देश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा पूरे भारत में लॉकडाउन का आदेश दिया गया हैं. जिस से देश के ज्यादातर इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं. लॉकडाउन के चलते किसानों के सामने भी बड़ा संकट खड़ा हो गया हैं. क्योंकि इस समय ज्यादातर फसल खेतों में तैयार होने की दिशा में है. सरसों की तैयार फसल कुछ इलाकों में मौसम की मार से बेकार हो गई हैं. कुछ खेतों में ही अधकटी पड़ी हैं. इसके आलावा गेहूं, मटर, चना, जौ आदि की फसल भी कटाई के मुहाने पर है. अगर इन फसलों को समय पर नहीं काटा गया तो देश के किसानों साथसाथ आम जनता को भी अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

वैसे भी इस बार बेमौसम की बरसात, आंधी, तूफान ने किसानों की खड़ी फसल में अच्छाखासा नुकसान किया है. देश में अनेक इलाकों में तैयार फसल खेत में ही गिर गई है. जिस से फसल पैदावार पर बहुत बुरा असर पड़ा है. इस समय तैयार आलू की फसल को भी बेमौसम बरसात में खासा नुकसान हुआ है. अनेक जगह खेतो में आलू की खुदाई नहीं हो पा रही है. खेतो में ही आलू सड़ रहा है. जिन किसानों के खेतों से आलू की खुदाई हो चुकी है उन का आलू खुले में पड़े रहने के कारण हरा होने लगा है या ख़राब होने लगा है.

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इस मौसम की मुख्य फसल गेहूं भी तैयार होने की हालात में है. बेमौसम आंधी बरसात के चलते बहुत से किसानों के गेहूं फसल भी गिर गई है. ऐसी फसल की कटाई भी कठिन हो जाती है. क्योकि खड़ी फसल को कटाई यंत्रों जैसे रिपर, हार्वेस्टर आदि से आसानी से काटा जाता है, लेकिन गिरी हुई फसल को काटना आसान नहीं होता. आज के समय में सबसे बड़ी समस्या फसलों को काटने की भी है. फसल काटने के लिए इस समय हार्वेस्टर या कंबाइन मशीनों की जरुरत होती है. लेकिन देश में लॉकडाउन के चलते जिलों की सीमाओं को सील कर दिया गया है. बाहर से आनेजाने पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसे मैं फसल कटाई करने का बड़ा संकट किसानों के सामने खड़ा हो गया है. क्योंकि आज के समय में इन कटाई यंत्रों को एक से दूसरी जगह ले लिए जिला कलेक्टर से अनुमति जरुरी है. क्योंकि सीमा सील होने का कारण सभी का आना जाना रुका हुआ है.

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कृषि विभाग में अधिकारीयों व किसानों का कहना है कि पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों से बड़े कृषि यन्त्र देश के अनेक हिस्सों में फसल काटने के लिए जाते है लेकिन सीमाएं सील होने के कारण मशीनें भी कहीं नहीं आ जा पा रही हैं.

बस्ती के प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र का कहना है कि हमारे यहाँ भी इस समय पंजाब, हरियाणा से कटाई मशीनों का आना शुरू हो जाता है लेकिन वह भी नहीं आ पा रही हैं. मशीनों कि बात तो दूर ट्रेक्टर तक हम अपने खेतो तक नहीं ले जा पा रहे हैं. ऐसे मैं किसान क्या करेगा?

फसल कटाई के लिए सरकार द्वारा सुझाव:

* फसलों की कटाई ज्यादातर आधुनिक कृषि यंत्रों से कराएं. अगर हाथ से इस्तेमाल करने वाले यंत्रों से कटाई करनी है तो इन यंत्रों कि धुलाई दिन में 3 बार अच्छी तरह साबुन और पानी से करें.
* फसल कटाई के समय एकदूसरे से उचित दूरी रखें सरकारी निर्देशों के मुताबिक काम करते वक्त खाना खाते समय काम से काम 5 मीटर की दूरी जरूर रखें.
* खाने के लिए अलग अलग बर्तनो का इस्तेमाल करें. बर्तनो को अच्छी तरह साबुन से धो कर रखें.
* सभी लोग अपने अपने उपकरण जैसे दरांती (हाथ से फसल काटने का यंत्र) आदि का खुद ही इस्तेमाल करें. आपस में अदलाबदली न करें.
* बीच बीच में हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोते रहे.
* कटाई के दौरान पहने गए कपड़ों को अगले दिन न पहनें. अगले दिन दूसरे कपडे पहनें और पहले कपड़ों को धोकर सूखा लें उन्हें अगले दिन पहनें.
* सभी लोग मास्क लगाकर कटाई करें और पीने का पानी भी अलग अलग बर्तनों या बोतलों में रखें.
अगर किसी व्यक्ति को खासी, जुखाम, सरदर्द, बदन दर्द आदि कि शिकायत हो तो नजदीकी डॉक्टर से मिलें.

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