आज के दौर में इकहरा बदन सौंदर्य का मापदंड माना जाता है. वजन ज्यादा होने से सौंदर्य, आकर्षण, स्मार्टनेस कम होती है और साथ ही अनेक घातक व जटिल रोगों का खतरा बढ़ जाता है. सभी समझदार व्यक्ति वजन ज्यादा होने पर उसे कम करने की कोशिश करते हैं. इस के लिए डायटिंग, व्यायाम एवं दूसरे तरीकों का सहारा लेते हैं, पर यदि किसी व्यक्ति का वजन बगैर किसी प्रयास के कम होने लगता है तो यह गंभीर रोगों का संकेत हो सकता है. अत: इस में लापरवाही न बरतें.
स्वस्थ व्यक्ति का वजन भोजन की मात्रा और उन की सक्रियता, कार्य, मेहनत के अनुसार लगभग स्थिर रहता है. आमतौर पर व्यक्ति के कार्य के अनुसार ही उस की ऊर्जा (कैलोरी) की मात्रा निर्धारित हो जाती है.
ज्यादा मेहनत या व्यायाम करने के बाद भूख बढ़ जाती है. यदि शरीर को पर्याप्त कैलोरी मिलती रहती है तो वजन सामान्य बना रहता है. यदि सक्रियता और कैलोरी में संतुलन गड़बड़ाता है तो वजन घटता व बढ़ता है. शरीर का 1 पौंड वजन कम होने या बढ़ने का अर्थ है कि शरीर में 3,500 कैलोरी की कमी या बढ़ोतरी हो गई है. अस्थायी रूप से शरीर का वजन शरीर में द्रव की कमी या ऊतकों के टूटने से भी घट सकता है.
वजन कम होने के मुख्य कारण
वजन में कमी कई रोगों के चलते हो सकती है. अकसर ये रोग दीर्घकालीन होते हैं. ऐसे व्यक्तियों को लापरवाही नहीं करनी चाहिए और कुशल चिकित्सक से सलाह ले कर निर्देशित जांच करवानी चाहिए, ताकि रोग के कारण का पता लग सके और समुचित उपाय हो सके.