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स्नैपड्रैगन बनाएगा विंडोज 10 के सबसे पावरफुल प्रोसेसर

एंड्रौयड स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए प्रोसेसर बनाने वाली कंपनी क्वालकौम अब माइक्रोसौफ्ट विंडोज 10 के लिए प्रोसेसर बनाएगी. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो स्नैपड्रैगन 835 एसओसी के लौन्च होने के बाद माइक्रोसौफ्ट ने क्वालकौम से साझेदारी करके विंडोज 10 एआरएम डिवाइस बनाने का ऐलान किया था.

माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक स्नैपड्रैगन एक नया प्रोसेसर 850 एसओसी (जो स्नैपड्रैगन 845 एसओसी प्रोसेसर पर आधारित है) विंडोज 10 औपरेटिंग सिस्टम के लिए पेश कर सकता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इसके बाद स्नैपड्रैगन विंडोज पीसी के लिए 1000 एसओसी एडवांस्ड प्रोसेसर बनाएगा, जो ARM मशीन पर रन करेगा.

हो सकता है सबसे पावरफुल प्रोसेसर

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 1000 एसओसी प्रोसेसर स्नैपड्रैगन का अब तक का सबसे पावरफुल प्रोसेसर हो सकता है, जिसका इस्तेमाल लैपटौप के लिए किया जाएगा. इन चिपसेट प्रोसेसर को इंटेल के Y और U सीरिज कोर प्रोसेसर के साथ लौन्च किया जा सकता है.

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ऐसा माना जा रहा है कि 4.5W और 15W पावर के टैबलेट और अल्ट्राबुक में इस प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक इन लैपटौप और टैब्स में 16GB रैम और 128GB की यूएसबी फ्लैश ड्राइव दी जा सकती है तो लेटेस्ट वाई-फाई, एलटीई तकनीक पर काम करेगा।

कम्पूटैक्स 2018 में स्नैपड्रैगन 835 प्रोसेसर की घोषणा

आपको बता दें कि चिपसेट बनाने वाली कंपनी क्वालकौम ने कम्पूटैक्स 2018 में विंडोज 10 पीसी के लिए स्नैपड्रैगन 850 प्रोसेसर बनाने की घोषणा की है. कंपनी फिलहाल स्मार्टफोन के लिए प्रोसेसर बनाती है.

कंपनी का दावा है कि इस प्रोसेसर की मदद से पीसी की कनेक्टिविटी और बैटरी लाइफ को बढ़ाया जा सकता है. इतना ही नहीं यह प्रोसेसर पीसी के परफार्मेंस को बढ़ाएगा. माइक्रोसौफ्ट और क्वालकौम मिलकर इस प्रोसेसर की मदद से आइपैड प्रो को चुनौती दे सकता है.

इस प्रोसेसर की मदद से विंडोज के पीसी में हाइबरनेशन फीचर को अपग्रेड करके इंस्टेंट औन रिज्यूम बनाया गया है. कंपनी के दावे के मुताबिक इस प्रोसेसर की मदद से कम्प्यूटर के परफार्मेंस को 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है.

बड़े ही अनोखे रिकौर्ड बना रहा है इंग्लैड

क्रिकेट की दुनिया में शायद ऐसा पहली बार ही हो रहा है कि एक के बाद एक कई रिकौर्ड एक ही देश से बन रहे हों, जी हां यह हो रहा है इंग्लैंड में पहले एक ही दिन में पुरुषों के क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने के दो रिकौर्ड बना इंग्लैंड की टीम ने अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का अपना ही रिकौर्ड तोड़ते हुए औस्ट्रेलिया के खिलाफ 481 रन बना डाले इसी दिन इंडिया ए टीम ने भी एक पारी में 458 रनों की रिकौर्ड पारी खेल डाली.

इसके बाद इंग्लैंड में ही महिलाओं ने टी20 मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकौर्ड बनाया और उसके कुछ ही घंटों में तोड़ भी दिया. इस बार भी एक अनोखा रिकौर्ड इंग्लैंड में ही बना है लेकिन सबसे ज्यादा रन बनाने का नहीं .

