स्वीडिश अभिनेत्री मारिया ग्रानलुंड की बेटी और स्वीडिश अदाकारा ऐली अवराम ने 2012 में मुंबई पहुंचते ही  मनीष पौल के साथ कौमेडी फिल्म ‘‘मिकी वायरस’’ में नजर आयी थी, तो उनकी संवाद अदाएगी से किसी को अहसास नहीं हुआ था कि वह भारतीय नहीं, बल्कि स्वीडन की रहने वाली स्वीडिष अदाकारा हैं. ऐली अवराम ने अपनी पहली ही फिल्म से लोगों को अपनी आकर्षक सुंदरता और संवाद अदायगी से प्रभावित कर लिया था. उसके बाद ‘‘बिग बौस सीजन 7’’ ने रातों रात स्टार बना दिया. बहरहाल, अब तो उनकी गिनती एक बेहतरीन व सफल बौलीवुड अदाकारा के रूप में होने लगी है. महज सात वर्ष के करियर में वह सिर्फ हिंदी भाषी फिल्मों तक ही सीमित नही है, बल्कि तमिल व कन्नड़ भाषा का सिनेमा भी कर रही हैं. इन दिनों वह तीस सितंबर से ‘‘औल्ट बालाजी’’और ‘‘जी 5’’ पर एक साथ स्ट्रीमिंग होने वाली वेब सीरीज ‘‘वर्डिक्ट आफ स्टेट वर्सेस नानावटी’’ को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने सिल्विया नानावटी का किरदार निभाया है.

हाल ही में ऐली अवराम से हिंदी भाषा में उनके बौलीवुड व भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम के अलावा उनके करियर को लेकर एक्सक्लूसिव बातचीत हुई...

आप स्वीडन से हैं. आपकी मम्मी अभिनेत्री और आपके पिता संगीतकार हैं. दोनों में से किसने आपको सबसे ज्यादा इंस्पायर किया? और किस बात के लिए किया है?

मुझे लगता है कि मेरी मां ने मुझे इंस्पायर किया है. क्योंकि वह बहुत ही ज्यादा आर्टिस्टिक हैं. यूं तो मेरे पिता भी आर्टिस्टिक हैं, पर मेरी मं कुछ ज्यादा ही आर्टिस्टिक हैं. वह अभिनेत्री हैं. वह गाती भी हैं. कहानी सुनाती/स्टोरी ट्रेलर हैं. वह डांस भी करती हैं. उनको सब कुछ आता है. मेरे हिसाब से मुझे लगता है कि जब मैं बच्ची थी, तो मैंने शायद अपनी मां को यह सब करते हुए देखा और उनसे प्रभावित हुई. इतना प्रभावित हुई कि यह सब मुझे भी अच्छा लगने लगा. शायद मैंने अपनी मौम को बहुत कौपी भी किया है. जब मैं छोटी थी, तो कभी मैंने मौम के कपड़े ले लिए, मैंने उनकी शौल्स वगैरह कुछ ले ली, उससे मैंने कुछ बनाया और मैं गार्डन में खेलने लगती थी. मैं खुद का प्ले/नाटक बनाती थी. मैं गाना गाने लगी थी. मैं गार्डेन में नृत्य कर रही थी. मैं खेलती थी कि अभी मैं प्रिंसेस हूं. उसके बाद मैंने एक काला कपड़ा डाला और बोला कि अभी मैं व्हिच/भूत हूं. तो मैंने अपनी खुद की ही कई मनगढंत कहानी बनायी. यह सब कुछ मुझे लगता है कि मुझे मेरी मौम से विरासत में मिला. उनके कई नाटक मैंने देखा. अपनी मां को काम करते देखकर मैंने उसे अपने अंदर एक्सप्लोर किया. जब मेरी मां थिएटर करती थी, तब मुझे अच्छा लगता था.

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