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हार के लिए विराट कोहली ने इस वजह को बताया जिम्मेदार

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आपको याद होगा कि दक्षिण अफ्रीका ने बुधवार (21 फरवरी) को खेले गए दूसरे टी-20 मैच में भारत को छह विकेट से हरा दिया था. इस मैच में कप्तान जीन पौल डुमिनी ने नाबाद 64 और ‘मैन औफ द मैच’ रहे हेनरिक क्लासेन ने 69 की शानदार बल्लेबाजी के दम पर सुपरस्पोर्ट पार्क में खेले कर इस मैच में अपनी जीत दर्ज कराने के साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने तीन टी-20 मैचों की सीरीज को 1-1 से बराबर कर दिया है.

इस मैच में हार के बाद कप्तान विराट कोहली काफी निराश नजर आए, लेकिन उन्होंने इस हार के लिए खिलाड़ियों को जिम्मेदार न ठहरा कर टीम के हार के पीछे बारिश को असली वजह बताया. विराट ने प्रेस कौन्फ्रेंस में कहा, ”यह मैच गेंदबाजों के लिए काफी मुश्किल था. जब हमारे विकेट जल्दी-जल्दी गिर गए थे, तब हम सोच रहे थे दक्षिण अफ्रीका को 175 का लक्ष्य ही दें पाएंगे लेकिन फिर मनीष पांडे और सुरेश रैना ने अच्छी बल्लेबाजी दिखाई. इसके बाद मनीष और महेंद्र सिंह धोनी ने हमें 190 रनों के स्कोर तक पहुंचाया. हमें लगा था यह स्कोर हमें जीत दिलाने वाला साबित होगा.”

विराट कोहली ने कहा, ‘हमारी बल्लेबाजी अच्छी थी, लेकिन इसके बाद मौसम हमारे लिए मुश्किल बन गया. 12वें ओवर तक सबकुछ ठीक चल था, लेकिन इसके बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई. इस बूंदाबांदी ने हमारे गेंदबाजों के लिए मुश्किलें पैदा कर दीं. दक्षिण अफ्रीका ने ऐसी परिस्थिति में रिस्क लिया और इसके लिए उन्हें पूरा क्रेडिट भी जाता है. दक्षिण अफ्रीका इस जीत का हकदार था.’

वहीं, अफ्रीकी कप्तान जेपी डुमिनी ने कहा, ‘टौस के समय मैंने कहा था कि ये मैच सेमीफाइनल जैसा होगा और हम सीरीज को न्यूलैंड्स तक ले जाना चाहते हैं. क्लासेन बल्लेबाजी करने आया और पूरी आजादी से शौट्स खेले. 189 रनों के लक्ष्य को हासिल करना अच्छा रहा.’

‘मैन औफ द मैच’ हेनरिक क्लासेन ने कहा, ‘यह बहुत खास था. यह मेरा होम ग्राउंड है. मैं बचपन से इसका सपना देख रहा था. मैं सिर्फ विकेटकीपिंग नहीं कर रहा था. मैंने अपनी बल्लेबाजी से भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बनाया. मैं अपने दिमाग को ठंडा और शांत रखता हूं और मैं अपने क्रिकेट से काफी खुश हूं’

गौरतलब है कि इससे पहला टी-20 मैच जोहानिसबर्ग में खेला गया था, जिसमें भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 28 रनों से मात दी. अब दोनों टीमों के बीच दूसरा टी-20 सेंचुरियन में खेला गया, जिसमें दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 6 विकेट से मात देकर सीरीज में वापसी कर ली है. अब दोनों टीमों के बीच सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच कैपटाउन में 24 फरवरी को खेला जाएगा.

अगर बंद हो गया मोबाईल वौलेट तो आपको क्या होगा नुकसान

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आरबीआई के निर्देश अनुसार, अगर मोबाइल वौलेट कंपनियां केवाईसी कराने में नाकाम रहती हैं तो उपभोक्ता के खाते बंद कर दिए जाएंगे. साथ ही मोबाइल वौलेट भी बंद हो जाएगा. इसका असर कंपनी के साथ-साथ आप पर भी पड़ेगा. दरअसल, आरबीआई ने मोबाइल वौलेट्स को केवाईसी (Know your customer) कराने के लिए कहा था. इसमें ग्राहकों के पैन कार्ड, आधार कार्ड के जरिए केवाई हो सकता है. लेकिन, नहीं होने पर आपको क्या नुकसान होंगे यह जानना बहुत जरूरी है.

केवाईसी नहीं कराया तो क्या?

किसी उपभोक्ता ने अगर अपने मोबाइल वौलेट का केवाईसी नहीं कराया तो कंपनी उसका वौलेट बंद कर देगी. इससे वह वौलेट के जरिए कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएगा. किसी तरह के बिल जमा नहीं होंगे. ऐसे में डिजिटल इंडिया में औनलाइन ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे. हालांकि, बैंकों के यूपीआई पेमेंट सर्विस से ये सभी काम हो सकेंगे. लेकिन, बाकी प्राइवेट मोबाइल वौलेट सर्विस प्रोवाइडर की सेवा बंद हो जाएगी.

वौलेट का पैसा नहीं निकाल सकेंगे

अगर किसी ने अपने मोबाइल वौलेट में पैसे डाल रखे हैं और 28 फरवरी तक अपना केवाईसी नहीं कराते हैं तो इसके बाद आपका पैसा भी ब्लौक हो सकता है. पेटीएम, एयरटेल मनी, मोबिक्विक जैसे वौलेट से आप ट्रांजैक्शन नहीं कर सकेंगे. इसके पैसे भी ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स के  अनुसार वौलेट बंद होने से सरकार की डिजिटल मुहिम को झटका लग सकता है. बाजार में फिर से कैश फ्लो बढ़ सकता है. लोग अपने कार्ड में पैसा रखने के बजाए ज्यादा कैश कैरी करेंगे. इसलिए ऐसा मुमकिन नहीं कि सभी वौलेट एक साथ बंद हो जाएं. हालांकि, यह जरूर है कि सरकारी पेमेंट ऐप जो बैंक से लिंक होते हैं उनकी ग्राहक संख्या जरूर बढ़ेगी. भीम ऐप, यूपीआई को इससे फायदा होगा.

