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स्टीव स्मिथ के ना खेल पाने के कारण नंबर 1 हैं विराट कोहली : रिकी पोंटिंग

औस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली इसलिए अभी विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं क्योंकि स्टीव स्मिथ केपटाउन टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ की अपनी भूमिका के कारण एक साल का प्रतिबंध झेल रहे हैं. पोंटिंग से पूछा गया कि विश्व में अभी नंबर एक बल्लेबाज कौन है. उन्होंने कहा, ‘‘अभी कोहली है क्योंकि स्टीव स्मिथ नहीं खेल रहा है.’’

उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘लेकिन अगर स्टीव स्मिथ खेल रहे होते तो दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी का मेरा वोट उन्हें ही जाता.’’

पूर्व औस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि स्मिथ का औस्ट्रेलिया की कई जीत विशेषकर एशेज में शानदार प्रदर्शन से वह कोहली से बेहतर बल्लेबाज बन जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘यही वजह है कि मेरे मन में स्टीव स्मिथ के प्रति बहुत सम्मान है.’’

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बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बौल टैंपरिंग मामले में पूर्व औस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ को क्रिकेट औस्ट्रेलिया ने एक साल के लिए बैन कर दिया है. ऐसे में वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं. मार्च से कोई क्रिकेट ना खेलने के बावजूद स्मिथ आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में टौप बल्लेबाज बने हुए हैं. स्टीव स्मिथ 929 अंकों के साथ अब भी आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन 1 बने हुए हैं. आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर 2 पर 903 अंकों के साथ टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली हैं. भारतीय रन मशीन कोहली का टेस्ट में 53 से अधिक का औसत है.

इस वक्त टीम इंडिया अपने इंग्लैंड दौरे पर है, जहां वह 3 मैचों की टी-20 सीरीज 2-1 से जीत चुकी है तो वहीं पहले वन-डे मैच की शुरुआत भी जीत के साथ कर चुकी हैं. 3 मैचों की वन-डे सीरीज के बाद भारत और इंग्लैंड के बीच 1 अगस्त से 11 सितंबर तक 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाएगी.

रिकी पोंटिंग से पहले औस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने भी दावा किया है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली इस बार औस्ट्रेलिया दौरे पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज में एक भी शतक नहीं बना पाएंगे.

गौरतलब है कि भारतीय टीम को नवंबर से शुरू होने वाले दो महीने के औस्ट्रेलियाई दौरे पर चार टेस्ट मैचों के अलावा तीन मैचों की टी-20 सीरीज और तीन वन-डे मैच भी खेलने हैं.

रिलीज हुआ ‘मां तुझे सलाम’ का धमाकेदार ट्रेलर

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह, अभिनेत्री अक्षरा सिंह और मधु शर्मा की आने वाली फिल्म ‘मां तुझे सलाम’ पिछले कई दिनों से सुर्खियों में है. अब फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया कर दिया गया है. ट्रेलर रिलीज होने के बाद भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में इसकी चर्चाएं काफी तेज हो गई है. बता दें, फिल्म का ट्रेलर बहुत ही धमाकेदार है. ट्रेलर देखने से पता लगता है कि यह एक देशभक्ति फिल्म है, जिसमें पवन सिंह एक बार फिर अपने जबरदस्त एक्शन से बड़े पर्दे पर छाने वाले हैं.


बता दें कि हाल ही में फिल्म का फर्स्ट लुक जारी किया गया है, जिसमें पवन सिंह हाथ में हथियार लिए नजर आ रहें हैं. इस फिल्म का निर्देशन असलम शेख ने किया हैं. अपनी फिल्म को लेकर पवन सिंह का कहना है कि वह फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं, वहीं अभिनेत्री मधु शर्मा का कहना है कि पवन सिंह एक अच्छे कलाकार होने के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी हैं. उनके साथ काम करने के बाद उन्हें काफी कुछ सिखने को मिला.

गौरतलब है कि ‘वांटेड’ के बाद पवन सिंह का यह एक और एक्शन से भरपुर फिल्म होगा. पवन सिंह भोजपुरी सिनेमा के एक दिग्गज कलाकार हैं, जो कई सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुके हैं. इस फिल्म के अलावा भी पवन सिंह ‘मैने उनको सजन चुन लिया’ में नजर आने वाले हैं. इस फिल्म में उनके साथ मशहूर अभिनेत्री काजल राघवानी मुख्य भूमिका में होंगी. इस जोड़ी को दर्शक खूब पसंद करते हैं. खास बात यह है कि जब यह जोड़ी एक साथ आती है तो फिल्म बौक्स औफिस पर धमाल कर जाती है.

क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी ने कराया हौट फोटोशूट

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच अभी विवाद खत्म नहीं हुआ है. इधर, मोहम्मद शमी क्रिकेट में अपना ध्यान लगा रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ हसीन जहां भी अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही हैं. हाल ही में हसीन जहां का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह मौडलिंग करती नजर आ रही थीं. अपने इस वीडियो की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में आने वाली हसीन जहां अब बौलीवुड में कदम रखने जा रही हैं. वह बड़े परदे पर ‘फतवा’ नाम की फिल्म से डेब्यू करेंगी. फिल्म में हसीन एक पत्रकार की भूमिका निभाएंगी. फिल्म की शुरुआत इस साल के अंत में होगी.

