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म्युचुअल फंड के बदले भी आप ले सकते हैं लोन, जानिए कैसे

शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे सरल तरीका म्युचुअल फंड में निवेश करना होता है. वैसे म्युचुअल फंड के जरिए सिर्फ इक्विटी या शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं.

लेकिन अगर आपको शेयर बाजार की ज्यादा समझ नहीं है या आप इसमें लगाए गए अपने पैसे की देखरेख के लिए वक्त नहीं निकाल सकते, तो म्युचुअल फंड निश्चित तौर पर आपके लिए बेहतर माध्यम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि म्युचुअल फंड में निवेश की गई राशि पर आप लोन भी ले सकते हैं.

बैंक और कई एनबीएफसी कंपनियां आपको म्युचुअल फंड में निवेश किए गए पैसों पर लोन देने का औफर देते हैं. अगर ऐसे में आप लोन लेकर घर का रेनोवेशन, नए घर की बुकिंग या फिर कार लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो यह आपके काम आ सकता है.

कैसे मिलता है म्युचुअल फंड पर लोन

म्युचुअल फंड में किए गए निवेश के बदले अधिकतर बैंक और एनबीएफसी कंपनियां लोन देती हैं. रिजर्व बैंक औफ इंडिया (आरबीआई) की गाइडलाइंस के अनुसार, आपको इस प्रकार का लोन लेने के लिए बैंक या फाइनेंस कंपनी के पास अपनी म्युचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखना पड़ेगा. यूनिट्स के एनएवी के आधार पर आपको लोन मिलेगा. इसके लिए बैंक या कंपनी आपके द्वारा लिए गए यूनिट्स पर लिन मार्क कर देगी. बैंक या कंपनी आपको एक साल तक के लिए लोन देगा, जो आपको इसी पीरियड में चुकाना होगा.

कितना लोन मिल सकता है

आपको लोन के रूप में मिलने वाली कर्ज राशि आपकी म्यूचुअल फंड यूनिट की मार्केट वैल्यू से हमेशा कम होती है. यह मार्जिन कहलाता है. इक्विटी म्युचुअल फंड के लिए मार्जिन हमेशा डेट म्युचुअल फंड से ज्यादा होता है. इसलिए इक्विटी म्युचुअल फंड के मामले में मार्जिन 40 से 50 फीसद तक हो सकता है, जबकि डेट म्युचुअल फंड के लिए यह रेंज 10 से 20 फीसद की होती है. लोन की राशि पूरी तरह से फाइनेंसर पर निर्भर करती है, लेकिन ये 10 से 12 फीसद तक हो सकती है ताकि पैसे को सुरक्षित रखा जा सके.

कितना लगता है इंटरेस्ट

अगर आप पर्सनल लोन की बजाए इक्विटी म्युचुअल फंड पर लोन लेती हैं तो वे आपसे पर्सनल लोन से बहुत कम इंटरेस्ट चार्ज करते हैं. सेबी और आरबीआई की गाइडलाइंस के अनुसार बैंक आपसे 10-18 फीसदी के बीच इंटरेस्ट चार्ज कर सकते हैं. बैंक और एनबीएफसी कंपनियां लोन अमाउंट, फंड में मौजूद यूनिट्स की एनएवी और आपके द्वारा पहले लिए गए किसी लोन की रिपेमेंट हिस्टरी को देखकर इंटरेस्ट लेती हैं.

किनके लिए फायदेमंद

कई बार ऐसा होता है कि निवेशकों को छोटी अवधि के लिए जैसे कि तीन महीनों के लिए तत्काल पैसों की दरकार होती है. ऐसे में वो अपनी म्युचुअल फंड यूनिट को गिरवी रख लोन लेकर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.

एक मच्छर आपका ट्विटर अकाउंट बंद करवा सकता है

अगर आप कभी किसी मच्छर को मारें तो उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट न करें नहीं तो आपका अकाउंट बैन हो सकता है. यह मजाक नहीं है. जापान के एक ट्विटर यूजर का अकाउंट इसी कारण बैन किया जा चुका है.

एक व्यक्ति को मच्छर मारने की चौंकाने वाली सजा मिली है. जी हां ये सच है और अगर आप ट्विटर प्रेमी हैं तो यह गलती कतई न करें वरना हो सकता है कि आपको भी ऐसी कोई सजा मिल जाए जैसा कि जापान के इस शख्‍स के साथ किया गया है. ट्विटर ने उस पर बैन लगा दिया है और इसकी वजह एक मच्‍छर की तस्‍वीर पोस्‍ट करना है, जिसे उसने मारा था.