ये गलतियां की तो होगा नुकसान

मोबाइल वौलेट के जरिए ट्रान्‍जेक्‍शन आसान तो है लेकिन इस दौरान कुछ सावधानी बरतने की जरूरत है. आपकी थोड़ी सी लापरवाही आपकी मेहनत की कमाई को डुबा सकती है. इसलिए जरूरी है कि ट्रान्‍जेक्‍शन के वक्‍त कुछ बातों का ध्यान रखें.

5 गलतियां जो कभी नहीं करनी चाहिएं

  1. लौग आउट न करना

ज्‍यादातर लोग अपने मोबाइल वौलेट को लौग इन ही रखते हैं, इससे उन्हें बार-बार पासवर्ड नहीं डालना पड़ता. लेकिन, ऐसा करना खतरनाक है. अगर आपका मोबाइल वौलेट हमेशा लौग इन रहता है व आपने इसे किसी तरह के लौक या पैटर्न से सुरक्षित भी नहीं किया है और ऐसे में आपका मोबाइल खो जाता है या चोरी हो जाता है तो आपके वौलेट का इस्‍तेमाल कर लिए जाने और बैलेंस साफ होने का खतरा पैदा हो जाता है.

  1. ऐप लौक न लगाना

स्‍मार्टफोन को लौक करने के लिए तो लौक या पैटर्न उसमें इनबिल्‍ट रहता है. साथ ही आजकल ऐप्‍स के लिए लौक भी मौजूद हैं. लेकिन, कुछ लोग इस तरह का लौक नहीं लगाते. वे केवल कुछ ऐप्‍स को ऐप लौक से सुरक्षित कर देते हैं, अगर आपका स्‍मार्टफोन लौक नहीं रहता है और आपने मोबाइल वौलेट पर भी ऐप लौक नहीं लगाया है, तो आपके वौलेट का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है.

  1. ज्‍यादा पैसे रखना

अपने मोबाइल वौलेट में बहुत ज्‍यादा पैसे रखने से बचें. अक्‍सर लोग वौलेट में बहुत ज्‍यादा पैसे जमाकर लेते हैं. ऐसे में फोन चोरी होने की स्थिति में आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं अगर आप कम अमाउंट रखेंगे तो नुकसान कम होने की संभावना होगी.

  1. शेयर न करें ओटीपी

जब भी हम किसी ओटीपी बेस्‍ड ट्रान्‍जेक्‍शन के लिए मोबाइल वौलेट से पेमेंट करते हैं तो ध्‍यान रखें कि आप इसे किसी अनजान से शेयर न करें. मोबाइल वौलेट कंपनियां अपने यूजर्स को इसके बारे में आगाह करती रहती हैं. साथ ही यह भी कहा जाता है कि अगर कोई फोन पर आपसे आपका ओटीपी या वौलेट संबंधी अन्‍य जानकारी मांगे तो शेयर न करें, फिर भले ही वह वौलेट कंपनियों का कर्मचारी ही क्‍यों न हो.

  1. मनी ऐड करते वक्‍त रिफ्रेश या बैक कर देना

कई बार ऐसा होता है कि जब हम अपने बैंक अकाउंट से पैसे वौलेट में ऐड कर रहे होते हैं तो नेटवर्क इश्‍यू की वजह से इसमें थोड़ा टाइम लग जाता है. ऐसे में आपको रिफ्रेश या बैक करने से बचना चाहिए. तब तक कुछ न करें, जब तक आपके पास ट्रांजैक्शन फेल या सक्‍सेसफुल होने का मैसेज न आ जाए. कई बार ऐसा ट्रांजैक्शन के वक्‍त भी होता है. ऐसे में आपको थोड़ा रुककर इंतजार करने की जरूरत होती है.

‘एंड्रायड पे’ और ‘वौलेट’ नहीं बल्कि ‘गूगल पे’ होगा पेमेंट का नया ठिकाना

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गूगल अब जल्द ही एंड्रायड पे और गूगल वौलेट की जगह पर ‘गूगल पे’ की सुविधा लेकर आ रहा है. इसे ‘गूगल पे सेंड’ का नाम दिया गया है. इसके जरिए यूजर को नए डिजाइन और फीचर के साथ यूपीआई सेवा मुहैया करवाई जाएगी. गूगल पे ऐप का वर्जन डाउनलोड/अपडेट के लिए जारी भी कर दिया गया है. गूगल ने इस नए फीचर के साथ इसकी वेबसाइट को भी अपडेट भी किया है. लेकिन यूजर को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होने में अभी वक्त लगेगा.

बता दें कि गूगल पे ऐप के इंटरफेस में 2 टैब हैं – होम और कार्ड्स. गूगल प्ले स्टोर पर दिख रही तस्वीर के मुताबिक, गूगल पे ऐप पर हालिया पेमेंट की जानकारी, औफर और आस-पास मौजूद स्टोर के आइकन मौजूद हैं. साथ ही इसमें कार्ड-स्टाइल इंटरफेस है, जिसमें यूजर को डेबिट, क्रेडिट व अन्य कार्ड के विकल्प दिखते हैं.

नई ब्रांडिंग के साथ-साथ गूगल ने ये बदलाव ऐप्पल और सैमसंग के पेमेंट ऐप को टक्कर देने के लिए भी किए हैं. वर्तमान में सैमसंग पे और ऐप्पल पे जैसे प्लेटफौर्म भी यूजर के लिए मौजूद हैं. इस खास ऐप में एंड्रायड पे की तरह ही यूजर पेमेंट की जानकारी को सेव रख पाएंगे. बता दें कि एंड्रायड पे साल 2015 में लौन्च हुआ था.

कंपनी की ओर से 4 नए यूट्यूब वीडियो भी जारी किए गए हैं. इस वीडियो में नए ऐप को इस्तेमाल करने से जुड़ी जानकारियां दी गई हैं. इसके अलावा इसमें ऐप की सुरक्षा और इस्तेमाल के साथ-साथ पेमेंट आदि सेवाओं के बारे में विस्तार से यूजर को बताया गया है. हालांकि, ऐप के फंक्शन में कोई बड़े बदलाव नहीं किए गए हैं.

