काफी समय से सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों में इंसानों का प्रकृति के साथ खिलवाड़ को ले कर बातें चल रहीं थी. जिस में कहा जा रहा था कि कोरोना इंसानी देन है जो इंसान इसे भुगत रहें है. प्रकृति ने इंसानों को सबक सिखाने के लिए फिर से समय का चक्का घुमाया है. कई फोटो और संदेश वायरल हो रहे थे जिस में जानवर और पंछी खाली सड़कों में टहलते आज़ाद दिख रहे थे और इंसान लाकडाउन के कारण घरों में बंद. यह एक हद तक सच भी है कि इंसान ने प्रकृति के साथ काफी छेड़छाड़ की है. जिस का बड़ा उदाहरण ग्लोबल वार्मिंग से समझा जा सकता है. खैर, लोगों के द्वारा यह कयास लगाए जा रहे थे कि कोरोना वायरस सिर्फ इंसानों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण है जानवरों में इस के नकारात्मक प्रभाव नहीं है. यह बात कितनी सच है?

न्यूयार्क के ब्रोंक्स चिडियांघर में मलायन मादा बाघ के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिली है. चिडियांघर 16 मार्च को कोरोना संक्रमण के कारण एहतियातन बंद कर दिया गया था. माना जा रहा है कि यह बाघ प्रजाति में यह पहला पॉजिटिव केस देखने को मिला है. इस मामले में चिडियांघर प्रबंधक ने बताया है संक्रमित बाघ का नाम ‘नादिया’ है जिस की उम्र 4 साल है. इस के अलावा 6 अन्य शेर और बाघ भी बीमार है. प्रबंधक ने कोरोना संक्रमण को चिडियांघर के कर्मचारियों से ही जानवरों में फैलने का कारण बताया हैं. हालांकि पहले बाघ में कोरोना संक्रमण 27 मार्च में दिखना शुरू हो गया था जब उस की तबियत बिगड़ने लगी थी जिस में सुखी खांसी और भूख न लगना शामिल था. लेकिन इस में अच्छी बात यह है कि अब यह सभी संक्रमित जानवर पहले से बेहतर स्थिति में हैं और रिकवर कर रहें है. किन्तु सवाल यह की यह संक्रमण जानवरों में वैसे ही ट्रांसफर हो रही है जैसे इंसानों के भीतर हो रही है?

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