बता दें कि इस साल मार्च में हसीन जहां ने अपने पति क्रिकेटर मोहम्मद शमी पर कई गंभीर आरोप लगाकर सनसनी पैदा कर दी थी. हसीन जहां ने मोहम्मद शमी पर मारपीट, रेप, हत्या की कोशिश, घरेलू हिंसा और मैच फिक्सिंग जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे. शमी इन सभी आरोपों से इनकार करते रहे हैं और हसीन जहां भी इन आरोपों को अभी तक साबित नहीं कर पाई हैं. हाल ही में हसीन जहां ने मोहम्मद शमी पर आरोप लगाया कि ईद के बाद वह दूसरी शादी करने जा रहे हैं. इसपर शमी का कहना था कि अगर ऐसा है तो में जहां को अपनी शादी में जरुर बुलाऊंगा.

पिछले कई महीनों से चलते आ रहे आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच अब हसीन जहां के बौलीवुड फिल्में करने की खबरें सुर्खियों में छाई हुई हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में हसीन ने कहा, मुझे अपना और अपनी बच्ची का पेट पालने के लिए बौलीवुड और फिल्मों में एंट्री करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा कि मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था. डायरेक्ट अमजद खान ने मुझ से संपर्क किया और मुझे एक फिल्म औफर की और मैंने यह आफर स्वीकार कर लिया. कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए भी मुझे पैसा चाहिए.

पूर्व में एक मौड्ल और कोलकाता नाइटराइडर्स की चीयरलीडर रहीं हसीन जहां इस पेशे में दोबारा लौटने की योजना बना रही हैं. हाल ही में उनका एक बिंदास फोटोशूट भी इंटरनेट पर वायरल हुआ था. हसीन ने कहा, पांच साल पहले मैंने शमी से शादी की थी और तब से मुझे मौडलिंग से दूर रहने के लिए बाध्य किया जा रहा था. उसने केवल मुझे मौडलिंग से ही नहीं रोका बल्कि मुझे अपने दोस्तों महिला और पुरुष दोनों से बात तक नहीं करने दी. बता दें कि हसीन जहां और मोहम्मद शमी के बीच फिलहाल कानूनी लड़ाई चल रही है.

किसानों को गोवा के कृषि मंत्री का बेहूदा मशवरा

कृषि विज्ञान के हर छात्र को कालेज के पहले ही साल में समझ आ जाता है कि देश खेती किसानी के मामले में पिछड़ा क्यों है और किन वजहों के चलते किसानों का शोषण हर स्तर पर होता है. छात्र यह बात और खासतौर से समझ लेता है कि अगर प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़ाना है तो यह बेहद जरूरी है कि किसान उन्नत और वैज्ञानिक तरीके से खेती करें. फसल की बुआई से लेकर कटाई तक की तमाम कृषि क्रियाएं अगर वक्त रहते की जाएं तो मौसम के अलावा कोई ऐसी ताकत है नहीं जो उपज को कम कर सकें.

तमाम कृषि स्नातक इस बात पर भी सहमत हैं कि खेती किसानी में कोई दैवीय चमत्कार नहीं होता, यानि गेहूं बोया जाएगा तो कटेगा भी गेंहू ही, कोई कथित शक्ति उसे धान में नहीं बदल सकती, ठीक इसी तर्क और तर्ज पर कोई दृश्य अदृश्य शक्ति न तो पैदावार बढ़ा सकती और न ही घटा सकती है.

लेकिन दुर्भाग्य से देश में एक ऐसा भी कृषि स्नातक है जो अपनी पढ़ाई लिखाई को धता बताते पूरी ढिढ़ाई से यह कहने की जुर्रत कर चुका है कि फलां मंत्र को जपने से किसान भाई अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं. इस कृषि स्नातक का नाम विजय सरदेसाई है जो गोवा जैसे अहम राज्य का कृषि मंत्री भी है. इन मंत्री जी ने कृषि स्नातक की उपाधि डा बालासाहेब सावंत कोंकण कृषि विध्या पीठ से साल 1992 में ली है, जिसकी गिनती देश के प्रतिष्ठित एग्रीकल्चर संस्थानों में होती है, पर मंत्री जी का बयान गौर से पढ़ने और समझने के बाद अब शायद न हो.

महज 48 वर्षीय विजय सरदेसाई ने बीती 3 जुलाई को अपने निर्वाचन क्षेत्र फतोर्डा में एक पायलट परियोजना का उदघाटन करते किसानों से कहा कि वे बेहतर फसल के लिए “ॐ रोम जुम साह मंत्र प्रतिदिन 20 मिनट तक पढ़ें, इससे फसल अच्छी होगी.

