कृषि की बात करें तो तो देश में हरियाणा पंजाब राज्यों का नाम प्राथमिकता पर आता है. इन प्रदेशों में बड़े पैमाने पर आधुनिक तौर-तरीकों से खेती की जाती है . कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है और इन्हीं राज्यों में अनेक तरह के कृषि यंत्र भी बनाए भी जाते हैं ,जिनकी डिमांड देश के कोने कोने में है .अनेक नामीगिरामी कृषि यंत्र बनाने वाली कंपनियां यहां मौजूद हैं . लेकिन आज कोरोना की दहशत के चलते कृषि यंत्र जहां के तहां खड़े है.

देश में कृषि यंत्रों का इस्तेमाल खेत तैयार करने से लेकर फसल कटाई व गहाई और उसके स्टोरेज तक होता है .रबी की खास फसलें कटाई के मुहाने पर खड़ी है जिनमें गेहूं की खास फसल है.आपने देखा होगा कि पंजाब और हरियाणा से आने वाले अनेक रास्तों पर इन दिनों हार्वेस्टरों की आवाजाही शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिख रहा. ज्यादातर हार्वेस्टरों के अगले हिस्से पर एक मोटरसाइकिल भी बंधी होती थी, जिसका इस्तेमाल वह जरूरत के समय या यंत्र में कुछ खराबी आने पर कहीं जाना पड़े , उसके लिए करते हैं . लेकिन इन दिनों सब तरफ अजीब सी खामोशी है सब कुछ शांत है सिवाय अस्पतालों में हलचल के . कोई आवाजाही नहीं , सब तरफ खामोशी , अजीब सा माहौल .किसान इस चिंता में है कि उसकी फसल की कटाई कैसे होगी.

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.इन कृषि यंत्रों के समय पर ना पहुंचने पर किसानों को चिंता सता रही है कि फसलों की कटाई समय से कैसे होगी. मजदूर भी खेत काटने को नहीं हैं. किसान की चिंता भी जायज है क्योंकि फसल को पकने के बाद समय से काटना भी जरूरी है ,नहीं तो सारी फसल चौपट हो सकती है .कृषि यंत्र तो आज नहीं तो कल बिक जाएंगे, लेकिन किसान की खड़ी फसल खेत में बर्बाद हुई तो उसका क्या होगा उसकी तो पूरी छमाही की कमाई डूब जाएगी .

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