इंग्लैंड में ही इस बार सिर्फ एक रन के भीतर सात विकेट गिरा दिए गए. इंग्लैंड के कैम्ब्रिजशायर के पीटरबोरो के क्लब मैच में पीटरबोरो क्लब ने हाई वायकोम्ब क्रिकेट क्लब को जीत की स्थिति से हार के लिए मजबूर कर दिया. एक जगह जहां पूरे क्रिकेट जगत में रनों के पहाड़ खड़ा करने पर चिंतन हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ एक ही रन के भीतर सात विकेट गिराने का अजूबा हो गया.

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वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, 189 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी हाई वायकोम्ब की टीम जीत से महज तीन रन दूर थी और उसके पास सात विकेट बचे हुए थे. यहां से मैच का रोमांच शुरू हुआ. तेज गेंदबाजे केरन जोंस ने चार गेंद में चार विकेट चटका दिए और इस ओवर में एक भी रन नहीं दिया.

आखिरी ओवर डालने की जिम्मेदारी 16 साल के औफ स्पिनर डेनयल मलिक को दी गई. 57 रन बनाने वाले नाथन हौक्स ने पहली गेंद पर एक रन लिया और फिर मलिक ने बाकी के तीन विकेट लेकर पीटरबोरो क्लब को न भूलने वाली जीत दिला दी. इसी के साथ पीटरबोरो ने ईसीबी नेशनल क्लब चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया.

ऐसे रिकौर्ड चिंता का विषय है क्रिकेट पंडितों के लिए

उल्लेखनीय है कि इंग्लैड में ही अगले साल जून में आईसीसी का वनडे वर्ल्डकप होने जा रहा है और आगामी जुलाई से सितंबर तक के लिए टीम इंडिया भी इंग्लैंड से तीन तीन मैचों की टी20 और वनडे सीरीज और साथ में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया इंग्लैंड पहुंच चुकी है. अगले साल होने वाले वर्ल्डकप को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया के इस दौरे को काफी महत्व दिया जा रहा है.

लेकिन इंग्लैंड में जिस तरह से रिकौर्ड बन रहे हैं वह क्रिकेट जगत को काफी हैरान करने वाला है. इंग्लैंड की पिचें बड़े स्कोर के लिए नहीं जानी जाती हैं ऐसे में जब वहां उम्मीद की जाने लगे कि वनडे में 500 रनों का स्कोर भी नामुमकिन नहीं है तो फिर क्रिकेट में जिंता स्वाभाविक ही है.

श्रीदेवी की फिल्म के रीमेक में नजर आ सकती हैं दीपिका पादुकोण

फिल्म ‘ओम शांति ओम’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली बौलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण अभी तक कई हिट फिल्में दे चुकी हैं. उनकी फिल्म ‘पद्मावत’ इस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म है. फिल्म ने बौक्स-औफिस पर 300.26 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था.

इस फिल्म के बाद दीपिका डायरेक्टर विशाल भारद्वाज की एक फिल्म साइन करने वाली थीं. फिल्म में दीपिका के को-स्टार इरफान खान थे. लेकिन अचानक इरफान को पता चला कि उन्हें कैंसर है, जिसके बाद इलाज के लिए वह लंदन चले गए, जिसके कारण फिल्म की शूटिंग शुरु नहीं हो सकी. अब फिल्म के डायरेक्टर विशाल भारद्वाज ने कहा है कि जब तक इरफान स्वस्थ हो कर वापस नहीं लौट आते तब तक फिल्म की शूटिंग शुरू नहीं होगी.

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दीपिका को लेकर अभी सबसे ताजा खबर यह है कि वह दिवंगत बौलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी की 40 साल पुरानी फिल्म के रीमेक का हिस्सा बन सकती हैं. एक खबर के मुताबिक श्रीदेवी की इस फिल्म के निर्माता दक्षिण भारतीय थे, जबकि फिल्म का निर्देशन बौलीवुड के डायरेक्टर ने किया था.

फिल्म की रीमेक के लिए अधिकार खरीदने पर अभी बात चल रही है. फिल्म के लिए दीपिका मेकर्स की पहली पसंद हैं. हालांकि अभी कोई इस फिल्म पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन यह बात सच है कि दीपिका को फिल्म के लिए फाइनल कर लिया गया है.

