लेखक-प्रफुल्लचंद्र सिंह

सौजन्या-सत्यकथा

 28 जनवरी, 2021 को फरीदाबाद के डबुआ कालोनी थाने की पुलिस को सूचना मिली कि गहरे नाले में एक लाश पड़ी है. इस बात की जानकारी मिलते ही वहां के थानाप्रभारी संदीप कुमार अतिरिक्त थानाप्रभारी यासीन खान और कुछ पुलिसकर्मियों को साथ ले कर घटनास्थल की ओर रवाना हो गए.

वहां पहुंचने पर उन्होंने देखा कि नाले की कीचड़ में एक लाश पड़ी थी, जिस से काफी दुर्गंध आ रही थी. लाश पुरानी थी, जिसे देख कर पहचानना काफी मुश्किल था. लगता था हत्यारों ने वह कई दिन पहले नाले में फेंकी होगी.

थानाप्रभारी संदीप कुमार ने पुलिसकर्मियों की मदद से लाश बाहर निकलवाई. क्राइम टीम द्वारा लाश की विभिन्न ऐंगल से फोटो लेने के बाद उस की शिनाख्त के प्रयास किए गए. लेकिन उस की शिनाख्त नहीं हो सकी तो उसे फरीदाबाद के बी.के. अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया गया.

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उसी दिन थानाप्रभारी संदीप कुमार ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर के जांच अतिरिक्त थानाप्रभारी यासीन खान को सौंप दी.

इस केस को सुलझाने के लिए डबुआ थाने की एक पुलिस टीम गठित की गई, जिस में थानाप्रभारी संदीप कुमार, एसआई यासीन खान, एएसआई कुलदीप और कांस्टेबल पवन शामिल थे. जांच अपने हाथ में लेने के बाद विवेचनाधारी अतिरिक्त थानाप्रभारी यासीन खान अपने आसपास के इलाके से इस बात का पता लगाने का प्रयास किया कि पिछले कुछ दिनों में शहर का कोई व्यक्ति गायब तो नहीं है.

कई लोगों से पूछताछ करने के बाद उन्हें जानकारी मिली कि दिनेश धवन नाम का एक व्यक्ति सैनिक कालोनी से लापता है. उस का मोबाइल भी इन दिनों स्विच्ड औफ चल रहा है. कहीं मरने वाला वही तो नहीं, ऐसा विचार करते हुए अतिरिक्त थानाप्रभारी यासीन खान सैनिक कालोनी स्थित दिनेश धवन के घर पहुंचे.

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वहां उस की पत्नी अनु मिली. अनु के साथ एक व्यक्ति और था. उस का नाम पूछने पर उस ने अपना नाम हरजीत बताया. उन्होंने अनु को नाले से मिली लाश की फोटो दिखाई तो अनु और उस के साथ बैठे हरजीत ने उसे देखने के बाद लाश पहचानने से इनकार कर दी.

सैनिक कालोनी से वापस लौट कर अतिरिक्त थानाप्रभारी यासीन खान ने थानाप्रभारी संदीप कुमार को मृतक की पत्नी अनु से हुई पूछताछ के बारे में जानकारी दी तो थानाप्रभारी ने मृतक की फोटो को सोशल मीडिया के अतिरिक्त उस के पोस्टर बनवा कर फरीदाबाद के प्रमुख चौकचौराहों पर चस्पा करने की सलाह दी.

यासीन खान ने ऐसा ही किया. ऐसा करने पर अगले दिन यानी 29 जनवरी को दीपा नाम की औरत डबुआ थाने में आई और उस ने लाश को देखने की इच्छा जाहिर की. तब पुलिस ने उसे फरीदाबाद के बी.के. अस्पताल में रखी लाश दिखाई.

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लाश काफी बदतर अवस्था में थी, उसे देख कर उस की शिनाख्त करना मुश्किल था लेकिन लाश की दाहिनी कलाई पर एक ब्रेसलेट था, जिसे देख कर दीपा ने बताया कि उस ने यह ब्रेसलेट रक्षाबंधन पर अपने मुंहबोले भाई दिनेश धवन को पहनाया था. इस ब्रेसलेट पर धवन गुदा हुआ था.

