पहलवान विनेश फोगाट 100 ग्राम वजन बढ़ने के चलते ओलिंपिक से बाहर हो गई हैं. यह मामला राजनीतिक रुख लेने लगा है. विनेश फोगाट के ससुर ने इस मामले पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

फ्रांस की राजधानी पेरिस में चल रहे ओलिंपिक 2024 में बुधवार, 7 अगस्त का दिन एक ऐसी निराशा लाया है जिस की किसी भी भारतीय खेलप्रेमी ने कल्पना भी न की होगी. कल तक अपनी विरोधी पहलवानों को अपनी चपलता और दांवपेंच से धूल चटाने वाली 29 साल की भारतीय पहलवान विनेश फोगाट, जो 50 किलोग्राम भारवर्ग में अमेरिका की पहलवान सारा हिल्डेब्रांट के साथ गोल्ड मैडल के लिए मैट पर दोदो हाथ करने वाली थीं, मुकाबले से पहले ही बाहर हो गई हैं.

दरअसल, विनेश फोगाट का वजन 50 किलोग्राम से लगभग 100 ग्राम अधिक पाया गया है. अपना वजन मेन्टेन रखने की कोशिश विनेश फोगाट ने पूरी रात की, इस के लिए उन्होंने कई व्यायाम भी किए लेकिन निराशा ही उन के हाथ लगी. नियमों के मुताबिक, खिलाड़ी को अपना वजन बनाए रखना पड़ता है और अगर ऐसा नहीं होता है तो उसे मुकाबले से बाहर कर दिया जाता है.

भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने ओलिंपिक कमेटी से विनेश फोगाट को कुछ समय देने की बात कही थी, किंतु उन की अपील नकार दी गई. यही वजह है कि वे इस ओलिंपिक से खाली हाथ घर आएंगी.

सवाल यह उठता है कि ऐसा क्यों हुआ? क्या इस के पीछे राजनीति का हाथ है? ऐसा कहने की वजह यह है कि विनेश फोगाट के ससुर राजपाल राठी ने आरोप लगाया है कि महिला पहलवान के साथ राजनीतिक साजिश रची जा रही है. उन्होंने सरकार, भारतीय कुश्ती महासंघ और इस महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी कहा है कि विनेश फोगाट की सपोर्ट टीम ने उन की मदद नहीं की.

याद रहे कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के मामले में हुए विरोध प्रदर्शन में विनेश फोगाट की अहम भूमिका रही थी. हालांकि, बृजभूषण के बेटे करण भूषण, जो उत्तर प्रदेश कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं, ने इस मुद्दे पर कहा कि इस से देश को नुकसान हुआ है. भारतीय निशानेबाज रहे अभिनव बिंद्रा ने विनेश फोगाट मामले में बयान देते हुए इसे ‘अत्यंत निराशाजनक’ बताया.

ध्यान रहे, विनेश फोगाट उन पहलवानों में शामिल थीं जो दिल्ली के जंतर मंतर पर अपने साथी पहलवानों के साथ 5 महीने से अधिक धरना प्रदर्शन में शामिल रहीं. उस दौरान उन के साथ पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया आंदोलन को लीड कर रहे थे. इन का आंदोलन भाजपा नेता व भारतीय कुश्ती महासंघ बृजभूषण सिंह के खिलाफ था, जिन पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए.

इस मामले में पहलवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल देने की मांग कर रहे थे. इस मामले में कुछ न कहने के चलते तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी काफी आलोचना हुई थी. पहलवान विनेश फोगाट के ओलिंपिक से बाहर होने के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है, “विनेश, आप चैंपियनों की चैंपियन हैं. आप भारत का गौरव हैं और प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. चुनौतियों का डट कर मुकाबला करना हमेशा से आप का स्वभाव रहा है. मजबूत हो कर वापस आओ. हम सब आप के साथ हैं.”

सच तो यह है कि विनेश फोगाट के बाहर हो जाने पर देश को एक बड़ा झटका लगा है. उन का मुकाबले से बाहर होने का मतलब है कि इस भारवर्ग का सिल्वर मैडल अब किसी भी खिलाड़ी को नहीं दिया जाएगा.

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