जितनी बेहूदी और अवैज्ञानिक यह सलाह है उससे कहीं ज्यादा दिलचस्प इस बयानबाजी के पीछे छिपी उनकी पत्नी भक्ति और अंधविश्वास हैं, जिनके दलदल में विजय सरदेसाई एक खास मकसद से सभी को धंसा हुआ देखना चाहते हैं. दरअसल में विजय सरदेसाई की धर्म पत्नी उषा सरदेसाई शिवभक्त हैं और केमिकल इंजीनियर से बाबा बने डाक्टर अवधूत शिवानंद की अनुयायी हैं. जिस पायलट प्रोजेक्ट का उदघाटन उन्होंने किया उसका नाम शिव योग कास्मिक फार्मिंग है, जो इसी अवधूत बाबा के खुराफाती दिमाग की उपज है जिसका मकसद सरकारी इमदाद और किसानों से दक्षिणा झटकना भर है. बाबा मंत्रों से पैदावार बढ़ाने की इस अवैज्ञानिक विधि को वैदिक तकनीक बताता है और विजय सरदेसाई जाहिर है सपत्नीक उसका समर्थन करते हैं.

शिव योग फाउंडेशन के बैनर तले एक 2 दिवसीय वर्कशाप का भी आयोजन फतोर्डा में किया गया, जिसमे किसानों को यह नहीं बताया गया कि पैदावार बढ़ाने अच्छा बीज वे बोएं, समय पर सिंचाई करें, खेत से खरपतवार निकालते रहें और कीटों व बीमारियों से बचाव के लिए इन्सेक्टीसाइड्स और पेस्टीसाइड्स का छिड़काव करें. फसल की बेहतर बढ़वार के लिए फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करने की जगह किसानों से कहा गया कि वे बुआई के दिन से लेकर कटाई के दिन तक खेत में खड़े होकर उक्त उस मंत्र का ध्यान लगाकर जाप करें जिसकी उत्पत्ति का भी किसानों के इन शुभचिंतकों को ज्ञान या जानकारी नहीं.

किसान उनकी बात को बकवास समझते खारिज न कर दें इसलिए बात में दम लाते विजय सरदेसाई ने कहा कि वे भी पहले नास्तिक थे, लेकिन बाबाजी के सानिध्य आने के बाद उनसे यानि ढोंग पाखण्डों से सहमत हो गए कि मंत्र पढ़कर भी फसलों की उपज बढ़ाई जा सकती है. इस विधि या तकनीक जो शुद्ध मूर्खता है में कोई खर्च न आने का राग भी उन्होने अलापा.

विजय सरदेसाई दरअसल में कितनी बड़ी साजिश किसानों को बरगलाने रच रहे हैं यह समझने कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं, गांव गांव गली मोहल्ले में अवधूत बाबा जैसे लाखों बाबा बैठे किसानों को तरह तरह से धर्म, ज्योतिष, मुहूर्त और इनसे भी बात न बने तो तंत्र मंत्र का हुनर लिए ठगने को बैठे हैं. निठल्लों की यह जमात किसानों को न केवल अच्छी पैदावार के तरीके बताती है, बल्कि तगड़ी दक्षिणा के एवज में पड़ोसी या प्रतिद्वंदी किसान की फसल चौपट करने का भी दावा करती है, फिर रातों रात फसल मवेशी चर जाते हैं या इन महात्माओं के छिड़के केमिकल्स से फसल वाकई नष्ट भी हो जाती है. यानि किसानों के बीच के बैर को भी ये लोग बढ़ाते और भुनाते हैं.

क्या खेती किसानी के ये नीम हकीम किसानों का किसी भी तरह का भला करते हैं, इस बात का जबाब कोई भी खासतौर से एक भी कृषि स्नातक शायद ही हां में दे. रही बात विजय सरदेसाई की तो उनकी मंशा सिर्फ और सिर्फ पत्नी के गुरु और संस्थान की दुकान चमकाना थी, इससे कितने किसानों का कैसे कैसे नुकसान होगा इस बात के उनके लिए कोई माने नहीं, क्योंकि वे रियल एस्टेट के कारोबारी हैं और 2 साल में ही अकूत दौलत के मालिक बन बैठे हैं.

जब कुछ कृषि स्नातकों से विजय सरदेसाई के इस मशवरे पर उनकी प्रतिक्रिया ली गई तो सभी ने खुलकर उनका मखौल उड़ाया. दमोह के रहने वाले विज्ञान चौधरी सीहोर के रफी अहमद कृषि महाविद्यालय में पढ़े हैं, उनके मुताबिक इस मंत्री ने तो कृषि शिक्षा को ही लजा दिया है. इंदौर के एक कृषि स्नातक एस एल पटीदार का कहना है कि इस मंत्री को इस्तीफा देते अपना अवैज्ञानिक बयान वापस लेना चाहिए और किसानों से माफी मांगना चाहिए.  गोवा सरकार को भी  चाहिए कि वह ऐसे अंधविश्वास फैलाने वाले मंत्री को तुरंत बाहर का रास्ता दिखाये.

पर गोवा की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ऐसा करेगी यह कहने या सोचने की कोई वजह नहीं, उसे तो ऐसे ही लोगों की जरूरत है जो कुछ और करें न करें किसानों में अंधविश्वास जरूर फैलाते रहें, जिससे किसान अपनी बदहाली का जिम्मेदार सरकार की नाकामियों और नीतियों को नहीं, बल्कि ऊपर वाले को मानते मंत्र जाप के दौरान हुई गलतियों को भी मानते रहें.

