अगर आप भी हैं एसी की हवा के शौकिन तो हो जाये सावधान. आजकल हर कोई एसी की सुकून भरी हवा में रहना पसंद करता हैं लेकिन ये ठंडी हवा आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती हैं और आपको कई बीमारियों से पीड़ित बना सकती हैं. लोगों को एसी वरदान की तरह लगता हैं दफ्तर हो या घर एसी की हवा ही सुहाती हैं इतना ही नहीं बच्चों को स्कूल भी वही भाते हैं जिनमे हर क्लास मे एसी की ठंडक मिले.

अगर बात सफर की करें तो बिना एसी की गाड़ी तो अब किसी को भाती ही नहीं. एसी में गर्मी से राहत तो मिलती हैं लेकिन आपकी सेहत पर बुरा असर डालती है. तो आइए जानते हैं, एसी में रहने के क्या नुकसान है.

ये भी पढ़ें- अगर आप भी यंग और एक्टिव दिखना चाहती हैं, तो पढ़ें ये खबर

जोड़ों में दर्द -अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि उनके घुटनो मे दर्द रहने लगा है. लेकिन वो यह नहीं समझ पाते कि ये दर्द होता क्यों है. लगातार एसी के कम तापमान में बैठने से सिर्फ घुटनों की समस्या ही नहीं होती बल्कि आपके शरीर के सभी जोड़ों में दर्द के साथ-साथ अकड़न पैदा करता है और उनकी कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है. आगे चलकर यह हड्डियों से जुड़ी बीमारियों को जन्म भी दे सकता है.

नमी कम करता है : एसी में ज्यादा देर तक रहने से शरीर के कई अंगो मे मौइस्चर की कमी आ जाती है आपकी आंखों के अंदर भी नमी की कमी हो जाती है जिस कारण आपको आंखों मे दर्द व खुजली महसूस होती है. एसी के दुस्प्रभाव आपकी त्वचा को  भी झेलने पड़ते है. जिससे आपकी त्वचा में रूखी व बेजान लगने लगती है.

रक्तसंचार: एसी में बैठने से शारीरिक तापमान कृत्रिम तरीके से ज्यादा कम हो जाता है जिससे कोशिकाओं में संकुचन होता है और सभी अंगों में रक्त का संचार बेहतर तरीके से नहीं हो पाता, जिससे शरीर के अंगों की क्षमता प्रभावित होती है.

ताजी हवा खाएं

एसी चलते समय रूम ठंडा करने के लिये, हमें कमरे के खिड़की दरवाजे बंद करने पड़ते है जिस कारण हमें ताजी हवा नहीं मिल पाती और यह नुकसान दायक होती है. ताजी हवा की कमी से हम जल्दी थक जाते हैं.

एसी से हो सकती हैं ये बीमारियां

कमरे का तापमान जरूरत से ज्यादा ठंडा हो तो हमारे शरीर की सहने की क्षमता कम हो जाती है. ठंड की वजह से सिरदर्द और बदन दर्द जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं. जरूरत से ज्यादा ठंड से जो़ड़ों में दर्द और गठिया की दिक्कतें भी हो जाती हैं. अगर आपके एसी का फ़िल्टर साफ सुथरा नहीं है तो आपको सांस से जुड़ी बीमारियां भी घेर सकती हैं और लंग इन्फेक्शन भी हो सकता है.

ये भी पढ़ें- बीमारी से बचना है तो पिएं पानी

अगर आपको ब्लडप्रेशर संबंधित समस्याएं हैं तो आपको एसी से परहेज करना चाहिए. यह लो ब्लडप्रेशर के लिए जिम्मेदार हो सकता है और सांस संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकता है. अस्थमा के मरीजों को भी एसी के संपर्क में आने से बचना चाहिए.

एसी का करते है प्रयोग तो इन बातों का रखें ख्याल

हर साल सर्विस करवाएं.

एसी के फिल्टर हर महीने खुद ही साफ कर के लगाए.

स्प्लिट एसी विंडो एसी के मुकाबले ज्यादा बेहतर गैस की क्वालिटी का ध्यान रखें.

गलत गैस डालने से भी दिक्क़त होती है.

सारे वक्त कमरे, खिड़कियों को बंद न रखें ताकि प्रदूशित हवा निकल सके.

घरों या दफ्तरों में एसी का तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस ही रखना चाहिए. ऐसा करने से सेहत भी ठीक रहेगी और बिजली का बिल भी कम आएगा.

ये भी पढ़ें- 4 टिप्स: कमर दर्द से ऐसे पाएं राहत

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...