डा. राज नगरकर एचसीजी मानवता कैंसर सेंटर (एचसीजीएमसीसी) के प्रबंध निदेशक और सर्जिकल औन्कोलौजी और रोबोटिक सेवाओं के प्रमुख हैं. डा. नगरकर को 23+ वर्षों का अनुभव है और उन्होंने 1100 से भी अधिक रोबोटिक असिस्टेड सर्जरीज किए हैं, 2,00,000 से अधिक कैंसर रोगियों की जांच और उपचार किए हैं, 65000 से अधिक प्रमुख और अति-प्रमुख कैंसर सर्जरी, 1500 चाइल्डहुड कैंसर पेशेंट्स और ऑन्कोलॉजी में 300 से अधिक बहुराष्ट्रीय क्लीनिकल ट्रायल्स किए हैं.
अपने देश में कैंसर के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है इसकी क्या वजह है?
शरीर पर होने वाले पर्यावर्णिक घटकों के प्रभाव के कारण कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. इस रोग से संबंधित बढ़ती जानकारी की उपलब्धता के कारण कैंसर से पीडि़त मरीज हौस्पिटल्स जाकर जाँच करा रहे हैं.
इस बीमारी के कुछ शुरुआती संकेत और लक्षण क्या हैं?
कैंसर अपने शरीर में उपलब्ध सेल्स में होने वाले बदलाव के कारण होता है. अंदरुनी सेल्स में होने वाले बदलाव इतने धीमी गति से बढ़ते हैं कि इस रोग के बारे में तुरंत पता नहीं चल पाता है. कैंसर के आम तौर पर चार स्टेजेस बताए जाते हैं. प्राथमिक स्टेज में जो कैंसर रहता है ये अपने शरीर में शुरु होकर जब तक इसकी लक्षण पता चले तब तक कई वर्ष बीत जाते हैं. अगर शरीर पर कोई गांठ पंद्रह दिनों से ज्यादा वक्त तक है और दर्द नहीं हो रहा हो तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, खास करके महिलाओं में स्तन में होने वाली गांठ. अगर मुंह में छाला है या कोई ज़ख्म पंद्रह दिनों से ज्यादा अवधी तक ठीक नहीं हो रहा हो, आवाज बदल रही है, खाना निगलने में दिक्कत हो रही है, कफ में से खून निकल रहा है, बार-बार खांसी हो रही है, पाचनशक्ति में बदलाव आया है, खून जा रहा है, अगर पेशाब में से खून जा रहा है या पेशाब की समस्या आ रही है तो ये सारे उन अंगों के संबंधित कैंसर के संभावित लक्षण हैं.