विजय सरदेसाई भाजपाई नहीं हैं, बल्कि अपनी खुद की बनाई गोवा फारवर्ड पार्टी के मुखिया हैं, जिसे पिछले विधानसभा चुनाव में 3 सीटें मिली थीं. गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को गोवा की 40 में से 17 और भाजपा को 14 सीटें मिली थीं, तब उम्मीद की जा रही थी कि विजय सरदेसाई कांग्रेस को समर्थन देते सरकार का हिस्सा बनेंगे. इस उम्मीद की एक बड़ी वजह उनका साल 2012 तक कांग्रेसी होना भी था. दिलचस्प बात यह भी है कि गोवा फारवर्ड पार्टी का भाजपा से गठबंधन भी था जो चुनाव के ठीक पहले टूट गया था.

एक तीसरी दिलचस्प बात यह भी उल्लेखनीय है कि एक दफा मनोहर पर्रिकर ने विजय सरदेसाई को सार्वजनिक रूप से जलील किया था. इसके बाद भी वे भाजपा की तरफ झुके थे तो इसकी एक बड़ी वजह उनकी एकाएक ही धर्म में पैदा हो गई आस्था थी, जिसका जिक्र उन्होंने किसानों को गुमराह करने वाले बयान में किया था. कहा यह भी जाता है कि मार्च 2017 के तीसरे हफ्ते में जब गोवा में राजनैतिक सरगरमियां शबाब पर थीं, तब अवधूत बाबा की सलाह पर ही वे खुद को बेइज्जत करने वाले मनोहर पर्रिकर के अधीनस्थ काम करने को राजी हो गए थे.

ऐसे में क्यों भाजपा यह नायाब हीरा खोएगी, जो उसके एजेंडे को किसानों में फैला रहा है, वह तो उन्हें और सर पर बैठाएगी, जिससे मंत्र से पैदावार बढ़ाने का तरीका दूसरे राज्यों में भी फैले.

किसान राजनीति इन दिनों बेहद गरमाई हुई है, 2019 के आम चुनाव के मद्देनजर हर दल किसानों की निगाह में हीरो बनने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा. सभी किसानों के लिए बढ़चढ़ कर घोषणाएं कर रहे हैं, जिसकी कोई जरूरत विजय सरदेसाई की अनूठी खेती पद्धति के सामने नहीं रह जाती.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए कि वे बजाय फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि के गोवा का फार्मूला अपनाने किसानों को कहें, जिसमें केवल 4 शब्दों का मंत्र पढ़ने से उपज बढ़ने का दावा किया जा रहा है, यह फार्मूला अगर चल निकला तो किसी राज्य सरकार को कर्ज माफी का लोलीपोप किसानों को नहीं देना पड़ेगा और सब से अच्छी बात कर्ज में डूबा किसान खुदकुशी करने मजबूर नहीं होगा.

कम हो रहे हैं ट्विटर पर आपके फौलोअर्स?

अगर आप भी एक ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं और इस बात से खुश हैं कि आपके बहुत सारे फौलोअर्स हैं तो यह खबर आपको झटका दे सकती है, हालांकि इसके लिए आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ऐसा किसी बग के कारण नहीं, बल्कि ट्विटर खुद ऐसे अकाउंट की सफाई कर रहा है जिन्हें हाल ही में उसने ब्लौक किए हैं.

दरअसल पिछले 2 महीनों में ट्विटर ने लाखों ऐसे ट्विटर अकाउंट्स को ब्लौक किए हैं जो फर्जी तरीके से चल रहे हैं और उन अकाउंट्स के जरिए अफवाह फैलाने का काम किया जा रहा था. अब ट्विटर ने फैसला लिया है जिन अकाउंट्स को ब्लौक किया है उन्हें अन्य यूजर्स की फॉलोअर्स लिस्ट से भी हटाया जाएगा.

उदाहरण से समझें तो मान लीजिए कि ए नाम के अकाउंट ने आपको ट्विटर पर फौलो किया और उसके अकाउंट को ट्विटर ने ब्लौक कर दिया है तो अब वह आपके फॉलोअर्स की लिस्ट से भी हट जाएगा और ऐसे में आपके फॉलोअर्स की संख्या में कमी हो सकती है.

बता दें कुछ दिन पहले ही ट्विटर ने अपने यूजर्स को अपना अकाउंट वेरिफाई और पासवर्ड बदलने को कहा था, जिसके बाद कई यूजर्स ने ना ही वेरिफाई कराया और ना ही पासवर्ड बदले. उसके बाद फेसबुक ने उन्हें सस्पेंड और ब्लौक करने का फैसला लिया है. अपने फैसले पर ट्विटर ने कहा है कि उसके इस कदम से कई यूजर्स को परेशानी हो सकती है लेकिन पारदर्शिता और भरोसा बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि फर्जी लोगों को प्लेटफौर्म से हटाया जाए.

तेरी भाभी है पगले : अति कमजोर कहानी व पटकथा

भारतीय सिनेमा इस बात का गवाह है कि सिनेमा या फिल्म की शूटिंग की पृष्ठभूमि पर या उससे जुड़ी कहानी पर बनी फिल्में बाक्स आफिस पर औंधे मुंह गिरती रही हैं. इसी कड़ी में असफलता का नया रिकार्ड गढ़ने वाली फिल्म है-‘‘तेरी भाभी है पगले’’. जी हां! फिल्म का नाम देखकर हास्य की कल्पना करने वाले दर्शकों को यह फिल्म देखकर निराशा के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होने वाला. बेसिर पैर की कहानी, बेसिर पैर के घटनाक्रम और अति घटिया तरीके से उठाया गया फिल्म पायरेसी का मुद्दा फिल्म को अति नीरस व उबाउ ही बनाता है.

