स्वास्थ्य का सीधा असर खानपान से होता है. स्वस्थ रहने के लिए लोग अब तेजी से और्गेनिक फूड अपना रहे हैं. पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान और्गेनिक फूड की तरफ काफी तेजी से बढ़ा है, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि इस के सेवन से इन्हें फायदा होगा. ज्यादातर लोगों का मानना है कि और्गेनिक फूड उन्हें बीमारियों से भी नजात दिलाता है. भले ही उन्हें रासायनिक खाद्य पदार्थों के मुकाबले इन की कीमत अधिक चुकानी पड़ती है. इसे सेहत के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है. जैविक खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों का उपयोग बहुत ही कम यानी नाममात्र होता है. इसलिए यह खाद्य पदार्थ एकदम ताजे, किफायती और अच्छे आकार के होते हैं. साथ ही खतरनाक रसायनों से बचाने के साथसाथ यह कैंसर जैसी बीमारी का खतरा भी कम करता है.

जैविक खेती पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है, यह हमारे स्वास्थ्य को सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही पर्यावरण को भी प्रदूषण मुक्त, मिट्टी के कटाव को रोकने, जमीन की उर्वरकता को बढ़ाने के साथ ही पानी और ऊर्जा को बचाने के लिए भी कारगर साबित होती है. सामान्य फलों, सब्जियों और अनाजों की तुलना में इन के जैविक रूपों में अधिक ऐंटिऔक्सिडैंट होते हैं. इन में सामान्य उत्पादों की तुलना में कीटनाशकों का काफी कम इस्तेमाल किया जाता है. और्गेनिक फूड में नाइट्रेट काफी कम और विटामिन ज्यादा मौजूद होते हैं.

और्गेनिक फूड खाने से एलर्जी, मोटापा और वजन बढ़ने की आशंका भी कम रहती है. इस के साथ ही इस का सेवन करने वालों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है, जबकि रासायनिक खाद्य पदार्थ बच्चों की स्मरणशक्ति को भी नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए और्गेनिक फूड का ही सेवन करें, यह सेहत के लिए फायदेमंद है.

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क्या है और्गेनिक फूड

और्गेनिक फूड कैमिकल रहित होता है. इस में किसी तरह के पेस्टिसाइड्स या रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं होता है. इन फल, सब्जी और अनाजों की पैदावार के दौरान आकार बढ़ाने या पकाने के लिए किसी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता. और्गेनिक फूड और्गेनिक फार्म में उगाए जाते हैं. वैसे, आम फूड और और्गेनिक फूड के बीच फर्क कर पाना काफी मुश्किल है, क्योंकि रंग और आकार में ये एक जैसे ही दिखते हैं.

पहचान कैसे करें

बाजारों में तमाम तरह के फल और सब्जियां मौजूद हैं, जो देखने में एकदम फ्रैश लगते हैं, लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि वे सब और्गेनिक हैं. और्गेनिक फूड्स का स्वाद नौर्मल फूड से थोड़ा अलग होता है. और्गेनिक मसालों की सुगंध नौर्मल मसालों से तेज होती है. इसी तरह जैविक सब्जियां गलने में भी ज्यादा समय नहीं लेती और पक भी जल्दी जाती है.

क्या है खासियत

और्गेनिक फूड्स में आमतौर पर जहरीले तत्त्व नहीं होते, क्योंकि इन में कैमिकल्स, पेस्टिसाइड्स, ड्रग्स प्रिजर्वेटिव जैसी नुकसान पहुंचाने वाली चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. आम फूड में पेस्टिसाइड्स यूज किए जाते हैं. ज्यादातर पेस्टिसाइड्स में और्गेनोफास्फोरस जैसे कैमिकल होते हैं, जिन से कई तरह की बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है.

और्गेनिक फूड सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं. पारंपरिक फूड के मुकाबले इन में 10 से 50 फीसदी तक अधिक पौष्टिक तत्त्व मौजूद होते हैं. इस में विटामिन मिनरल्स, प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन भी अधिक मात्रा में होता है. इन में मौजूद न्यूट्रिशंस दिल की बीमारी, माइग्रेन, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाते हैं.

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और्गेनिक गार्डन : घर में बनाएं

आप घर में ही और्गेनिक गार्डनिंग कर के फ्रैश फलसब्जियां उगा सकते हैं. वातावरण के लिए तो सुरक्षित है ही, इस में खर्च भी कम आता है, क्योंकि इस में महंगी खाद और कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती. आप अपने गार्डन के कुछ भाग में जहां पर अच्छी धूप आती हो, कम जगह में ठीक तरीके से देखभाल कर और्गेनिक सब्जियां उगा सकते हैं, जो आप के लिए स्वास्थ्यबर्द्धक होंगी.

कैसे चुने पौधे

और्गेनिक गार्डनिंग मिट्टी की किस्म पर निर्भर करता है. इसलिए इस बात पर ध्यान दें कि जिस मिट्टी में आप गार्डनिंग करना चाहते हैं, वह उपजाऊ हो. इस में और्गेनिक खाद यानी गोबर और नीम की पत्तियां डालें. लेकिन उस के लिए मिट्टी नम होनी चाहिए और उस में घासफूस न हो. समयसमय पर इन की कटाईछंटाई करते रहें. गमलों और गार्डन में फालतू पानी जमा न होने दें. मौसमी फलों और सब्जियों की जानकारी रखें.

कीड़ा लग जाए तो

पौंधों में यदि कीड़ा या फफूंद लग जाए तो और्गेनिक पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल करे. पौधों में कीड़े लगने पर नीम के तेल या नीम वाले पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करें. इस के लिए फफूंदनाशी ट्राईकोडर्मा वीरडी का इस्तेमाल करें. यह पाउडर के रूप में आती है. 2 ग्राम पाउडर को एक लिटर पानी में घोल कर पौधों पर स्प्रे करें. हालांकि बुआई से पहले अगर बीजों को बीजामृत से ट्रीट कर लें तो कीट, बीमारी या फफूंद लगने का खतरा काफी कम हो जाता है.

क्या कहता है विज्ञान

किसानों द्वारा उपज बढ़ाने के लिए खेतों में कई तरह के पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल होता है. इंटरनैशनल एजेंसी फौर रिसर्च औन कैंसर ने इन में से ग्लाइफोजेट, मेलाथियान और डायजिनौन को कैंसर का कारक माना है. इसी तरह कुछ रसायन एंडो क्राइन डिसरप्टर होते हैं और एस्ट्रोजन हार्मोन की तरह काम करते हैं. इसलिए इन्हें स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाने वाला माना जाता है. रसायनों के खतरों को देखते हुए वैज्ञानिकों का मानना हैकि भले ही और्गेनिक फूड कोई लाभ न पहुंचाएं लेकिन इन के इस्तेमाल से कोई नुकसान भी नहीं होता.

अध्ययन से बढ़ी उम्मीदें

फ्रांस के नैशनल इंस्टिट्यूट औफ हैल्थ ऐंड मैडिकल रिसर्च ने इस संबंध में करीब 70 हजार लोगों पर एक सर्वे किया. इस में पाया गया है कि और्गेनिक फूड का सेवन करने वाले लोगों में कैंसर का खतरा 25 प्रतिशत तक कम हो जाता है. उन का कहना है कि यह रिसर्च कोई ठोस नतीजा तो नहीं देता, लेकिन इस से वह धारणा तो मजबूत होती है कि  और्गेनिक फूड कैंसर जैसी बीमारियों से अवश्य बचाता है.

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