आपको यह भी बता दें कि ‘पद्मावत’ के बाद से दीपिका फिलहाल कोई फिल्म नहीं कर रही हैं. जिसके कारण दीपिका को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही है. जिसमें सबसे बड़ी चर्चा यह है कि दीपिका अपने कथित ब्वौयफ्रेंड रणवीर सिंह के साथ नवंबर में डेस्टीनेशन वेडिंग कर सकती हैं. इसके अलावा दीपिका को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आई थी कि वह ‘वंडर वुमेन’ से इंस्पायर्ड एक सुपरहीरो फिल्म की तैयारी कर रही हैं. खबरों के मुताबिक फिल्म के लिए वह जम कर मेहनत कर रही हैं.

ब्रेकफास्ट रैसिपीज : दलिया स्ट्राबैरी पुडिंग

दलिया स्ट्राबैरी पुडिंग

सामग्री

– 1/4 कप दलिया

– 250 ग्राम दूध

– 2 बड़े चम्मच मिल्क पाउडर

– 1 बड़ा चम्मच चीनी

– 2 एमएल स्ट्राबैरी

– 2 बड़े चम्मच इच्छानुसार बारीक कटे मौसमी फल.

विधि

दलिया को सूखा भून कर ठंडा होने दें. फिर साफ पानी से धो लें. 1/2 कप पानी में दलिया डाल कर प्रैशरकुकर में 1 सीटी लगाएं. जब प्रैशर निकल जाए तो दलिए में दूध व चीनी डालें. मिश्रण गाढ़ा होने लगे तो मिल्क पाउडर मिला दें. 1 उबाल आने के बाद मिश्रण ठंडा करें. स्ट्राबैरी के छोटे टुकड़े करें. थोड़ी स्ट्राबैरी व आधे कटे फल एक सर्विंग गिलास बाउल में डालें. फिर दलिया डालें. ऊपर से थोड़े फल पुन: डालें. ठंडा कर के सर्व करें.

ब्रेकफास्ट रैसिपीज : ड्राईफ्रूट बनाना शेक

ड्राईफ्रूट बनाना शेक

सामग्री

– 2 पके केले

– 10-12 बादाम ब्लांच्ड किए

– 2 कप ठंडा दूध

– 1 बड़ा चम्मच शुगर सिरप

– 6-7 केसर के धागे

– 1/4 छोेटा चम्मच इलायची चूर्ण

– 1 बड़ा चम्मच बादाम पिस्ता फ्लैक्स.

विधि

केलों को छील कर छोटे टुकड़ों में काट लें. मिक्सर में केले, शुगर सीरप, बादाम और 1 कप दूध डाल कर चर्न करें. फिर बचा दूध डाल कर पुन: चर्न करें. 2 गिलासों में डालें. ऊपर से बादाम पिस्ता फ्लैकस, इलायची चूर्ण और केसर के धागे बुरक कर सर्व करें.

पहली नजर का प्यार और सैक्स

यह पहली नजर का उफ क्या असर है. तुम्हारी कसम, डगमगाए से हम हैं… उंगलियों में चाबी का गुच्छा नचाते, फुल वौल्यूम में गाते हुए अतुल ने बंधु के कमरे में प्रवेश किया. मेज पर फैली अपनी किताबों को समेटते हुए बंधु ने अतुल से पूछा, ‘‘यार, क्या बात है, बड़ा खुश नजर आ रहा है?’’

‘‘यार, बात ही ऐसी है,’’ कहते हुए अतुल गाने की फिर वही पंक्तियां दोहराने लगा.

बंधु ने अपनी बेचैनी दबाते हुए फिर पूछा, ‘‘अब कुछ बताएगा भी या यों ही गला फाड़ता रहेगा?’’

जब अतुल ने कालेज में ही पढ़ने वाली नीता के साथ अपनी पहली नजर में ही प्यार हो जाने का किस्सा सुनाया तो बंधु हंसने लगा और हंसतेहंसते बोला, ‘‘यार, तू इसे पहली नजर क्यों कह रहा है? मुझे तो लगता है यह शायद तेरी 26वीं नजर वाला प्यार है. एमए में हम दोनों को साथ पढ़ते हुए अभी सिर्फ एक साल ही बीता है, लेकिन इन 12 महीनों में तेरी नजरें 25 युवतियों से तो पहली नजर वाला प्यार कर ही चुकी हैं.

अपनी पहली नजर के प्यार की यों मखौल उड़ता देख अतुल चिढ़ सा गया, बोला, ‘‘मैं सब समझता हूं, तुझ से तो कुछ होता नहीं, बस, बैठाबैठा मेरी तरक्की देख कर जलता रहता है.’’