दरअसल बात यह है कि वह शख्‍स एक दिन टीवी देख रहा था, तभी एक मच्‍छर उसे परेशान करने लग गया. इस पर उसने मच्‍छर को मार दिया और उसकी तस्‍वीर खींच ट्विटर पर पोस्‍ट कर दी. फिर क्‍या, इसके बाद ट्विटर से उसके पास मैसेज आ गया कि उसका अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है और दोबारा एक्टिवेट नहीं किया जाएगा.

क्या था ट्वीट

@nemuismywife नामक ट्विटर हैंडल से 20 अगस्त को एक ट्वीट किया गया. यूजर ने एक मरे हुए मच्छर की फोटो के साथ लिखा- जब मैं आराम से टीवी देखने की कोशिश कर रहा हूं तो तुम कहां से मुझे काटने आ गए? मरो! (असल में तुम पहले ही मर चुके हो.)

इसके बाद शख्‍स ने @DaydreamMatcha नाम से एक नया ट्विटर अकाउंट बनाया और ट्वीट कर बताया कि उसका पहला अकाउंट @nemuismywife हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है, क्‍योंकि उसने एक मच्‍छर को मारने की बात कही थी. शख्‍स ने गुस्‍से में यह सवाल किया कि क्‍या मच्‍छर को मारना एक हिंसा है. उसके इस ट्वीट को हजारों लोगों ने री‍ट्वीट किया है.

आईफोन खरीदने का है मन, तो ये काम करना कभी न भूलें

आईफोन 7 के बाद अब ऐपल कंपनी बाजार मे जल्द ही आइफोन 8 बाजार मे उतारने वाली है. ऐसे में अगर आप भी इस फोन को खरीदने का मन बना चुके हैं, तो यह खबर आपके ही काम की है. जो लोग पहले आईफोन का इस्तेमाल कर चुके हैं, उन्हें इनमें से काफी सारी बातें पता होंगी, लेकिन जो लोग पहली बार आईफोन का इस्तेमाल करने जा रहे हैं. उन्हें इस फोन से जुड़ी ये बातें पता होनी चाहिए.

आईफोन खरीदने के बाद आपको कौन से 10 काम सबसे पहले करने चाहिए.

 सबसे पहले ऐपल आईडी बनाएं

आईफोन खरीदने के बाद सबसे पहला और जरूरी काम होता है ऐपल आईडी बनाना. यह ऐपल के इकोसिस्टम में आने के लिए और फोन का इस्तेमाल करने वाले लोगों की लिस्ट में शामिल होने के लिए जरूरी है.

ऐपल आईडी के साथ आप ऐपल स्टोर से ऐप डाउनलोड और खरीद सकते हैं. आप इसकी मदद से म्यूजिक खरीद सकते हैं और iTunes से मूवी खरीद सकते हैं.

आईट्यून्स को इन्स्टौल करना जरूरी

अगर आपने ऐपल डिवाइस खरीदा है तो आपके लिए अपने कंप्यूटर पर आईट्यून्स इन्स्टौल करना जरूरी है. यह आपके कंप्यूटर से आपके फोन को जोड़ने के लिए जरूरी है. ये आपके म्यूजिक और वीडियो के डेटा को सेव करके रखता है. साथ ही आपको विकल्प देता है कि आप इस्तेमाल में न आने वाले म्यूजिक, वीडियो या फिर एप्स को डिलीट कर दें और अपने फोन मैमोरी को मैनेज करे.

अपने फोन को एक्टिवेट करें

ये शुरुआती दो स्टेप फौलो करने के बाद आपको अपने फोन को एक्टिवेट करने की जरुरत होती है. इसलिए आपको फंडामेंटल सेटिंग विकल्प की मदद से बेसिक सेटअप प्रोसेस को एक्टिवेट करना होगा, ताकि आप फेसटाइम, फाइंड माई आईफोन, आईमैसेज और अन्य फीचर्स का आसानी से इस्तेमाल कर पाएं.

सिंक्रोनाइज करें अपने डिवाइस को

ऐपल आईडी और आईट्यून इन्स्टौल करने के बाद आप इसमें कंटेट लोडिंग शुरू करें. इसके लिए अपने फोन को अपने कंप्यूटर के साथ जोड़ना होगा. जैसे ही आप केबल को प्लग करेंगे, आपका फोन सिंक होना शुरू हो जाएगा.

