देश में आजादी का मतलब महज सरकार चुनने भर से नहीं है बल्कि देश में किसी नागरिक द्वारा सम्मानपूर्वक जीवन जीने से भी है. पिछले कुछ समय से जाति और धर्म आधारित भेदभाव देखने को खूब मिल रहे हैं. जहां जाति धर्म के आधार पर एक व्यक्ति दुसरे व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को कुचलते हुए देखा जा सकता है. और सरकार इन मामलों में सिर्फ ओपचारिक बयान देने के अलावा मूलभूत कदम नहीं उठा रही है.

शनिवार, 18 जुलाई को कर्नाटका में फिर से दलित उत्पीडन की घटना सामने आई है. यह घटना कर्नाटका के बिजयपुर की है जो राज्य की राजधानी बैंगलोर से लगभग 530 किलोमीटर दूर है. खबर के अनुसार दलित व्यक्ति व उसके परिवारजन को ऊँची जाति के लोगों ने बुरी तरह से पीटा. गुस्से में भीड़ ने पीड़ित व्यक्ति को न सिर्फ पीटा बल्कि उसे निर्वस्त्र भी किया.

इस घटना की 32 सेकंड की वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुई है जिसमें साफ़ दिख रहा है कि कुछ लोग पीड़ित व्यक्ति को पेरों से पकड़ कर घसीट रहे हैं. अन्य उसे निर्वस्त्र कर रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता हैं कि दो लोग पीड़ित व्यक्ति के मुह पर चप्पलों, लातों और शरीर पर डंडों से हमला कर रहे हैं.

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पूरा मामला क्या है?

यह घटना तालीकोट के मीनाजी गांव की है. जहां पर दलित सख्स की पिटाई की गई. आरोप है कि पीड़ित व्यक्ति ने कथित तौर पर उंची जाति के व्यक्ति की बाइक को छू दिया था जिसके बाद उसकी और उसके परिवार वालों की 13 व्यक्तियों ने बुरी तरह पिटाई कर दी.

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