40 से 50 साल उम्र के नेताओं को युवा नेता कहा जाना बताता है कि भारतीय राजनीति में युवाओं की क्या हालत है ? इस उम्र में भी बडे राजनीतिक परिवारों के युवाओं को भले ही गंभीरता से लिया जाता हो पर सामान्य वर्ग के युवा नेता केवल शो पीस ही बने रहते है. युवाओं के देश में दशा  और दिशा तय करने का हक युवाओं को नहीं है. राजनीतिक दलों के युवा संगठनों के नेता भी फकत तमाशाई ही नजर आते है. राजनीति की मुख्यधारा में उनकी कोई पूछ नहीं है. पंचायत और निकाय चुनावों में युवा चेहरे काफी दिखते है पर मुख्य राजनीति में वह भी खो जाते है.

राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और चन्द्रशेखर रावण जैसे युवा नेताओं में एक समानता भी है कि यह सभी अपनी और विपक्षी पार्टी के प्रौढ नेताओं की गिरफ्त में है. इस कारण यह युवा नेता अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर पाते है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसका का सबसे बडा प्रमाण है. राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को हुआ था. राहुल गांधी की शुरूआती शिक्षा  दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में की और इसके बाद वह दून विद्यालय में पढ़ने चले गये. सन 1981-83 तक सुरक्षा कारणों के कारण राहुल गांधी को अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी. राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से सन 1994 में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इसके बाद सन 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की.

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