मनुष्य कोरोना से परेशान है और कुत्ते, बिल्ली, गाय जैसे पशु और पंछी भूख प्यास से परेशान हैं यानी ‘नानक दुखिया सब संसार।’ कोरोना के कारण देश भर में लॉक डाउन क्या हुआ जानवरों की जान आफत में फंस गई. तमाम होटल बंद, रेस्टोरेंट बंद, ढाबे बंद, रोड साइड पर खाने की रेहड़ियां बंद, मीट और अंडे की दुकाने बंद. ऐसे में इन सब पर खाने के लिए आश्रित जीव-जंतु भूख से बेहाल हो रहे हैं. तमाम शहरों में कुत्ते-बिल्ली और गाय पेट में भूख लिए दर-दर भटक रहे हैं. सड़कों पर जगह-जगल चिड़ियों के लिए रखे गए खाने पानी के बर्तन सूखे पड़े हैं. प्यासी चिड़ियें बड़ी उम्मीद से इन खाली कटोरों पर फुदक रही हैं कि कोई आकर इन्हे भर जाए मगर आदम जात कोरोना से डरा घर में बंद है. खिड़की से झाँक कर देखिये शहर का सन्नाटा आपके भीतर के सन्नाटे को और गहरा कर देता है.

दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में आर्य समाज मंदिर के सामने सुबह सुबह एक व्यक्ति ईरिक्शा पर प्लास्टिक के बड़े बड़े थैलों में स्ट्रीट डॉग्स के लिए दूध ब्रेड भर कर लाता था.उसके साथ मदद के लिए उसका नौकर भी होता था. उसकी आने की आहट मिलते ही गाड़ियों आदि के नीचे दुबके ढेरों कुत्ते पलक झपकते ही दुम हिलाते उसके इर्द-गिर्द जमा हो जाते थे. वह कई पॉइंट्स पर दूध ब्रेड मिक्स के थैले उलट देता था ताकि कुत्तों के बीच खाना पाने के लिए जंग ना हो और सबको खाना मिल जाए.पेट भर खाना मिलने के बाद इस इलाके के तमाम कुत्ते दिन भर आराम से सोते थे, मगर कोरोना की वजह से लॉक डाउन होने के बाद ये भूख से बिलबिलाते घूम रहे हैं.कोई उधर से निकल पड़ता है तो इस आशा में कि कुछ खाने को मिल जाएगा उसके पीछे लग जाते हैं. अधिकाँश लोग उनकी भूख को समझ नहीं पाते हैं और पीछे आते कुत्तों से या तो डर कर चीखने लगते हैं या पत्थर उठा कर उनपर वार करते हैं.इलाके में भूखे कुत्तों को ले कर दहशत फैली हुई है.

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