हाल ही में गूगल ने एक ब्लौग पोस्ट के जरिए बताया था कि नए ऐप को तेज यूजर के लिए भी लाया जाएगा. फिलहाल तय नहीं है कि तेज को ही ‘गूगल पे’ नाम से रीब्रांड किया जाएगा या ‘गूगल पे’ नाम से ही यह ऐप यूजर को उपलब्ध होगा. ‘गूगल पे’ ऐप यूएस और यूके में अगले कुछ महीनों में यूपीआई सेवा के साथ शुरू हो जाएगा. भारत समेत बाकी देशों के लिए अभी आधिकारिक तौर पर जारी किये जाने की समयसीमा नहीं बताई गई है.

मैं यूरिन को होल्ड नहीं कर पाती. बारबार यूरिन के लिए जाना पड़ता है. शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता है. क्या करूं.

सवाल
मैं 35 वर्षीय महिला हूं. यूरिन को होल्ड नहीं कर पाती. बारबार यूरिन पास करने के लिए जाना पड़ता है. इस कारण कई बार शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता है. क्या करूं?

जवाब
यह मूत्रमार्ग से संबंधित सामान्य समस्या है, जो ब्लैडर ओवरऐक्टिव के कारण होती है और ज्यादातर महिलाओं में होती है. पानी कम पीएं, चायकौफी, कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन भी कम ही करें. अगर शराब का सेवन करती हैं तो उसे तुरंत छोड़ दें. नियमित ऐक्सरसाइज करें ताकि ब्लैडर की मांसपेशियां मजबूत बनें. ब्लैडर हाइपर ऐक्टिविटी को कम करने के लिए दवा भी दी जाती है. अगर ऐक्सरसाइज और दवा दोनों से फर्क न पड़े तो बोटोक्स ट्रीटमैंट किया जाता है. अगर इस से भी समस्या दूर न हो तो सर्जरी ही अंतिम विकल्प बचता है.

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महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन का बढ़ता जोखिम

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन या यूटीआई (यह ट्रैक्ट शरीर से मुख्यरूप से किडनी, यूरेटर ब्लैडर और यूरेथरा से मूत्र निकालता है) एक प्रकार का विषाणुजनित संक्रमण है. यह ब्लैडर में होने वाला सब से सामान्य प्रकार का संक्रमण है लेकिन कई बार मरीजों को किडनी में गंभीर प्रकार का संक्रमण भी हो सकता है जिसे पाइलोनफ्रिटिस कहते हैं.

यौनरूप से सक्रिय महिलाओं में यह अधिक होता है क्योंकि यूरेथरा सिर्फ 4 सैंटीमीटर लंबा होता है और जीवाणु के पास ब्लैडर के बाहर से ले कर भीतर तक घूमने के लिए इतनी ही जगह होती है. डायबिटीज होने से मरीजों में यूटीआई होने का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है.

डायबिटीज से बढ़ता है जोखिम

–     डायबिटीज के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, इसलिए शरीर जीवाणुओं, विषाणुओं और फुंगी से मुकाबला करने में अक्षम हो जाता है. इस वजह से डायबिटीज से पीडि़त मरीजों को अकसर ऐसे जीवाणुओं की वजह से यूटीआई हो जाता है. इस में सामान्य एंटीबायोटिक काम नहीं आते हैं.

–     लंबी अवधि की डायबिटीज ब्लैडर को आपूर्ति करने वाली नसों को प्रभावित कर सकती है जिस की वजह से ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं जो यूरिनरी सिस्टम के बीच सिग्नल को प्रभावित कर ब्लैडर को खाली होने से रोक सकती हैं. परिणामस्वरूप, मूत्र पूरी तरह से नहीं निकल पाता है और इस की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

–     मेटाबोलिक नियंत्रण खराब होने से डायबिटीज से पीडि़त मरीज में किसी प्रकार के संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है.

–     कुछ नई एंटीडायबिटीक दवाओं की वजह से मामूली यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन हो सकता है.

क्या हैं लक्षण

लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन

–     पेशाब करते हुए दर्द होना.

–     पेशाब में जलन महसूस होना.

–     तत्काल पेशाब करने की जरूरत महसूस होना.

–     असमंजस.

–     क्लाउडी यूरिन.

–     पेशाब में से अजीब सी बदबू आना.

–     पेशाब में खून.

–     पेट के निचले हिस्से में दर्द.

–     पीठ में दर्द.

अपर यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन

–     सर्दी के साथ तेज बुखार.

–     उलटी होना.

–     पेट के निचले हिस्से में दर्द.

–     बगल में दर्द.

आमतौर पर इन लक्षणों का मतलब होता है कि संक्रमण किडनी तकपहुंच चुका है. इस गंभीर समस्या से नजात पाने के लिए अस्पताल में भरती होने की जरूरत हो सकती है. तत्काल उपचार से लक्षणों से भी छुटकारा मिल सकता है और संक्रमण के फैलने से भी बचा जा सकता है. कई दुर्लभ मामलों में यूटीआई की वजह से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे किडनी को नुकसान या फिर किडनी फेल होना. यूटीआई का पता लगाने के लिए बैक्टीरिया और पस के लिए एक अत्यंत साधारण मूत्र परीक्षण काफी है. एंटीबायोटिक को ले कर संवेदनशीलता के लिए यूरिन कल्चर, पेट का अल्ट्रासाउंड और गंभीर मामलों में सीटी स्कैन किया जाता है.

उपचार

लोअर यूटीआई, जो जटिल नहीं होता है, का उपचार बाहरी रोगी के तौर पर ओरल एंटीबायोटिक के साथ डाक्टर की उचित देखरेख में किया जा सकता है. कोई भी रेनल या कार्डिएक बीमारी न होने पर विभिन्न प्रकार के ओरल फ्लुइड्स लेने की सलाह दी जा सकती है. उपचार करने वाले डाकटर की अनुमति से दर्द में राहत देने वाली सुरक्षित दवाएं दी जा सकती हैं. दर्दनिवारक दवाओं से आमतौर पर बचना चाहिए क्योंकि इन से किडनी को नुकसान हो सकता है.

जटिल यानी अपर यूटीआई के लिए अस्पताल में भरती होने के साथ लंबे समय तक एंटीबायोटिक लेनी पड़ती है.

