डा. लखमा राम चौधरी, एसएमएस, कृषि विज्ञान केंद्र, नौलासर, नागौर

बिशना राम, शिवानी चौधरी,  स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर

अंजू चौधरी, सैम हिगिनबौटम कृषि विश्वविद्यालय, प्रयागराज

राजस्थान में रबी की यह मुख्य फसल है. सरसों में अनेक प्रकार के कीट व रोग समयसमय पर हमला करते हैं, इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इन कीटों व रोगों की सही तरीके से पहचान कर के समुचित रोकथाम का प्रबंध किया जाए.

पेंटेड बग

यह कीड़ा काले रंग का होता है, जिस पर लाल, पीले और नारंगी रंग के धब्बे होते हैं. इस कीड़े के शिशु हलके पीले व लाल रंग के होते हैं. दोनों ही प्रौढ़ व शिशु इन फसलों को 2 बार नुकसान पहुंचाते हैं. पहली बार फसल उगने के तुरंत बाद ही सितंबर से अक्तूबर महीने तक और दूसरी बार फसल की कटाई के समय फरवरीमार्च महीने में.

प्रौढ़ व शिशु पौधों के विभिन्न भागों से रस चूसते हैं, जिस से पत्तियों का रंग किनारों से सफेद हो जाता है, इसलिए इस कीड़े को धौलिया भी कहते हैं.

फसल पकने के समय भी कीड़े के प्रौढ़ व शिशु फलियों से रस चूस कर दानों में तेल की मात्रा को कम कर देते हैं, जिस से दानों के वजन में भी काफी कमी आ जाती है.

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नियंत्रण : फसल में सिंचाई कर देने से प्रौढ़, शिशु व अंडे नष्ट हो जाते हैं.

इस की रोकथाम के लिए 25 किलोग्राम क्विनालफास 1.5 फीसदी या मैलाथियान

5 फीसदी चूर्ण प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह या शाम के समय में छिड़काव करें.

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