हरियाणा में कस्टम हायरिंंग सेंटर की शुरुआत 50 फीसदी सब्सिडी पर कृषि यंत्र स्ट्रा बेलर यूनिट, सुपर एसएमएस, हैप्पी सीडर, पेडी स्ट्रा चौपर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबल एमबी प्लाऊ, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड ड्रिल, क्राप रीपर आदि पर सब्सिडी कृषि यंत्रों का उपयोग अगर खेती में किया जाए, तो खेती का काम आसान हो जाता है. तय दामों पर सभी किसान कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते हैं, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ भी दिया जाता है. अलगअलग राज्यों में यह अनुदान रकम अलगअलग हो सकती है.
इसी क्रम में हरियाणा सरकार की ओर से किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी पर कृषि यंत्र मुहैया कराने के लिए योजना बनाई गई है. इस के अलावा कस्टम हायरिंग सैंटर की स्थापना पर राज्य सरकार की ओर से 80 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है.
धान की फसल के समय सब से अधिक पराली जलाने की खबरें हरियाणापंजाब से ही आती रही हैं, इसलिए हरियाणा कृषि विभाग द्वारा जिले में धान के अवशेषों में जीरो बर्निंग का लक्ष्य रखा गया है.
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फसल अवशेष प्रबंधन के लिए विभाग के द्वारा किसानों को कस्टम हायरिंग सैंटर पर 80 फीसदी व व्यक्तिगत श्रेणी में 50 फीसदी सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जाते हैं.
किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने के प्रति उत्साह व जीरो बर्निंग के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हरियाणा सरकार द्वारा रबी सीजन 2022 में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत पराली की गांठ, बेल बनाने वाले किसानों को 1,000 रुपए प्रति एकड़ या 50 रुपए प्रति क्विंटल, जो भी न्यूनतम होगा, प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाएगा. इस के लिए किसानों को विभाग की वैबसाइट के लिंक पर जा कर पराली की गांठ, बेल के उचित निष्पादन के लिए पंजीकरण करना होगा.
अधिक जानकारी के लिए किसान अपने खंड कृषि अधिकारी या कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
कस्टम हायरिंग सैंटर के लिए ग्राम पंचायत व एफपीओ, पंजीकृत किसान समिति की पंजीकरण संख्या, प्रधान का पैनकार्ड, आधारकार्ड, ट्रैक्टर की आरसी का विवरण व बैंक खाता का विवरण आदि जरूरी हैं, वहीं व्यक्तिगत किसान के मामले में आवेदन के लिए ट्रैक्टर आरसी, पैनकार्ड, आधारकार्ड, बैंक खाता का विवरण, ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ वाली रसीद व अनुसूचित जाति से संबंधित किसानों के लिए जाति प्रमाणपत्र लगाना अनिवार्य है.
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कस्टम हायरिंग सैंटर के लिए कहां करें आवेदन
इस के तहत ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. यह सब्सिडी फसल अवशेष के निस्तारण के लिए चलाई जाती है.
इस योजना के तहत किसानों को अवशेष प्रबंधन के लिए स्ट्रा बेलर यूनिट, सुपर एसएमएस, हैप्पी सीडर, पेडी स्ट्रा चौपर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबल एमबी प्लाऊ, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड ड्रिल, क्राप रीपर आदि पर सब्सिडी का लाभ दिया जाता है. इस तरह किसानों को ये यंत्र सस्ती दर पर उपलब्ध हो जाते हैं.
बनाए गए 6,755 कस्टम हायरिंग सैंटर
हरियाणा सरकार ने अब तक किसानों की मदद के लिए 6,755 कस्टम हायरिंग सैंटर बना लिए हैं, जिन से किसान सस्ते दर पर कृषि यंत्र ले कर खेती कर सकते हैं. खास बात यह है कि इन में से 31,000 से अधिक मशीनें पराली मैनेजमैंट करने वाली हैं.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा समयसमय पर किसानों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जा रही हैं, जिन की वजह से प्रदेश में न केवल खाद्यान्नों का रिकौर्ड उत्पादन हो रहा है, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी किसान आगे आ रहे हैं. किसान फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत निरंतर सब्सिडी का लाभ ले कर कृषि उपकरण खरीद रहे हैं.
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