पौलीस्टिक ओवरियन सिंड्रोम और डायबिटीज का संबंध

यह ऐसी परिस्थिति है जो बच्चे पैदा करने की उम्र की महिलाओं को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है जहां उन के अंडाशय की सतह पर असामान्य छोटे दर्दरहित सिस्ट होते हैं. इस के अलावा उन में असामान्यरूप से अधिक मात्रा में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरौन होते हैं और अन्य हार्मोन का असामान्य अनुपात होता है जिस के परिणामस्वरूप शरीर में इंसुलिन की मात्रा उच्च होने के साथ ही अनियमित मासिकचक्र होता है.

संकेत

–     अनियमित मासिकधर्म.

–     ओलिगोमेनोहोयिया यानी मासिकचक्र के दौरान कम रक्तस्राव.

–     चेहरे, छाती और निपल के पास अधिक बाल.

–     एक्ने.

–     बांझपन.

–     अधिक वजन.

कारक

इंसुलिन प्रतिरोध और वजन बढ़ना पौलीसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम यानी पीसीओएस के 2 प्रमुख कारक हैं. इंसुलिन प्रतिरोध की वजह से शरीर में सामान्य से अधिक इंसुलिन का उत्पादन होता है जिसे हाइपरइंसुलिनेमिया कहते हैं. अधिक मात्रा में इंसुलिन की वजह से अंडाशय में अत्यधिक मात्रा में टेस्टोस्टेरौन होता है जिस की वजह से सामान्य अंडोत्सर्ग पैदा हो सकता है.

अधिक मात्रा में इंसुलिन की वजह से वजन भी बढ़ सकता है जिसे टाइप 2 डायबिटीज और पीसीओएस से जोड़ा जा सकता है. पीसीओएस से पीडि़त महिलाओं में कम उम्र में डायबिटीज होने का जोखिम चारगुना अधिक होता है.

पीसीओएस से पीडि़त कई मरीजों में मेटाबोलिक सिंड्रोम होते हैं जिन में पेट पर मोटापा, बैड कोलैस्ट्रौल सीरम ट्रिगलीसेराइड्स का बढ़ना, गुड कोलैस्ट्रौल का घटना, सीरम हाई डैंसिटी लिपोप्रोटिन और रक्तचाप बढ़ना शामिल हैं.

पीसीओएस से पीडि़त महिलाओं में कोरोनरी आर्टरी कैल्शिफिकेशन और बढ़ा हुआ कैरोटिड इंटिमा की मोटाई देखने को मिलती है.

बचाव

–     जीवनशैली प्रबंधन, खाने पर ध्यान और व्यायाम करें.

–     वजन कम करें.

–     डाक्टर से सलाह कर इंसुलिन सैंसिटाइजर्स मैडिकेशन मेटफौर्मिन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

–     हार्मोनली मैडिकेशन.

जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस

जब गर्भवती मां में गर्भवती होने के दौरान पहली बार ग्लूकोज प्रतिरोध अनियमित पाया जाता है तो उसे जेस्टेशन डायबिटीज कहते हैं. ऐसी महिलाओं में भ्रूण द्वारा अधिक मात्रा में ग्लूकोज लेने के परिणामस्वरूप बड़े आकार के बच्चे को जन्म देने का जोखिम होता है. अधिक ब्लड ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित न करने पर नवजात बच्चे की मौत का खतरा बना रहता है.

जेस्टेशनल डायबिटीजका इलाज

–     औब्सेट्रेटीशियन की सलाह के साथ नियमित व्यायाम करें.

–     न्यूट्रीशनिस्ट के पास जाएं और कम कार्बोहाइड्रेट अनुपात वाला डाइट चार्ट बनवाएं.

–     हर दिन ब्लड ग्लूकोज का स्तर जांचें.

–     नियमितरूप से अपने डायबिटीज डाक्टर और औब्सेट्रेटीशियन से मिलें.

–     जरूरत पड़ने पर आप को इंसुलिन लेने की सलाह दी जा सकती है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान एंटी डायबिटीक दवाएं नहीं ली जा सकती हैं.

डिलीवरी के बाद क्या करें

–     जेस्टेशन डायबिटीज वाली महिलाओं में डायबिटीज होने का जोखिम सामान्य जेस्टेशन वाली महिलाओं के मुकाबले कम रहता है.

–     डिलीवरी के 6-12 हफ्तों बाद पोस्ट पारटम ओरल ग्लूकोज टौलरैंस किया जाना चाहिए और उस के बाद प्रत्येक 3 वर्षों में एक बार.

–     महिला को सख्त जीवनशैली का पालन अवश्य करना चाहिए और अपना वजन कम करने की कोशिश करनी चाहिए व बीएमआई बरकरार रखनी चाहिए.

–     नियमित एरोबिक और मांसपेशियों को मजबूती देने वाले व्यायाम अवश्य करने चाहिए.

–     महिलाओं में धूम्रपान अधिक नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि इस से इंसुलिन का स्तर बढ़ता है जिस से इंसुलिन प्रतिरोध पैदा होता है जिस के परिणामस्वरूप डायबिटीज बढ़ सकती है. या इस से ठीक उलट भी हो सकता है क्योंकि डायबिटीज से पीडि़त मरीज, जो धूम्रपान करता है, की बीमारी ठीक करना बहुत मुश्किल होता है.

–     धूम्रपान करने वाली महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले कार्डियोवैस्क्यूलर जटिलताएं विकसित होने का खतरा अधिक रहता है.

–     धूम्रपान करने वाली महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का खतरा अधिक रहता है जिस की वजह से समय से रजोनिवृत्ति, हड्डियों में कमजोरी यानी ओस्टियोपोरोसिस जैसी चीजें हो सकती हैं.

–     कुछ अध्ययन बताते हैं कि मासिकचक्र में अनियमितता, ओवरियन सिस्ट इंफर्टिलिटी धूम्रपान से जुड़ी हैं.

–     गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं में समय से पहले जन्म देने, अस्थानिक गर्भावस्था, मृतबच्चे का जन्म, बच्चे के कम वजन जैसे खतरे होते हैं.

यूटीआई से कैसे बचें

–     सख्त ग्लाइकैमिक नियंत्रण.

–     अगर कोई रेनल या कार्डिएक समस्या न हो तो अधिक मात्रा में तरल लें.

–     अच्छा जेनाइटल हाइजिन बनाए रखें.

–     सैनिटरी नैपकिंस को बारबार बदलें.

–     ब्लैडर को लगातार खाली करती रहें.