फाइंड माई आईफोन औप्शन को सेटअप करें

किसी सूरत में आप अगर अपना फोन खो देते हैं तो इस फीचर के जरिये अपने फोन की लोकेशन को ट्रैक कर सकते हैं. आप आईक्लाउड से फाइंड माई आईफोन फीचर को ढूंढ सकते हैं. यह आपके आईफोन में जीपीएस नेटवर्क बनाने में मदद करता है. ताकि खोने की सूरत में आप मैप के जरिये इसे ट्रैक कर पाएं.

आईक्लाउड को कन्फीगर करें

यह आपके ऐपल डिवाइस में डाटा सेव करने, सिंक करने और अपडेट करने के कई तरीकों में से एक है. यह फीचर ऐपल सर्वर पर आपके डेटा को सेव करने में मददगार होता है.

आईफोन खरीदने के बाद इन बातों का ध्यान रखकर आप अपने फोन का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं.

भारतीय क्रिकेट टीम के इस खिलाड़ी ने बुजुर्ग से की हाथापाई

भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अंबाती रायडू इन दिनों फिर से चर्चा में है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह एक बुजुर्ग के साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई करते नजर आ रहे हैं.

आरोप है कि टीम इंडिया की ओर से वनडे खेल चुके रायडू तेज गति से कार चला रहे थे. तभी सुबह सैर पर निकले कुछ वरिष्ठ नागरिकों को उनकी कार से धक्का लगा. विरोध जताने पर रायुडू अपनी काली रंग की कार से बाहर निकले और बुजुर्ग से हाथापाई करने पर उतर गए. वहां मौजूद लोगों ने बचाव कर मामले को शांत किया. हालांकि इस मामले की शिकायत पुलिस से कर दी गई है.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह वीडियो जारी किया है. एएनआई ने फिलहाल वीडियो की प्रमाणिकता का दावा नहीं किया है. वीडियो में अंबाती की गाड़ी दिख रही है. वीडियो देखकर ऐसा लग रहा है कि बुजुर्ग ने क्रिकेटर की रैश ड्राइविंग का विरोध किया था. जिससे नाराज होकर अंबाती हाथापाई करने पर उतारू हो गये.

यह पहली बार नहीं है जब विवादों के साथ अंबाती का नाम जुड़ा है, इससे पहले भी वह अपने साथी क्रिकेटर के साथ भी उलझ चुके हैं. मई 2016 में आईपीएल के दौरान अंबाती रायुडू और हरभजन सिंह की भिड़ंत हो गई थी. खास बात यह है कि दोनों एक ही टीम (मुंबई इंडियंस) का हिस्सा हैं.

2005 में भी रणजी मैच के दौरान पिच पर रायडू की अर्जुन यादव नाम के एक क्रिकेटर ले लड़ाई हो गई थी. दोनों के बीच यह लड़ाई आंध्र प्रदेश में हुई थी. अर्जुन आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव शिवपाल यादव के बेटे हैं.

अंबाती रायडू ने भारत के लिए 34 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले हैं और 1055 रन बनाए हैं. उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच जिम्बावे के खिलाफ खेला था. आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) में वह मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हैं.

किसानों को बड़ी राहत, 2100 करोड़ रुपये का बोनस देगी सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों को धान की फसल का बोनस देने का फैसला किया है. किसानों को दीवाली से पहले 2,100 करोड़ रुपए का बोनस दिया जाएगा. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ स्थित भाजपा कार्यालय में एक प्रेस वार्ता सम्मेलन में इस बात की घोषणा की. रमन सिंह ने बताया कि इस फैसले में केन्द्र सरकार की सहमति है और वो भी इस फैसले के पक्ष में हैं.

रमन सिंह ने इस बात की चर्चा भी केन्द्र सरकार के समक्ष की कि किस प्रकार छत्तीसगढ़ सूखे की मार झेल रहा है. चर्चा में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के 50 से ज्यादा विकासखंड सूखे की मार झेल रहे हैं. वर्षा नहीं होने की वजह से पेयजल का संकट होगा, तथा वहां के किसानों की स्थिति ठीक नहीं है.

रमन सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने धान की खरीद का बोनस देने का फैसला किया है. रमन सिंह ने बताया कि आज शाम तक किसानों को बोनस देने के संबंध में राज्य सरकार के द्वारा आदेश जारी कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से किसानों के जीवन में खुशी आएगी.

इससे पहले भी राज्य सरकार ने वर्ष 2013-14 में किसानों को 2,374 करोड़ रुपये बोनस राशि दी थी. इससे पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गुरुवार को राज्य के​ विधायकों, सांसदों तथा पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें किसानों को बोनस देने के फैसले की जानकारी दी. बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी अनिल जैन तथा महासचिव सरोज पांडेय समेत कई नेता मौजूद थे.