फिल्म की कहानी देव (रजनीश दुग्गल) से शुरू होती है, जो कि एक टीवी सीरियल में बतौर सहायक निर्देशक काम कर रहा है. इसी सीरियल में उनकी प्रेमिका रागिनी (नाजिया हुसेन) अभिनय कर रही है. सीरियल के चर्चित कलाकार अली खान से झगड़ा हो जाने पर देव को सीरियल से अलग होना पड़ता है. तब वह अपनी कहानी पर फिल्म निर्देशित करना चाहता है. उसे अपने समय के सुपरस्टार रहे राज चोपड़ा (कृष्णा अभिषेक) का साथ मिलता है.

राज चोपड़ा फिल्म का निर्माण करने को तैयार हो जाते हैं. फिल्म के हीरो राज चोपड़ा हैं और नाटकीय तरीके से फिल्म की हीरोईन रागिनी हो जाती है. पर इस फिल्म में पैसा अंडरवर्ल्ड डान अरू (मुकुल देव) का लगा है.

गोवा में शूटिंग के दौरान राज चोपड़ा, रागिनी के साथ रास लीला रचाने का असफल प्रयास करता रहता है. गोवा में बिना पुलिस इजाजत के शूटिंग करने के कारण पुलिस शूटिंग रुकवा देती है, तब मुंबई से भाई अरू को बुलाया जाता है. अरू भी रागिनी पर डोरे डोलने लगता है. अब राज, अरू की पत्नी को फोन करके बुला लेता है. अंत में अरू और उसकी पत्नी (दीपशिखा) कहती है कि रागिनी की शादी देव से होगी और वह रागिनी का कन्यादान करेंगे. फिल्म रिलीज होती है और दूसरे ही दिन फिल्म की पायरेसी हो जाती है. देव आत्महत्या कर लेता है.

अति कमजोर कहानी व कमजोर पटकथा वाली फिल्म ‘‘तेरी भाभी है पगले’’ में बेवजह के घटनाक्रम जोड़े गए हैं. गरीब बच्चे से भीख मंगवाना और उस बच्चे की पिटाई करने का पूरा घटनाक्रम भी फिल्म में पैबंद सा लगता है. फिल्म के नाम का कहानी से कोई संबंध ही नहीं है. फिल्म में कुछ भी नयापन नहीं है. फिल्म के संवाद भी अति घटिया हैं. फिल्मकार जबरन हंसाने के लिए जो कुछ करता है, उससे हंसी की बजाय रोना ही आता है. यहां तक  कि हास्य अभिनेता के रूप में मशहूर कृष्णा अभिषेक व सुनील पाल भी हंसाने में नाकामयाब ही रहते हैं. फिल्म का गीत संगीत भी बेकार है. फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है, जिसके लिए यह फिल्म देखी जाए.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो कृष्णा अभिषेक, सुनील पाल, रजनीश दुग्गल, नाजिया हुसेन सहित सभी कलाकार निराश करते हैं. माफिया डौन अरू भाई के किरदार में मुकुल देव जरुर ठीक ठाक जमे हैं. अमन वर्मा की प्रतिभा को जाया किया गया है.

दो घंटे सात मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘तेरी भाभी है पगले’’ के निर्माता राज नोस्ट्म, हरीश कुमार नूर व विनोद तिवारी, निर्देशक विनोद तिवारी हैं. संगीतकार अनामिक चौहान व विजय वर्मा, गीतकार राजेश मंथन, अतिया सय्यद व हरीशंकर सूफी तथा फिल्म के कलाकार हैं – कृष्णा अभिषेक, रजनीश दुग्गल, नाजिया हुसेन,मुकुल देव, सुनील पाल, ख्याली, दीपशिखा, अमन वर्मा व अन्य.

सूरमा : दिलजीत दोसांज का जानदार अभिनय

बायोपिक फिल्मों की ही कड़ी का हिस्सा है फिल्म ‘‘सूरमा’’, जो कि फ्लिकर सिंह के रूप में मशहूर अर्जुन अवार्ड विजेता हौकी खिलाड़ी संदीप सिंह की बायोपिक फिल्म है. इसमें संदीप सिंह के करियर के उतार चढ़ाव व उनके संघर्ष को ही ज्यादा अहमियत दी गयी है.

फिल्म ‘‘सूरमा’’ की कहानी हौकी खिलाड़ी संदीप सिंह के पैतृक गांव पंजाब के शाहाबाद से शुरू होती है. इसी गांव में संदीप सिंह (दिलजीत सिंह) अपने भाई विक्रम सिंह (अंगद बेदी), अपने माता व पिता (सतीष कौशिक) व ताऊ के साथ रहता है. दोनों भाई बचपन से ही हौकी खेलते हैं. मगर हौकी कोच (दानिश हुसेन) की पिटाई से बचने के लिए संदीप सिंह हौकी खेलना बंद कर देता है. उसके ताऊजी उसे अपने खेतों पर ले जाकर उससे चिड़िया भगाने के लिए कहते हैं. चिड़ियों को भगाने के लिए संदीप सिंह आखिरकार हौकी का बैट ही उठा लेता है.

