जीवन में चुनौतियां हर रोज होती हैं. यह समझना कि आप ने 2-3 परीक्षाएं पास कर लीं, अब आगे का रास्ता साफ है, भूल है. जीवन की परीक्षाएं तो सदा चलती ही रहती हैं. नरेंद्र मोदी 20 मई, 2014 को प्रधानमंत्री बने. बहुत संतोषजनक बहुमत के साथ, पर आज तक उन की परेशानियों का अंत नहीं हुआ. उन्हें हर रोज परखा जाने लगा.

उन के हर काम की समीक्षा होने लगी. उन को हर कदम पर एक ऊंची दीवार दिखने लगी. किले में घुस गए पर फिर दीवारें ही दीवारें.

जीवन में सफलता पर जश्न मनाना चाहिए. हर परीक्षा को पास करने पर यह जश्न अगली परीक्षा की तैयारी की शुरुआत हो. एक सफलता अगली सफलता की नींव बने. बहुत बार देखा गया है कि स्कूल के दिनों में बहुत अच्छे अंक लाने वाले आगे चल कर पिछड़ जाते हैं. वह इसलिए होता है कि पहली सफलताओं का नशा चढ़ जाता है. वे उसे ही अंतिम परीक्षा मानने लगते हैं.

हर रोज की समस्याएं या यों कहिए परीक्षाएं परेशान करने वाली नहीं मानी जानी चाहिए. उन्हें जीवन का हिस्सा माना जाना चाहिए. कुछ लक्ष्य ऐसे होते हैं जिन्हें पूरा करने के बाद एक खालीपन सा जीवन में आ सकता है पर यह जीवन ढलने के समय होता है. हमारे यहां कैरियर बनाने के लिए बहुत सी परीक्षाओं की बाधाओं से गुजरना पड़ता है. अगर अच्छा स्कूल मिल गया, अच्छा कोर्स मिल गया, तो फिर अच्छा कालेज चाहिए. फिर अच्छी नौकरी के लिए कई तरह की परीक्षाएं देनी होती हैं. उन के बाद नौकरीमिल जाए तो हर रोज अच्छे काम की चुनौती होती है. हर विजय प्रफुल्लता लाती है, हर हार तनाव लाती है पर हार से घबराने की जरूरत नहीं है, हार से सीखने की जरूरत है. हार या असफलता को आत्मविश्वास की नींव में बदलें. उसी पर आगे का निर्माण निर्धारित होगा. चूंकि व्यक्ति को जीवन में सैकड़ों परीक्षाएं देनी होती हैं लेकिन कुछ में असफलता पर निराश नहीं होना चाहिए. जिस भारतीय जनता पार्टी को 1984 के लोकसभा चुनाव में केवल 2 सीटें मिली थीं वही आज बहुमत से राज कर रही है, क्योंकि उस पार्टी ने हिम्मत नहीं हारी, अपना अस्तित्व नहीं मिटाया. यह खेद की बात है कि बहुत सी परीक्षाओं में सरकार 1 या 2 अवसरों की शर्त रखती है. यह गलत है और प्रतियोगियों के साथ अन्याय है. इस का कड़ा विरोध होना चाहिए. यह अप्राकृतिक है. ठीक है नदी का जो पानी बह गया वह फिर हाथ में नहीं आता पर नदी और पानी तो आता रहता है. परीक्षाओं के अवसर मिलते रहने चाहिए. इन में आयु या अवसरों की सीमाएं समप्त होनी चाहिए.जीवन में आनंद उठाना है तो परीक्षाओं में बैठिए क्योंकि हर परीक्षा की तैयारी एक नया सुकून देती है और सफलता मिले तो असीम सुख.

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