दिनेश धवन के कुछ और दोस्तों को बुला कर जब यह लाश दिखाई गई तो उन लोगों ने भी बे्रसलेट देखने के बाद उस की शिनाख्त दिनेश धवन के रूप में की.

यह सब जानने के बाद अतिरिक्त थानाप्रभारी यासीन खान को दिनेश धवन की पत्नी अनु पर शक हो गया. क्योंकि वह लाश की फोटो देखने के बाद उसे पहचानने से साफ इनकार कर चुकी थी. जबकि दूसरी तरफ दिनेश धवन की मुंहबोली बहन दीपा और दोस्त अस्पताल में रखी लाश को दिनेश धवन का होने का दावा कर रहे थे.

यासीन खान ने एएसआई कुलदीप को दिनेश धवन के घर भेज कर उस की पत्नी अनु को पूछताछ के लिए थाने बुलवा लिया. पहली फरवरी, 2021 को अनु थाने में पहुंची. पूछताछ के दौरान उस के पति के बारे में पूछा गया तो उस ने बताया कि करीब 20 दिन पहले वह नौकरी करने झारखंड चला गया है जिस से उस की वाट्सऐप पर रोज चैटिंग होती है. लेकिन जब अनु से दिनेश धवन का मोबाइल नंबर ले कर उस की लोकेशन निकाली गई तो मोबाइल की लोकेशन फरीदाबाद में ही मिली.

यह देख कर यासीन खान ने अनु से दोबारा सख्तीपूर्वक पूछताछ की तो वह टूट गई और उस ने अपने प्रेमी नितिन और उस के साथियों के साथ मिल कर अपने पति दिनेश धवन की हत्या की बात स्वीकार कर ली. पूछताछ के दौरान अनु ने अपने बयान में जो कुछ बताया और पुलिस की जांच के दौरान दिनेश की हत्या के पीछे जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार है—

35 वर्षीय दिनेश धवन पेशे से प्रौपर्टी डीलर था. वह पत्नी अनु के साथ फरीदाबाद की सैनिक कालोनी में रहता था. घर से कुछ ही दूरी पर उस का औफिस था, जहां बैठ कर वह मकान की खरीदफरोख्त और लोगों को दुकान आदि किराए पर दिलवाने का काम करता था. इस काम में उसे अच्छाखासा कमीशन मिल जाता था, जिस से वह बड़े आराम की जिंदगी गुजार रहा था.

दिनेश ने लगभग 10 साल पहले अनु से प्रेम विवाह किया था. अनु का मायका भी सैनिक कालोनी में ही था, जहां उस के पिता भाई और अन्य रिश्तेदार रहते थे.दिनेश धवन और अनु दोनों एकदूसरे को जीजान से प्यार करते थे. वह अनु के सभी नाजनखरे उठाता तो अनु भी दिनेश के मूड का खयाल रखती थी. वह कभी कोई ऐसा काम नहीं करती, जो दिनेश को नागवार गुजरे.

धीरेधीरे वक्त गुजरता गया. जिंदगी के खुशनुमा लम्हों को गुजरने में पता कहां चलता है. देखते ही देखते कई साल गुजर गए, लेकिन अनु की गोद हरी नहीं हुई. संतान नहीं होने के कारण उन के जीवन में नीरसता घुलने लगी तो अनु को चिंता हुई.

उस ने दिनेश के सामने अपनी चिंता जाहिर की तो उस ने शहर के कई अच्छे डाक्टरों से अपना इलाज करवाया मगर कोई नतीजा नहीं निकला. आखिर में रिश्तेदारों के कहने पर दिनेश धवन और अनु ने बाल आश्रम से एक बच्ची गोद ले ली और उस की परवरिश करने लगे.

दिनेश धवन के औफिस में मिलने के लिए तरहतरह के लोग आते थे. कभीकभार पीनेपिलाने का दौर भी चलता था. वह खुद भी पीने का शौकीन था. पहले तो इतना ही पीता था, जितना पीने के बाद वह अपना होश कायम रख सके. लेकिन बाद में उस के पीने की लिमिट ज्यादा बढ़ गई तो अनु के साथ उस के संबंधों में कड़वाहट आने लगी.

