़े एकदूसरे को तोहफे में चम्मच देते हैं, जिन्हें लव स्पून्स कहते हैं. इस में कुछ संदेश भी लिखा होता है. अब हमारे यहां अगर कोई लड़का किसी लड़की को प्रेम का इजहार चम्मच दे कर करे, तो? न…न…आजमाना भी मत.

VIDEO : रोज के खाने में स्वाद जगा देंगे ये 10 टिप्स

ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTube चैनल.

एम पी यानि मध्य प्रदेश नहीं “मुंडन प्रदेश”

पार्वती बागरे भोपाल के नजदीक रायसेन जिले के उदयपुरा के सरकारी कालेज में अतिथि विद्वान के पद पर कार्यरत हैं. बीती 11 फरवरी को पार्वती जब भोपाल के नीलम पार्क में मुंडन कराने बैठीं तो उनके लंबे घने और काले बालों पर उस्तरा चलते देख प्रदेश भर से आए कई अतिथि विद्वानों ने घबराकर आंखे बंद कर लीं थीं. कुछ सहेलियों सहित खुद पार्वती की आंखों से भी झर झर आंसू गिर रहे थे. मुंडन कर रहा हज्जाम बाल उनके सामने बिछाता जा रहा था. दृश्य वाकई वितृष्णा वाला था. इन अतिथि विद्वानों को सुकून देती इकलौती बात यह उम्मीद थी कि शायद इस महिला मुंडन से भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह घबराकर उनकी मांगे मान लें.

ये अतिथि विद्वान सरकार से ज्यादा कुछ नहीं बस इतना चाहते हैं कि उन्हें नौकरी में नियमित कर दिया जाये. इस बाबत उनकी खोखली दलील यह है कि वे लंबे समय से कालेजों में संविदा पर पढ़ा रहे हैं, इसलिए नियमित होना उनका हक है. इन लोगों को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सरकार द्वारा पीएससी के जरिये भर्ती करने पर भी एतराज है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भोपाल में ही कुछ महिला अध्यापकों ने इसी तरह सार्वजनिक रूप से मुंडन करवाया था तो सरकार ने उनकी मांगे मान लीं थीं.

चूंकि तब महिलाओं द्वारा करवाया गया वह  पहला मुंडन था इसलिए उस पर खूब बवाल मचा था और हमदर्दी भी उन्हीं के हिस्से में आई थी, लेकिन सूबे में जिस तेजी से अपनी जायज और नाजायज मांगें मनवाने कर्मचारी मुंडन करवा रहे हैं उससे लगता है मुंडन अब विरोध का नहीं बल्कि ब्लेकमेलिंग का हथियार बनता जा रहा है. महिलाएं अगर मुंडन कराएं तो चर्चा कुदरती तौर पर ज्यादा होती है क्योंकि आमतौर पर औरतें मुंडन नहीं करातीं. अब हो यह रहा है कि अपनी मांगों का पुलिंदा लेकर राज्य भर के मुलाजिम भोपाल आते हैं और मुंडन कराने बैठ जाते हैं. पुरुष कर्मचारियों के मुंडन पर सरकार ने ध्यान देना बंद कर दिया तो महिला कर्मचारियों ने बाल मुड़ाना शुरू कर दिया.

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सरकार से विरोध जताने और अपनी मांगे मनवाने का यह तरीका हालांकि आलोकतांत्रिक नहीं है, लेकिन यह अब हर किसी को समझ आने लगा है कि मुलाज़िम इसे एक कारगर तरीका मानने लगे हैं. सरकार हर बार इनके आगे झुकेगी या शिवराज सिंह डरेंगे यह गारंटी वाली बात नहीं. पार्वती के मुंडन के बाद समझने वालों ने यह भी सोचा कि कैसे सरकार राजपत्रित पदों पर अतिथि विद्वानों को नियमित कर सकती है जब कि असिस्टेंट प्रोफेसर का ओहदा अभी तक पीएससी के जरिये ही भरा जाता रहा है और सरकार भर्ती में इन अतिथि विद्वानो को प्राथमिकता दे रही है फिर ये लोग क्यों पीएससी की परीक्षा से कतरा रहे हैं.