दोस्त को मनाते हुए बंधु बोला,’’ यार, तू तो नाराज हो रहा है. अरे, मैं क्यों तेरी तरक्की से जलने लगा, मैं तो चाहता हूं कि तू और तरक्की करे. लेकिन जिसे तू प्यार कह रहा है वह प्यार न हो कर मात्र आकर्षण है.’’

बंधु की बात बीच में ही काटता हुआ अतुल बोला, ‘‘यार, तेरी हर समय यह लैक्चरबाजी मुझे पसंद नहीं. अरे, दिलों की बात तू क्या जाने? नीता और मैं दोनों एकदूसरे को कितना चाहने लगे हैं, हम शादी भी करेंगे. तब तेरा मुंह बंद हो जाएगा.’’

कुछ दिनों बाद अतुल के नीता से चल रहे प्रेमप्रसंग का वही अंत हुआ जो उस के पिछले 25 का हुआ था. क्या सच में पहली नजर का प्यार प्रेमियों के अंदर पनपता है? अगर पहली नजर वाला प्यार उत्पन्न होता है तो कुछ समय बाद प्यार से लहराता दिल अचानक सूख क्यों जाता है.

विपरीत सैक्स के प्रति अपार आकर्षण

पहली नजर में होने वाला प्यार काफी हद तक यौनाकर्षण से जुड़ा होता है. लड़केलड़कियां एकदूसरे से विपरीत सैक्स के कारण अपार आकर्षण अनुभव करने लगते हैं. उस आकर्षण को ही वे सच्चा प्यार समझने लगते हैं. वास्तव में यह प्यार नहीं होता. यह तो मात्र एक आकर्षण है, जो विपरीत सैक्स के बीच स्वाभाविक रूप से होता है.

विपरीत सैक्स की आपस में बहुत ज्यादा निकटता से कभीकभी प्यार होने जैसी गलतफहमी होने लगती है. 15 वर्ष की शालू को लगने लगा जैसे वह अपने मास्टर के बिना नहीं जी पाएगी. 25 वर्षीय मास्टरजी उसे घर में सितार सिखाने आते थे. एकांत कमरे में मास्टरजी की समीपता से उसे लगने लगा कि वह मास्टरजी से बहुत प्यार करने लगी है. वह तो अच्छा हुआ कि  शालू पर चढ़ा मास्टरजी का आकर्षण सिर चढ़ कर बोलने लगा. रातदिन बेटी के मुंह से मास्टरजी के किस्से सुन कर शालू की मम्मी का माथा ठनका, बात बिगड़ने से पहले ही मम्मी ने संभाल ली.

कुछ दिन तो शालू ने मास्टरजी को बहुत मिस किया, लेकिन धीरेधीरे वह मास्टरजी को भूलने लगी. अब तो मास्टरजी को देख कर उस का मन दुखी हो जाता है. वह स्वयं से प्रश्न करती है, आखिर इन बौनेकाले मास्टरजी में ऐसा क्या था जो मैं इन पर लट्टू हो गई थी. विपरीत सैक्स के आकर्षण का समीपता के अलावा और भी कारण हो सकते हैं जो दिल में प्यार पैदा कर देते हैं.

कल्पना के अनुरूप मिल जाना

हर लड़का या लड़की की जीवनसाथी के बारे में जरूर कुछ न कुछ कल्पना होती है. कल्पना के अनुरूप कोई भी एक गुण मिल जाने पर प्यार हो जाता है. एक कौन्फ्रैंस  में देवेश नागपुर गए थे. वहीं उन्होंने जींसटौप में सजी हंसमुख मीनाक्षी को देखा, तो उन्हें लगा वे उसे अपना दिल ही दे बैठे हैं. एक सप्ताह की कौन्फ्रैंस में 5 दिन दोनों ने साथसाथ बिताए. वहां आए सभी लोगों को भी देवेश और मीनाक्षी के प्रेम को प्रेमविवाह में बदलने का पूरा विश्वास था. लेकिन जाने से 2 दिन पहले की बात है. मीनाक्षी देवेश से मिलने उन के कमरे में आई.