आपको बता दे की छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत लोग खेती बाड़ी का काम कर अपना जीवन यापन करते है, तथा यहां की मुख्य फसल धान है. आये दिन सूखे तथा आपदा की मार झेल रहे किसानो के लिये यह एक अहम फैसला माना जा रहा है. इससे किसानों को उनके फसलो का उचित दाम मिल सकेगा और इस फैसले से उनका मनोबल भी बढ़ेगा.

जीत के ‘चौके’ के साथ टीम इंडिया ने बनाए ये रिकार्ड्स

भारत ने श्रीलंका के खिलाफ चौथे वनडे मैच में 168 रनों से जीत दर्ज की. इसके साथ ही टीम इंडिया ने सीरीज में 4-0 से बढ़त दर्ज कर ली है. मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 375 रन बनाए. जवाब में श्रीलंका की पूरी टीम 42.4 ओवरों में 207 रनों पर औलआउट हो गई. इस तरह से टीम इंडिया ने एक आसान जीत दर्ज कर ली.

भारतीय टीम की ओर से जीत के हीरो विराट कोहली रहे. उन्होंने 96 गेंदों में 131 रन बनाए जिसमें 17 चौके और 2 छक्के शामिल थे. उनके अलावा रोहित शर्मा ने 88 गेंदों में 104 रनों की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने 11 चौके और 3 छक्के मारे.

इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 219 रनों की साझेदारी निभाई. गौर करने वाली बात है कि यह टीम इंडिया की ओर से वनडे में निभाई गई 399वीं शतकीय साझेदारी थी.

भले ही श्रीलंकाई टीम यह मैच हार गई लेकिन उसके नाम भी कई रिकार्ड दर्ज हुए. तो आईए जानते हैं चौथे वनडे में दोनों टीमों द्वारा बनाए गए रिकार्ड्स.

धोनी का 300वां वनडे इंटरनैशनल

महेंद्र सिंह धोनी ने अपने करियर का 300वां वनडे मैच खेला. ऐसा करने वाले वह भारत के छठे खिलाड़ी हैं.

सबसे ज्यादा बार नौटआउट

धोनी ने इस मैच में नौटआउट रहकर विश्व में सबसे ज्यादा वनडे में नाबाद रहने का रिकार्ड अपने नाम किया. धोनी 73 बार नाबाद रहे हैं, उन्होंने 72 बार नाबाद रहे श्रीलंका के चामिंडा वास और दक्षिण अफ्रीका के शौन पोलाक को पीछे छोड़ा.

2017 में सबसे ज्यादा रन (वनडे) बनाने वाले खिलाड़ी

विराट कोहली 2017 में सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले खिलाड़ी बने. विराट ने रनों के मामले में दक्षिण अफ्रीका कप्तान डु प्लेसिस को पीछे छोड़ दिया.

सहवाग को पीछे छोड़ विराट ने बनाया रिकार्ड

मैन औफ द मैच बनते ही उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग को पीछे छोड़ दिया. दरअसल विराट कोहली वनडे में 24वीं बार मैन औफ द मैच चुने गए जबकि सहवाग को ये अवार्ड 23 बार मिला था. वनडे में सबसे ज्यादा मैन औफ द मैच अवार्ड जीतने का रिकार्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है जिन्होंने 62 बार इस खिताब को जीता है.

मलिंगा का 300वां विकेट

श्रीलंका के कप्तान लसिथ मलिंगा ने अपने वनडे करियर का 300वां विकेट लिया. मलिंगा ने भारत के कप्तान विराट कोहली को 131 रन पर आउट किया.

घर में सबसे बड़ी हार

168 रन के अंतर से हारने के बाद यह श्रीलंका की अपने घर में हुई सबसे बड़ी हार है.

श्रीलंका में सबसे बड़ी जीत

चौथे वनडे में मिली हार श्रीलंका की सबसे बड़ी हार है, जबकि टीम इंडिया की श्रीलंका के खिलाफ उसके सरजमीं पर सबसे बड़ी जीत है.

शतकीय साझेदारी निभाने के मामले में भी बनाया रिकार्ड

धोनी और पांडे के बीच पांचवें विकेट के लिए निभाई गई शतकीय साझेदारी भारत की ओर से वनडे क्रिकेट के इतिहास में निभाई गई 400वीं साझेदारी है. इसके साथ ही वनडे क्रिकेट में 400 साझेदारी का आंकड़ा छूने वाली टीम इंडिया दुनिया की पहली टीम बन गई है.