मुंडन से परे एक कड़वा सच यह भी है कि पहले भी उच्च शिक्षा विभाग में सीधी भर्तियां हुईं हैं, जिनके विवाद मुकदमों की शक्ल में अदालतों में चल रहे हैं बिना पीएससी के भर्ती हुये प्रोफेसर जिन्हे नौकरी में सालों साल हो गए हैं नियमित होने के बाद सरकार से न उगले जा रहे हैं और न ही निगले जा रहे हैं.

पार्वती का मुंडन गुल खिलाएगा या नहीं यह वक्त बताएगा लेकिन हैरानी तब हुई जब मुख्यमंत्री के गृह नगर विदिशा के एक गांव मानौरा में किसानों ने भी मुंडन करवाकर अपनी बात मनवाने की कोशिश की थी. जगन्नाथ मंदिर की तरह यात्रा के लिए मशहूर इस गांव के कोई 2 दर्जन किसानों ने 1 फरवरी को सार्वजनिक और सामूहिक मुंडन कराया था. इन किसानों की मांग एक तालाब भर बनवाने की थी जो जरूरी भी है. यानि किसान भी मानने लगे हैं कि अगर सीधी उंगली से घी न निकले तो बाल मुड़वा लो शायद सरकार सुन ले.

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अब डर इस बात का है कि अगर मुंडन कराने बाले मुलाजिमों और किसानों वगैरह की बात सरकार मानने लगेगी तो मध्यप्रदेश में घुटमुंडों की बाढ़ आ जाएगी. साल चुनावी है जिसके चलते शिवराज सिंह कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते पर दिक्कत यह है कि हर कोई उनकी मजबूरी या कमजोरी कुछ भी कह लें का फायदा उठाना चाह रहा है. सरकार का खजाना खाली है जिसकी बड़ी रकम नर्मदा और एकात्म यात्रा जैसे महंगे धार्मिक आयोजनो में फुंक चुकी है इसके बाद भी कोई देवी देवता शिवराज सिंह की मदद करने अवतरित नहीं हो रहा.

कर्मचारी, किसान , व्यापारी और युवा हर कोई गुस्से में है तो दयनीय हालत में आते शिवराज सिंह की हालत ठीक वैसी ही हो गई है जैसी साल 2003 के विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेसी राज में दिग्विजय सिंह की हो गई थी. रही बात मुंडनों की तो अब सरकार की बारी है कि वह हालात बेकाबू होते देख खुद के बाल न नोचने लगे.

अभी और सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल, ये है वजह

डीजल पेट्रोल की कीमतों का असर सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर पड़ता है. पेट्रोलियम महंगा होने से कई वस्‍तुओं की कीमतें भी बढ़ने लगती है. अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण भारत में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत बढ़ते-बढ़ते 81 रुपये तक पहुंच गई थी और डीजल की कीमतें 70 रुपये प्रति लीटर के स्‍तर को पार कर गई थी. लेकिन अब जबकि अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है तो भारत में भी डीजल-पेट्रोल के दाम घटने लगे हैं.

12 फरवरी को एक लीटर पेट्रोल की कीमत 80.87 रुपये तक आ गई जबकि यही कीमत 6 फरवरी को 81.24 रुपये थी. वहीं डीजल की कीमत 6 फरवरी को 68.39 रुपये थी जो घटकर 12 फरवरी को 67.75 रुपये प्रति लीटर आ गई.

अभी और घटेगी कच्‍चे तेल की कीमतें

अमेरिका में कच्‍चे तेल का उत्‍पादन लगातार बढ़ रहा है. वहीं दुनियाभर से कच्‍चे तेल की डिमांड में कमी आ रही है. यही वजह है कि कीमतों में अब लगातार कमी देखने को मिल रही है. जानकारों का कहना है कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में अभी और गिरावट आएगी, जिसकी वजह से इनकी कीमत घटकर 62 डालर प्रति बैरल तक आ सकती हैं. ऐसा होने पर न सिर्फ पेट्रोल डीजल की आसमान छू रही कीमतों पर लगाम लगेगा बल्कि महंगाई भी काफी कम होगी.

10 फीसदी तक सस्‍ता हुआ ब्रेंट क्रूड

दुनियाभर में ईंधन डिमांड में कमी आ रही है. इससे अब यह आशंका खत्‍म हो गई है कि तेल कीमतें बढ़कर 80 डालर प्रति बैरल तक पहुंच जाएंगी. यही वजह है कि कच्चे तेल की कीमतें लगातार नीचे आ रही हैं. ब्रेंट क्रूड 26 दिसंबर के बाद से 10 फीसदी सस्ता हो चुका है.

