कई अंतरराष्ट्रीट्रीय फिल्मम समारोहों में धूम मचाने और कई पुरस्कार जीतने के बाद अब फिल्मकार राज प्रीतम मोरे की मराठी भाषा की लघु फिल्म खीसा (पॉकेट ) का इंडियन पैनोरोमा , इफ्फ़ी , गोवा में प्रदर्शन के लिए आधिकारिक चयन किया गया हैं. इफ्फी का आयोजन हर वर्ष नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में गोवा मेंं किया जाता है .मगर इस बार कोरोनावायरस के चलते ऐसा संभव नहींं हो पााया था. परिणामत अब भारत का  ५१वां अंतर्राष्ट्रीय  फिल्म महोत्सव १६  से २४ जनवरी २०२१ गोवा में आयोजित किया जा रहा हैं ,जिसमे देश विदेश की कई फिल्मो का प्रदर्शन किया जाएगा.
पी पी सिने प्रॉडक्शन , मुंबई लालटिप्पा फिल्मस के बैनर टेल निर्मित फिल्म खीसा (पॉकेट ) के  निर्माता संतोष मैथानी और राज प्रीतम मोरे हैं.  फिल्म को अकोला ( विदर्भ ), महाराष्ट्र के विभिन्न लोकेशंस पर फिल्माया गया हैं.

लघु फिल्म “खीसा (पॉकेट )”की कहानी  महाराष्ट्र के एक गांव में रहने वाले लड़के की  हैं ,जो एक दिन तय करता है कि वह उसके स्कुल की शर्ट में एक बड़ा पॉकेट/जेब/खीसा  बनाएगा ,जिसमे वह अपनी कीमती और प्यारी वस्तुएँ जैसे सिक्के , फूलों की पत्तियाँ , कंचे आदि सुरक्षित रख सकेगा. यह एक ऐसा खिसा होगा, जिस पर हमेशा उसे गर्व रहे. इस खीसा के चलते वह खास बन जाता है. उससे उम्र में बड़ो से भी ख़ास बना देता हैं क्योंकि बाकी लोगो  का खीसा छोटा , साधारण और एक जैसा दिखने वाला हैं. खीसा (पॉकेट ) के छोटे बड़े होने से समाज में फैले  प्रतीकात्मक राजनीति छोटे से बच्चे के समझ के परे हैं जल्द ही पुरे गाँव में यह खीसा एक विवाद का केंद्र बन जाता हैं.

राज प्रीतम मोरे ने फिल्म खीसा (पॉकेट ) के साथ निर्देशन की शुरुवात की  हैं और उनकी इस पहली लघु फिल्म को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में कई नामांकन , पुरस्कार और दर्शकों का प्रतिसाद मिला हैं.  निर्देशक राज प्रीतम मोरे कहते हैं-“फिल्म ‘खिसाा’ आज के पीढ़ी के बच्चों की मासूमियत की कहानी हैं. यह एक बहुत ही दुःख की बात है लेकिन यह आज सच्चाई  हैं खीसा (पॉकेट ) एक लड़के की दिल को छूने वाली कहानी है जो निश्चित रूप से दर्शकों को जीवन के प्रति एक अलग दृष्टिकोण देगी. आज मराठी फिल्में हर दिन नई ऊँचाइयों पर पहुंच रही हैं. मराठी कंटेंट न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है. 15 मिनट  अवधि की यह फिल्म सभी के दिल में जगह बनाएगी.”

खीसा ( पॉकेट ) को इंस्तांबुल फिल्म अवॉर्डस  २०२० में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले का अवार्ड मिला हैं.भारत के प्रतिष्ठित १०वे दादासाहेब फ़ाल्के फ़िल्म महोत्सव दिल्ली में  सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले का पुरस्कार मिला हैं.  मार्च २०२१, टर्की ,इंस्तांबुल  में आयोजित होने  वाले गोल्डन स्टार अवार्ड्स में आयएफ़ए के  वार्षिक लाइव स्क्रीनिंग गाला में भी प्रदर्शित की जायेगी.
फिल्म को डबलिन अंतर्राष्ट्रीय शार्ट एंड म्यूजिक फ़ेस्टिवल २०२० में सर्वश्रेष्ठ अंतराष्ट्रीय शार्ट फ़िल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए नामाँकित भी किया गया. खीसा (पॉकेट ) का पहला ऑनलाइन अंतराष्ट्रीय प्रीमियर भी डबलिन अंतर्राष्ट्रीय शार्ट एंड म्यूजिक फ़ेस्टिवल २०२० में किया गया.खीसा (पॉकेट ) को मुंबई अंतर्राष्ट्रीय कल्ट फिल्म फ़ेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता  ( स्पेशल ज्यूरी मेंशन ) का पुरस्कार कैलाश वाघमारे को दिया गया. खीसा को  मॉन्ट्रियल इंडिपैंडेंट फिल्म महोत्सव कनाडा और २६ वे कलकत्ता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी प्रदर्शन के लिए आधिकारिक नामांकित की गयी. अन्य प्रमुख नामांकन और पुरस्कारों में  डायोरमा इंटरनेशनल फिल्म फ़ेस्टिवल २०२० , सिंगापुर इंटरनेशनल फिल्म फ़ेस्टिवल २०२० , जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फ़ेस्टिवल  के साथ ही डायोरमा इंडी शार्ट फिल्म फ़ेस्टिवल अर्जेंटीना २०२० में भी आधिकारिक नामांकन और प्रदर्शित की गयी हैं  .

खीसा (पॉकेट) के लेखक कैलाश वाघमारे,  कैमरामैन सिमरजीत सिंह सुमन , संगीतकार पारिजात चक्रवर्ती , साउंड रिकॉर्डिस्ट कुशल सारदा और एडिटर संतोष मैथानी हैं. फिल्म में प्रमुख भूमिकाओं में कैलाश वाघमारे ,  मीनाक्षी राठौड़ , श्रुति मध्यादीप  डॉ. शेषपाल गणवीर और वेदांत श्रीसागर ( बाल कलाकार ) नजर आएंगे.
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...