इस समय रिलायंस जियो सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है. हो भी क्यों न! जियो 4जी की धुआंधार स्पीड, वेलकम ऑफर में मिल रहा शानदार अनलिमिटेड इंटरनेट डाटा और 31 दिसम्बर तक मुफ्त सभी सेवाओं से भारतीय टेलिकॉम सेक्टर में तो जैसे बवाल ही मच गया था.
लेकिन एयरटेल, वोडाफोन और बीएसएनएल जैसी बड़ी टेलिकॉम कंपनियों ने भी अपने यूजर्स को खुश करने के लिए एक से एक ऑफर पेश करना शुरू कर दिया है.
लेकिन इन सब चीजों के बीच रिलायंस जियो को कुछ आलोचनाएं भी झेलनी पड़ रही हैं. कभी कॉल ड्राप के लिए तो कभी सिम कार्ड न मिलने की वजह से. लेकिन हम अब जो आपको बताने जा रहे हैं वो कुछ और ही है.
रिस्क में है प्राइवेसी
एक हैक्टिविस्ट ग्रुप के अनुसार, रिलायंस जियो यूजर्स का कॉल डाटा बेचकर पैसे बनाने का काम कर यूएस व सिंगापुर में एड नेटवर्क कायम कर रहा हो. इस बात से सभी यूजर्स अंजान हैं. यह भी हो सकता है कि इस कारण यूजर्स को कई अनचाहे कॉल्स, मैसेज और मेल आदि प्राप्त हों.
एप्स से लीक हो सकती है जानकारी
ग्रुप के अनुसार, जियो एप्स, जिनमें माय जियो और जियो डायलर शामिल हैं, एक एड नेटवर्क मैड-मी को यूजर्स की जानकरियां भेज रहे होंगे.
पहली बार नहीं है ये
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी ने रिलायंस की सेवाओं पर उंगली उठाई हो. पिछले साल ही ग्रुप ने बताया था कि आरजियो की चैटएप जियो चैट यूजर्स का डाटा चाइनीज आईपी को भेज रही है.
क्या कहना है रिलायंस जियो का
रिलायंस जियो के एक वक्ता ने सामने आकर इस विषय में बात की है. उनके अनुसार जियो अपने यूजर्स और ग्राहकों की सिक्योरिटी और प्राइवेसी सबसे ज्यदा महत्ता देते हैं और गंभीरता से लेते हैं. जियो यूजर्स का कोई भी डाटा किसी से शेयर नहीं करता है. अपने आप से ही जानें हैकर्स के ग्रुप ने इस बात को पूरी तरह समझाया भी है कि कैसे जियो यूजर्स को डाटा शेयर कर रहा है. उनके ब्लॉग में इसकी स्टेप बाय स्टेप जानकरी दी गई है, जिससे यूजर्स खुद ही टेस्ट कर सकते हैं.