वीडियो : महेंद्र सिंह धोनी ने संभाला गेंदबाजी का मोर्चा

आपने महेंद्र सिंह धोनी को बल्लेबाजी के दौरान हेलीकौप्टर शौट मारते देखा होगा, आपने उन्हें क्रीज पर तेज दौड़ लगाते देखा होगा और विकेट के पीछे शानदार कीपरिंग करते हुए भी देखा होगा. लेकिन आपने क्या कभी भी धोनी को स्पिन बौलिंग में अपना हाथ आजमाते देखा है. अगर नहीं तो अब आप उन्हें स्पिन बौलिंग करते हुए भी देख सकते हैं.

जी हां, सोशल मीडिया पर ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें धोनी लेग स्पिन करते नजर आ रहे हैं. स्पिन आमतौर पर साधारण गेंदबाजी होती है लेकिन जब कोई लेग स्पिन करता है तो बहुत कठिनाई होती है और सामने वाले खिलाड़ी को खेलने में परेशानी भी होती है. ऐसा ही कुछ धोनी को करते देखा गया. जिसे देखकर हर कोई हैरान है. आइए जानते हैं आखिर धोनी स्पिन बौलिंग क्यों कर रहे हैं.

बता दें कि पांचवें वनडे से पहले एमएस धोनी ने नेट प्रेक्टिस की इस दौरान वह लेग स्पिन बौलिंग करते नजर आए. बता दें कि पांचवां वनडे सेंट जौर्ज पार्क में आज खेला जाना है. पिच क्यूरेटर्स की मानें तो ये पिच स्पिनर्स को काफी मदद करती है. लिहाजा एमएस धोनी ने पहले बल्लेबाजी की और फिर बल्लेबाजों को औफ स्पिन और लेग स्पिन कर प्रैक्टिस कराई.

ये वीडियो बीसीसीआई ने ट्विटर पर पोस्ट किया है और लिखा है- ‘अक्षर पटेल और एमएस धोनी टीम इंडिया को लेग स्पिन की प्रैक्टिस कराते हुए.’

देखें वीडियो

बता दें, कि बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी ने इससे पहले भी बौलिंग कर चुके हैं और विकेटकीपर धोनी के नाम एक वनडे विकेट भी दर्ज है. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2009 में ट्रेविस डोवलिन को आउट किया था. चौथा वनडे हारने के बाद टीम इंडिया का पूरा फोकस सीरीज जीतने पर है. बता दें, अगर टीम इंडिया यह मुकाबला जीत जाती है तो उसका ना सिर्फ सीरीज पर कब्जा होगा बल्कि पार्ट एलिजाबेथ में भी उनकी पहली जीत होगी. क्योंकि टीम इंडिया ने पार्ट एलिजाबेथ में 4 मुकाबले खेले हैं, लेकिन एक भी मैच नहीं जीता.

वैलेंटाइन डे के मौके पर रिलीज हुआ फिल्म ‘रेड’ का यह गाना

फिल्म ‘बादशाहो’ का एक खूबसूरत गाना ‘मेरे रश्के कमर’ के अब तक लोग दीवाने हैं. इसमें बड़े ही सूफियाना अंदाज में अजय और इलियाना की लवस्टोरी को दिखाया गया था. वैलेंटाइन डे के आने से पहले ही अजय और इलियाना ने फैंस को एक और प्यार भरा तोहफा दे दिया है. अजय और इलियाना की फिल्म ‘रेड’ का पहला गाना रिलीज किया गया है. इस रोमांटिक से गाने के बोले हैं, ‘सानू एक पल चैन ना आवे’. इस गाने को अपनी आवाज दी है उस्ताद राहत फतेह अली खान ने और इसकी धुनों को सजाया है संगीतकार तनीष बागची ने.

बता दें कि मशहूर सिंगर राहत फतेह अली खान ने अपने चाचा नुसरत फतेह अली खान के मशहूर गाने में से एक ‘सानू एक पल चैन ना आवे’ को नए ढंग से अपनी जादुई आवाज के जरिये फिल्म रेड में प्रस्तुत किया है. आपने यह गाना साल 1997 में आई अनिल कपूर की फिल्म ‘जुदाई’ में लोगों ने सुना होगा. लेकिन इस फिल्म में यह गाना पंजाबी में गाया गया है.