देवेश उस समय चाय बना रहे थे. मीनाक्षी को आया देख कर उन्होंने उस के लिए भी चाय बनाई. 2 कपों में चाय बना कर देवेश ने मेज पर रखी, मीनाक्षी ने चाय उठाई. अपने कप में बाहर की ओर लगी चाय को उस ने रूमाल से नजाकत से पोंछा. देवेश इस उम्मीद में थे कि उन के कप में लगी चाय भी पोंछेगी, लेकिन उस ने उन के कप की ओर ध्यान ही नहीं दिया.

चाय पी कर जूठे कपप्लेट वहीं छोड़ कर वह चली गई. देवेश मीनाक्षी के इस व्यवहार से आहत हो गए. मीनाक्षी के प्रति उन के मन में प्यार का छलकता सागर उसी समय सूख गया. यह अवश्य था कि उन की पसंद के अनुसार मीनाक्षी स्मार्ट थी, हंसमुख थी, लेकिन जिसे उन की जरा भी परवाह नहीं, ऐसी जीवनसाथी उन्हें जीवन में क्या सुख देगी.

उसी समय कई दिनों से बढ़ाई प्यार की डोर उन्होंने एक झटके से काट डाली. उस के बाद मीनाक्षी से उन्होंने कोई बात नहीं की. अगले दिन वे नागपुर से कानपुर लौट आए.

जब मीनाक्षी की ही समझ में कोई कारण न आया तो औरों की समझ में क्या आता. आखिर सब ने देवेश के जाने के बाद उन्हें धूर्त, मक्कार तथा फ्लर्ट की संज्ञा दी.

अवगुण आकर्षण पर भारी

प्यार हो जाने तथा प्यार के टूट जाने के पीछे मुख्य कारण है हमारी पंसद का बिखरी अवस्था में होना. हमारे दिमाग में जहां एक ओर गुणों की लंबीचौड़ी लिस्ट होती है, वहीं अवगुणों की लिस्ट भी मौजूद रहती है. हमारे इच्छित सभी गुणों का एकसाथ मिलना असंभव होता है.

जब किसी से प्यार होता है तो उस प्यार के पीछे हम उस के किसी गुण से आकर्षित हो कर उस से प्यार करते हैं. लेकिन प्यार में नजदीकी बढ़ने के साथ ही अगर कोई बुराई सामने आ जाती है, तो वह प्यार के आकर्षण को वहीं समाप्त कर देती है.

एक श्रीमान हैं. उम्र 40 वर्ष के लगभग है. लेकिन अभी तक कुंआरे हैं. दिल हथेली पर लिए घूमते हैं. मौका मिलते ही दिल लड़की को सौंपने में नहीं हिचकिचाते, चाहे बदले में उन्हें जूते ही खाने पड़ें. लेकिन कई लड़कियों से दिल लगाने के बाद भी वे अकेले के अकेले हैं. कारण, एक न एक गुण तो उन्हें हर लड़की का आकर्षित कर ही लेता है. लेकिन प्यार में नजदीक आने के बाद कोई अवगुण उन के शादी के जोश को समाप्त कर देता है.

वैसे, दिल के साथ दिमाग का प्रयोग करने वाले प्रेमियों की संख्या काफी कम होती है. चूंकि प्यार अंधा होता है, इसलिए अवगुणों की ओर तो ध्यान जाता ही नहीं. प्यार में डूबे अकसर प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे के अवगुणों के प्रति आंखें मूंद कर प्यार के अंधे होने को सत्य साबित करते हैं.

किस की कौन सी अदा कब किस के दिल में

मुग्धा बस से दिल्ली जा रही थी. मुग्धा खिड़की से बाहर का दृश्य निहार रही थी अचानक सिगरेट का धुआं उस की नाक में घुसा. उस ने बुरा सा मुंह बनाते हुए पलट कर देखा. बगल की सीट पर ही बैठा नवयुवक बड़ी मस्ती से सिगरेट के छल्ले निकालनिकाल कर मंत्रमुंग्ध हो, उसे देख रहा था. मुग्धा बुरी तरह झल्लाई, ‘‘आप को कुछ तमीज है.’’

युवक ने सहम कर देखा और फौरन जली हुई सिगरेट अपने जूतों के नीचे मसल डाली. मुग्धा उसे देखती रह गई. अब बाहर के दृश्यों को देखने में उस का मन न लगा. रहरह कर आंखें उसी युवक पर टिक जातीं जो सिगरेट बुझा कर उदास सा बैठा था.