अनु दिनेश को पीने से मना करती तो दिनेश एक कान से उस की बात सुनता दूसरे से बाहर निकाल देता था. वह रोज अनु के सामने नहीं पीने की कसम खा कर घर से औफिस निकलता था, लेकिन जब वह वापस लौटता तो उस के कदम लड़खड़ा रहे होते थे.

पति की पीने की आदत से परेशान अनु अपना दुखड़ा लोगों को सुनाती रहती थी. उस की इस परेशानी का फायदा पड़ोस में रहने वाले हरजीत ने उठाया. उस की नजर अनु के खूबसूरत बदन पर टिकी थी. अनु की दुखती रग पर हाथ रख कर वह धीरेधीरे अनु के दिल के करीब आ गया. अनु को भी लगा एक हरजीत ही उस का दुख समझता है.

वह कोई भी काम उसे कहती तो वह सब से पहले अनु का कहा काम पूरा करता फिर बाद में अपना काम करता था. दिनेश की शराब की लत के कारण हर रात अनु का उस से विवाद हो जाता था.

सुबह उस के औफिस चले जाने के बाद अनु अपना अपना दुखड़ा हरजीत को सुनाती थी.  हरजीत पहले से अनु को पाने की फिराक में था. वह अनु की हां में हां मिला कर उस के जख्मों पर मरहम लगा कर उस के कोमल दिल में अपनी जगह बनाने की कोशिश करता था. कुछ ही महीनों में अनु के दिल में इस का असर हुआ और हरजीत मौका देख कर उस के साथ जिस्मानी संबंध बनाने में कामयाब हो गया.

हरजीत और अनु के इन संबंधों की जानकारी काफी दिनों तक दिनेश धवन को नहीं हुई, मगर जब आसपड़ोस में उस की पत्नी और हरजीत के अवैध संबंधों के बारे में तरहतरह के चर्चे होने लगे तो दिनेश ने अनु से पूछा कि उस के औफिस जाने के बाद हरजीत यहां क्यों आता है.

अनु ने पति के आरोप सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हरजीत उम्र में उस से काफी बड़ा है, जिसे वह चाचा कह कर पुकारती है. वह कभीकभार जरूरत पड़ने पर घर का कोई काम उस से करवाती है. जिसे देख कर लोग बेवजह उस से जलते हैं और तुम्हें मेरे खिलाफ भड़काने का काम कर रहे हैं.

लेकिन दिनेश ने अपनी गैरमौजूदगी में हरजीत के घर आने पर रोक लगा दी और उसे अपना काम खुद ही निबटाने के लिए कहा.

पति की बात सुन कर अनु ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए हरजीत को भविष्य में कभी नहीं बुलाने की कसम खाई.

अनु की गलती मानने पर दिनेश ने उसे माफ कर दिया. लेकिन हरजीत और अनु का रिश्ता खत्म नहीं हुआ. पति की नजरों में धूल झोंक कर अनु ने हरजीत से मिलना जारी रखा.

दिनेश घवन के दोस्तों में एक नाम नितिन पंडित का था. दिनेश धवन से उम्र में करीब 10 साल छोटा नितिन बल्लभगढ़ की एक कैमिकल फैक्ट्री में नौकरी करता था. छोटा होने के बावजूद उस की दिनेश के साथ खूब छनती थी. दोनों साथ दारू पीते और लंबीलंबी डींगे हांका करते थे.

दिनेश धवन जब शराब के नशे में टल्ली हो जाता तो नितिन उसे संभाल कर उस के घर सैनिक कालोनी पहुंचा आता था. नितिन दिनेश की पत्नी अनु को भाभी कहता था. भाभीदेवर का रिश्ता होने के कारण दोनों अकसर हंसीमजाक करते रहते थे. नितिन अनु की खूबसूरती की जी भर कर तारीफ करता था.

धीरेधीरे दोनों एकदूसरे के करीब आ गए और उन के बीच मधुर संबंध कायम हो गए. इस के बाद अनु और नितिन को जब भी मौका मिलता, वे अपनी हसरतें पूरी कर लेते थे.