इस गाने में इलियाना और अजय की मैरिड लाइफ को दिखाया गया है. इलियाना अजय के इंतजार में हर पल उन्हें याद करती है. फिल्म के ट्रेलर के बाद इस गाने ने भी सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है. रिलीज के कुछ घंटों के अंदर ही इस गाने को यूट्यूब पर 3 लाख 75 हजार से ज्यादा लोगों ने देख लिया है.

आपको बता दे रेड एक क्राइम ड्रामा फिल्म है. फिल्म में अजय देवगन इनकम टेक्स अधिकारी का किरदार निभा रहे हैं और इलियाना अजय की पत्नी का किरदार अदा कर रही हैं. इस फिल्म को प्रड्यूस कर रहे हैं भूषण कुमार, कृषण कुमार, कुमार मंगत और अभिषेक पाठक और निर्देशित किया है राज कुमार गुप्ता ने. यह फिल्म 16 मार्च 2018 को रिलीज हो रही है.

इमरान ताहिर को फिर होना पड़ा नस्लीय टिप्पणी का शिकार

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हो रही छह मैचों की वनडे सीरीज अब तक अफ्रीकी स्पिनर इमरान ताहिर के लिए अच्छी साबित नहीं हुई है. लेकिन इसी दौरान वह एक बार फिर से नस्लीय टिप्पणी का शिकार हुए हैं. हालांकि चौथे मैच में इमरान ताहिर को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था. लेकिन मैच के दौरान दर्शकों में बैठे एक अज्ञात व्यक्ति ने उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और उन पर नस्लीय टिप्पणी की.

इमरान ताहिर ने इस मामले में तुरंत एक्शन लिया और उन्होंने सुरक्षाकर्मी से उस कथित व्यक्ति की शिकायत की. पूरे मामले में अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने अब अपना बयान जारी करते हुए कहा कि चौथे वनडे मैच के दौरान इमरान ताहिर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके खिलाफ नस्लीय बातें कहीं. ताहिर ने तुरंत उस व्यक्ति की शिकायत सुरक्षाकर्मी से. इमरान ताहिर की शिकायत पर गार्ड्स ने उस व्यक्ति को खोजकर स्टेडियम से बाहर कर दिया.

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अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने कहा, जांच में पाया गया कि ताहिर और उस अज्ञात व्यक्ति के बीच किसी तरह की हाथापाई नहीं हुई. उस व्यक्ति का किसी और के साथ भी किसी तरह का विवाद नहीं हुआ. उसे हिरासत में लेकर अब उस पर कार्रवाई की जा रही है.

पहले भी हो चुका है ऐसा

इमरान ताहिर पर इस तरह के नस्लीय कमेंट पहले भी हुए हैं. इससे पहले जब 2015 वर्ल्डकप खेला जा रहा था, उस समय आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका के एक मैच में दर्शकों की ओर से इमरान ताहिर के खिलाफ नस्लीय टिप्पणियां की गई थीं. आईसीसी के एंटी नस्लीय टिप्पणी कोड के अनुसार, कोई भी दर्शक ऐसी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर उसे सजा सुनाई जाती है. उसके जीवन भर स्टेडियम में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.

खैर टीम जीत गई

इमरान ताहिर को भले इस मैच में खेलने का मौका न मिला हो, उनके खिलाफ नस्लीय टिप्पणी की घटना भी हुई हो, लेकिन उनकी टीम ने पिंक जर्सी में एक बार फिर से कमाल करते हुए टीम इंडिया को 5 विकेट से हरा दिया. दो बार बारिश से प्रभावित हुए इस मैच में अफ्रीका को 28 ओवरों में 202 रन बनाने का लक्ष्य मिला था. जिसे उन्होंने आसानी से हासिल कर सीरीज में अपने होने की संभावना बचाए रखी.

स्मार्टफोन को और स्मार्ट बनाने की तैयारी में लगा है सैमसंग, जानें कैसे

आजकल तकनीक की दुनिया में बहुत तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं और यह बदलाव स्मार्टफोन्स में सबसे ज्यादा हो रहा है. यही वजह है कि हमारे स्मार्टफोन्स हर दिन और भी ज्यादा स्मार्ट होते जा रहे हैं. अब खबर आई है कि सैमसंग जल्द ही अपने गैलेक्सी फोन्स में बड़ा बदलाव करने जा रहा है.