–     प्रसूति रोग विशेषज्ञ से चर्चा करने के बाद रजोनिवृत्त हो चुकी महिलाएं एस्ट्रोजेन क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं.

–     यौनसंबंध बनाने के बाद उचित साफसफाई पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

–     यूटीआई का खतरा पैदा करने वाली एंटीडायबिटीक दवाओं के बारे में डायबिटीक विशेषज्ञ डाक्टर से सलाह लें.

–     लैक्स ब्लैडर का उपचार किया जाना चाहिए.

थायरायड और डायबिटीज

–     थायरायड विकार एक पैथोलौजिकल स्थिति है जो डायबिटीज नियंत्रण को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और इस में मरीज के परिणामों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की क्षमता होती है.

–     थायरायड बीमारी डायबिटीज के सब से सामान्यरूप में पाई जाती है और यह अधिक उम्र के साथ जुड़ी होती है. खासतौर पर टाइप 2 डायबिटीज और टाइप 1 डायबिटीज में औटोइम्यून बीमारियां जुड़ी होती हैं.

–     थायरायड विकार शरीर के मेटाबोलिक नियंत्रण को प्रभावित करता है और इसलिए ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करना मुश्किल होता है.

–     थायरायड प्रोफाइल मरीजों को औटोइम्यूनिटी पर संशय होने पर थायरायड औटोएंटीबौडी की भी जांच करानी चाहिए.

–     ब्लड ग्लूकोज प्रबंधन के साथ उचित ढंग से नजर रखने के साथ ही थायरायड का उचित उपचार किया जाना चाहिए.

जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस की स्थिति में गर्भधारण के दौरान नवजात को जान का खतरा रहता है.

  • डा. अमृता घोष, डा. अनूप मिश्रा (फोर्टिस अस्पताल, दिल्ली)

मार्च से देश भर में बंद हो सकता है मोबाइल वौलेट, जानें वजह

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अगर आप मोबाइल वौलेट का प्रयोग करते हैं तो हो सकता है कि मार्च से देश भर में चल रहे कई मोबाइल वौलेट को बंदकर दिया जाए. इस बारे में रिजर्व बैंक औफ इंडिया जल्द फैसला लेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि मोबाइल वौलेट कंपनियों ने रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए एक अहम आदेश को पूरा नहीं किया है.

आइये जानें ऐसा करने के पीछे क्या वजह है –

केवाईसी नौर्म्स को करना था पूरा

आरबीआई ने देश में लाइसेंस प्राप्त सभी मोबाइल वौलेट कंपनियों को अपने ग्राहकों का केवाईसी नौर्म्स पूरा करने के लिए फरवरी 2018 तक का वक्त दिया था. खबरे हैं कि ज्यादातर कंपनियां आरबीआई के इस आदेश को पूरा नहीं कर पाई हैं. अगर फरवरी तक यह पूरा नहीं हुआ तो देश भर में कई कंपनियों के मोबाइल वौलेट बंद किये जा सकते हैं.

ज्यादातर कस्टमर्स ने नहीं दिया है अपना केवाईसी

अभी पूरे देश में 9 फीसदी से कम मोबाइल वौलेट उपभोक्ताओं ने अपने केवाईसी कंपनियों को दिया है. ऐसे में देश में 91 फीसदी से अधिक मोबाइल वौलेट अकाउंट बिना केवाईसी के चल रहे हैं. ऐसे में इन 91 फीसदी उपभोक्ताओं के अकाउंट के बंद होने की आशंका जताई जा रही है.

जल्द करा लें केवाईसी पूरा

एयरटेल मनी, पेटीएम आदि मोबाइल वौलेट सेवा प्रदाता कंपनियां ग्राहकों को समय-समय पर केवाईसी पूरा करने के लिए सूचित कर रही है. ग्राहकों को अपने मोबाइल वौलेट को आधार कार्ड और पैन कार्ड से लिंक कराना होगा, इस तरह से केवाईसी पूरा हो जाएगा. इसके बाद आपका मोबाइल वौलेट सुरक्षित हो जाएगा.

अगर आप चाहते हैं कि आपका मोबाइल वौलेट बंद ना हो तो जल्द से जल्द आपको केवाईसी पूरा करने की जरूरत है. आरबीआई के इस आदेश को 1 मार्च तक पूरा करना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपका मोबाइल वौलेट अकाउंट बंद कर दिया जाएगा.

कैप्टन कूल को इतने गुस्से में पहले कभी नहीं देखा होगा आपने

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कप्तान जीन पौल डुमिनी (नाबाद 64) और हेनरिक क्लासेन (69) की शानदार बल्लेबाजी के दम पर दक्षिण अफ्रीका ने बुधवार को खेले गए दूसरे टी-20 मैच में भारत को छह विकेट से हरा दिया. सुपरस्पोर्ट पार्क में खेले गए इस मैच में जीत हासिल करने के साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने तीन टी-20 मैचों की सीरीज को 1-1 से बराबर कर दिया है. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम ने मेजबान को 189 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे दक्षिण अफ्रीका की टीम ने चार विकेट के नुकसान पर 18.4 ओवरों में ही हासिल कर लिया.

इस मैच में टौस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने मनीष पांडे (नाबाद 79) और महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 52) की अर्धशतकीय पारियों के दम पर निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर 188 रन बनाए. सेंचुरियन के मैदान पर काफी दिनों बाद धोनी का विस्फोटक अंदाज देखने को मिला है. धोनी ने अपनी इस अर्धशतकीय पारी में खूब चौके-छक्के बरसाए.

टीम इंडिया ने 45 के स्कोर पर अपने तीन विकेट (रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली) गंवा दिए थे. ऐसे में पांडे उम्मीद की किरण बनकर मैदान पर उतरे. उन्होंने मंझी हुई बल्लेबाजी के दम पर रैना के साथ चौथे विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी की और टीम को 90 के स्कोर तक पहुंचाया. हालांकि, यहां अपनी लय तलाश रहे सुरेशा रैना को अंदिले फेहुलकवायो ने 90 के स्कोर पर ही एलबीडब्ल्यू आउट कर भारत का चौथा विकेट भी गिरा दिया. पांडे ने इस बीच, 15वें ओवर की आखिरी गेंद पर एक रन लेने के साथ ही अपने टी-20 करियर का दूसरा अर्धशतक लगाया.

