बॉलीवुड में हमेशा जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत ही चरितार्थ होती रही है. फिर चाहे वह किसी कलाकार के पारिश्रमिक का मसला हो अथवा छोटे बड़े किरदार का मिलना हो या  सीरियल में अभिनय का मसला हो. जो सफल है, जो ताकतवर है, उनकी हर बात मानी जाती है.

एक कटु सत्य है. कोरोनावायरस व लॉकडाउन की वजह से पूरे 3 महीने तक  फिल्म टीवी सीरियल और वेब सीरीज की शूटिंग बंद रही. कोरोना महामारी अभी भी अपने चरम पर है. मगर ब्रॉडकास्टर को विज्ञापन से जो नुकसान हो रहा था उसके चलते सभी ब्रॉड कॉस्टर ने सीरियल निर्माताओं पर दबाव डाला और फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात करके शूटिंग शुरू करने की इजाजत ले ली. महाराष्ट्र सरकार ने 31 मई को शूटिंग शुरू करने की इजाजत दे दी थी. मगर शूटिंग शुरू नहीं हो हो पा रही थी, क्योंकि ब्रॉड कास्टर यानी कि चैनल ने हर सीरियल के बजट में 30% तक की कटौती कर दी है.

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इस कटौती के चलते सीरियल के निर्माताओं ने अपने कलाकारों कि पारिश्रमिक राशि में कटौती करनी शुरू कर दी. इस पर कलाकार तैयार नहीं थे. लगभग 22 से 24 दिनों तक काफी बातचीत होती रही, अंततः कलाकार को झुकना पड़ा और कुछ कटौती के साथ 25 जून से सीरियल की शूटिंग शुरू हो सकी. कुछ कलाकारों ने अपनी फीस में कटौती करने की बजाए सीरियल को अलविदा कह दिया.

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मगर वही ब्रॉडकास्टर यानी कि चैनल सलमान खान के सामने झुक गया है. अब चैनल सलमान खान की फेसबुक कोई कटौती नहीं कर पा रहा है. सूत्रों की माने तो कलर्स चैनल पर प्रसारित होने वाले रियलिटी शो बिग बॉस तेरह के लिए सलमान खान को प्रति एपिसोड 14 करोड़ रुपए मिले थे. कोरोना के चलते इस फीस में कटौती होनी चाहिए थी. मगर सूत्रों की माने तो ऐसा नहीं हुआ, बल्कि सूट दावा कर रहे हैं कि बिग बॉस 14 के लिए सलमान खान को कलर्स चैनल प्रति एपिसोड 16 करोड़ रुपए दे रहा है. यानी कि सलमान खान कि अपनी सफलता है उनका अपना रुतबा है इसलिए उनकी फीस में कटौती करने की बजाय उनकी फीस बढ़ा दी गई है.

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काश चैनल इसी तरह हर कलाकार की राशि बढ़ाई होती. क्योंकि पिछले 3 माह से सभी कलाकार घर पर बैठे हुए थे .और कलाकार ही क्यों सारे तकनीशियन और सभी वर्कर घर पर बैठे हुए थे .ऐसे में जरूरी था कि हर किसी की फीस में कुछ बढ़ोतरी की जाति, पर ऐसा नहीं हुआ. जिन कलाकारों ने फीस में कटौती स्वीकार नहीं की उन्हें सीरियल से हाथ धोना पड़ा. इसे बालू उसके अंदर का भेदभाव ही कहा जाएगा, लेकिन इस पर कोई खुलकर बोल नहीं पाता.

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