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बड़े होने पर उसकी मुलाकात हौकी खिलाड़ी हरप्रीत सिंह (तापसी पन्नू) से होती है और पहली नजर में ही वह उससे प्रेम कर बैठता है. फिर हरप्रीत सिंह को पाने के लिए वह भी हौकी खेलने लगता है. हरप्रीत सिंह भी चाहती है कि संदीप हौकी खेले और विश्व कप हौकी प्रतियोगिता में हिस्सा ले. अब उसके बड़े भाई विक्रम सिंह भी उसकी मदद करते हैं, हौसला बढ़ाते हैं.

पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए वह इतनी तेज गति से खेलते हैं कि उन्हे ‘फ्लिकर सिंह’ का नया नाम मिल जाता है. उसके बाद 22 अगस्त 2006 को जब वह एक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए रवाना होते हैं, तो ट्रेन में उनके पीछे बैठे एक पुलिस वाले की गलती से बंदूक चल जाती है और गोली संदीप सिंह की पीठ पर लगती है. उनका कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो जाता है. डाक्टर कह देते हैं कि अब वह हमेशा व्हील चेअर पर रहेंगे, हौकी नहीं खेल पाएंगे.

हरप्रीत, संदीप से मिलने आती हैं. पर संदीप की बातें सुनकर उसे निराशा होती है. हरप्रीत को लगता है कि यह कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि एक आम लड़का है, जिसे इस बात का गम नहीं है कि वह हौकी नहीं खेल पाएगा, बल्कि उसे इस बात की खुशी है कि उसे उसकी प्रेमिका मिल गयी. इसलिए वह संदीप सिंह से दूर चली जाती है.

उसके बाद हौकी फेडरेशन के चेयरमैन (कुलभूषण खरबंदा) के प्रयायों से संदीप सिंह को सरकार पोलैंड इलाज कराने के लिए भेजती है. एक साल बाद वह इलाज कराकर वापस आते हैं. अब संदीप सिंह पुनः हौकी के मैदान पर उतरना चाहते हैं. तब उनका बड़ा भाई विक्रम सिंह उन्हे प्रशिक्षण देता है और 2009 में वह कामवनवेल्थ गेम मेंभारतीय हौकी टीम के कप्तान बनकर लंदन जाते हैं. पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलते हुए एक नया रिकार्ड स्थापित करते हैं. 2010 में उन्हे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

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पटकथा लेखकों की कमियों के चलते इंटरवल से पहले फिल्म धीमी गति से आगे बढ़ती है. जबकि इंटरल के बाद फिल्म में नाटकीयता ज्यादा आ जाती है. पर पटकथा लेखक ने संदीप सिंह के वास्तविक जीवन की कथा के माध्यम से यह बताने का सफल प्रयास किया है कि एक खिलाड़ी को तैयार होने में कितनी तकलीफों से गुजरना पड़ता है. उन्हें कितना कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है. इतना ही नहीं एक खिलाड़ी के करियर के उतार चढ़ाव, कई तरह के दबाव आदि को फिल्म में बाखूबी दस्तावेज किया गया है, पर कहीं भी यह फिल्म डाक्यूमेंटरी नहीं लगती.

मगर संदीप सिंह की निजी जिंदगी पर जोर दिए जाने के कारण खेल पेशे की तमाम चीजों को अनदेखा किया गया है. हर टीम के गठन के वक्त जिस तरह की राजनीति व अन्य उठापटक होती है, उस पर यह फिल्म कुछ नहीं कहती. संदीप सिंह के पारिवारिक रिश्तों पर भी यह फिल्म कुछ नहीं कहती. निर्देशक ने सिर्फ संदीप सिंह के संघर्ष को ही चित्रित करने पर ज्यादा जोर दिया है. फिल्म में मानवीय पक्ष भी उभरे हैं. कुछ जगह यह फिल्म रुलाती भी है.

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इस फिल्म की सबसे बड़ी उपलब्धि संदीप सिंह के किरदार में अभिनेता दिलजीत दोसांज का होना है. पूरी फिल्म में कहीं इस बात का अहसास नहीं होता कि यह संदीप सिंह की जगह दिलजीत सिंह हैं. यानी कि दिलजीत सिंह ने संदीप सिंह को अपने अंदर पूरी तरह से आत्मसात कर लिया है. वह जब भी परदे पर आते हैं, दर्शक तुरंत उनके साथ जुड़ जाता है. हौकी के मैदान पर मिली सफलता की खुशी हो या पीठ पर लगी गोली का दर्द, डाक्टरों द्वारा हौकी न खेल पाने की बात सुनकर, प्रीत के दूर चले जाने तथा पुनः हौकी के मैदान पर उतरने की जद्दोजेहाद के हर हिस्से में उनका भावपूर्ण अभिनय, उनकी आंखों के भाव बहुत कुछ कह जाती हैं. तो वहीं भारत देश के लिए हौकी खेलने की जिद रखने वाली हौकी खिलाड़ी हरप्रीत सिंह के किरदार में तापसी पन्नू भी काफी प्रभावित करती हैं. दिलजीत व तापसी के बीच प्रेम दृश्य भी बहुत अच्छे बन पड़े हैं.

