सौजन्या- मनोहर कहानियां
आकाश से शादी हो जाने के बाद भी प्रीति अपने प्रेमी संजू मंसूरी को भुला नहीं पाई थी. आकाश को जब सच्चाई पता लगी तो उस ने प्रीति को तलाक देने की धमकी दी. तलाक की इस धमकी ने प्रीति के भाई गुड्डू को ऐसा कातिल बना दिया कि…
‘‘संजू, मेरी समझ में यह नहीं आ रहा कि तुम ने मुझ पर ऐसा कौन सा जादू कर दिया है, जो मेरा किसी
भी काम में मन नहीं लगता. अब तो तुम्हारे बिना न दिन को चैन आता है और न रातों को नींद.’’ प्रीति ने प्रेमी संजू से कहा.
‘‘यह कोई जादू नहीं है बल्कि इसी को प्यार कहते हैं. सच कहूं, प्रीति ऐसा ही तो हाल मेरा है. तुम सामने होती हो तो सब कुछ सतरंगी सा लगता है और तुम से जुदा होते ही चारों ओर वीरानी नजर आती है.
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‘‘प्रीति, कभीकभी तो मैं यह सोच कर ही डरता हूं कि कहीं हमारे प्यार को किसी की नजर न लग जाए. क्योंकि मैं तुम्हारे बिना जिंदा नहीं रह सकता.’’ प्रीति का हाथ अपने हाथों में लेते हुए संजू बोला.
‘‘संजू, जुदाई की सोचते ही मेरी तो रूह कांप जाती है. मैं यही सोच कर परेशान हूं कि कहीं मेरे घरवालों को हम दोनों के प्यार के बारे में पता चल गया तो उन का मेरे प्रति व्यवहार कैसा होगा. क्योंकि हम दोनों नदी के दो किनारों की तरह हैं, जो कभी आपस में मिल नहीं सकते. बताओ, ऐसे में हमारे प्यार को मंजिल कैसे मिलेगी?’’ कहते हुए प्रीति के चेहरे पर गंभीरता छा गई.
वह एक पल रुक कर बोली, ‘‘मेरी एक बात मानोगे, संजू? क्यों न हम यहां से कहीं दूर जा कर अपने प्यार की नई दुनिया बसा लें, जहां हमें किसी का डर न हो. जब हम एकदूजे के हो जाएंगे तो किसी में इतनी ताकत नहीं होगी कि हमें अलग कर पाए.’’
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प्रीति ने कहा तो संजू भी सोच में डूब गया. उसे भी लगा कि प्रीति की सोच अपनी जगह ठीक है. प्यार के एक नहीं, लाखों दुश्मन होते हैं. वैसे भी प्रीति ने उस से जिंदगी भर साथ निभाने का वादा किया है. उसे अपना बनाने के लिए अगर हिम्मत कर के यह कदम उठा भी ले तो कौन सी बुराई है. ईरिक्शा चालक 35 वर्षीय संजू मंसूरी जिला शाहजहांपुर के सिधौली थाना के गांव रामपुर में रहता था. उस के पिता का नाम शेर मोहम्मद था और मां का रजिया. पिता खेतीकिसानी करते थे. संजू की 2 बड़ी बहनें थीं और एक छोटा भाई इस्लामुद्दीन. दोनों बहनों का निकाह हो चुका था. इसी गांव में रामविलास परिवार सहित रहता था. परिवार में पत्नी सुधा, एक बेटा गुड्डू और 2 बेटियां प्रिया और प्रीति थीं. रामविलास खेती
करता था, जिस की आय से घर का खर्च चलता था.प्रिया का विवाह हो चुका था. प्रीति अभी अविवाहित थी. स्वभाव से वह काफी चंचल थी. घर के कामों में उस का मन नहीं रमता था. प्रीति हमेशा बनठन कर रहती और टीवी से चिपकी रहती थी.
मां की डांट के बावजूद प्रीति टीवी पर आने वाली फिल्में देखे बगैर नहीं रहती थी. प्रीति पर फिल्मों और फिल्मी गानों का इतना प्रभाव पड़ा कि वह खुद को फिल्मी हीरोइन से कम नहीं समझती थी.
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चूंकि फिल्मों में प्यारमोहब्बत को महिमामंडित किया जाता है, इसलिए प्रीति को भी ऐसे युवक की तलाश थी, जो फिल्मी हीरो की तरह उस के सामने प्यारमोहब्बत का प्रस्ताव रखे. उसे चाहे और उसे सराहे. उस के हुस्न की तारीफ करे और उस की याद में तड़पे.
