शनिवार, 25 जुलाई को आगरा जिले के सिकंदरा इंडस्ट्रियल इलाके में कमला फार्म हाउस पर पुलिस ने अचानक छापा मार दिया. छापे के बाद खुलासा हुआ कि यहां जिस्मफरोशी का धंधा चलता था. इस छापे को आगरा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने मिलकर अंजाम दिया और फार्म हाउस में चल रहे देह व्यापार का भंडाफोड़ किया. जिसमें 3 युवतियों सहित 12 लोग गिरफ्तार किये गए. थोड़ी तफ्तीश की तो पता चला यह फार्म हाउस तो भाजपा के स्थानीय नेता अशोक राणा का है. यही अशोक राणा जिसे 2013-16 में भाजपा ने आगरा जिलाअध्यक्ष भी बनाया था. और मौजूदा समय में यह खुद को भाजपा पार्टी का ही हिस्सा मानता हैं.

आगरा के सीनियर सुप्रिटेंडेंट पुलिस बबलू कुमार ने कहा कि ”पुलिस टीम ने एएसपी सौरभ दीक्षित और एसीएम विनोद जोशी के नेतृत्व में सिकंदर के कमला फार्म हाउस पर रेड डाली. पुलिस के पहुँचते ही फार्म हाउस पर अफरातफरी मच गई.”

इसे लेकर एएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि फार्म हाउस के अन्दर घुसने के बाद कमरों की तलाशी ली गई जहां से सचिन, विष्णु, परम, रवि, विशाल गोयल और दलाल प्रदीप, दीपक, रणवीर को गिरफ्तार किया गया.” पुलिस ने बताया यह सेक्स रैकेट व्हाट्सएप्प ग्रुप से संचालित होता था. आरोपियों से पूछताछ पर पता चला कि आरोपी सचिन, प्रेम, विष्णु ने यह फार्म हाउस भाजपा नेता अशोक राणा से लीज पर लिया हुआ था. इनमें आरोपी प्रदीप और रणवीर के माध्यम से विभिन्न स्थानों से लड़कियां लाइ जाती थीं.

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इस लेकर पुलिस ने प्रेसनोट जारी किया जिसमें साफ़ साफ़ लिखा है कि “गिरफ्तार फार्म हाउस संचालकों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि फार्म हाउस मालिक यानी भाजपा नेता अशोक राणा को इस अवैध धंधे के बारे में जानकारी थी. बल्कि उन्हें भी इस धंधे से कमीशन मिलता था.” पुलिस ने बताया कि फार्म हाउस से गिरफ्तार आरोपियों के पास से देशी कट्टे(अवैध हथियार), यूज्ड और अनयूज्ड निरोध, व फोन मिला है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार निवारण एक्ट, 1956 और आर्म्स एक्ट 1959 के तहत मामला दर्ज किया है.

हांलाकि इस पुरे मामले में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष का कहना है उन्होंने फार्म हाउस को लीज पर दिया था. वह लम्बे समय से वहां गए भी नहीं थे. उन्हें नहीं पता वहां क्या चल रहा है. उनका आरोप है कि यह पुलिस द्वारा उन्हें साजिशन फसाया जा रहा है. उनका कहना है कि पुलिस की छापेमारी उनके फार्महाउस पर नहीं हुई बल्कि युवक-युवतियों को होटल जशोदा गेस्ट हाउस में छापा मारकर पकड़ा गया था. उनका आरोप है कि उनके खिलाफ घिनोनी साजिश हुई है. बिना छानबीन के उनके बारे में बयान देकर पुलिस ने उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया है.

भाजपा नेता अशोक राणा ने कहा कि “फार्म हाउस की ओपनिंग अगस्त 2019 के बाद ही उसने नवम्बर में विशाल गोयल को लीज पर दे दिया था. वह उसे शादी समारोह के लिए चलाना चाहता था. लेकिन कोविड-19 के बाद फार्महाउस बंद हो गया.”

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पुलिस द्वारा दर्ज किये गए एफआईआर में 4 होटल द्वारा सेक्स रैकेट के चलाए जाने की बात है जिसमें होटल 4 सीजन, जेपी होटल, जशोदा गेस्ट हाउस और अशोक राणा का कमला फार्महाउस है. इसके अलावा गिरफ्तार किये गए आरोपियों के साथ कई लोगों को नामजद किया गया है जिसमें भाजपा नेता व फार्महाउस मालिक अशोक राणा, विशाल गोयल जिन पर फार्महाउस में सेक्स रैकेट चलाने का आरोप है, मनोज गिरी जो होटल फोर सीजन का मालिक है और उसका मेनेजर अजय यादव, लाल कुमार यादव जो जेपी होटल का मेनेजर है व राज नोहन यादव जो जशोदा गेस्ट हाउस का मनेजर है.

इस मसले पर आगरा शहर के एसपी रोहन बत्रा ने कहा कि “2 जुलाई अकबर रोड पर कथित लूटपाट के मामले में चल रहे इन्वेस्टीगेशन, हमारी टीम को जानकारी मिली कि इन होटलों और फार्महाउस में देह व्यापार का धंधा चल रहा है. उसके बाद, एएसपी सौरभ दीक्षित के नेतृत्व में हमारी टीम ने कमला फार्महाउस पर रेड डाली और देह व्यापार का भंडाफोड़ किया.” एसपी रोहन बत्रा ने आगे बताया कि “कुल 17 लोगों को अब तक नामजद किया जा चुका है. जिनमें अशोक राणा और होटल मालिक व मेनेजर पकडे नहीं गए. लेकिन जल्दी उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. ये लोग युवितियों को दिल्ली, कलकत्ता और दूसरी जगहों से लाते थे.

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मामले के खुलासे से पता चला है कि मौके से पकड़ी गई लड़कियां पश्चिम बंगाल की निवासी हैं. तीनों लड़कियां लाकडाउन से पहले आगरा आई थीं. इसी फार्महाउस में ही उनके ठहरने का इन्तेजाम किया गया था. ग्राहक वहां पर आया करते थे. इसके लिए डिजिटल तरीके से काम किया जाता था. ग्राहकों को लुभाने के लिए व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया हुआ था जिसमें लड़कियों की अश्लील फोटों भेजी जाती थी. साथ ही फार्महाउस पर पुलिस नहीं आएगी इसका भरोसा दिलाया जाता था. इसमें बताया जा रहा है कि पकडे गए आरोपियों में से 4 होटल के ही कर्मचारी थे.

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जाहिर है यह घटना शर्मशार तो करती है ही, लेकिन चिंता में भी डालती है कि राज्य में भाजपा पार्टी सत्ता में है वहीँ उन्ही की पार्टी से संबंध रखने वाले नेता की अगर ऐसी संलिप्तता मिलेगी तो सरकार की कार्यवाहियों पर भी सवालिया निशान खड़े होंगे. अगर देखा जाए तो यही सरकार राज्य में अपराध के खात्मे की बात करती है, महिलाओं से जुड़े अपराधो के खात्में की बात करती है किन्तु ऐसे अपराध ठीक पार्टी के नाक के नीचे हो रहे हैं जिस पर सरकार की कोई सुद नहीं हैं. इस तरह की घटनाए और सत्ता पार्टी के नेताओं का जुड़ाव चिंताजनक बात है. इससे पहले भी पार्टी उन्नाव में कुलदीप सेंगर और पूर्व भाजपा सांसद चिन्मयानन्द के कारण विवादों में रही, जिन पर नाबालिक लड़कियों पर यौन उत्पीडन का आरोप है.

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