मनीष पांडे ने इसके बाद धौनी के साथ यहां से टीम की पारी को संभाला 98 रनों की शानदार साझेदारी कर निर्धारित 20 ओवरों में टीम का स्कोर 188 तक पहुंचाया. इसके साथ ही भारतीय टीम की पारी समाप्त हो गई. धोनी और पांडे नाबाद रहे. इस पारी में पांडे ने 48 गेंदों में छह चौके और तीन छक्के लगाए, वहीं धोनी ने भी अपने टी-20 करियर दूसरा अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने 28 गेंदों में चार चौके और तीन छक्के लगाए.

इस मैच में धोनी की आक्रामक बल्लेबाजी के साथ-साथ आखिरी ओवर में उनका गुस्सा भी देखने को मिला. आमतौर पर जब धोनी मैदान पर होते हैं तो वह काफी कूल रहते हैं. उनकी इसी कूलनेस की वजह से उन्हें ‘कैप्टन कूल’ का तमगा मिल चुका है, लेकिन सेंचुरियन में मैच के आखिरी पलों में धोनी का एक अलग ही रूप देखने को मिला.

दरअसल, मैच के आखिरी ओवर में जब धोनी स्ट्राइक पर थे तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए स्कोरबोर्ड की ओर देख रहे मनीष पांडे को जमकर डांट भी लगाई. धोनी ने इस दौरान मनीष पांडे से कहा- ‘ओए, वहां क्या देख रहा है, इधर देख ले, आवाज नहीं आएगी, इशारा देखना’.  इस वक्त धोनी काफी गुस्से में नजर आ रहे थे.

धोनी के इस वीडियो के कई स्क्रीनग्रैब लिए गए और फैन्स ने इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस वीडियो को अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया है. किसी ने इसे ‘माही वे’ कहा है तो किसी ने लिखा है- कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप मैच के हाइएस्ट स्कोरर हैं, लेकिन अगर आप धोनी की दो रनों की कौल पर भरोसा नहीं करते हैं, तो आप इसी के लायक हैं.

बता दें कि काफी वक्त बाद महेंद्र सिंह धोनी की ऐसी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी देखकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह था और मैदान पर सिर्फ धोनी-धोनी की आवाज गूंज रही थी. ऐसे में धोनी ने मनीष पांडे से कहा कि वो उनके इशारों को समझें क्योंकि शोर की वजह से आवाज वहां तक नहीं पहुंच पाएगी.

भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच कैपटाउन में 24 फरवरी को खेला जाएगा.

अभिनेत्री ही नहीं कवयित्री भी हैं दीपिका पादुकोण

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बौलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की एक्टिंग का हर कोई दिवाना है. फिल्म ‘पद्मावत’ के बाद दीपिका की पौपुलैरिटी देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी देखने को मिली है. अब दीपिका ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी लिखी हुई एक कविता शेयर की है. कविता का शीर्षक ‘आई एम’ है. उनकी यह कविता सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. दरअसल, यह कविता दीपिका ने सातवीं क्लास में लिखी थी उन्होंने अपनी इस कविता को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इसके कैप्शन में लिखा, सातवीं कक्षा में मैंने कवि बनने की कोशिश की थी.

उनकी कविता की शुरुआती चार लाइनों में लिखा है, ‘आई एम अ चाइल्ड विद लव एंड केयर, आई वंडर हाओ फार द स्टार्स रीच, आई हियर का रश औफ द वेव्स, आई सी द डीप ब्लू सी…’ उनकी इस पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट्स किए हैं. किसी ने लेखिका बोला, तो किसी ने उनकी कोशिश की सरहाना की है. उनके इस पोस्ट पर यूजर्स ने लिखा कि वाव मैम, यह काफी प्रेरणात्मक कविता है. वहीं एक ने लिखा कि यह बहुत क्यूट है दीपू.

गौरतलब है कि दीपिका जल्द ही विशाल भारद्वाज की फिल्म की शूटिंग शुरू करने वाली हैं. उनकी इस फिल्म की कहानी सपना दीदी पर आधारित हैं और सपना दीदी बीते वक्त में मुंबई की एक माफिया थीं. इस फिल्म में दीपिका के साथ इरफान खान भी अहम भूमिका में नजर आएंगे. फिल्म का नाम ‘रानी’ रखा गया है और फिल्म के लिए दीपिका जम कर तैयारी कर रही हैं. दीपिका और इरफान की यह एक साथ दूसरी फिल्म है. दोनों इससे पहले फिल्म पीकू में नजर आए थे.

सुपर 30 : सड़क पर पापड़ बेचते हुए दिखाई दिए ऋतिक रोशन

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बौलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन हमेशा अपनी एक्टिंग में कुछ न कुछ नयापन लाने की कोशिश में रहते हैं और अपने किरदार में हर तरह से खुद को ढालने की कोशिश करते हैं. ऋतिक जल्द ही फिल्म ‘सुपर 30’ में नजर आने वाले हैं और उन्होंने अपनी इस फिल्म की शूटिंग भी शुरू कर दी है. इसी बीच उनकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही हैं. इन तस्वीरों में ऋतिक सड़कों पर पापड़ बेचते हुए नजर आ रहे हैं और उनको देख पहचान पाना भी थोड़ मुश्किल हो रहा है.

बता दें, इस फिल्म में वह ‘सुपर 30’ के आनंद कुमार की भूमिका निभाने वाले हैं और उन्होंने आनंद जैसा लुक पाने के लिए काफी मेहनत की है. इन तस्वीरों में भी यह साफ हो रहा है कि उन्होंने आनंद जैसा दिखने के लिए खुद पर काफी काम किया है. ऋतिक की इन तस्वीरों से यह तो साफ हो गया है कि वह आनंद कुमार के किरदार में पूरी तरह से घुस चुके हैं.

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आपको बता दें कि इस फिल्म की शूटिंग शुरू होने से कुछ वक्त पहले ही आनंद ने ऋतिक के लुक को देखा था और वह उनके लुक को देख कर काफी हैरान रह गए थे. इसके बाद उन्होंने अपनी पोस्ट में भी लिखा था, ‘विकास बहल ने फिल्म शुरू करने बस कुछ समय पहले मुझे ऋतिक रोशन का लुक दिखाया था, जिसे देखने के बाद मैं पूरी तरह से दंग रह गया था.’