न जाने उस में मुग्धा को क्या लगा कि वह उस युवक के भोलेपन पर मुग्ध हो गई. कुछ देर पहले जितनी बेरुखी से उस ने उसे डांटा था, अब आवाज में उस से दोगुनी मिठास घोलते हुए उस ने युवक से पूछा, ‘‘आप इतनी सिगरेट क्यों पीते हैं?’’ फिर बातचीत का ऐसा सिलसिला चला कि कुछ ही घंटों में वे दोनों एकदूसरे के काफी करीब आ गए. इस घटना के कुछ ही समय बाद दोनों विवाहबंधन में भी बंध गए.

ठीक इसी तरह निशा अंगरेजी वाले सर, आनंद की आवाज पर फिदा है. सहेलियों के बीच बैठी हो या परिवार वालों के, उस की बातों का केंद्रबिंदु आनंद सर ही रहते हैं.

‘‘क्या आवाज है उन की. लगता है जैसे कहीं बहुत दूर से आ रही है.’’ जितनी देर आनंद सर कक्षा में पढ़ाते, निशा पढ़ाईलिखाई भूल, मंत्रमुग्ध हो आनंद सर की आवाज के जादू में डूबी रहती.

निशा अपने सर की आवाज की दीवानी है तो कक्षा में सब से स्मार्ट दिखने वाली शशि, ग्रामीण कैलाश को देखते न अघाती थी, उस के आकर्षण का केंद्रबिंदु था कैलाश की ठोड्डी में पड़ने वाला गड्ढा. इसी तरह न जाने किस की कौन सी अदा कब किसी के दिल में प्यार की चिनगारी सुलगा दे, यह बतलाना बहुत मुश्किल है.

बेंगलुरु की राधिका

कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कुमारस्वामी की पत्नी राधिका कुमार के खतरनाक फोटो वायरल हुए जिन में वे विभिन्न आकर्षक मुद्राओं में दिख रही हैं और नृत्य भी कर रही हैं. यह नृत्य हालांकि बरसाने की राधा सरीखा नहीं है पर इस में इस कन्नड़ अभिनेत्री की बेमिसाल खूबसूरती और प्रतिभा साफसाफ झलक रही है.

राधिका के वायरल फोटो कुंठा के दायरे में आते हैं या नहीं, यह तो मनोविज्ञानी जानें पर राधिका और कुमारस्वामी की आपसी समझ इस से अप्रभावित रही, यह जरूर अच्छी बात है. कम ही लोग जानते हैं कि दोनों की यह दूसरी शादी है और अपनी बिटिया के साथ वे 8 सालों से हंसीखुशी रह रहे हैं. रही बात राधिका के सौंदर्य की, तो वह तो वाकई अतुलनीय है, इस में शक नहीं.

स्मार्टफोन तो खरीदा लेकिन क्या किया ये जरूरी काम!

आपने नया स्मार्टफोन तो खरीद लिया है लेकिन क्या आपने अपने फोन के सिक्यॉरिटी के लिए कोई एप या कोई फीचर अपनाया है. नहीं ना. तो स्मार्टयफोन खरीदते ही कुछ जरूरी काम जरूर कर लें. स्मार्टफोन खरीदते ही करें ये काम.

डिस्प्ले की सुरक्षा

अक्सर ऐसा होता है कि प्रीमियम स्मार्टफोन तक का डिस्प्ले टूट जाता है. अपने स्मार्टफोन की सुरक्षा के लिए उस पर अच्छी क्वॉलिटी का टेम्पर्ड ग्लास लगवाएं. सामान्य स्क्रीन गार्ड फोन की स्क्रीन को सिर्फ स्क्रैच आदि से बचाता है, लेकिन फोन गिर जाए तो उसकी स्क्रीन को टूटने से टेम्पर्ड ग्लास ही बचाता है.

स्मार्टफोन का बीमा कराएं

स्मार्टफोन का भी बीमा कराया जा सकता है. आजकल कई कंपनियां यूजर्स को स्मार्टफोन का बीमा ऑफर कर रही हैं. इसमें फिजिकल डैमेज, लिक्विड डैमेज और किसी मकैनिकल खराबी के लिए बीमा शामिल है. अगर कभी समार्टफोन में इस तरह की दिक्कतें आ जाएं तो इससे काफी फायदा होता है.