बड़े भाई विक्रम सिंह के किरदार में अंगद बेदी भी अच्छे जमे हैं. विक्रम का अपने छोटे भाई के माध्यम से राष्ट्रीय टीम का हिस्सा होने का सपना देखना विश्वससनीय लगता है. स्थानीय कोच के किरदार में दानिश हुसेन ने अच्छा परफार्म किया है. वह उन सभी स्थानीय कोचों की याद दिलाते हैं जो कि खिलाड़ी को बर्बाद करने की धमकी देते रहते हैं. वरिष्ठ कोच के किरदार में विजय राज भी प्रभाव छोड़ते हैं. उनका किरदार मानवीय पक्ष को बेहतर तरीके से उकेरता है.

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फिल्म के कैमरामैन चिरंतन दास ने काफी अच्छा काम किया है. फिल्म का संगीत प्रभावित नहीं करता. दो घंटे ग्यारह मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘सूरमा’’ का निर्माण ‘‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क प्रोडक्शन’’ के साथ मिलकर दीपक सिंह और चित्रांगदा सिंह ने किया है. फिल्म के निर्देशक शाद अली, पटकथा लेखक सुयष त्रिवेदी, शाद अली व शिवा अनंत, संगीतकार शंकर एहसान लौय, कैमरामैन चिरंतन दास, फिल्म को अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं – दिलजीत दोसांज,तापसी पन्नू, अंगद बेदी, सिद्धार्थ शुक्ला, कुलभूषण खरबंदा, पितोबाष, विजय राज, हेरी तनगिरी, अम्मार तालवाला व अन्य.

जल्द निपटा लें बैंक से जुड़े अपने काम, हडताल पर जा सकते हैं बैंक कर्मचारी

आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों ने एलआईसी की तरफ से बैंक के प्रस्तावित अधिग्रहण और वेतन संबंधी मुद्दों की मांग को लेकर छह दिन की लंबी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. अगर अधिकारियों की तरफ से दी गई इस चेतावनी के अनुसार कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो छह दिनी हड़ताल सोमवार से शुरू होगी. आईडीबीआई बैंक ने नियामकीय सूचना में कहा, ‘बैंक को अधिकारियों के एक तबके से नोटिस मिला है. नोटिस में 16 जुलाई 2018 से 21 जुलाई 2018 तक हड़ताल पर जाने की बात कही गई है.’

51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का विरोध

आईडीबीआई बैंक कर्मचारियों की वेतन समीक्षा नवंबर 2012 से लंबित है. उन्होंने पिछले साल हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी लेकिन बाद में प्रबंधन से आश्वासन मिलने के बाद इसे वापस ले लिया गया. इससे पहले, औल इंडिया आईडीबीआई औफिसर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के सामने अपनी बात रखते हुए 51 प्रतिशत हिस्सेदारी एलआईसी को बेचे जाने के प्रस्ताव का विरोध किया था. उनका कहना था कि इस हिस्सेदारी बिक्री को बैंक के निजीकरण के समान समझा जाएगा.

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एलआईसी खरीदेगा बैंक की हिस्सेदारी

इस बीच सूत्रों का दावा है कि बीमा नियामक इरडा से मंजूरी मिलने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी कर्ज में डूबे आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी कर रही है. फिलहाल एलआईसी, आईडीबीआई बैंक, उसकी संपत्ति और कर्ज की स्थिति की जानकारी जुटा रही है. पिछले दिनों मिंट की रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि एलआईसी आईडीबीआई बैंक के 43 प्रतिशत शेयर 10 हजार 500 करोड़ रुपये में खरीद सकती है. फिलहाल एलआईसी के पास आईडीबीआई बैंक के 8 प्रतिशत शेयर हैं.

इससे पहले वेतन में 2 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि करने की मांग को लेकर 30 और 31 मई को यूनाइटेड फोरम औफ बैंकिंग यूनियन (UFBU) के आह्वान पर 10 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे थे. यूएफबीयू ने भारतीय बैंक संघ (IBA) की तरफ से वेतन में महज 2 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव के विरोध में दो दिन की हड़ताल की थी.

इमोशनल हुईं सायरा बानो, दिलीप कुमार को लेकर किए ट्वीट

पिछले कई सालों से बौलीवुड के ट्रेजेडी किंग कहलाने वाले दिलीप कुमार की तबीयत नासाज चल रही है. कई बार तो उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा. खबरों की मानें तो अब दिलीप कुमार की हालत में काफी सुधार आया है. इस बार दिलीप कुमार के लिए उनकी पत्नी सायरा बानो ने ट्विटर हैंडल से काफी इमोशनल मैसेज लिखा है सायरा बानो ने ट्वीट करते हुए फैन्स से उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए दुआएं मांगी और एक के बाद एक 4 इमोशनल ट्वीट किए.

सायरा अपने पहले ट्वीट में लिखती हैं, ‘साहब अब ठीक हैं और वो घर पर आराम कर रहे हैं. वो अपने फैंस से मिल रहे प्यार और संदेश के लिए आभारी हैं. शुक्रिया’

सायरा का दूसरा ट्वीट, ‘जैसा कि आप सब जानते हैं, मैं और साहब पिछले 52 साल से अपने लाखों फैंस और शुभचिंतकों से मिलते आए हैं.’ सायरा अपने तीसरे ट्वीट में लिखती हैं, ’28 जून एक ऐसा दिन था जब मैं अपने कोहिनूर के बिना एक इवेंट में शामिल होने के लिए पहुंची.’

