एक्शन हीरो के रूप में अपनी पहचान रखने वाले विद्युत जामवाल का दावा है कि उनसे बेहतर स्टंट करने वाला पूरे विश्व में कोई नही है. तभी तो वह फिल्म ‘‘कमांडो 2’’ में कार के नीचे से स्लिप करते हुए, छोटी छोटी खिड़कियों से बाहर कूदते हुए नजर आ रहे हैं. मजेदार बात यह है कि आज वह जो कुछ हैं, उसमें उनकी मां का भी योगदान है. उनकी मां केरला में आश्रम चलाती हैं ओर उसमें कलारी पयट्टू सिखाती है.
कलारी पट्टू सिखाते हुए आपकी मां ने क्या पाया?
- अब तक उन्होंने हजारों लोगों को सिखाया होगा. अब सीखने के बाद कौन क्या मम्मी से कहकर गया मुझे नहीं पता. पर मेरी मम्मी ने लोगों को इतनी चीजें दी हैं कि उसी के बदले में जो आशीर्वाद मिला, वह आशीर्वाद मुझे मिला. मैं गैर फिल्मी परिवार से हूं. पर मुझे फिल्मों में आसानी से काम करने का मौका मिल गया. बहुत कम समय में मेरी पहचान एक सफल एक्शन हीरो के रूप में हो गयी. मेरे लिए तो यह बड़ी उपलब्धि है. अब मेरी मां से किसने क्या कहा पता नहीं? पर मां ने जो काम किया, उसकी वजह से मुझे इतना आशीर्वाद मिला कि मैं सफल हूं.
यानी कि आप मानते हैं कि बालीवुड में गैर फिल्मी लोगों के लिए अपनी जगह बनाना कठिन हैं?
- जी हां! बहुत कठिन है. यहां प्रवेश पाने के लिए अपनी कला पर इतनी मेहनत करनी पड़ती है कि लोगों कि निगाहें आपकी कला पर से हट ना पाएं. मेरी मां को लोगों ने बहुत दुआएं दी हैं, जिसका फल मुझे मिल रहा है.
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