एपलॉक (AppLock) करें इंस्टॉल

आप कभी भी नहीं चाहेंगे कि कोई आपके निजी मेसेज, फोटो और दूसरे डेटा को देखें. इसके लिए आप एपलॉक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे एंड्रॉयड फोन के लिए गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. मोबाइल में मौजूद जिस भी ऐप, फोटो गैलरी आदि को आप चाहेंगे, इस एप की मदद से लॉक कर सकेंगे.

बैक कवर का यूज

मोबाइल की सुरक्षा को लेकर कभी समझौता न करें. अपने स्मार्टफोन की बॉडी को स्क्रैच, निशान और डेंट आदि से बचाने के लिए अच्छी क्वॉलिटी का बैक कवर खरीदें. आजकल बाजार में फैशनेबल और बढ़िया दिखने वाले कवर आसानी से उपलब्ध हैं. जरूरत के हिसाब से बैक कवर या फ्लिप वाले कवर चुन सकते हैं.

फोन चोरी होने पर पता लगाएं

स्मार्टफोन के चोरी होने या खोने पर काफी दिक्कत होती है. इस दिक्कत से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि आपके एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर एंड्रॉयड डिवाइस मैनेजर एक्टिवेट हो. इससे आपको स्मार्टफोन की लोकेशन पता लगाने में मदद मिलेगी.

इसके लिए अपने स्मार्टफोन की गूगल सेटिंग्स (Google Settings) में जाएं. स्क्रॉल डाउन करें और आपको सिक्यॉरिटी (Security) का ऑप्शन नजर आएगा. इसे टैप करें और एंड्रॉयड डिवाइस मैनेजर (Android Device Manager) पर जाएं. रिमोटली लोकेट दिश डिवाइस (Remotely locate this device) और अलॉव रिमोट लॉक एंड इरेज ऑन और ऑफ (Allow remote lock and erase on or off) को टिक कर दें. इसमें यह भी ध्यान रखें की बात है कि लोकेशन (Location) की सेटिंग में जाकर एक्सेस टू माई लोकेशन (Access to my location) को भी ऑन करके रखना है. इसके अलावा फोन में गूगल साइन इन होना चाहिए.

एंटी-मालवेयर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल

यह जरूरी है कि आप अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन की सुरक्षा की तरह ही उसके डेटा की सुरक्षा भी करें. नया फोन लेते ही सबसे पहले उसमें एंटी वायरस और डेटा सिक्यॉरिटी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें जिससे मोबाइल के महत्वपूर्ण डेटा और दूसरे सॉफ्टवेयरों से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

ये पाकिस्तानी क्रिकेटर कर चुका है बौलीवुड की कई फिल्मों में काम

भारत-पाकिस्तान के बीच हाईवोल्टेज मैच के दौरान आपने कई बार खिलाड़ियों को आपस में भिड़ते देखा होगा. एक दूसरे मुल्क पर छींटाकशी आम बात है. मगर क्या आप जानते हैं कि एक क्रिकेटर ऐसा भी था जो खेलता तो पाकिस्तान के लिए था मगर उसने बौलीवुड की 13 फिल्मों में भी काम किया था. इस क्रिकेटर का नाम था मोहसिन खान, जिन्होंने बौलीवुड की 1 या दो नहीं बल्कि 13 फिल्मों में काम किया था.

बता दें कि हिंदी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री रीना रौय ने पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान से 1983 में शादी की थी और अपना सफल फिल्मी करियर छोड़ कराची शिफ्ट हो गईं. उस वक्त रीन रौय अपने करियर में बुलंदियों पर थीं. कुछ सालों बाद यह कपल मुंबई लौटा, जहां मोहसिन ने भी बौलीवुड में हाथ आजमाने की कोशिश की. उन्हें जेपी दत्ता की ‘बंटवारा’ और महेश भट्ट की ‘साथी’ में देखा गया.

हालांकि कुछ समय बाद मोहसिन पाकिस्तान वापस चले गए. दोनों की एक बेटी है लेकिन इसके बाद दोनों ने अलग होने का फैसला लिया. रीना का नाम शत्रुघ्न सिन्हा के साथ जोड़ा गया लेकिन फिलहाल वे अपनी निजी जिंदगी में व्यस्त हैं.