सैमसंग जल्द ही बार्सिलोना में होने वाली वार्षिक मोबाइल वर्ल्ड कांफ्रेस से पहले अपने Galaxy S9 और Galaxy S9+ स्मार्टफोन को लौन्च करने वाला है. मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भविष्य के गैलेक्सी फोन्स में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं. खबर है कि वर्ल्ड इंटेलैक्चुएल प्रौपर्टी और्गेनाइजेशन (WIPO) ने हाल ही में सैमसंग के एक नए पेटेंट को हरी झंडी दी है. दरअसल सैमसंग अपने फोन्स में पूरी तरह बेजल-लेस तकनीक पर भी काम कर रही है, जिसके बाद सैमसंग फोन्स की स्क्रीन में फिंगरप्रिंट स्कैनर लगाया जाएगा.

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बता दें कि बेजल फोन का बाहरी फ्रेम होता है, जो कि फोन को एक आकार देता है. लेकिन बेजल-लेस फोन में सिर्फ डिस्प्ले होगा, जिससे फोन काफी आकर्षक और तकनीकी रूप से काफी एडवांस्ड हो जाएगा. वहीं फोन का डिस्प्ले प्रेशर-सेंसिटिव होगा, जिसकी मदद से फोन सिर्फ एक टच से औपरेट हो सकेगा.

बता दें कि प्रेशर सेंसिटिव डिसप्ले तकनीक ऐप्पल के iPhone 6s और उसके बाद के फोन्स में भी पाई जाती है. Apple ने इस तकनीक को 3D टच का नाम दिया है. ऐप्पल के अलावा Huawei के कुछ फोन्स में भी यह तकनीक है.

बता दें कि नीदरलैंड की एक वेबसाइट Lets Go Digital ने सैमसंग के नए पेंटेंट की खबर प्रकाशित की है. खबर के अनुसार, सैमसंग ने 1 अगस्त, 2017 को पेटेंट के लिए अप्लाई किया था, जिसे 8 फरवरी, 2018 को WIPO ने अपनी मंजरी दी. वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, जब फोन की स्क्रीन पर मौजूद होम बटन को दबाया जाएगा, तो फोन एक्टीवेट हो जाएगा,

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वहीं यदि यूजर होम बटन को ज्यादा जोर से दबाएगा तो फोन के ऐप्स खुल जाएंगे. माना जा रहा है कि बेजल-लेस तकनीक LCD, LED और AMOLED डिस्प्ले पर ही काम करेगी. सैमसंग के मौजूदा गैलेक्सी फोन्स जैसे S8, S8+ और Note 8 में Infinity Display का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तकनीक में फोन्स सिरों पर Dual Curved हैं और इन किनारों पर बेजल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. हालांकि इन फोन्स में ऊपर और नीचे बेजल का इस्तेमाल किया गया है. उम्मीद की जा रही है कि साल 2019 तक आने वाले सैमसंग के Galaxy S10 और Galaxy X में नई बेजल-लेस तकनीक देखने को मिल सकती है.

पीपीएफ समेत इन बचत योचनाओं पर हो सकता है बड़ा फैसला, जानें पूरी खबर

पब्लिक प्रौविडेंट फंड (पीपीएफ) समेत छोटी बचत योजनाओं को उपभोक्ता को जल्द बड़ी राहत मिल सकती है. सरकार इसके लिए एक प्रावधान तैयार कर रही है. इससे उपभोक्ताओं को तय वक्त से पहले अपने अकाउंट से पैसा निकालने और उसे बंद करने की छूट मिल सकती है. दरअसल, सरकार का मानना है कि इससे रुपए की अचानक जरूरत पड़ने पर उपभोक्ता पैसा निकाल सकेगा. सरकार का यह भी मानना है कि ऐसा करने से छोटी बचत योजनाओं के प्रति लोगों को रूझान बढ़ेगा.

सरकार लाएगी नया एक्ट

सूत्रों के मुताबिक, यह प्रस्ताव एक बड़ी रीस्ट्रक्चरिंग का हिस्सा है. 2018-19 के बजट प्रस्ताव में इन सभी योजनाओं को एक ही कानून के दायरे में लाने की बात कही गई थी. इसके तहत गवर्नमेंट सेविंग्स प्रमोशन एक्ट बनाया जाएगा. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नया एक्ट आने से सबसे ज्यादा फायदा नौकरीपेशा को होगा. जिन्हें अक्सर पैसे की जरूरत पड़ती है, लेकिन स्कीम पर कैप लगी होने से ऐसा मुमकिन नहीं होता.