दूसरी ओर संजू अधिक पढ़लिख नहीं सका था, लेकिन वह अपने पहनावे से पढ़ालिखा और हैंडसम युवक नजर आता था. अपने शरीर पर वह विशेष ध्यान देता था. हमेशा आधुनिक फैशनेबल कपड़े पहनता था. संजू को भी पागलपन की हद तक फिल्में देखने का शौक था. उस का बात करने और चलने का स्टाइल भी फिल्मी था.
संजू अपनी उम्र के उस मोड़ पर था, जहां आशिकी स्वभाव में अपने आप आ कर शामिल हो जाती है. लव स्टोरी वाली फिल्में देखदेख कर संजू का मिजाज भी आशिकाना हो गया था. वह मोहल्ले की लड़कियों पर अकसर नजर रखने की कोशिश किया करता था. लेकिन कोई लड़की उस की तरफ आकर्षित नहीं हुई थी.
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संजू की दोस्ती रामविलास के बेटे गुड्डू से थी. इस वजह से उस का उस के घर आनाजाना था. आनेजाने में उस की मुलाकात गुड्डू की बहन प्रीति से हो जाती थी.
प्रीति की सुंदरता संजू के मन को भा गई. बारबार आनेजाने से उन के बीच बातचीत भी होने लगी. प्रीति संजू की निगाहों को भांप कर उस के दिल का हाल जान चुकी थी. उसे संजू पसंद था, इसलिए वह भी संजू से बात करने में गुरेज नहीं करती थी.
दोनों एक ही शौक के शिकार थे. उन के बीच अधिक बातचीत फिल्मों को ले कर ही होती थी. दोनों एकदूसरे के साथ काफी समय बिताते थे. इस के लिए वे घर के बाहर भी मिलते थे. क्योंकि घर में एक साथ बैठ कर ज्यादा देर तक बात नहीं कर सकते थे.
समय के साथसाथ दोनों को एकदूसरे का संग खूब भाने लगा. दोनों साथ में मोबाइल पर रोमांटिक मूवी भी देखते. फिर फिल्म के कलाकारों की नकल करते हुए दोनों उन के डायलौग बोलते और उसी अंदाज में एकदूसरे के पास आ कर बांहों में भर कर आंखों में आंखें डाल कर उसी तरह बात करते जैसे कलाकार फिल्म में करते थे. इस से दोनों एकदूसरे के काफी नजदीक आते चले गए.
दोनों दिल की धड़कनों की आवाज और सांसों की सरगम को भी बखूबी महसूस करते थे. ये नजदीकियां दोनों को अच्छी लगने लगी थीं. जब वे नजदीक होते तो अलग होने की बात दिमाग में लाने ही नहीं देते थे. लेकिन मजबूर हो कर उन को एकदूसरे से अलग होना ही पड़ता. फिल्मी कलाकारों के लव सीन की एक्टिंग करतेकरते वे दोनों भी एकदूसरे से प्यार कर बैठे. अब बस इजहार करना बाकी था.
एक दिन लव सीन की एक्टिंग करतेकरते संजू ने प्रीति को अपनी बांहों में लिया तो फिल्म के डायलौग न बोल कर उस ने अपने दिल की बात कहनी शुरू कर दी, ‘‘प्रीति, देखता तो मैं तुम्हें बचपन से आया हूं. लेकिन जब से हम एक्टिंग के जरिए एकदूसरे के नजदीक आए हैं, जब से मैं ने तुम्हें बेहद करीब से देखा तब से ये नजरें तुम्हारे सिवा कुछ और देखना ही नहीं चाहतीं.
‘‘तुम्हारी झील सी आंखों की गहराइयों में डूब कर तुम्हारे दिल का हाल जाना तो यही लगा कि तुम्हारा दिल भी मेरे पास आना चाहता है. इस बात की गवाही तुम्हारे दिल की धड़कनें देती हैं. मैं तो तुम्हें दिलोजान से चाहता हूं. मुझे अपने प्यार पर भी पूरा भरोसा है कि वह भी मुझे बेइंतहा चाहता है, बस देर है तो उसे तुम्हारे द्वारा जुबां से कुबूल करने की.’’
प्रीति तो जैसे उस के पे्रम से सराबोर हो गई और उस की आंखों में देखती हुई फिल्मी स्टाइल में बेसाख्ता बोली, ‘‘कुबूल है…कुबूल है…कुबूल है मेरे महबूब.’’
यह सुनते ही संजू की खुशी का ठिकाना न रहा. उस ने प्रीति को अपने सीने से लगा लिया और बोल उठा, ‘‘आई लव यू…आई लव यू प्रीति.’’
उस के प्यार भरे शब्द प्रीति के कानों में रस घोल रहे थे. उसे मीठा सा सुखद एहसास हुआ तो उस ने अपनी आंखें बंद कर लीं और संजू के कंधे पर अपना सिर रख दिया. काफी देर तक दोनों उसी स्थिति में रहे. उस के बाद जब अलग हुए तो उन के चेहरे खिले हुए थे.
