यह सच है कि मोबाइल ने दूर दूर रह रहे पति पत्नी के बीच दूरियों को कम किया है. मोबाइल के जरीये वह अब संदेश, बातचीत, फीलिंग्स, फोटो और वीडियों तक आपस में पलक झपकते एक दूसरे तक पहुंच रहे है. दूर होते हुए भी पति पत्नी ‘सोशल रिलेशनशिप’ तक बनाने में सफल होते है. रोमांटिक होकर पति पत्नी निजी संबंधें तक की सीमाओं तक पहुंच जाते है. दूर होकर दूरी का अहसास नहीं होता. यही मोबाइल पास पास रह रहे पतिपत्नी के बीच दूरियां बढ़ाने का काम भी कर रहा है. पतिपत्नी को शिकायत यह रहती है कि मोबाइल अब दांपत्य जीवन में ‘पतिपत्नी और वो’ की भूमिका निभा रहा है. जिससे पति पत्नी के रिश्तों में मोबाइल दरार डालने का काम कर रहा है.

कविता को अपने पति से शिकायत है कि उनका बेडरूम में भी पत्नी से अधिक समय मोबाइल के साथ गुजरता है. कविता कहती है कि ‘पति कभी अपने दोस्तों के साथ चैटिंग करते हैं तो कभी मोबाइल पर गेम्स खेलते रहते है. कई बार बहुत शिकायत करो तो कुछ देर जबरदस्ती बातचीत करेंगे इसके बाद फिर मेरे सोते ही मोबाइल में लग जाते है. कई बार तो मुझे यह शक भी होता है कि उनको किसी और से कोई संबंध तो नहीं जो उसी से बातें करते हो और मुझे पता भी ना चलता हो. मैंने जब कभी उनका मोबाइल देखने की कोशिश करती हूं. हमारा झगड़ा शुरू हो जाता है.’

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कविता जैसी समस्याएं बहुत सारी दूसरी महिलाओं की भी है. साइकोलाजिस्ट सुप्रीती बाली कहती है ‘पति पत्नी के बीच रिश्तों में सबसे पहली दूरी शक की वजह से बढ़ती है. जब पतिपत्नी  आपस में शक करने लगते हैं. शक के चलते आपस में दूरियां और एक दूसरे पर अविश्वास बढ़ता है. कई बार मोबाइल को लेकर झगड़ा शुरू होता है, जो बाद में घरेलू हिंसा का रूप भी ले लेता है. मेरे पास आने वाली ज्यादातर शिकायतों में आपसी झगड़े की शुरूआत यहीं से होती है. ऐसे में जरूरी है कि निजी समय में मोबाइल के प्रयोग को लेकर पति पत्नी को सहमति से काम करना चाहिए. इससे आपस में संबंध मधुर बने रहेंगे.

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