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कौन से एक्ट हो सकते हैं खत्म

पब्लिक प्रौविडेंट फंड एक्ट 1962

गवर्नमेंट सेविंग्स सर्टिफिकेट एक्ट 1959

गवर्नमेंट सेविंग्स बैंक एक्ट 1873

नए संशोधनों में मिलेंगे और फायदे

एक खबर के मुताबिक, सरकार लोगों के लिए नए संशोधन भी कर सकती है. फिलहाल नाबालिग के अकाउंट में पैसा डालने की छूट कुछ ही स्कीम्स में है. सरकार इसे सब स्कीमों में लाने की तैयारी कर रही है. इसमें एक संशोधन ये भी हो सकता है कि नाबालिग खुद तय कर सकेगा कि उसका उत्तराधिकारी कौन होगा. साथ ही तय वक्त से पहले बंद करने की छूट मेडिकल या फाइनेंशियल इमरजेंसी में है. इसे भी नोटिफाई करने का अधिकार उपभोक्ता को दिया जा सकता है.

एक जैसे होंगे सभी स्कीम्स के नियम

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सभी छोटी बचत योजनाओं के नियमों को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है. सभी नियम एक जैसे होंगे. बदलाव का असर उपभोक्ता पर बिल्कुल नहीं पड़ेगा. बल्कि उपभोक्ता को आसानी होगी और नियमों में छूट मिलने से वह अपने पैसा का इस्तेमाल भी कर सकेगा. सूत्रों की मानें तो इस बदलाव से योजनाओं में अंतर खत्म होंगे. इसका मकसद भी यही है कि उपभोक्ता बिल्कुल परेशान न हो. उसे जिस स्कीम में पैसा लगाना है वह अपनी इच्छा अनुसार लगा सके.

अभी PPF में यह है व्यवस्था

एक कानून होने से अलग-अलग स्कीम के बीच का अंतर खत्म होगा. 15 साल की पीपीएफ स्कीम में सातवें साल में पहले विथड्रौल की इजाजत होती है. उसमें भी चौथे साल के अंत में रहे बैलेंस का 50 फीसदी हिस्सा ही निकाला जा सकता है. कुछ स्थितियों में 5 साल बाद अकाउंट बंद किया जा सकता है. लेकिन, उसमें सरकार टीडीएस काटती है. वहीं, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स स्कीम में तय वक्त से पहले बंद करने या पैसा निकालने की शर्तें बहुत सख्त हैं.

कमीशन ने की कानून बनाने की सिफारिश

ला कमीशन ने सरकार को सिफारिशें सौंपी हैं. इन सिफारिशों में कमीशन ने एक कानून बनाने की बात कही है. सरकार ने कहा है कि इन बदलावों से मौजूदा निवेशकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा था कि कुर्की की सूरत में पीपीएफ डिपौजिट्स को प्रोटेक्शन मिलता रहेगा.

गूगल क्रोम यूजर्स हो जाएं सावधान, बैंक खाते में लग सकती है सेंध

आज हर कोई इंटरनेट से जुड़ रहा है और इसका इस्तेमाल करने वालों में ज्यादातर लोग गूगल क्रोम का प्रयोग करते हैं. अगर आप भी गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको थोड़ा सावधान होने की जरूरत है. कई बार ऐसा होता है कि आप क्रोम में अपना काम कर रहे होते हैं और अचानक कोई ऐड आ जाता है. इसके बाद फिर कोई मैसेज आ जाता है. अगर आपके पास ऐसा कोई फालतू ऐड या मैसेज आए तो उसे तुरंत बंद कर दें.

यह एक पौप अप की तरह आता है. इसमें कई बार लुभावने औफर्स के बारे में बताया जाता है और क्लिक करने के लिए कहा जाता है. इस पर कभी क्लिक न करें. एक क्लिक आपके लिए खतरे का निशान साबित हो सकता है इसलिए जितना हो सकें इस तरह के औफर से खुद को दूर रखने की कोशिश करें. अगर आपकी ईमेल पर भी कोई ऐसा मैसेज आता है तो उसे ओपन न करें.

