त्यौहार का सीजन शुरू हो चुका है यानी खुशियां हमारे घर दस्तक दे चुकी है. त्यौहार के सीजन में हर घर में पूरा परिवार एकजुट होकर खुशियों को सेलिब्रेट करता है, तो ऐसे में हम आपके लिए लेकर आये सरिता की Top 10 Festival Special Story In Hindi. इन कहानियों को पढ़कर आप अपने रिश्तों को ज्यादा से ज्यादा मजबूत बना सकते हैं.
- त्यौहार 2022: अंधेरा छंट गया
शाम का सुरमई अंधेरा फैलने लगा था. खामोशी की आगोश में पार्क सिमटने लगा था. कुछ प्रेमी जोड़ों की मीठी खिलखिलाहटें सन्नाटे को चीरती हुई नीला और आकाश को विचलित कर देती थीं. हमेशा की तरह फूलों की झाडि़यों से बनी पर्णकुटी में एकदूजे का हाथ थामे, उदासी की प्रतिमूर्ति बने, सहमे से बैठे, आंसुओं से भरी मगर मुहब्बत से लबरेज नजरों से एकदूसरे को निहार रहे थे. दोनों के बीच मौन पसरा हुआ था पर वातावरण में सायंसायं की आवाज मुखरित थी.
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
2. त्यौहार 2022: अंधविश्वास- क्या विजय के परिवार को सजा मिली
राधा बाजार से घर नहीं लौटी, तो उस की ससुराल वालों ने पूरा दिन हरेक परिचित के घर ढूंढ़ने के बाद चिंतित हो कर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी. आधी रात को अचानक पुलिस का फोन आया कि वह अस्पताल में है. पता पूछ कर सभी लोग उसे देखने पहुंचे, अर्धमूर्च्छित अवस्था में उस ने अपने पति विजय को बताया कि जब वह बाजार से लौट रही थी तो पीछे से आ रही कार में सवार 4 लोगों ने उस के मुंह को हाथों से जोर से दबा कर जबरदस्ती अपनी कार में बैठा लिया. सुनसान स्थान पर ले जा कर उस के साथ बलात्कार करने के बाद उसे सड़क के किनारे छोड़ कर भाग गए. कार की जलती हैडलाइट की रोशनी में किसी भलेमानस ने उसे सड़क पर पड़ा देख कर अस्पताल पहुंचा दिया था.
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
3. त्यौहार 2022: खुशी के आंसू
आनंद आजकल छाया के बदले ब्यवहार से बहुत परेशान था. छाया आजकल उस से दूरी बना रही थी, जो आनंद के लिए असह्य हो रहा था. दोनों की प्रगाढ़ता के बारे में स्कूल के सभी लोगों को भी मालूम था. वे दोनों 5 वर्षों से साथ थे. छाया और आनंद एक ही स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे. वहीं जानपहचान हुई और दोनों ने एकदूसरे को अपना जीवनसाथी बनाने का फैसला कर लिया था.
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
4. त्यौहार 2022: स्वंयवर- मीता ने आखिर पति के रूप में किस को चुना
टेक्सटाइल डिजाइनर मीता रोज की तरह उस दिन भी शाम को अकेली अपने फ्लैट में लौटी, परंतु वह रोज जैसी नहीं थी. दोपहर भोजन के बाद से ही उस के भीतर एक कशमकश, एक उथलपुथल, एक अजीब सा द्वंद्व चल पड़ा था और उस द्वंद्व ने उस का पीछा अब तक नहीं छोड़ा था.
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
5. अनोखी जोड़ी: शादी के बाद विशाल और अवंतिका के साथ क्या हुआ?
विशाल और अवंतिका ने पहली मुलाकात के बाद चट मंगनी पट ब्याह कर लिया. लेकिन कुछ ही दिनों बाद दोनों को महसूस हुआ कि वे एकदूसरे के लिए बने ही नहीं हैं. स्थिति तब और भी गंभीर हो गई जब अवंतिका ने विशाल की तेलशोधक कंपनी के खिलाफ आंदोलन में भाग लेने का फैसला किया.
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
6. त्याग की गाथा- पापा को अनोखा सबक
‘‘उन को,’’ संभल कर बोली साधना, ‘‘मेरा मतलब, अपने पापा को फोन तो किया. इस बार तो वह इधर दशहरा, दीवाली की छुट्टियों में भी नहीं आए. गरमी की छुट्टियों में भी नहीं आए. गरमी की छुट्टियां भी अब होने वाली हैं और तेरे पापा ने कई दिनों से फोन नहीं किया है. रज्जू, कहीं उन की तबीयत खराब न हो. मेरा दिल आजकल बहुत घबराने लगा है, बहुत… तुम मैसेज ही कर दो अपने पापा को…’’
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
7. त्यौहार 2022: आ अब लौट चलें
गजब का आकर्षण था उस अजनबी महिला के चेहरे पर. उस से हुई छोटी सी मुलाकात के बाद दोबारा मिलने की चाह उसे तड़पाने लगी थी. लेकिन यह एकतरफा चाह क्या मृगमरीचिका जैसी नहीं थी? बसस्टौप तक पहुंचतेपहुंचते मेरा सारा शरीर पसीने से तरबतर हो गया था. पैंट की जेब से रूमाल निकाल कर गरदन के पीछे आया पसीना पोंछा, फिर अपना ब्रीफकेस बैंच पर रख कर इधरउधर देखने लगा. ऊपर बस नंबर लिखे थे. मुझे किसी भी नंबर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
8.महक उठा आंगन- प्रकाश ने बेटे होने का फर्ज कैसे निभाया?
हाथ में फोन लिए मैं स्तब्ध खड़ी थी. मेरी स्तब्धता की वजह मोहिनी का स्वभाव था. घंटों गप मारना तो मोहिनी की फितरत है, फिर आज जब इतने सालों बाद उस का फोन आया तो न कोई बात, न गिला, न शिकवा. जरूर कोई खास बात है जो वह फोन पर नहीं कहना चाहती है. मोहिनी की इस हरकत ने मु झे चिंता में डाल दिया और मैं झट नहाधो कर उस के घर के लिए चल दी.
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
9. सूर्यकिरण: मीना ने किस शर्त पर की थी नितिश से शादी
मीना और नितीश की गृहस्थी में अचानक तूफान आ गया था. दोनों के विवाह को मात्र 1 साल हुआ था. आधुनिक जीवन की जरूरतें पूरी करते हुए दोनों 45 वसंत देख चुके थे. पहले उच्चशिक्षा प्राप्त करने की धुन, फिर ऊंची नौकरी और फिर गुणदोषों की परख व मूल्यांकन करने के फेर में एक के बाद एक प्रस्तावों को ठुकराने का जो सिलसिला शुरू हुआ तो वह रुकने का नाम ही नहीं लेता था.
पूरी कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
10.त्यौहार 2022: दिल को धड़कने दो
अपनी आंखों की बड़ीबड़ी पुतलियों को और बड़ा करते हुए सलोनी अपनी मम्मी नूपुर से बोली, “मम्मी, मैं क्या 5 हजार रुपए की यह साड़ी खरीदूंगी? मम्मी, शादी जीवन में एक बार होती है.”
नूपुर शांत स्वर में बोली, “सलोनी, तुम ने कल ही तो बेटा 20-20 हजार रुपए की साड़ियां खरीदी हैं. जरूरी नहीं न हर कपड़ा इतना महंगा ही लो.”