इस के बाद तो प्रीति और संजू की तूफानी मोहब्बत बड़ी तेजी के साथ अपनी बुलंदियों की तरफ बढ़ने लगी. दोनों रोज ज्यादा से ज्यादा वह एकदूसरे के पास रहने की कोशिश करते. कभी घर पर, कभी खेत पर. इस चक्कर में संजू अपने काम से जी चुराने लगा था.
उसे घर में रोज डांट पड़ती थी. लेकिन संजू पर तो प्रीति की मोहब्बत का भूत सवार था. वह प्रीति के लिए हर किसी से बगावत करने को तैयार था.
दरअसल ग्रामीण परिवेश में प्यारमोहब्बत के मामले अधिक दिनों तक छिप नहीं पाते. प्रीति और संजू की मोहब्बत के साथ भी यही हुआ. उन दोनों की अपनी दीवानगी की वजह से पूरा गांव इस प्रेम प्रकरण के बारे में जान गया था.
उधर उन दोनों प्रेमियों की हालत ऐसी हो गई थी कि उन्हें एकदूसरे को देखे बिना करार नहीं आता था. लोगों को पता लग जाने के बाद दोनों हर समय चोरीछिपे की मुलाकातों का जुगाड़ बैठाने की जुगत में लगे रहते थे. गांव के बाहर एक खंडहरनुमा मकान उन की मिलनस्थली बन गया था. इसी दौरान दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बन गए.
एक दिन गांव के बिरादरी के कुछ लोगों ने प्रीति के पिता रामविलास को बताया कि उस की लड़की गलत रास्ते पर जा रही है. यह सुन कर रामविलास आगबबूला हो उठा. उस ने अपनी पत्नी सुधा को हड़काया कि वह प्रीति को खेतों और बाजार में न जाने दे.
इसी दौरान सुधा ने अपनी आंखों से एक ऐसा नजारा देखा, जिसे देखने के बाद उस ने प्रीति की खूब पिटाई की. दरअसल, संजू प्रीति के घर के सामने से निकल रहा था तो प्रीति दरवाजे पर खड़ी थी. संजू को देख प्रीति उसे बारबार फ्लाइंग किस देने लगी.
संजू उस किस को अपने हाथ में लेने का प्रयत्न कर रहा था. यह सब सुधा ने अपनी आंखों से देख लिया था. यह सब देख सुधा ने प्रीति की पिटाई की. इस दृश्य को देखने के बाद सुधा ने पति रामविलास से स्पष्ट शब्दों में कह दिया था कि वह अपनी लाडली के हाथ पीले कर दें, वरना किसी दिन वह इस परिवार की नाक कटवा देगी.
रामविलास इस मामले में गंभीर हो गया. उस ने उसी रोज से प्रीति के लिए बिरादरी में कोई लड़का ढूंढना शुरू कर दिया. अंतत: उस की मेहनत रंग लाई. उसे शाहजहांपुर के ही जसनपुर गांव निवासी रामवीर का बेटा आकाश प्रीति के लिए उपयुक्त लगा. वह खेती करता था.
आकाश देखने में सुंदर और अच्छी कदकाठी का था और खेती भी अच्छीखासी थी. सब कुछ देखजान कर रामविलास ने रिश्ते की बात चलाई तो जल्द ही बात बन गई. प्रीति ने विरोध करना चाहा, लेकिन पिता का गुस्सा देख कर वह कुछ न कर पाई. उसे धमकी भी मिली थी कि अगर वह शादी के लिए तैयार न हुई तो वह उसे जिंदा मार देंगे. प्रीति बेबस हो गई.
वह तो संजू के साथ भाग जाने की सोच रही थी, लेकिन पिता को संबंधों का पता चलने के बाद मारने की धमकी देने पर वह कुछ न कर पाई.
एक साल पहले प्रीति का विवाह आकाश से हो गया. वह मायके से ससुराल आ गई. यहां आ कर वह किसी तरह संजू को भूलने की कोशिश करने लगी, लेकिन वह जितना उसे भूलने की कोशिश करती, उतना ही वह ज्यादा उसे याद आता. आकाश ने उसे अपनी तरफ से भरपूर प्यार दिया, उस का खयाल रखा.
दूसरी ओर संजू अपने आप को प्रीति से दूर होने के बाद संभाल नहीं पा रहा था. रहरह कर उठतेबैठते उस के खयालों में प्रीति ही छाई रहती थी. जब बरदाश्त की हद पार हुई तो वह एक दिन प्रीति की ससुराल पहुंच गया. प्रीति उस की हिम्मत देख कर चौंक गई. लेकिन काफी अरसे बाद उसे देख कर उस के दिल को सुकून भी पहुंचा. उस से मिलने के बाद फोन पर बात करने की बात कह कर वापस आ गया.
