सौजन्या-सत्यकथा
बात 12 दिसंबर, 2020 की है. फिरोजाबाद जिले के गांव कुसियारी का रहने वाला बच्चू सिंह शर्मा अपने छोटे भाई के बुलावे पर पत्नी मीना देवी को वैद्यजी से दवा दिलाने टूंडला आया था.
दवा लेने के बाद वह गांव लौट रहा था, तभी उस की बाइक खराब हो गई. तब वह टूंडला के स्वरूप नगर में अपने छोटे भाई अमर सिंह शर्मा उर्फ समरवीर के घर रुक गया. कुसियारी में घर पर बच्चू सिंह के 3 बच्चे 16 वर्षीय बेटी शिवानी, 11 वर्षीय वरुण व 9 वर्षीय अरुण रह गए थे.
दूसरे दिन सुबह होने पर बच्चू सिंह पत्नी मीना के साथ टूंडला से जब गांव पहुंचा तो घर पर ताला पड़ा देखा. तीनों बच्चों के न मिलने पर दंपति ने सोचा कि पड़ोस में गए होंगे. तलाश करने के साथ उन्होंने पड़ोसियों से भी पूछताछ की.
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ताला तोड़ कर घर में भी देखा लेकिन बच्चों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. बच्चों के न मिलने से दंपति को उन की चिंता होने लगी.
3 दिन तक तलाश के बाद भी जब बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला तो मां मीना देवी ने 15 दिसंबर को थाना जसराना में बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करा दी. 3 भाईबहनों के अचानक लापता होने की जानकारी जनपद में नए आए एसएसपी अजय कुमार पांडेय को हुई.
उन्होंने घटना की संवेदनशीलता व गंभीरता को देखते हुए बिना देर किए लापता बच्चों की बरामदगी के लिए एसपी (ग्रामीण) राजेश सिंह के नेतृत्व में पुलिस की 3 टीमों को लगाया. इन में जसराना, टूंडला पुलिस के अलावा एसओजी व सर्विलांस टीमें शामिल थीं.