ब्रोकली गोभी कुल की सदस्य है. इस के शीर्ष भी गोभी की तरह, लेकिन आमतौर पर हरे रंग के होते हैं. ब्रोकली की खेती हमारे देश में सीमित क्षेत्र में की जाती है. इस का बहुत अधिक पोषण और औषधीय महत्त्व है.

ब्रोकली अमेरिका की प्रमुख सब्जी मानी जाती है. ब्रोकली का सब्जी के अतिरिक्त सूप, सलाद और दूसरी तरह के व्यंजनों के बनाने में प्रयोग किया जाता है. ब्रोकली में गोभी की अपेक्षा प्रोटीन, कैल्शियम, कैरोटीन व विटामिन सी की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है.

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जलवायु और भूमि

ब्रोकली ठंडे मौसम की फसल है. मैदानी क्षेत्रों में इस की खेती जाड़े में की जाती है. इस के बीज के अंकुरण के लिए 25-30 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान होता है, जबकि पौधों की बढ़वार के लिए 20-25 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान अच्छा रहता है. शीर्ष बनने के लिए 16-20 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान चाहिए. तापमान में वृद्धि होने से शीर्ष ढीला पड़ जाता है.

ब्रोकली को विभिन्न प्रकार की भूमियों में कामयाबी से उगाया जा सकता है. मिट्टी का पीएच मान 5.0-6.5 उपयुक्त होता है. बलुई दोमट भूमि, जिस में जीवांश की मात्रा और जलनिकास की उपयुक्त सुविधा हो, इस की खेती के लिए उपयुक्त होती है.

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बोआई का समय और बीज दर

उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में अगस्त से अक्तूबर के आखिरी हफ्ते तक इस के बीज की बोआई कर के पौध तैयार की जाती है. पर्वतीय क्षेत्रों में इस की बोआई मार्च व जुलाईअगस्त महीने में की जाती है. एक हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण के लिए 300-400 ग्राम बीज पर्याप्त होता है.

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