इस के बाद उन दोनों की चोरीछिपे फोन पर बातें होने लगीं. जब भी प्रीति मायके आती तो संजू के साथ खूब समय बिताती.एक दिन आकाश ने अपनी पत्नी प्रीति को संजू से बातें करते पकड़ लिया. आकाश ने प्रीति को जम कर पीटा. उस के बाद वह प्रीति पर नजर रखने लगा.
16 नवंबर, 2020 की रात संजू ने खाना खाया. उस के बाद वह घर से निकल गया. वह काफी देर तक नहीं लौटा तो उसे तलाशा गया लेकिन उस का कोई पता नहीं चला. 17 नवंबर की सुबह फिर संजू की तलाश शुरू हुई तो गांव के बाहर सेठपाल के खेत में पराली के ढेर के पास संजू की चप्पलें पड़ी मिलीं.
पराली हटाने पर उस के नीचे संजू की लाश मिली. लाश मिलते ही कोहराम मच गया. घरवाले वहां पहुंच कर रोनेपीटने लगे. संजू के भाई इस्लामुद्दीन को गांव के लोगों से पता चला कि रात में उन लोगों ने संजू को गुड्डू के साथ जाते देखा था.
संजू की लाश मिलने पर गुड्डू वहां नहीं पहुंचा, न ही वह घर पर था, इसलिए पूरा शक गुड्डू पर गया.
स्थानीय सिधौली थाने की पुलिस को घटना की सूचना दे दी गई. थाने के इंसपेक्टर जगनारायण पांडेय सूचना मिलते ही पुलिस टीम के साथ वहां पहुंच गए. मृतक के गले पर गहरे निशान थे. शरीर पर और किसी प्रकार के निशान नहीं थे. संभवत: गला दबा कर हत्या की गई थी. इस के बाद इंसपेक्टर पांडेय ने इस्लामुद्दीन से आवश्यक पूछताछ की.
इसी बीच एसपी (ग्रामीण) अपर्णा गौतम भी मौके पर पहुंच गईं. उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर के पूछताछ की फिर आवश्यक दिशानिर्देश दे कर चली गईं. चूंकि मामला 2 संप्रदायों से जुड़ा था. इस वजह से उपजे तनाव को देखते हुए गांव में पीएसी तैनात कर दी गई. लाश को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजने के बाद इंसपेक्टर जगनारायण पांडेय इस्लामुद्दीन को साथ ले कर थाने आ गए.
इस्लामुद्दीन की तहरीर पर इंसपेक्टर पांडेय ने गुड्डू, सेठपाल, विमल, अंगद और एक अज्ञात के खिलाफ भादंवि की धारा 147/302/201 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया. इस्लामुद्दीन ने इन लोगों पर संजू के मोबाइल और 80 हजार रुपए के लालच में हत्या करने का आरोप लगाया था.
21 नवंबर, 2020 को सुबह 10 बजे इंसपेक्टर पांडेय ने गुड्डू और उस के बहनोई आकाश को नियामतपुर मोड़ से गिरफ्तार कर लिया. उन के पास से संजू का वीवो कंपनी का मोबाइल फोन भी बरामद हो गया. थाने ला कर जब दोनों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया और हत्या की वजह बता दी.
उन्होंने बताया कि प्रीति संजू से बात करना बंद नहीं कर रही थी. इस वजह से आकाश और उस के बीच विवाद हो जाता था. आकाश अपनी पत्नी की चरित्रहीनता बरदाश्त नहीं कर पा रहा था.
इसी साल भैयादूज पर वह प्रीति को ले कर उस के मायके आया. प्रीति के भाई गुड्डू से कहा कि उस की बहन प्रीति का चरित्र ठीक नहीं है. उस के संजू से अवैध संबंध हैं. अब वह प्रीति को अपने साथ नहीं रखेगा, उस से तलाक ले लेगा. इस पर गुड्डू ने उसे समझाया कि ऐसा कुछ करने की जरूरत ही नहीं पडे़गी. हम लोग संजू को ही ठिकाने लगा देते हैं. आकाश ने भी आवेश में उस की हां में हां मिला दी.
16 नवंबर की शाम को संजू खाना खा कर घर से निकला तो उसे निकलता देख गुड्डू उस के पास आ गया और बातोंबातों में उसे गांव के बाहर सेठपाल के खेत पर ले गया. वहां आकाश पहले से मौजूद था.
दोनों ने मिल कर संजू को दबोच लिया और हाथों से गला दबा कर उस की हत्या कर दी. गुड्डू ने संजू की पैंट की जेब से उस का मोबाइल निकाल लिया. फिर संजू की लाश को पराली के ढेर में दबा दिया.
लेकिन दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए. आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस ने दोनों हत्याभियुक्तों
को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया.