2 अस्पतालों के मालिक और इंडियन मैडिकल एसोसिएशन (करनाल) के पूर्व प्रधान डा. राजीव गुप्ता करनाल के नामचीन व्यक्ति थे. दिनदहाड़े उन की हत्या हो जाना बड़ी बात थी. लेकिन पुलिस टीमों में जब मेहनतमशक्कत से पूरी कोशिश की तो तीनों हत्यारे पकड़े गए. इन हत्यारों में…
वो3 लोग थे. तीनों में से 2 ने अपनी पहचान छिपाने के लिए चेहरों को कपड़े से ढक रखा था. तीनों करनाल के सेक्टर-16 के चौक के पास होटल येलो सफायर के पीछे वाली सुनसान सड़क पर खड़े थे. उन के पास बिना नंबर प्लेट की स्पलेंडर बाइक थी. उन्हें संभवत: किसी के आने का इंतजार था. उन की नजरें सामने से आने वाले वाहनों का जायजा ले रही थी.
उन के हावभाव देख कर ऐसा लगता था जैसे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में वहां खड़े हों. सवा 6 बजे सामने से आती हुई सफेद रंग की क्रेटा कार नंबर एचआर05ए यू4934 को देख कर तीनों चौकन्ने हो गए. तुरंत बाइक स्टार्ट कर वे तीनों धीरेधीरे कार की दिशा में बढ़ने लगे.
कार चौक की तरफ से आ रही थी. जैसे ही कार स्पीड ब्रेकर पर पहुंच कर धीमी हुई, बाइक सवारों ने अपनी बाइक कार के आगे लगा कर उसे रोक लिया और 2 लोगों ने बाइक से उतर कर कार के सामने से गोलियां चलानी शुरू कर दीं.
कार के शीशे को भेदती हुई गोलियां कार ड्राइवर के साथ वाली सीट पर बैठे व्यक्ति को लगीं. हमलावरों ने 3 गोलियां चलाने के बाद कार के बिलकुल पास जा कर 3 गोलियां और चलाईं. फिर बाइक पर सवार हो कर वहां से फरार हो गए. इस बीच कार का ड्राइवर घबरा कर अपनी जान बचाने के लिए कार से उतर कर निकल भागा था.
हमलावरों के जाने के बाद उस ने मदद के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया. सामने से आते हुए बाइक सवार और आशीष नाम के एक कार चालक सहित कुछ लोगों ने इस वारदात को अंजाम देते हुए देखा था. कुछ लोगों की मदद से गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को तुरंत पास के प्रसिद्ध अस्पताल अमृतधारा माई में लाया गया था.
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जिस कार में फायरिंग हुई, उस में अमृतधारा माई अस्पताल के संचालक व इंडियन मैडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की करनाल इकाई के पूर्व प्रधान 56 वर्षीय डा. राजीव गुप्ता थे. अज्ञात लोगों ने उन्हें गोलियां मार कर बुरी तरह से घायल कर दिया था. उन्हें उपचार हेतु उन्हीं के आधुनिक अस्पताल में भरती कराया गया.
डाक्टर राजीव गुप्ता शहर के नामचीन व्यक्ति थे. वह केवल करनाल में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी मशहूर थे. गरीबों का कम पैसों में इलाज करने के साथ वे कई सामाजिक संस्थाओं के चेयरपरसन भी थे. उन पर हमला होने की खबर जंगल की आग की तरह पूरे शहर में फैल गई.
तमाम लोग अमृतधारा अस्पताल की ओर दौड़े. देर रात तक अस्पताल के बाहर डाक्टरों और शहर के गणमान्य लोगों का तांता लग गया. यह घटना 6 जुलाई, 2019 शाम की है.
डाक्टर राजीव गुप्ता को करीब साढ़े 6 बजे सेक्टर-16 के चौक पर गोलियां मारी गई थीं. इस के बाद आननफानन में उन्हें उन के ही अस्पताल अमृतधारा माई ले जाया गया. पहले से ही सूचना मिल जाने के कारण अस्पताल में पूरा स्टाफ इमरजेंसी में अलर्ट था. साथ ही कई अस्पतालों के डाक्टर भी मौके पर पहुंच गए थे.
डा. गुप्ता की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें तुरंत आईसीयू में ले जा कर वेंटीलेटर पर रखा गया. आननफानन में उन्हें बचाने के लिए डाक्टरों की टीम बनाई गई. टीम में शहर के टौप के सर्जन, एनेस्थीसिया और मैडिसन के डाक्टरों को शामिल किया गया.
