जिस तरह छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पनपा है वह आश्चर्यजनक है.उससे भी बड़ी बात यह है कि आने वाले दिनों में नक्सलवाद नाम की कोई चिड़िया भी कभी थी यह भी लोग सवाल पूछने लगेंगे. क्योंकि जैसी परिस्थितियां बन रही है उससे स्पष्ट आभास मिलता है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अल्टीमेटम जारी कर दिया है कि नक्सलवाद को समाप्त कर दिया जाए नक्सलियों को छत्तीसगढ़ में पूरी तरीके से कुचला जा रहा है इधर नक्सलवादी भी अपने उफान पर आ गए हैं और अपनी जान बचाने के लिए बारंबार हमले घात प्रतिघात कर रहे हैं. सरकार की बंदूक और नक्सलियों के बंदूक चल रही है अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में क्या नक्सलवाद सरकार के सामने घुटने टेक देगा या सरकार उसका प्रतिरोध के साथ समूल नष्ट कर देगी. क्योंकि भूपेश बघेल सरकार किसी भी हालत में नक्सलवाद को छत्तीसगढ़ में फूटी आंख भी देखना नहीं चाहती जो दंश, जो दर्द, जो त्रासदी कांग्रेस पार्टी ने सही है उसे कांग्रेस भला कैसे बढ़ा सकती है? यही कारण है कि आए दिन नक्सली मारे जा रहे हैं या फिर नक्सलियों से अब समर्पण कराया जा रहा है.दूसरी तरफ नक्सली भी लगातार हमले कर रहे हैं और इस हमलों में अनेकों लोग मारे जा रहे हैं.
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