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‘‘अच्छा, कौफी पीतेपीते प्रोफैसर हाथ चूमने लगते हैं?’’ अमन बोला.

चोरी पकड़ी जाने पर नीरा गुस्से में चीजें उठाउठा कर पटकने लगी. वह चिल्लाते चिल्लाते बोली, ‘‘मैं ने भी कितने संकीर्ण विचारों वाले व्यक्ति से शादी कर ली... वास्तव में तुम मेरे योग्य नहीं हो. मैं ने जल्दबाजी में गलत व्यक्ति को चुन लिया,’’ कह झटके से उठी और अपने कुछ कपड़े एक बैग में डाल खट से दरवाजा खोल बाहर निकल गई.

अमन कुछ देर तक तो बुत बना बैठा रहा, फिर अचानक उसे होश आया तो बाइक उठा कर नीरा को देखने निकल गया.

नीरा की बातें अमन के दिमाग पर ऐसे लग रही थीं जैसे कोई हथौड़ों से वार कर रहा हो. वह बाइक चला रहा था पर उस का ध्यान कहीं और था. अयोग्य व्यक्ति, संकीर्ण विचारों वाला, जासूसी करना, छोटी सोच यही बातें उस के दिमाग से टकरा रही थीं. तभी उस की बाइक सामने से तेजी से आ रही कार से जा टकराई और वह छिटक कर दूर जा गिरा. उस के बाद क्या हुआ उसे नहीं पता. अब अस्पताल में होश आया.

अचानक किसी आवाज से अमन की तंद्रा टूटी तो उस ने देखा सामने उस की बहन और डा. जावेद खड़े थे. डा. जावेद ने उसे तसल्ली देते हुए कहा, ‘‘अमन, गनीमत है इतना बड़ा ऐक्सिडैंट होने पर भी तुम खतरे से बाहर हो... अब तुम नीरा के बारे में सोच कर परेशान न होना. अगर उसे अपनी गलती का एहसास हो गया तो वह माफी मांग कर लौट आएगी और अगर ऐसा नहीं करती तो समझ लो वह तुम्हारे योग्य ही नहीं है. तुम उसे उस के हाल पर छोड़ दो. बस जल्दी ठीक हो जाओ.’’

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