गरमी का मौसम अपने साथ बहुत सी बीमारियां ले कर आती है. इस दौरान हमारा इम्यून सिस्टम काफी प्रभावित होता है. इसके अलावा गरमी हमारे पाचन और त्वचा को बुरी तरह प्रभावित होती है. तो हम आपके लिए लेकर आए हैं, सरिता के टॉप 10 समर हेल्थ टिप्स हिंदी में. गरमी के मौसम में हेल्दी रहने के लिए आजमाएं ये खास हेल्थ टिप्स.
- गरमी में करें इन फलों का सेवन
गरमी के मौसम में शरीर को खाने से अधिक पानी की जरूरत होती है. अगर आपके शरीर में पानी की कमी रह रही है तो आपको कई तरह के रोग हो सकते हैं. सीधे पानी पीने के अलावा आप अपनी डाइट में फलों को शामिल कर के पानी की कमी को दूर कर सकते हैं. इनके सेवन से आप कूल महसूस करेंगे. गरमीयों में मिलने वाले फल आम, तरबूज, खरबूज, बेल व मौसमी आपको अंदर से फिट रखते हैं.
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2. गरमी में करें प्याज का सेवन
प्याज के बिना कोई भी खाना अधूरा होता है. स्वाद के लिए प्याज जरूरी होता है इसके साथ में अच्छी सेहत का भी राज है ये. गरमी में कच्चे प्याज का सेवन किसी दवाई से कम नहीं है. आपको बता दें कि प्याज में केलिसिन और रायबोफ्लेविन (विटामिन बी) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा प्याज में जीवाणुरोधी, तनावरोधी, दर्द निवारक, मधुमेह को कंट्रोल करने वाला, पथरी हटाने वाले गुण भी होते हैं.
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3. फिट रहने के लिए आजमाएं ये 15 टिप्स
गरमी का मौसम बोरिंग और थकान वाला होता है, लेकिन इसे अच्छा बनाने और खुद को गरमी से बचाने के लिए कुछ फिटनैस टिप्स अपनाने की जरूरत होती है ताकि आप कूल रह सकें. इस बारे में फोक फिटनैस की कोफाउंडर आरती पांडे बताती हैं कि कुछ सावधानियां बरतने से इस मौसम में फिट रहा जा सकता है.
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4. हेल्थ के लिए गुणों की खान है खीरा
गर्मियों के दिनी में खीर का अपना ही महत्त्व है, यह बाजार में सर्वत्र मिलता है. खीरे का सेवन भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक किया जाता है. खीरा देश के हर भाग में उपलब्ध है. पहाड़ों में इसका आकार बड़ा होता है. खीरा सुपाच्य, शीतल व तरावट से भरपूर होता है. खीरे की तासीर ठंडी होती है.खीरा व ककड़ी एक ही प्रजाति के फल हैं.
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5. इस मौसम में होने वाली बीमारियों से ऐसे बचें
लोगों को मौसमी फ्लू और संक्रमण का खतरा अधिक रहता है. ऐसे में जरूरी है कि आप पहले से इन परेशानियों से लड़ने के लिए तैयार रहें. इसलिए हम आपको कुछ जरूरी टिप्स देने वाले हैं जो आपको इन चुनौतियों के सामने मजबूती से खड़े रखने में मदद करेंगे.
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6. गरमी में सत्तू के ये हैं फायदे
सत्तू में ऐसे कई तत्त्व होते हैं, जो डायबिटीज और मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों को ही नहीं, बल्कि कई दूसरी बीमारियों को भी शरीर से दूर करते हैं. सत्तू खाने में स्वादिष्ठ ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. सत्तू के औषधीय गुण भी बहुत हैं. चना और जौ जब साथ में मिलाते हैं, तो गरमियों में यह मिश्रण दवा की तरह काम करता है. गरमियों में सत्तू खाने से अनेक बीमारियां दूर रहती हैं.
चना और जौ को पीस कर सत्तू बनता है, जो शरीर को ठंडक देता है. खास बात यह है कि इस का शरबत, भरवां परांठे या रोटी, पंजीरी, लड्डू, मठरी आदि के रूप में सेवन किया जा सकता है.
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7. घर में ऐसे बनाएं हर्बल किचन गार्डन
हम अपनी भाभी के साथ उन की सहेली के घर गए थे. बड़ी आत्मीयता से मिलने के साथ उन्होंने हमें कुछ जलपान परोसा मगर हम ने यह कह कर कि मुंह में छाले हैं, कुछ भी खाने से इनकार कर दिया. वे बोलीं, ‘‘कब से हैं ये छाले? जरा रुकिए,’’ कह कर वे घर के पिछवाड़े चली गईं और कुछ ही पलों में कुछ पत्ते हाथ में लिए आईं. हम ने देखा पत्ते एकदम साफ और हरे थे.
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8. कम पानी पीने से हो सकते हैं ये नुकसान
इंसान के जीने के लिए खाने से ज्यादा पानी महत्वपूर्ण है. खाना 4 दिन ना मिले तो भी इंसान जिंदा रह सकता है, पर पानी के बिना एक से दो दिन होने भर जान निकलने लगती है. पर लोग पानी पीने को ले कर सबसे ज्यादा लापरवाह होते हैं. हमारा शरीर का करीब 70 फीसदी हिस्सा पानी से बना है. ऐसे में कम पानी पीने के कारण ज्यादातर समस्याएं होती हैं.
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9. और्गेनिक फूड सेहत के लिए फायदेमंद
स्वास्थ्य का सीधा असर खानपान से होता है. स्वस्थ रहने के लिए लोग अब तेजी से और्गेनिक फूड अपना रहे हैं. पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान और्गेनिक फूड की तरफ काफी तेजी से बढ़ा है, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि इस के सेवन से इन्हें फायदा होगा. ज्यादातर लोगों का मानना है कि और्गेनिक फूड उन्हें बीमारियों से भी नजात दिलाता है.
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10. 40+ महिलाओं के लिए बेस्ट हेल्थ टिप्स
उम्र का एक ऐसा पड़ाव आता है जब महिलाएं प्रजनन की उम्र को पार कर रजोनिवृत्ति की ओर कदम बढ़ाती हैं. यह उम्र का नाजुक दौर होता है जब शरीर कई बदलावों से गुजरता है. इस में ऐस्ट्रोजन हारमोन का लैवल कम होने से हड्डियों की कमजोरी, टेस्टोस्टेरौन हारमोन के कम होने के कारण मांसपेशियों की कमजोरी तथा वजन बढ़ने से मधुमेह व उच्च रक्तचाप होने की संभावना बढ़ जाती है.