भारत की ओर से वनडे में सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड 331 है जो सचिन तेंदुलकर-राहिल द्रविड़ की जोड़ी ने साल 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था. वहीं दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा शतकीय साझेदारी निभाने का रिकार्ड आस्ट्रेलिया के नाम है वे 366 शतकीय साझेदारी निभा चुके हैं.

100वीं, 200वीं, 300वीं और 400वीं साझेदारी निभाने वाली जोड़ियां

भारत की ओर से 100वीं शतकीय साझेदारी सचिन तेंदुलकर-मोहम्मद अजहरुद्दीन की जोड़ी ने निभाई थी, 200वीं शतकीय साझेदारी सचिन तेंदुलकर-सौरव गांगुली की जोड़ी ने, 300वीं शतकीय साझेदारी गौतम गंभीर-विराट कोहली की जोड़ी ने और 400वीं शतकीय साझेदारी मनीष पांडे-एमएस धोनी की जोड़ी ने निभाई है.

सबसे ज्यादा शतकीय पारी बनाने वाली जोड़ी

गौर करने वली बात है कि वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा शतकीय साझेदारी बनाने का रिकार्ड भारत की सचिन तेंदुलकर-सौरव गांगुली की जोड़ी के नाम है. दोनों ने आपस में 26 शतकीय साझेदारियां निभाई हैं.

श्रीलंका को करना होगा वर्ल्ड कप के लिए केवालीफाई

भारत के हाथों चौथे वनडे मैच में मिली हार के बाद श्रीलंका के लिए एक और बुरी खबर है. इस हार से श्रीलंका को 2019 में होने वाले आईसीसी विश्व कप में सीधे उसके सीधे क्वालीफिकेशन की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है. श्रीलंका को विश्व कप में सीधे क्वालीफाई करने के लिए भारत के खिलाफ खेली जा रही पांच वनडे मैचों की सीरीज में कम से कम दो मैच जीतने थे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई और 0-4 से पीछे है.

विश्व कप में इस साल 30 सितंबर तक मेजबान इंग्लैंड के अलावा आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष सात टीमों को सीधे क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा जबकि बाकी टीमों को क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट खेलना होगा. हालांकि श्रीलंका की सीधे क्वालीफाई करने की उम्मीद पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है.

वेस्टइंडीज की हार पर निर्भर श्रीलंकाई टीम

आईसीसी के बयान के मुताबिक, भारत से 0-4 से पिछड़ने के बाद श्रीलंका को अब वेस्टइंडीज की आगामी सीरीज में उसकी कम से कम एक हार पर निर्भर होना पड़ेगा, अगर ऐसा होता है तो श्रीलंका को विश्व कप में सीधे एंट्री मिल सकती है.

अगर श्रीलंका भारत के खिलाफ होने वाले आखिरी मैच में जीत हासिल कर लेता है तो उसके 88 अंक हो जाएंगे, हालांकि यह क्वालीफिकेशन के लिए पर्याप्त नहीं होंगे. विंडीज के पास श्रीलंका से आगे निकलने का मौका है. अगर वह आने वाले अपने छह मैचों में जीत हासिल कर लेती है तो वह भी 88 अंकों पर पहुंच जाएगी. ऐसे में वह दशमलव अंकों के आधार पर श्रीलंका पर बढ़त लेने में सफल हो जाएगी.

किस टीम से होगा वेस्टइंडीज का मुकाबला

वेस्टइंडीज को 13 सितंबर को आयरलैंड के खिलाफ मैच खेलना है और फिर इंग्लैंड के खिलाफ 19 से 29 सितंबर के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज खेलनी है. अगर श्रीलंका भारत के खिलाफ 5-0 से हारता है तो विंडीज को विश्व कप में सीधे प्रवेश के लिए आयरलैंड को मात देनी होगी और इंग्लैंड के खिलाफ 4-1 से सीरीज पर कब्जा जमाना होगा.

अन्ना ने मोदी से पूछा, क्या हुआ तेरा वादा वो कसम वो इरादा

देश जिन हालातों और माहौल से गुजर रहा है उसे देखते हुए वाकई किसी बड़े आंदोलन की सख्त जरूरत है, जिससे मूर्छित होती जनता को सांस लेने नए और खुलेपन की आक्सीजन मिले. पिछले एक साल से आंदोलन करूंगा, आंदोलन करूंगा  की रट लगाए बैठे गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हज़ारे ने इस अदृश्य मांग को समझते दोबारा एक बड़ा आंदोलन करने की हुंकार भर दी है. यह प्रस्तावित आंदोलन भी भ्रष्टाचार के ही खिलाफ होगा. इस बाबत अन्ना ने बाकायदा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते चेतावनी भी दी है कि 3 साल गुजर जाने के बाद भी न तो लोकपाल और लोकयुक्तों की नियुक्तियां हुई हैं और न ही सरकार किसानों की समस्याओं को दूर करने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर अमल करने कोई पहल कर रही है.

