देश में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहैं स्थिति पहले से भी ज्यादा बिगड़ चुकी है.मौत के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैंलेकिन इस बीच रेमडेसिविर नाम के इंजेक्शन की देश में कमी आ गई. उसका स्टॉक खतम हो गया और पूरे देश में इसकी भारी मांग है.एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर एंटी (anti viral drug remdesivir) की देश में कमी को देखते हुए सरकार ने रेमडेसिविर का प्रोडक्शन दोगुना करने की इजाजत दे दी है. सरकार ने कंपनी के साथ मिलकर रेमडेसिविर की कीमत फिक्स की…पहले जहां रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत लगभग 5000 के पार थी, अब वही 900 से 3500 रुपए तक ही होगी.अब सवाल ये है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन आखिर है क्या और ये किसलिए है ?
रेमडेसिविर इंजेक्शन क्या है ?
दरअसल रेमडेसिविर इंजेक्शन एक एंटी वायरल दवा है यानि कि एक न्यूक्लियोसाइड राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) पोलीमरेज़ इनहिबिटर इंजेक्शन, जो किसी भी तरह के वायरस को बढ़ने से रोकती है.इसका निर्माण 2014 में सबसे पहले इबोला के इलाज के लिए किया गया था.इसे 2009 में अमेरिकी साइंटिस्ट ने बनाया था और इसे पहली बार हेपेटाइटिस सी के लिए इस्तेमाल किया गया था. इस इंजेक्शन को MERS और SARS के इलाज में भी इस्तेमाल किया गया था. मर्स का मतलब सामान्य लक्षण वाले जैसे बुखार , निमोनिया या फिर किडनी से संबंधित कोई बीमारी और सार्स वायरस एक ऐसा विषाणु है जिससे सास से संबंधित बीमारी होती है.
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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देश में क्यों आई ?
रेमडेसिविर इंजेक्शन की इस वक्त देश में कमी इसलिए आई क्योंकि उस इंजेक्शन से कोरोना का इलाज माना जा रहा है .रेमडीसिविर इंजेक्शन के लिए हाल ही में देश के कई शहरों के मेडिकलों और दवा बाजारों में खरीददारों की भीड लगी, दरअसल वह इंजेक्शन कोविड में या तो कारगर है या फिर बिल्कुल भी असरकारक नहीं है. हाल ये है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन भोपाल के हमीदिया अस्पताल में चोरी तक हो गया. सरकार ने भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ये इंजेक्शन गंभीर मरीजों के इलाज के लिए भेजे गए थे.हालांकि सरकार ने इंजेक्शन गायब होने की जांच के आदेश दे दिए गए हैं लेकिन इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के इलाज में कारगर है या नहीं क्योंकि खबरों के मुताबिक WHO ( वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ) ने इसकी पुष्टि नहीं कि है. WHO इस बात को नहीं मानता कि रेमडेसिविर कोरोना के इलाज के लिए कारगर है जबकि इसके उलट देश के कई हिस्सों में यहां तक की अमेरिका में रेमडेसिविर को कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. अमेरिका के वैज्ञानिक इसको कोरोना के इलाज के लिए कारगर मान रहे हैं.
AIIMS के डायरेक्टर ने क्या कहा ?
AIIMS के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि जब टीकाकरण की शुरूआत हुई और कोरोना के मामलों में कमी आई तो लोगों ने लापरवाही करनी शुरु कर दी. लोगों ने COVID के दिशा निर्देशों का पालन करना बंद कर दिया, सक्रंमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यही है. उन्होंने आगे कहा कि देश में कोरोना की रफ्तार अगर बढ़ी है तो इसकी वजह कुंभ मेला, रैलीयां और लोगों की लापरवाही है.
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भले ही इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है कि इस इंजेक्शन से कोरोना का इलाज संभव है या नहीं लेकिन चूंकि इसकी मांग पूरे देश में ज्यादा है और इसकी स्टॉक भी खतम हो गया है इसलिए कंपनियों ने इसके प्रोडक्शन में बढ़ोत्तरी कर दी है.
स्वास्थ मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ट्वीट करके ये जानकारी दी कौन सी कंपनी ने कितनी कीमत कम की है.
1.कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने REMDAC इंजेक्शन की कीमत 2800 रुपये से घटाकर 899 रुपये कर दिया है.
2.डॉ. रेड्डीज लेबोरेट्रीज लिमिटेड ने REDYX इंजेक्शन की कीमत 5400 रुपये से घटाकर 2700 रुपये कर दिया है.
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3.माइलैन फार्मास्युटिकल्प प्राइवेज लिमिटेड ने DESREM इंजेक्शन की कीमत 4800 रुपये से घटाकर 3400 रुपये कर दिया है.
4.हेटेरो हेल्थकेयर लिमिटेड ने COVIFOR इंजेक्शन की कीमत 5400 रुपये से घटाकर 3490 रुपये कर दिया है.
5.सिंजीन इंटरनेशनल लिमिटेड ने RemWin इंजेक्शन की कीमत 3950 रुपये से घटाकर 2450 रुपये कर दिया है.
6.सिपला लिमिटेड ने CIPREMI इंजेक्शन की कीमत 4000 रुपये से घटाकर 3000 रुपये कर दिया है.
7.जुबिलेंट जेनेरिक लिमिटेड ने JUBI-R इंजेक्शन की कीमत 4700 रुपये से घटाकर 3400 रुपये कर दिया है.