हम आपसे ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस तरह के पौप अप से हैकर्स कंप्यूटर पर वायरस भेजकर वेब ब्राउजर को फ्रीज कर देते हैं. इसके बाद डिस्प्ले पर फोन नंबर आने लगेगा, कि इस नंबर पर कौल करके आप अपने कंप्यूटर को सही करा सकते हैं. उसमें कुछ 5-6 मिनट तक का समय होता है कि इतनी देर में कौल कर लीजिए नहीं तो कंप्यूटर क्रैश हो जाएगा. अगर कौल नहीं करेंगे तो आपके कंप्यूटर में सेकेंड्स में हजारों फाइल्स डाउनलोड होने लग जाती हैं. इस तरह से हैकर्स लोगों से पैसा ऐंठ लेते हैं. इस तरह से आपके कंप्यूटर में सेव आपकी बैंक डिटेल्स, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की डिटेल्स ईमेल आईडी आदि की पूरी डिटेल्स को हैकर आपके कंप्यूटर से चुरा लेते हैं. इस तरह ये हैकर्स आपके खाते से पैसा भी निकाल सकते हैं.

साइबर सिक्योरिटी कंपनी मालवेयरबायट्स के मुताबिक यह खतरा ऐड और इंफेक्टिड साइट्स से है. इनका फर्स्ट टारगेट गूगल क्रोम यूजर्स होते हैं. हैकर्स पहले मैसेज भेजते हैं कि आपके कंप्यूटर में वायरस है. इसे स्कैन करें. स्कैन पर क्लिक करते ही वायरस कंप्यूटर को अपने कंट्रोल में ले लेता है. कंपनी के मुताबिक पिछले 3 महीने में ऐसे मामले बढ़े हैं. ज्यादातर हैकर्स ब्राउजर को लौक कर देते हैं और उसे अनलौक करने के पैसे मांगते हैं. अगर कभी ऐसी स्थिति पैदा होती है तो टास्क मैनेजर से ब्राउजर को तुरंत बंद कर दें. कंपनी का कहना है ऐसे अटैक से बचने के लिए आप ऐड ब्लौकर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

सुई धागा का फर्स्ट लुक लौन्च, अनोखे अंदाज में दिख रहे हैं वरुण और अनुष्का

बौलीवुड एक्टर वरुण धवन और एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘सुई धागा- मेड इन इंडिया’ इस साल रिलीज की जाएगी और यह फिल्म पिछले साल से ही सुर्खियो में है. बता दें, इस फिल्म की घोषणा वरुण और अनुष्का ने पिछले साल 2 अक्टूबर को एक वीडियो के जरिए की थी, जिसके बाद अब दोनों का फिल्म से फर्स्ट लुक सामने आया है. फिल्म के इस फर्स्ट लुक में वरुण धवन और अनुष्का शर्मा का लुक काफी अलग लग रहा है और दोनों का यह अंदाज पहली बार देखने को मिल रहा है.

बता दें, इस फिल्म में वरुण का नाम मौजी और अनुष्का का नाम ममता है. फिल्म के फर्स्ट लुक में वरुण क्रीम कलर की शर्ट और पैंट में दिखाई दे रहे हैं और इसके साथ ही उनका फेस भी हमेशा से काफी अलग लग रहा है.

वहीं अनुष्का भी तस्वीर में साड़ी में नजर आ रही हैं और उनकी मांग में सिंदूर भी दिखाई दे रहा है. दोनों का हेयर स्टाइल भी पुराने वक्त है और दोनों को देख यह कोई नहीं कह सकता कि वह एक्टर हैं. तस्वीर में दोनों वाकई में गांव के रहने वाले लग रहे हैं.

गौरतलब है कि इस फिल्म का निर्माण यश राज फिल्म्स के बैनर तले किया जा रहा है और फिल्म का निर्देशन शरत कातरी कर रहे हैं. इस फिल्म को इस साल 28 सितंबर को रिलीज किया जाएगा. फिल्म को गांधी जयंती से एक हफ्ते पहले रिलीज किया जा रहा है. फिल्म की कहानी मेड इन इंडिया को प्रमोट करती है और वरुण और अनुष्का को पहली बार इस अंदाज में देख यह तो कनफर्म हो गया कि फिल्म में दोनों का किरदार अब तक के उनके द्वारा निभाए गए किरदारों से काफी अलग होगा.

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