ना ताली बजाने से कोरोना भागा, ना थाली बजाने से। दिए जलाने का तो उस पर कतई कोई असर ना हुआ उलटे कोरोना संक्रमित लोगो की संख्या में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है. देश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 505 मरीज सामने आए हैं. इनको मिला कर अब देश में संक्रमित लोगो की संख्या 4200 पहुंच गई है. इस बीमारी की चपेट में आ कर अब तक भारत में 83 लोग अपनी जानें गवां चुके हैं.देश के कई राज्यों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए सरकार ने अब कई क्षेत्रों को बफर ज़ोन में तब्दील करने की तैयारी कर ली है.कोरोना की बेकाबू होती स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह आक्रामक योजना बनाई है.इस योजना के तहत जो सबसे प्रभावित क्षेत्र है उसको पूरी तरह से बफर जोन बनाकर सील कर दिया जाएगा.
देश में अभी 21 दिनों का लॉक डाउन चालू है। जो 14 अप्रैल को ख़तम होगा. मगर जिस तेज़ी से संक्रमण बढ़ रहा है उसको देखते हुए कई क्षेत्रों को बहुत संवेदनशील माना जा रहा है.बेकाबू होती स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार के स्वास्थ मंत्रालय सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों को पूरी तरह बफर ज़ोन घोषित करके सील कर देगा. यानी यहां फुल कर्फ्यू लागू होगा. ये हालात करीब एक महीने तक रहेंगे.
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सरकार ने अभी तक ये नहीं बताया है कि वह किन इलाकों या शहरों को बफर जोन में तब्दील करके पूरी तरह बंद कर रही है. बता दें कि देश के 274 जिलों में अब तक कोविड-19 के मामले सामने आए हैं. 22 मार्च से बाद से कोरोना संक्रमित मामले में तीन गुना की वृद्धि हुई है, जिसके बाद सरकार ने यह प्लान बनाया है. सरकार की ओर से जारी 20 पन्नों के दस्तावेज़ में कहा गया है कि इस ‘रणनीति’ को केवल तभी लागू नहीं किया जाएगा जब अंतिम पुष्टि परीक्षण के बाद कम से कम चार सप्ताह तक कोविद-19 के किसी भी नए मामले की रिपोर्ट न की जाए.
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी दस्तावेज में बताया गया है कि सभी संदिग्ध और कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर आइसोलेशन में रखा जाएगा.मरीजों को तभी डिस्चार्ज किया जाएगा, जब उनका सैंपल निगेटिव पाया जाएगा. जिन लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखाई देंगे उन्हें कोरैंटाइन में रखा जाएगा. जिस मरीज में कोरोना के थोड़े ज्यादा लक्षण होंगे उन्हें अस्पातल में रखा जाएगा और जिनमें गंभीर लक्षण पाए जाएंगे उन्हें एडवांस हॉस्पिटल में एडमिट किया जाएगा.
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सरकार के प्लान में यह भी बताया गया है कि जिस इलाके को बफर जोन बनाया जाएगा, वहां के सभी स्कूल, कॉलेज और ऑफिस को पूरी तरह बंद रखा जाएगा. इन इलाकों में कोई सार्वजनिक और निजी परिवहन की इजाजत नहीं होगी.केवल आवश्यक सेवाओं की अनुमति ही दी जाएगी.