पिछले साल जब पूरे देश में लौकडाउन शुरू हुआ तो सारी दुनिया जैसे ठहर सी गई. लोगों के कामधंधे बंद हो गए. दिनेश घवन की आमदनी बंद हो गई तो वह परेशान रहने लगा. अनु को ऐसी हालत में पति की मदद करनी चाहिए थी, लेकिन हुआ एकदम उलटा. वह दिनेश को अपने जरूरत की चीजें नहीं देने पर उसे ताना मारने लगी.

एक तो आमदनी बंद दूसरे अनु के व्यवहार ने उसे अंदर से तोड़ दिया. परेशान हो कर वह हर वक्त नशा करने लगा. इस प्रकार अनु और दिनेश के बीच की दूरी बढ़ती चली गई.

दूसरी तरफ पति के हमेशा घर में रहने से उस के और नितिन के प्यार की कहानी में ब्रेक लग गया. वे दोनों मोबाइल पर बातें कर अपने प्यार का इजहार करते, लेकिन अकेले में मिल कर अपने दिल की प्यास नहीं बुझा पाते थे.

घटना से करीब 2 महीने पहले अनु धवन ने नितिन के साथ मिल कर पति को हमेशा के लिए रास्ते से हटा देने की योजना तैयार की. इस काम में मदद के लिए उस का पुराना प्रेमी हरजीत भी राजी हो गया. नितिन ने अपने दोस्त विनीत और विष्णु को इस योजना में शामिल कर लिया.

11 जनवरी, 2021 की शाम को नितिन, विष्णु और विनीत दिनेश के औफिस से घर लौटने के पहले ही अनु के घर में आ कर छिप गए. रोज की तरह उस दिन भी दिनेश धवन नशे में धुत हो कर घर लौटा था. वह खाना खा कर सो गया. रात के लगभग एक बजे अनु ने अपने प्रेमी नितिन से कहा कि दिनेश नशे में बेसुध है उस का जल्दी से काम तमाम कर दो.

अनु का इशारा पा कर नितिन, विनीत और विष्णु दबे पांव गहरी नींद में सो रहे दिनेश धवन के पास पहुंचे और गला दबा कर उसे मौत की नींद सुला दिया. कहीं वह जिंदा न रह जाए, इसलिए उन्होंने उस के सिर परभी डंडे मारे.

सुबह लगभग 4 बजे हरजीत अनु के घर पहुंचा तो नितिन ने उस से कहा कि वह अपना काम कर चुका है. वह दिनेश की लाश को अच्छी तरह पैक कर घर में ही छिपा दे. मौका मिलते ही वे लाश को कहीं ठिकाने लगा देंगे.

इतना कह कर नितिन अपने दोस्तों के साथ अनु के घर से निकल गया. हरजीत ने दिनेश धवन की लाश बैडशीट और प्लास्टिक में पैक कर घर के बाथरूम में छिपा दी.

4-5 दिन बाद जब लाश से बदबू आने लगी तब अनु ने घबरा कर नितिन तथा हरजीत से उसे जल्दी ठिकाने लगाने के लिए कहा.

तब 18 जनवरी, 2021 को नितिन, हरजीत, विष्णु और दीपक अनु के घर पहुंचे और लाश बैड के अंदर छिपा दी. फिर बैड सहित लाश को एक रेहड़ी के ऊपर डाल कर गहरे नाले के पास ले गए और ठिकाने लगा दी. जब रास्ते में लोगों ने बैड के बारे में पूछा तो हरजीत ने बताया कि वह बैड को रिपेयर कराने के लिए ले जा रहा है. लाश उन्होंने नाले में डाल दी.

लाश ठिकाने लगाने के बाद हरजीत बैड को वापस अनु के घर ले आया, जिसे अनु ने घर की छत पर रखवा दिया. नितिन ने विष्णु को दिनेश धवन की हत्या करने के बदले 41 हजार रुपए देने का वादा किया था, जो अनु ने अपने अकाउंट से विष्णु को ट्रांसफर कर दिए. दिनेश धवन की हत्या करने के बाद अनु और नितिन अपनी आने वाली नई जिंदगी गुजारने के हसीन सपने देख रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर उन के सपनों को चकनाचूर कर दिया.

अनु को पहली फरवरी, 2021 को गिरफ्तार  करने के बाद अगले दिन पुलिस ने पहले अनु के प्रेमी नितिन तथा उस के दोस्तों विनीत, विष्णु, हरजीत और दीपक को भी गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

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