कभी कभी ब्राउजर पर गूगल सर्च करते समय आप किसी अनचाही वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं. कई बार आपके स्मार्टफोन या टैबलेट में छुपे वायरस ऐसा करते हैं और आप 'ब्राउजर हैकिंग' का शिकार हो जाते हैं.

'ब्राउजर हैकिंग' कोई नई बात नहीं है. जो लोग इंटरनेट का इस्तेमाल स्मार्टफोन या टैबलेट के जरिए करते हैं, उनके लिए ये काफी खतरनाक हो सकता है.

इसको पता लगाना बहुत मुश्किल नहीं है. अगर वेब पेज लोड होने में दिक्कत है, ब्राउजर  फ्रीज हो रहा है, कुछ ऐप या प्रोग्राम लोड करने में दिक्कत है या इंटरनेट कनेक्शन की रफ्तार काफी कम है तो ये सभी निशानी हैं कि आपके साथ 'ब्राउजर  हैकिंग' हुई है.

अगर एक वेबसाइट टाइप करने पर दूसरे पर जा रहे हैं, तो ये पहली निशानी हो सकती है.

स्मार्टफोन या टैबलेट पर इससे निपटने के लिए आपको ब्राउजर  में जाकर सभी एक्सटेंशन पर एक बार ध्यान देना होगा. कई बार जाने अनजाने में हम ऐसे एक्सटेंशन इनस्टॉल कर देते हैं जो ये दिक्कत पैदा करते हैं.

अगर कंप्यूटर पर ऐसा करना है तो 'कंट्रोल पैनल' में जाकर 'ऐड/रिमूव प्रोग्राम' या 'अनइंस्टॉल अ प्रोग्राम' में जाकर ऐसे सभी प्रोग्राम फाइल डिलीट कर दीजिए जिन्हें आपने इनस्टॉल नहीं किया है.

भारत में 80 फीसदी से ज्यादा स्मार्टफोन एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले हैं. कई एक्सपर्ट्स का दावा है कि एंड्राइड स्मार्टफोन पर वायरस का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए स्मार्टफोन या टैबलेट की सिक्योरिटी के बारे में जरा सा भी शक हो तो सुरक्षा के कदम जल्दी से जल्दी उठाएं.

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