‘मैं आसिफ फारुकी की बेटी निदा की शादी में गई थी. वहां साहब के बिना मैं अकेला महसूस कर रही थी. लेकिन दूल्हा-दुल्हन और आप जैसे फैंस से मिलकर बहुत अच्छा लगा.’ चौथा ट्वीट- ‘भगवान आप सब पर अपनी नेमत बनाए रखे. आप सब मेरे कोहिनूर की अच्छी सेहत और खुशहाली के लिए प्रार्थना करिएगा. दुआओं में याद रखना.’

बता दें कि सयरा, दिलीप साहब से 22 साल छोटी हैं और साए की तरह उनके साथ रहती हैं. वो बचपन से ही दिलीप कुमार से शादी करना चाहती थीं. बौलीवुड में आने के बाद दिलीप कुमार ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज कर दिया था.

विराट ने कुलदीप यादव की गेंदबाजी में बांधे तारीफों के पुल

टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौरे पर अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए पहले वनडे में इंग्लैंड को 8 विकेट से हरा दिया. इस मैच में पहले इंग्लैंड टीम 268 रन बनाकर आउट हुई जिसके जवाब में रोहित शर्मा और विराट कोहली की शानदार बल्लेबाजी के साथ कुलदीप यादव की बेहतरीन  गेंदबाजी के बाद टीम इंडिया ने इंग्लैंड पर 8 विकेट से जीत दर्ज कर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली. इससे पहले टीम इंडिया ने इंग्लैंड को टी20 सीरीज में 2-1 से मात दी थी.

पहले इंग्लैंड की बढ़िया शुरुआत के बाद कुलदीप यादव ने शानदार गेंदबाजी की और इंग्लैंड को बड़ा स्कोर बनाने से रोका. कुलदीप के कहर के बावजूद इंग्लैंड के बल्लेबाज 50 ओवर से एक गेंद पहले ही 268 रन बनाकर आउट हो गई. उतार चढ़ाव भरी इस पारी में कुलदीप यादव ने 6 विकेट लेने की उपलब्धि हासिली की. यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. इंग्लैंड के लिए जोस बटलर और बेन स्टोक्स ने अर्धशतकीय पारियां खेली. इसके अलावा जेसन राय और जौनी बेयरस्टौ ने भी 38-38 रनों की पारियां खेलकर इंग्लैंड को एक मजबूत शुरुआत दी थी लेकिन कुलदीप ने जल्दी ही तीन विकेट लेकर इंग्लैंड की मुसीबतें बढ़ा दीं जिससे इंग्लैंड उबर नहीं पाई.

विराट कोहली ने मैच के बाद कहा कि इससे ज्यादा शानदार जीत नहीं हो सकती. हम जानते थे कि यह बल्लेबाजी के लिए के अच्छा विकेट था. बीज के ओवर्स में रिस्ट स्पिनर्स निर्णायक होने वाले थे. अगर उन्हें और समय और ओवर मिले तो वे और मारक हो जाते हैं. जब उन पर ज्यादा प्रहार न हो रहा हो तो उनके पास 10 ओवर होते हैं और वे जानते हैं कि उनके पास वापसी की संभावना है और उनमें क्षमता भी हैsports

 

कुलदीप बेहतरीन रहा, इस विकेट पर 25 रन देना और 6 विकेट लेना, मुझे नहीं लगता कि मैंने वनडे में इससे बेहतर गेंदबाजी देखी है. उसके बाद रोहित का बहुत लंबी पारी खेलकर मैच खत्म करना शानदार रहा.  हमने मैदान के आकार और हवा के बहाव को देखते हुए ब्रिस्टल में रणनीतिक फैसला लिया था. जब लंबे खले की बात आती है, आपको असर डालने वाले खिलाड़ी चाहिए होते हैं. ये दोनों रिस्ट स्पिनर्स जबसे आए हैं, तब से अंतर पैदा कर रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका में भी उन्होंने ऐसा बीच के ओवरों में किया था. दोनों अब भी हमारे प्रमुख हथियार हैं.

रोहित शर्मा ने लगाया शानदार शतक

इस मैच में रोहित शर्मा ने शानदार शतक लगाया. रोहित ने केवल 82 गेंदों में अपना शतक पूरा करते हुए 114 गेंदों पर नाबाद 137 रन बनाए. रोहित ने 15 चौके और चार छक्के लगाए. रोहित शर्मा ने पहले तो धीमी ही बल्लेबाजी की लेकिन धवन के आउट होने के बाद उन्होंने रनों की गति कम नहीं होने दी और  पहले 54 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया उसके बाद अपनी बल्लेबाजी के मिजाज के मुताबिक रनों की रफ्तार तेज की. और 18 और गेंदें खेलते हुए अपना शतक पूरा कर लिया.

विराट कोहली ने भी रोहित के साथ मिलकर शानदार पारी खेली और 75 रन बनाए. विराट अपना शतक पूरा तो नहीं कर सके लेकिन भारत के लिए जीत का आधार जरूर तय कर गए. विराट पहली बार अपने करियर में स्टंप आउट हुए. शिखर धवन के आउट होने के बाद विराट बल्लेबाजी करने आए थे और फिर रोहित के साथ 167 रनों की साझेदारी की.

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