यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के कंप्यूटर साइंटिस्ट्स और इलेक्ट्रिकल इंजिनियर्स ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो इंसान के शरीर के जरिए सिक्यॉर पासवर्ड भेज सकता है. इन पासवर्ड्स को किसी डिवाइस के फिंगरप्रिंट सेंसर या टचपैड द्वारा जेनरेट किए जाने वाले लो फ्रिक्वेंसी ट्रांसमिशंस के जरिए भेजा जाता है.
यूनिवर्सिटी के छात्र मेरहदाद हेसार ने बताया, 'अगर मुझे इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट लॉक की मदद से कोई दरवाजा खोलना है तो मुझे एक हाथ से हत्था छूना होगा और दूसरे हाथ से अपने फोन का फिंगरप्रिंट सेंसर. इससे यह डिवाइस मेरे फिंगरप्रिंट के डेटा को मेरे शरीर से होते हुए हत्थे में लगे रिसीवर को भेज देगा और दरवाजा खुल जाएगा.
आमतौर पर सेंसर जो सिग्नल पैदा करता है, उसमें वह आपकी उंगली के इनपुट रिसीव करता है. मगर इंजिनियर्स द्वारा इजाद किए गए तरीके से इन सिग्नल्स को किसी अन्य डिवाइस के लिए पासवर्ड के तौर ट्रांसमिट किया जा सकता है. स्मार्टफोन में एंटर किए जाने वाले डेटा को यूजर के शरीर से होते हुए रिसीवर तक भेजा जाता है.
इस तरीके को बहुत सिक्यॉर माना जा रहा है, क्योंकि वाई-फाई या ब्लूटूथ जैसी रेडियो वेव से भेजे जाने वाले इस तरह के कोड्स को हैक किया जा सकता है. यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रफेसर श्याम गोलाकोटा ने कहा, 'फिंगरप्रिंट सेंसर को अब तक इनपुट डिवाइस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है, मगर हमने पहली बार दिखाया है कि इसकी मदद से अन्य इन्फर्मेशन भी भेजी जा सकती है.'
डेटा को एनकोड और ट्रांसमिट करने के लिए फिंगर को एक सीक्वेंस में स्कैन किया जाता है. टीम ने लैपटॉप के टचपैड्स पर 50 बिट्स प्रति सेकंड और फिंगरप्रिंट सेंसर्स की मदद से 25 बिट्स प्रति सेकंड के रेट से डेटा सेंड करने में कामयाबी पाई. इससे कुछ ही सेकंड्स में पासवर्ड को शरीर से होते हुए रिसीवर को भेजा जा सकता है.
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