पाकिस्तान के बाद श्रीलंका और अफगानिस्तान की टीमों ने भी इस वर्ल्ड कप में एशियाई चुनौती की पोल खोल दी. 1 जून को 2 मैच खेले गए थे. पहला मैच श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच कार्डिफ में हुआ था. पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंकाई टीम अनमनी सी दिखी. लगा कि जैसे श्रीलंका में हुए हालिया बम धमाकों की टीस से यह अभी उबर नहीं पाई है.
टौस गंवाने के बाद जल्दी ही विकेट गंवाने का सिलसिला भी शुरू हो गया था. एक बार तो ऐसा लग रहा था जैसे वह पाकिस्तान जैसा प्रदर्शन ही करेगी और मुश्किल से रनों का सैंकड़ा छू पाएगी. लेकिन डी. करुणारत्ने, कुसाल परेरा और तिसारा परेरा की जुझारू पारियों से वह पाकिस्तान के 105 रनों से आगे निकल गई. इस टीम के बाकी 8 खिलाड़ी महज 17 रन ही जोड़ पाए.
न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने घास वाली पिच का खूब फायदा उठाया. गेंदबाज मैट हेनरी तो मैच के 9वें ओवर में हैटट्रिक लेने के मुकाम पर जा पहुंचे थे. उन्होंने पहले कुसाल परेरा को 29 के निजी स्कोर पर आउट किया, फिर अगली ही गेंद पर कुसाल मेंडिस को ‘गोल्डन डक’ थमा दी. पूरे मैच में बैकफुट पर दिखी श्रीलंकाई टीम 29.2 ओवरों में 136 ही बना पाई.
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अब तो यही उम्मीद की जा रही थी कि श्रीलंका की गेंदबाजी और फील्डिंग मैच में कुछ रोमांच ले आएगी पर न्यूजीलैंड की सलामी जोड़ी ने मैच देखने आए लोगों को मायूस कर दिया.
मार्टिन गुप्टिल और कॉलिन मुनरो ने शुरू से ही अपने इरादे जाहिर कर दिए थे. इस का नतीजा यह रहा कि अभी 17 ओवर भी नहीं फेंके गए थे और मैच न्यूजीलैंड की झोली में जा चुका था. मार्टिन गुप्टिल ने नाबाद 73 और कॉलिन मुनरो ने नाबाद 58 बना कर न्यूजीलैंड को रिकॉर्ड 10 विकेट से जीत दिला दी.
अफगान भी रहे नाकाम
इसी दिन जुझारू अफगानिस्तान और दिग्गज ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा मैच खेला गया. ब्रिस्टल में हुए इस मैच में अफगानिस्तान ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. यह टीम कागजों में पाकिस्तान और श्रीलंका से बहुत कमजोर थी और सामने पीले कपड़ों से सजी टूर्नामेंट जीतने की दावेदार ऑस्ट्रेलिया खड़ी थी.
लेकिन इस टीम के बल्लेबाजों ने अपने हौसले बुलंद रखे और विपक्षी टीम के शानदार गेंदबाजों का हिम्मत से सामना करते हुए उन्हें परेशान किया, क्योंकि एक समय इस टीम के आधे खिलाड़ी महज 77 रन बना कर पवेलियन लौट चुके थे. दोनों सलामी बल्लेबाज बिना खाता खोले आउट हुए थे पर नजीबुल्ला जादरान के 51 और रशीद खान के 27 रनों की बदौलत 38.2 ओवर में 207 रन बोर्ड पर लगवा दिए. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से पैट कमिंस और एडम जांपा ने 3-3 विकेट लिए.
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अफगानिस्तान को अब अपने गेंदबाजों का सहारा थे और वे सब इस फौर्म में थे कि आस्ट्रेलिया को नाको चने चबवा देते. पर एक साल के बैन के बाद टीम में लौटे डेविड वार्नर और कप्तान आरोन फिंच का मूड कोई और ही कहानी सुनाने का था.
आउट होने से पहले आरोन फिंच ने 49 गेंदों पर ताबड़तोड़ 66 रन जड़े. उन्होंने शानदार 6 चौके और 4 छक्के लगाए थे जबकि डेविड वार्नर ने सधे और शांत मन से बल्लेबाजी की और 114 गेंदों पर नाबाद 89 रनों की बेहतरीन पारी खेली. इस तरह कंगारुओं ने 34.5 ओवरों में 3 विकेट खो कर जीत के लिए जरूरी 209 बना लिए और एक आसान जीत हासिल की.
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