स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि पिछले महीने लॉकडाउन लागू होने के बाद से देश में कोविड-19 के मामलों के दोगुना होने की रफ्तार धीमी हुई है. लॉकडाउन से पहले भारत में 3 दिन में मामले दोगुने हो रहे थे. पिछले सात दिन में 6.2 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं.

* कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में  संक्रमण का फैलाव कम हुआ है :- 

19  राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों संक्रमण का औसत मामले दोगुने से कम है. इन राज्यों में केरल, उत्तराखंड, हरियाणा, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पुडुचेरी, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर , पंजाब, असम और त्रिपुरा शामिल है. इन स्थानों पर संक्रमण का मामले बढ़ने की गति काफी हद तक कम हो गई है. 1 अप्रैल, 2020 के बाद से औसत वृद्धि दर 1.2 है, वही यह  दो सप्ताह  पहले 15 मार्च से 31 मार्च तक औसत वृद्धि दर 2.1 थी . इस प्रकार दो सप्ताह  में  औसत वृद्धि दर में 40 प्रतिशत (2.1-1.2) 2.1 की गिरावट दर्ज हुआ है.

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* सरकार ने  बढ़ा रही है अपनी क्षमता :-

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय बताया कि 5 लाख रैपिड एंटीबॉडी किट्स सभी राज्यों और जिलों में वितरित कर दी गई हैं, जो क्षेत्रों में सामने आने वाले मामलों की संख्या के आधार पर किया गया है। वर्तमान में प्रति महीने 6,000 वेंटिलेटर के विनिर्माण की क्षमता है. मंत्रालय ने बताया कि चित्रा तिरुमलाई चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के स्वदेशी डिजाइनों के द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर्स, वेंटिलेटर्स, सीएसआईआर इंजीनियरिंग लैब्स जैसे सहयोगी उपकरणों का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है. आरटी-पीसीआर किट्स का स्वदेशी विनिर्माण शुरू कर दिया गया है और मई 2020 से प्रति महीने इसकी 10 लाख किट्स का उत्पादन शुरू हो जाएगा. मई 2020 से प्रति महीने 10 लाख किट की क्षमता के साथ रैपिट एंडीबॉडी डिटेक्शन किट्स का विनिर्माण भी शुरू हो जाएगा.  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा युद्ध स्तर पर निदान, उपचार और वैक्सीन के क्षेत्रों में जरूरी उपायों की निगरानी का कार्य किया जा रहा है .

* समर्पित कोविड-19 अस्पतालों की संखय 1,9OO पार पहुंची :- 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना के मामलों के आकलन के आधार पर विभिन्न कोविड इकाइयों के बुनियादी ढांचे के बेहतर नियोजन के उद्देश्य से अनुमान के साधनों को राज्यों/जिला प्रशासकों के साथ साझा करना शुरू कर दिया है. इस समय  केन्द्र और राज्य स्तर पर कुल मिलाकर 1,919 समर्पित कोविड-19 अस्पतालों की पहचान कर ली गई है, इसमें 672 समर्पित कोविड अस्पताल (डीसीएच)  है. जहाँ 1,07,830 आइसोलेशन बिस्तर और 14,742 आईसीयू बिस्तर की  व्यवस्था है. वही कुल 65,916 आइसोलेशन बिस्तर और 7,064 आईसीयू बिस्तर के  साथ  1,247 समर्पित कोविड स्वास्थ्य केन्द्र (डीसीएचसी) है.  इस प्रकार कुल 1,919 अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्र में 1,73,746 आइसोलेशन बिस्तर और कुल 21,806 आईसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं.

* वैक्सीनों के विकास कार्य तेजी :- 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय बताया की सरकार प्रभावी वैक्सीनों के विकास और जल्द से जल्द उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक साझीदारों के साथ  मिलकर काम कर रही है. भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन के सॉलिडैरिटी परीक्षण में एक भागीदार है, जिसके माध्यम से इन उपचारों की प्रभावशीलता तय की जा रही है. देश के वैज्ञानिक कार्यबल वर्तमान में स्वीकृत दवाओं और कोविड-19 के लिए उनके पुनः उद्देश्य तय किए जाने के बारे में आकलन कर रहे हैं. सीएसआईआर ने उमीफेनोविर, फैविपिरैविर जैसे वायरण रोधी कणों के विविध उपयोग के स्वदेशी संकलन में खासी प्रगति की है. आयुष मंत्रालय के साथ ही पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली से जुड़े फाइटोफार्मास्युटिकल्स और लीड के लिए भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.

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* आगे के रोडमैप को तैयार किया गया :-

शुक्रवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की अध्यक्षता में मंत्री कोविड-19 पर बने मंत्री समूह की समूह का बैठक हुआ. इस बैठक में लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के असर और आगे के रोडमैप को तैयार करने पर विस्तार से चर्चा हुई. साथ ही कोविड-19 से निपटने में निदान, वैक्सीन, दवाओं, अस्पताल संबंधी उपकरणों और सामान्य स्वास्थ्य की दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी समीक्षा किया गया .

*  सामूहिक प्रयासों के जरिए अनेक कदम उठा रही है :-

भारत सरकार कोविड-19 से बचाव, रोकथाम और प्रबंधन के लिए सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ मिलकर सामूहिक प्रयासों के जरिए अनेक कदम उठा रही है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीईए)   मिलकर निम्न बिंदुओं पर काम कर रहे हैं . इस साझा प्रयास से ऐसी त्वरित और सटीक जांच (डायग्नोस्टिक) विकसित करने की कोशिश जारी है, जिससे 30 मिनट के भीतर ही नतीजे हासिल हो सकें. साथ ही और 30 नए प्रयोगशालाओं के माध्यम से परीक्षण क्षमता को बढ़ाने की तैयारी है. इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों के परीक्षण के किया जा सकेगा. जिससे तय समय पर यह पत्ता  किया जा सकता है कि वायरल अनुक्रमण में बढ़ोतरी, जिससे महामारी की स्थिति में और संभावित प्रमुख बदलावों की पहचान में सहायता मिल सकती है. वायरस के प्रसार को निष्क्रिय करने वाली वैक्सीन, प्रमुख एंटीजन्स के एंटीबॉडीज, मोनोक्लोनल और आरएनए आधारित वैक्सीनों के विकास में भी प्रगति दर्ज की गई है। कुछ स्थानों पर कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी भी शुरू कर दी गई है.

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