मूलचंद अस्पताल के संचालक सर्जन डा. संदीप चौधरी, श्री रामचंद्र अस्पताल के डा. रोहित गोयल, मिगलानी नर्सिंगहोम के डा. ओ.पी. मिगलानी ने उन का औपरेशन किया.
इस दौरान अमृतधारा के आईसीयू के इंचार्ज डा. सामित समेत मैडिसन के डाक्टर कमल चराया और एनेस्थीसिया के डा. मक्कड़ की टीम भी मौजूद रही. बदमाशों ने डाक्टर पर 3 राउंड फायर किए थे, जिस में से 2 गोलियां उन की छाती पर लगी थीं और एक दिल के करीब.
डा. गुप्ता को बचाने के लिए डाक्टरों ने एक घंटे तक तमाम कोशिशें कीं, छाती से गोलियों को निकालने के लिए सर्जरी की गई. लेकिन तब तक डा. गुप्ता की धड़कनें रुक चुकी थीं. करीब 8 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
डाक्टरों का कहना था कि छाती में गोलियां लगने के कारण ब्लीडिंग ज्यादा हो गई थी. हालांकि उन्हें खून भी चढ़ाया गया, लेकिन हार्ट फेल होने के कारण उन्हें नहीं बचाया जा सका. डा. गुप्ता को बचाने के लिए जहां डाक्टरों ने पूरी कोशिश की, वहीं अस्पताल के अन्य स्टाफ ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
सूचना मिलने पर करनाल रेंज के आईजी योगेंद्र नेहरा व एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया, डीएसपी करनाल बलजीत सिंह, डीएसपी वीरेंदर सिंह, सीआईए स्टाफ प्रमुख दीपेंदर राणा सहित थाना सिटी करनाल के इंचार्ज इंसपेक्टर हरविंदर सिंह क्राइम टीम और एफएसएल की टीम अमृतधारा अस्पताल पहुंच गई थीं.
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अस्पताल के डाक्टरों से मृत डाक्टर राजीव गुप्ता का हाल जानने के बाद सभी टीमों ने घटनास्थल पर जा कर वहां का मौकामुआयना किया. वहां से एफएसएल की टीम ने साक्ष्य जुटाए और गोलियों के खाली खोखे बरामद कर अपने कब्जे में लिए.
डा. राजीव के ड्राइवर साहिल से भी पूछताछ की गई. साहिल पिछले 8 सालों से उन के साथ बतौर असिस्टेंट और ड्राइवर का काम कर रहा था. 6 जुलाई, 2019 को साहिल से पूछताछ के बाद उसी के बयान पर डा. राजीव की हत्या का मुकदमा धारा 302 के तहत अज्ञात हत्यारों के खिलाफ दर्ज कर तुरंत काररवाई शुरू कर दी गई.
राजीव गुप्ता का घर आईटीआई चौक स्थित अमृतधारा अस्पताल परिसर में ही था. वहां पुलिस तैनात कर दी गई और अस्पताल को भी पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. डा. राजीव गुप्ता करनाल के बड़े डाक्टरों में से एक थे. उन का एक अस्पताल कर्ण गेट स्थित चौड़ा बाजार में और दूसरा आईटीआई चौक पर था.
राजीव बहुत मिलनसार व्यक्ति थे और शहर के सामाजिक कामों में सक्रिय रहते थे. इसीलिए उन की हत्या के बाद कई सवाल खड़े हो रहे थे, जबकि पुलिस के हाथ अभी तक कुछ नहीं लगा था.
अगली सुबह 8 बजे आननफानन में हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव चंडीगढ़ से करनाल पहुंच गए. उन के कुछ देर बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर भी डाक्टर के परिवार को सांत्वना देने उन के घर पहुंचे.
डीजीपी मनोज यादव ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री और आला पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. इस मीटिंग में डा. राजीव की हत्या के मामले को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए 8 टीमें बनाने की बात तय हुई.
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डा. राजीव गुप्ता के हत्यारों को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था. वारदात के तुरंत बाद एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया और एएसपी मुकेश की अध्यक्षता में थाना पुलिस और सीआईए स्टाफ की 8 टीमों का गठन कर दिया गया, लेकिन हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिलने के कारण पुलिस की जांच किसी भी दिशा में आगे नहीं बढ़ पा रही थी.
अगली कड़ी में पढ़ें- क्या पुलिस डा. राजीव गुप्ता के हत्यारों को पकड़ पाई?
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित
सौजन्य: मनोहर कहानियां