शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे सरल तरीका म्युचुअल फंड में निवेश करना होता है. वैसे म्युचुअल फंड के जरिए सिर्फ इक्विटी या शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं.

लेकिन अगर आपको शेयर बाजार की ज्यादा समझ नहीं है या आप इसमें लगाए गए अपने पैसे की देखरेख के लिए वक्त नहीं निकाल सकते, तो म्युचुअल फंड निश्चित तौर पर आपके लिए बेहतर माध्यम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि म्युचुअल फंड में निवेश की गई राशि पर आप लोन भी ले सकते हैं.

बैंक और कई एनबीएफसी कंपनियां आपको म्युचुअल फंड में निवेश किए गए पैसों पर लोन देने का औफर देते हैं. अगर ऐसे में आप लोन लेकर घर का रेनोवेशन, नए घर की बुकिंग या फिर कार लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो यह आपके काम आ सकता है.

कैसे मिलता है म्युचुअल फंड पर लोन

म्युचुअल फंड में किए गए निवेश के बदले अधिकतर बैंक और एनबीएफसी कंपनियां लोन देती हैं. रिजर्व बैंक औफ इंडिया (आरबीआई) की गाइडलाइंस के अनुसार, आपको इस प्रकार का लोन लेने के लिए बैंक या फाइनेंस कंपनी के पास अपनी म्युचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखना पड़ेगा. यूनिट्स के एनएवी के आधार पर आपको लोन मिलेगा. इसके लिए बैंक या कंपनी आपके द्वारा लिए गए यूनिट्स पर लिन मार्क कर देगी. बैंक या कंपनी आपको एक साल तक के लिए लोन देगा, जो आपको इसी पीरियड में चुकाना होगा.

कितना लोन मिल सकता है

आपको लोन के रूप में मिलने वाली कर्ज राशि आपकी म्यूचुअल फंड यूनिट की मार्केट वैल्यू से हमेशा कम होती है. यह मार्जिन कहलाता है. इक्विटी म्युचुअल फंड के लिए मार्जिन हमेशा डेट म्युचुअल फंड से ज्यादा होता है. इसलिए इक्विटी म्युचुअल फंड के मामले में मार्जिन 40 से 50 फीसद तक हो सकता है, जबकि डेट म्युचुअल फंड के लिए यह रेंज 10 से 20 फीसद की होती है. लोन की राशि पूरी तरह से फाइनेंसर पर निर्भर करती है, लेकिन ये 10 से 12 फीसद तक हो सकती है ताकि पैसे को सुरक्षित रखा जा सके.

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