पटना: लीची किसानों को इस बार काफी नुकसान हुआ है. मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर और पूर्वी चंपारण के साथ बेगुसराय, भागलपुर और सीतामढ़ी के लीची किसान परेशान हैं. इस बार मौसम सही रहने के कारण लीची की पैदावार तो अच्छी हुई है, लेकिन उन्हें खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं.

बता दें कि बिहार में लीची का कारोबार 1,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का होता था, वहीं  सिर्फ मुजफ्फपुर से ही तकरीबन 500 करोड़ रुपए का लीची कारोबार होता था, लेकिन इस बार लीची की खेती करने वाले किसानों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ सकता है.

हालांकि राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर के निदेशक विशाल नाथ ने कहा कि किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान होने की संभावना कम  है क्योंकि 50 फीसदी किसानों के लीची के बागान को बड़े वेंडर द्वारा निश्चित राशि तय कर 4 से 5 साल के लिए खरीद लिया जाता है. इस कांट्रेक्ट से किसानों को घाटा होने का डर खत्म हो जाता है.

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इस के अलावा 30 फीसदी ऐसे वेंडर भी होते हैं, जो 1 से 2 साल के लिए बागान खरीदते हैं, बाकी बचे 20 फीसदी किसान फसल की पैदावार करने से ले कर उसे मार्केट में बेचने का काम करते हैं.

उन्होंने यह भी बताया कि इस बार लीची की तैयार फसल को बाहर ले जाने के लिए ट्रांस्पोटेशन की समस्या आ सकती है.

बिहार के लीची ग्रोवर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि इस बार मौसम की अनुकूलता की वजह से लीची की पैदावार अच्छी हुई है. लेकिन मुश्किल यह है कि इस बार खरीदार नहीं मिल पा रहे. पैसों की कमी की वजह से लोगों में खरीदारी क्षमता भी कम हो रही है. इस से लीची के कारोबार पर बड़े पैमाने पर असर पड़ने की संभावना है.

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