बकौल अन्ना हजारे वे बेहद व्यथित हैं और इसलिए फिर से जन आंदोलन करने को विवश हो रहे हैं. अपनी चिट्ठी में उन्होंने खासतौर से इस बात का जिक्र किया है कि अगस्त 2011 के उनके आंदोलन में दिल्ली के रामलीला मैदान पर देश के कोने कोने से आए लोगों ने शिरकत कर अपना समर्थन दिया था, जिसके चलते तत्कालीन सरकार को लोकायुक्त का कानून 17 और 18 दिसंबर 2013 को क्रमश राज्यसभा और लोकसभा में पारित करने बाध्य होना पड़ा था और बाद में राष्ट्रपति ने भी इस पर दस्तखत किए थे. नरेंद्र मोदी को संबोधित करते अन्ना ने लिखा है कि आपने सत्ता में आने से पहले जनता को भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण का भरोसा दिलाया था लेकिन जिन राज्यों में आपकी पार्टी की सरकारें हैं वहां भी नए कानून के तहत लोकायुक्त नियुक्त नहीं किए गए हैं. क्या हुआ तेरा वादा वो कसम वो इरादा की तर्ज पर मोदी पर तंज कसते हुये अन्ना ने उनकी कथनी और करनी में आते फर्क का भी जिक्र किया है.

इस एलान के और खत के मजमून के अपने दीर्घकालिक माने हैं कि मोदी जी भी पूनम गुप्ता की तरह बेवफा निकले, इसलिए उन्हें भी आंदोलन के जरिये वफा का सबक सिखाया जाएगा और मुमकिन है इस बाबत जगह भी वही हो, लोग भी वही हों, माहौल भी वही हो, लेकिन बाजी अन्ना के हाथों में ही होगी, इसमें शक है क्योंकि तीन साल में देश सचमुच में काफी बदल चुका है और उसकी प्रमुख समस्या भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि तेजी से देश को अपनी गिरफ्त में लेता नव हिंदुत्व या राष्ट्रवाद है, जिस पर अन्ना की नजर नहीं गई है या फिर जानबूझकर उन्होंने सत्ता पर हावी होते पंडावाद को अनदेखा कर दिया है, इसे समझ पाना हाल फिलहाल मुश्किल काम है.

लेकिन यह तय है कि इस बार भी उनके निशाने पर बिना किसी भेदभाव के सरकार और उसके मुखिया हैं. जन शक्ति आंदोलन पार्ट 2 को हालांकि उम्मीद के मुताबिक शुरुआती रेस्पान्स नहीं मिला है, लेकिन अन्ना की जिद और इच्छाशक्ति को हल्के में लेने की भूल मोदी और भाजपा करेंगे ऐसा लग नहीं रहा. 2011 के उनके हाहाकारी आंदोलन से भ्रष्टाचार भले ही खत्म न हुआ हो, लेकिन कांग्रेस जरूर खत्म सी हो गई, जिसे नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार का पर्याय बताते थकते नहीं थे, पर तब सिर्फ भ्रष्टाचार था और अब उसके साथ साथ वंदे मातरम, भारत माता, गौ माता, राष्ट्र गान वगैरह भी हैं, जिन्हें मौजूदा सरकार ने ही एक आंदोलन सा ही बनाकर रख दिया है.

राष्ट्रीय समस्याओं के नए बनते अपार्टमेंट में भ्रष्टाचार टॉप फ्लोर पर है, लेकिन ग्राउंड फ्लोर पर धर्म और उसके सहायक तत्वों की पार्किंग है, जिससे होकर गुजरना अन्ना हज़ारे के लिए एक दुश्वारी वाला काम होगा. कमजोर और बिखरे विपक्ष को अन्ना का नया ऐलान राहत देने वाला हो सकता है, जिसमें मुमकिन है दिल्ली की बवाना विधानसभा सीट जीत कर फिर से वापसी कर रहे अपने चेले अरविंद केजरीवाल को वे फिर हीरो बना दें या दो चार और नए नायक पैदा कर दें, परंतु 2011 जैसा जन समर्थन अन्ना हजारे को शायद ही मिले, वजह उनके आंदोलन का पेटर्न और डिजायन वक्त के हिसाब से नहीं बदले हैं.