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बता दें, इस फिल्म की कहानी जाने-माने गणितज्ञ आनन्द कुमार के जीवन पर आधारित है. आनन्द कुमार ने गरीब बच्चों के लिए आईआईटी की तैयारी करने के लिए सुविधा मुहैया कराई है. आनन्द कुमार को अपनी बायोपिक फिल्म के लिए ऋतिक रोशन ही सबसे बेहतरीन कलाकार लगते हैं. इस फिल्म में ऋतिक के साथ छोटे पर्दे की एक्ट्रेस मृणल ठाकुर नजर आएंगी.

खत्म होने जा रहा है इस टेलीकौम कंपनी का वजूद

टेलीकौम कंपनी एयरसेल दिवालिया होने की कगार पर है. ऐसे में इस कंपनी का वजूद कभी भी खत्म हो सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लौ ट्रिब्यूनल) जल्द ही कंपनी को दिवालिया घोषित कर सकता है. ऐसे में कंपनी बंद होने के साथ ही सभी सर्किल्स में इसकी सेवाएं भी बंद हो जाएंगी. बता दें कि मलेशिया की कंपनी मैक्सिस ने कुछ समय पहले एयरसेल को आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन अब इस कंपनी ने भी अपने कदम पीछे खींच लिये हैं.

कंपनी के ऊपर 15,500 करोड़ रुपये का कर्ज है. करदाताओं ने कंपनी से पैसे मांगने शुरू कर दिये हैं, लेकिन कंपनी के पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं. एयरसेल सितंबर के महीने से कर्जदाताओं से इस मामले में बातचीत कर रही है, लेकिन कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. गौरतलब है कि वर्ष 2016 में जियो की लांचिंग के बाद से ही एयरसेल को नुकसान होना शुरू हो गया और अब हालात इतने बिगड़ गये हैं. इस सब के बीच कंपनी के ग्राहक परेशान हैं.

इस कंपनी के ग्राहकों को एयरसेल के नंबर को पोर्ट कराने में दिक्कत हो रही है. इसका कारण एक साथ बहुत पोर्टिंग रिक्वेस्ट आना बताया जा रहा है. बिहार-झारखंड में सोमवार से मोबाइल के नेटवर्क और डेटा सर्विस में भी दिक्कत आ रही है.

इन्हें होगा नुकसान

एयरसेल के ऊपर आये इस संकट से इसके यूजर्स तो प्रभावित होंगे ही, जिनके सिम कार्ड जल्द ही रद्दी हो जायेंगे. लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान इस कंपनी के लगभग 5000 कर्मचारियों को होगा. इसके साथ ही टावर औपरेटर्स जीटीएल इन्फ्रा, भारती इन्फ्राटेल, इंडस टावर और एटीसी को भी नुकसान होगा. इनके अलावा, एरिक्सन, नोकिया और जेडटीई जैसे नेटवर्क मैनेजमेंट वेंडर्स को भी एयरसेल के दिवालिया घोषित किये जाने से काफी प्रभाव पड़ेगा.

बंद होगा कर्मचारियों का वेतन

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, कंपनी ने अपना बोर्ड भंग करते हुए एनसीएलटी के सामने दिवालिया घोषित किये जाने की अर्जी दाखिल कर दी है. बताया जाता है कि कंपनी के पास अब बिजनेस को चालू रखने के लिए पैसे नहीं हैं. कहा यह भी जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत तक कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन देना भी बंद कर देगी. वहीं, अगर कंपनी दिवालिया घोषित कर दी जाती है तो लगभग 5000 कर्मचारी बेरोजगार हो जायेंगे.

इन 6 सर्किल्स में पहले ही बंद हो चुकी है सेवाएं

बता दें कि एयरसेल ने पिछले सितंबर के बाद से बैंकों की कर्ज की किस्त तक नहीं चुकाई है, जिस वजह से कंपनी का कर्ज रिस्ट्रक्चर नहीं हो पाया. रिजर्व बैंक के सभी डेट रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम पर पाबंदी लगाने की वजह से एयरसेल को यह फैसला करना पड़ा.

कर्जदाताओं के ग्रुप का नेतृत्व कर रहा SBI

बताते चलें कि करदाताओं के समूहों का नेतृत्व स्टेट बैंक औफ इंडिया कर रहा है. इस मामले में बैंक ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है. वहीं, इस मामले में एयरसेल ने भी आधिकारिक तौर पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है.

अब मार्केट में बचे सिर्फ ये खिलाड़ी

एयरसेल के दिवालिया घोषित होने के बाद कंपनी के तौर पर उसका वजूद खत्म हो जायेगा. इसके बाद बाजार में जियो, एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया ही बाकी रह जायेंगे. इनके अलावा, दो सरकारी कंपनी एमटीएनएल और बीएसएनएल होंगी. वहीं, आइडिया-वोडाफोन का मर्जर पूरा होने पर टेलीकौम मार्केट में सिर्फ तीन खिलाड़ी रह जायेंगे.

अपने स्मार्टफोन की स्पीड बढ़ाने के लिए करें ये काम

एंड्रायड स्मार्टफोन्स के धीमे होने की कई वजहें होती हैं. शुरुआती कुछ महीनों में तो फोन ठीक-ठाक चलता है, पर धीरे-धीरे यह स्लो होने लगता है. अगर आप भी अपने स्मार्टफोन के स्पीड को लेकर परेशान हैं, तो ये खबर इस परेशानी से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है. जो भी यूजर्स अपने स्मार्टफोन्स के स्लो होने से परेशान हैं, वो नीचे दिए गए टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.

थर्ड-पार्टी ऐप लौन्चर इंस्टौल करें

ज्यादातर एंड्रायड स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां अपने डिवाइस पर औपरेटिंग सिस्टम को कस्टमाइज कर लेती हैं. औपरेटिंग सिस्टम के फीचर्स के अलावा कंपनी के यूजर इंटरफेस में नए विजेट, लेआउट और अन्य फीचर दिया जाता है. वैसे तो कुछ यूजर्स इन कस्टमाइजेशन और फीचर्स को उपयोगी मानते हैं, पर इनमें आपके स्मार्टफोन को स्लो करने की भी क्षमता है. इससे निजात पाने का सबसे बेहतरीन तरीका है, थर्ड-पार्टी लौन्चर. ये ज्यादातर कस्टम फीचर को हटा देगा, साथ में आपको पर्सनलाइजेशन का विकल्प भी देगा. Google Play स्टोर उपलब्ध सबसे बेहतरीन लौन्चर में ‘Nova Launcher’, ‘GO Launcher EX’ और ‘Apex Launcher’ शामिल हैं.

