फिल्म तीन को समीक्षकों ने भले ही सराहा हो, लेकिन बॉक्स ऑफिस के लिहाज से ये निराशजनक रही. फिल्म के सात निर्माताओं को 10 करोड़ का घाटा हुआ. इसका निर्माण 15 करोड़ में हुआ, इस राशि में अमिताभ की फीस शामिल नहीं थी. प्रिंट व प्रमोशन के 8 करोड़ सहित कुल निर्माण लागत 23 करोड़ हुई.

भारत में फिल्म ने 20 करोड़ रुपए कमाए, जिसमें वितरकों का शेयर 10 करोड़ रहा. ओवरसीज मार्केट से 2 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ. संगीत और अन्य अधिकारों के बदले एक करोड़ की राशि मिली. यानी निर्माताओं के पास महज 13 करोड़ रुपए आए. बच्चन को कम रखनी थी फीस इस घाटे का सीधा असर अमिताभ की फीस पर पड़ा.

फिल्म के रिलीज से पहले तक इन टीवी सैटेलाइट अधिकारों की कीमत 15 करोड़ तक आंकी गई थी, लेकिन फ्लॉप होने के बाद बमुश्किल 8 करोड़ की राशि तय हुई. जानकार कहते हैं ‘प्रयोगधर्मी फिल्म के लिए फीस के तौर पर सैटेलाइट अधिकार अपने पास रखना अमिताभ का गलत फैसला था.

गौरतलब है कि अमिताभ की फीस 6-8 करोड़ के बीच रहती है, इस लिहाज से उन्हें अधिक आय की उम्मीद थी. लेकिन ये आंकड़ा उनकी ही फीस के समकक्ष आ गया. वैसे तो उन्हें फिल्म के बजट के अनुरूप कम फीस ही रखनी थी. सैटेलाइट अधिकार यदि निर्माताओं के पास रहते तो उनका घाटा कुछ कम हो सकता था..’

प्रमोशन में नदारद थे नवाज और विद्या

फिल्म से जुड़े एक अन्य सूत्र का कहना है ‘टाइटल ‘तीन’ था, लेकिन नवाजुद्दीन सिद्दीकी और विद्या बालन के रोल फिल्म में कमतर थे. पूरी फिल्म बच्चन पर केंद्रित होकर रह गई. प्रमोशन में भी विद्या और नवाज की गैरमौजूदगी का असर बॉक्स ऑफिस पर रहा.

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