उन्हे अगर टॉप फ्लोर गिराना है तो पहला बुलडोजर ग्राउंड फ्लोर पर चलाना पड़ेगा, जिसके किसी फ्लेट में उनका गांधीवाद भी बंधक पड़ा है. भाजपा की धर्मांधता को अरविंद केजरीवाल भी चुनौती देने की हिम्मत नहीं जुटा पाये थे, संभव नहीं दिख रहा कि अन्ना हजारे भी सच, एक कडवे सच से जूझने का दुसाहस कर पाएंगे. ऐसे में उनका आंदोलन टाइम पास इवैंट बन कर रह जाये तो बात कतई हैरानी की नहीं होगी.

शुभ मंगल सावधान : कमियों के बावजूद जागरुकता फैला सकती है फिल्म

पुरुषों की स्तंभन की कमजोरी की बीमारी के इर्दगिर्द बुनी गयी प्रेम कहानी  युक्त हास्य फिल्म ‘‘शुभ मंगल सावधान’’ में हास्य व नामदर्गी को एक साथ कहानी के ताने बाने में बुनने में लेखक असफल रहे. क्लायमेक्स तक पहुंचते पहुंचते फिल्म पूरी तरह से बिखरी हुई लगती है. जैसे ही दर्शक हास्य का लुत्फ उठाता है, पता चलता है कि फिल्म अपने मूल कथानक से भटक चुकी है. पर फिल्मकार ने मुदित के मुंह से मर्दानगी और मर्द की नई परिभाषा देते हुए कहलवाया है-‘‘मर्द वह होता है, जो न दर्द लेता है और न किसी को दर्द देने देता है.’’

फिल्म की कहानी दिल्ली में रह रहे मुदित शर्मा (आयुष्मान खुराना) और सुगंधा जोशी (भूमि पेडणेकर) के इर्द गिर्द घूमती है. दोनों के माता पिता उन पर शादी का दबाव डाल रहे हैं. पर दोनों शादी के लिए हां नहीं कह रहे हैं. मुदित और सुगंधा दोनों ही नौकरी करते हैं. अचानक दोनों की मुलाकातें हो जाती हैं. उनके बीच प्यार पनपता है. दोनों अपने प्यार का इजहार करते, उससे पहले ही अपनी मां के कहने पर मुदित, सुगंधा के परिवार वालों के पास आन लाइन शादी का प्रस्ताव भेज देता है. इस प्रस्ताव से सुगंधा भी खुश हो जाती है और सगाई की तारीख तय हो जाती है. अब सुगंधा इस अरेंज मैरिज को लव मैरिज में बदलने की बात सोच लेती है. वह मुदित से उसके आफिस में जाकर मिलती है.

मुलाकातें बढ़ती हैं. नाटकीय अंदाज में सुगंधा व मुदित की सगाई हो जाती है. फिर शादी दिल्ली की बजाय सुगंधा के चाचा के घर हरिद्वार में होनी है. सुगंधा के माता पिता हरिद्वार चले जाते हैं. इधर एक रात मुदित, सुगंधा के घर पहुंचता है. प्यार में आगे बढ़ते हुए शारीरिक संबंध बनाना चाहते हैं. पर मुदित को पुरुषों की बीमारी यानी कि स्तंभन की कमजोरी का अहसास होता है. अब सुगंधा, मुदित का हौसला बढ़ाना चाहती है. एक बार मुदित कह देता है कि वह शादी नहीं करेगा. पर सुगंधा कहती है कि यदि यही बात शादी के बाद पता चलती तो? हम शादी करेंगे.

मुदित अपने दोस्तों से इस मर्दाना बीमारी के बारे में बात कर हल खोजने का असफल प्रयास करता है. पर सुगंधा के दबाव में व अपने परिवार की इज्जत की खातिर मुदित बारात लेकर हरिद्वार पहुंचता है. जहां पता चलता है कि सुगंधा के पिता को पता चल चुका है कि मुदित नामर्द है. वह उसे लेकर एक डाक्टर के पास जाते हैं. डाक्टर मुदित को समझाते हैं कि यह उसकी अपनी दिमागी सोच है. एक बार तनाव के चलते ऐसा हो गया, उसके बाद वह डर उसके मन से नहीं निकला. फिर मुदित की बीमारी दूर हो जाती है. कुछ नाटकीय घटनाक्रम के बाद सुगंधा व मुदित शादी के बंधन में बंध जाते हैं.