15 मार्च 1955 को कराची में जन्मे मोहसिन खान ने 48 टेस्ट मैचों की 79 पारियों में 6 बार नाबाद रहते हुए 2709 रन बनाए थे. इस दौरान उन्होंने सर्वश्रेष्ठ 200 रन की पारी खेलते हुए 9 अर्धशतक और 7 शतक भी जमाए. वहीं बात अगर वनडे की करें तो 8 अर्धशतक और 2 शतक की मदद से उन्होंने 1877 रन बनाए थे. इस क्रिकेटर ने अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच 2 दिसंबर 1986 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था.

हवा में उड़ती सरकार का हारना सुखद है

आमतौर पर सरकारों के बननेबदलने से आम घरवालियों को फर्क नहीं पड़ता पर जब लगने लगे कि जो सरकार आप के घर में घुस रही है और आप को घर चलाने तक की नसीहत देने में लगी हो और उस सरकार के पांव लड़खड़ाने लगें तो थोड़ा सुकून मिलता है. कर्नाटक में सरकार न बना पाने पर और उस के बाद होने वाले उपचुनावों में 15 में से 12 सीटें हार जाने वाले नरेंद्र मोदी वही हैं जो कहते हैं कि चाय देर से मिलने पर पति को झगड़ने का हक नैतिक व नैसर्गिक दोनों हैं. श्रीमान नरेंद्र मोदी ने घरों में घुस कर लोगों से कहकह कर

सस्ते गैस सिलैंडर छुड़वाए और वाहवाही लेने की तर्ज पर एक औरत से कह डाला कि अब पति सिलैंडर होने के कारण चाय देर से मिलने के लिए डांटता तो नहीं होगा यानी उन का अर्थ था कि अगर चाय देर से मिले तो डांटना गलत नहीं है. इसी पार्टी के लोग कहते रहते हैं कि औरतों का बलात्कार होता है तो वे खुद ही जिम्मेदार होती हैं. इसी के समर्थक लोगों के घरों में घुस कर रैफ्रिजरेटर में झांकना हक समझते हैं कि वहां रखा मीट गाय का मांस तो नहीं है.

इसी पार्टी के लोग बिंदी जैसी छोटी चीज पर भारीभरकम जीएसटी को सही मानते हैं. इस पार्टी को मंदिरों, योगासनों, ब्राह्मणों की तो फिक्र है पर 4 सालों में इस ने औरतों के हित का एक भी कानून पास नहीं किया है. अगर तीन तलाक कानून पास हुआ है तो सिर्फ इसलिए कि हिंदू जमात को जताना था कि वह इसलामी कानूनों में दखल दे सकती है. असल में सरकारों के फैसले घरों को उसी तरह प्रभावित करते हैं जैसे व्यवसायों और कारखानों को. सरकारी फैसलों का असर एक घरवाली पर कैसे पड़ेगा, अगर कोई सरकार यह न समझ पाए तो वह निकम्मी है.

नोटबंदी ने लाखों औरतों की छिपाई पूंजी बाहर निकलवा दी और आज भी कुछ नोट हर महिला की साडि़यों से निकल आते हैं, जो कमाए तो पूरी मेहनत से गए थे पर सरकार की बेवकूफी के कदम से कागज के रंगीन टुकड़े भर रह गए. उस सरकार को झटका लगे तो ठीक है. जैसे बेटी अगर घर में तोड़फोड़ करने लगे तो मां की डांट सही होती है वैसे ही वोटरों की यदाकदा डांट भी अच्छी रहती है.

अब सरकार के सामने वैसी ही स्थिति होगी जैसी पति की गलती से कीमती मग टूट जाने के बाद पत्नी की होती है. उम्मीद करें कि इन झटकों से सरकार को लगे कि उस के पास जो हक हैं, वे जानता के दिए हैं, जन्मजात पंडों की तरह के नहीं हैं. सरकार को धर्म और उस की किसी विशेष जाति के लिए हर नागरिक के घर को सुखद व सुरक्षित बनाने का काम करना चाहिए पर ऐसा कहीं होता दिख नहीं रहा है. सरकारें चुने जाने के बाद अकसर सत्ता में इतनी मशगूल हो जाती हैं कि वे भूल जाती हैं कि देश के वोटरों में 50 फीसदी औरतें हैं और उन की कोई भी जाति हो या धर्म, सरकारी फैसलों का उन पर बराबर का असर पड़ता है.

इन चुनाव नतीजों ने हवा में उड़ती सरकार को जो डोर से बांधा है वह सुखद है.

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