बेकार ऐप्स को हटाएं

अगर यूजर ने अपने फोन पर काफी संख्या में ऐप्स इंस्टौल कर रखा है, तो इससे उनका स्मार्टफोन स्लो हो सकता है. जिन ऐप्स को इंस्टौल किया है, उनमें से जिस ऐप को आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं उसे फोन से हटा दें. कुछ ऐप्स को अनइंस्टौल नहीं किया जा सकता, खासकर स्मार्टफोन मैनिफैक्चरर द्वारा दिए गए ऐप्स. ऐसे में उन्हें डिसेबल कर देना सही होगा.

कुछ ऐप्स फोन के स्टार्ट होते ही काम करने लगते हैं. वहीं, कुछ निरंतर ही औनलाइन सर्विसेज के साथ सिंक होते रहते हैं. दोनों किस्म के ऐप नाटकीय तौर से स्मार्टफोन को धीमा कर सकते हैं. यह जानने के लिए कि कौन से ऐप बैकग्राउंड में चल रहे हैं, यूजर को सेटिंग्स में ऐप्स सेक्शन में जाना चाहिए. इसके बाद ‘Running’ टेब पर स्वाइप करें. अगर ऐसे ऐप्स हैं, जो बैकग्राउंड में चल रहे हैं और उनका इस्तेमाल नहीं है, तो ऐसे ऐप्स को अनइंस्टौल कर देना चाहिए.

इसके अलावा स्मार्टफोन यूजर को Advanced Task Killer को जरूर इंस्टौल करना चाहिए. यह ऐप उन सभी ऐप्स को बंद कर देता है, जो बहुत ज्यादा मैमोरी का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर किसी और कारण से डिवाइस को धीमा कर रहे हैं.

ऐप का cache क्लियर करें

जिन ऐप्स का इस्तेमाल बार-बार होता है, उनके cache तैयार होने लगते हैं जो किसी भी एंड्रायड स्मार्टफोन को धीमा कर सकता है और यूजर्स इस्तेमाल में लाए गए हर ऐप के cache को निरंतर डिलीट करके अपने डिवाइस की स्पीड बढ़ा सकते हैं. हर ऐप का cache डिलीट करने के लिए यूजर्स को Settings>Apps में जाने की जरूरत है. जरूरी ऐप को चुनकर ‘Clear cache’ बटन पर क्लिक करना होगा.

एनिमेशन्स डिसेबल करें

एनिमेशन्स मुख्य तौर पर मेन्यू, ऐप ड्राअर्स और अन्य इंटरफेस लोकेशन्स में ग्राफिकल ट्राजिशन के बीच काम करते हैं. ये सिस्टम रिसोर्स का इस्तेमाल करते हैं और स्मार्टफोन के इस्तेमाल के दौरान रेगुलर एक्टिव रहते हैं. स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के अनुभव को बेहतर बनाने के अलावा ये किसी काम के नहीं हैं. अगर यूजर्स को लगता है कि उनका डिवाइस धीमा हो रहा है, तो वे एनिमेशन्स को टर्न औफ कर सकते हैं.

एनिमेशन्स को टर्न औफ करने का विकल्प अक्सर ‘Developers options’ सेक्शन में छिपा रहता है. ‘Developers options’ एक्सेस करने के लिए यूजर्स को Settings>System>About Phone में जाने की जरूरत है. यहां पर वे फोन का ‘Build number’ देख सकते हैं. ‘Build number’ पर सात बार टैप करने के बाद यूजर्स को सिस्टम मेन्यू में ‘Developer options’ दिखने लगेगा.  यहां पर सभी किस्म के एनिमेशन को बंद कर सकते हैं. यूजर्स को एक बात का ध्यान जरूर रखना होगा कि वह इस सेक्शन के किसी और विकल्प के साथ छेड़छाड़ न करें.

बिल्ट-इन स्टोरेज को क्लीन करें

अगर आपके स्मार्टफोन का बिल्ट-इन स्टोरेज लगभग फुल हो गया है, तो आपका स्मार्टफोन बहुत ज्यादा धीमा हो सकता है. फोन को धीमा होने से बचाने के लिए फोन के टोटल बिल्ट-इन स्टोरेज का 10 से 20 फीसदी के बीच उपलब्ध या फ्री होना चाहिए. आसान तरीका यह है कि आप उन सभी ऐप्स को डिलीट कर दें जिन्हें इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.

माइक्रोएसडी कार्ड स्टोरेज बढ़ाने का विकल्प

अगर यूजर के स्मार्टफोन में माइक्रोएसडी कार्ड स्टोरेज बढ़ाने का विकल्प है, तो उन्हें अपने सारे फोटो, म्यूजिक और वीडियो को इस पर मूव कर देना चाहिए. ऐप्स को भी इंटरनल स्टोरेज से एसडी कार्ड में मूव किया जा सकता है. इसके लिए ऐप की सेटिंग्स में जाना होगा. Settings>App में जाने के बाद हर ऐप में नेविगेट करना होगा. Android के कुछ पुराने वर्जन इस फीचर को सपोर्ट नहीं करते हैं और इसके लिए यूजर को Google Play स्टोर से ‘Apps to SD card’ ऐप डाउनलोड करना होगा.

फर्मवेयर अपडेट करें

वैसे कुछ अपडेट्स आपके फोन के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं, पर सामान्य तौर पर स्मार्टफोन के फर्मवेयर अपडेट होने से कई तरह के सुधार होते हैं. इसमें मुख्यतः परफौर्मेंस औप्टिमाइजेशन शामिल हैं. जिन यूजर्स को स्मार्टफोन को लेकर शिकायत है, उन्हें जांच लेना चाहिए कि क्या मैनिफेक्चरर ने फोन के लिए फर्मवेयर अपडेट रिलीज किया है. इसके लिए, यूजर को Settings>System>About>Software Updates में जाकर चेक करना चाहिए.

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