पटकथा व एडीटिंग के स्तर पर फिल्म में काफी कमियां हैं. फिल्म के शुरू होने के दस मिनट बाद ही फिल्म भटक सी जाती है. इंटरवल के बाद तो फिल्म को जबरन खींचा गया है. फिल्म में जो परिवार दिखाए गए हैं, वह भी पूरी तरह से नकली यानी कि पूरी तरह से फिल्मी परिवार नजर आते हैं. लेखक के तौर पर हितेश कैवल्य निराश करते हैं. फिल्म का क्लायमेक्स तो बची खुची फिल्म को भी तहस नहस कर देता है. लेखक व निर्देशक मुदित व सुगंधा की शादी के सीन व फिल्म के समापन को लेकर दुविधा में नजर आते हैं. इसी के चलते लेखक ने पूर्व प्रेमिका, केले के पेड़ से शादी सहित कई दृश्य व चीजें बेवजह भर दी हैं. फिल्म में कंडोम का विज्ञापन करने वाला जिम्मी शेरगिल का सीन भी जबरन ठूंसा हुआ लगता है.

बतौर निर्देशक आर एस प्रसन्ना की हिंदी में यह पहली और उनके करियर की यह दसरी फिल्म है, पर उनके अंदर संभावनाएं नजर आती हैं. हरिद्वार में रहने वाले सुगंधा के चाचा को एक तरफ मध्यमवर्गीय परिवारों की संस्कृति का वाहक दिखाया गया है, जो कि छोटों द्वारा बड़ों के पैर न छूने पर नाराज होता है, वहीं बारात आने पर हर किसी, यहां तक कि होने वाले दामाद के गाल चूमते नजर आते हैं. यह अजीबोगरीब विरोधाभास है.

यू तो यह फिल्म 2013 में प्रदर्शित तमिल रोमांटिक फिल्म ‘‘कल्याण समयाल साधम’’ का हिंदी रीमेक है. मगर फिल्म के निर्माता आनंद एल राय के अनुसार तमिल फिल्म की आइडिया पर नए सिरे से लिखी गयी पटकथा पर बनी यह ताजी फिल्म है. ‘‘शुभ मंगल सावधान’’ देखकर इस बात का अहसास ही नहीं होता कि इस फिल्म का निर्माण उन्ही आनंद एल राय ने किया है, जो कि अतीत में ‘तनु वेड्स मनु, ‘रांझणा’ व ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न’ के अलावा सिर्फ निर्माता के रूप में ‘निल बटे सन्नाटा’ जैसी फिल्म दे चुके हैं. पर वह इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि उन्होने एक व्यावसायिक फिल्म में सेक्स, पुरुष स्तंभन कमजोरी जैसे मुद्दे को उठाया, जिस पर हमारे देश में लोग खुलकर बात करना पसंद नहीं करते. पर वह पुरुषों की इस बीमारी का नाम फिल्म में लेने से बचते हुए नजर आए हैं. शायद वह इसे पारिवारिक फिल्म से इतर नहीं बनने देना चाहते थे. इस फिल्म से युवा पीढ़ी के लड़के व लड़कियों के बीच पुरुषों की इस बीमारी को लेकर जागरुकता आ सकती है. पर यदि फिल्म के निर्माता ने लेखक के साथ बैठकर कुछ काम किया होता, तो शायद यह फिल्म ज्यादा बेहतर बन जाती.

फिल्म की खासियत इसकी लोकेशन है. फिल्म में एक भी लोकेशन ऐसी नहीं हैं, जो पहले दूसरी फिल्मों में नजर आयी हों. जहां तक अभिनय का सवाल है, तो  आयुष्मान खुराना कमाल नहीं दिखा पाए. भूमि पेडणेकर ने भी अपने आपको दोहराया ही है. ब्रजेंद्र काला व सीमा पाहवा ने ठीक ठाक अभिनय किया है.

फिल्म का गीत संगीत साधारण है. फिल्म का ‘कान्हा’ गीत जरुर प्रभावित करता है. एक घंटे 50 मिनट की अवधि की आनंद एल राय और कृषिका लुल्ला निर्मित फिल्म ‘शुभ मंगल सावधान’ के निर्देशक आर एस प्रसन्ना, लेखक हितेश कैवल्य, संगीतकार तनिष्क वायु, कैमरामैन अनुज राकेश धवन तथा कलाकार हैं-आयुष्मान खुराना, भूमि पेडणेकर, ब्रजेंद्र काला, सीमा पाहवा व अन्य.

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